लिंगायत समुदाय को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा देने की सिफारिश कर एक ‘बड़ी गलती’ की थी: शिवकुमार


पिछली सिद्धरमैया सरकार ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में लिंगायत कार्ड खेला था, जिसके बाद कांग्रेस को कई सीटों का नुकसान उठाना पड़ा


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री डी. के. शिवकुमार ने स्वीकार किया है कि उनकी पार्टी ने मई में हुए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लिंगायत समुदाय को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा देने की सिफारिश कर एक ‘बड़ी गलती’ की थी. शिवकुमार ने दशहरा सम्मेलन में लोगों से माफी मांगते हुए कहा कि धर्म के नाम पर राजनीति अस्वीकार्य है.

पिछली सिद्धरमैया सरकार ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में लिंगायत कार्ड खेला था, जिसके बाद कांग्रेस को कई सीटों का नुकसान उठाना पड़ा. शिवकुमार के इस खुले कबूलनामे ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में विपक्षी बीजेपी को एक संभावित हथियार दे दिया है.

भगवा पार्टी ने सिद्धरमैया नीत सरकार पर राजनीतिक फायदे के लिए समाज को बांटने का आरोप लगाया था. शिवकुमार ने कहा, ‘कर्नाटक में हमारी सरकार ने एक बड़ी गलती की थी. मैं नहीं कहूंगा कि हमने यह नहीं किया था. राजनीति और सरकार में मौजूद हम लोगों को धर्म और जाति से जुड़े विषयों में कभी हाथ नहीं डालना चाहिए. हमारी सरकार ने यह अपराध किया.’

कांग्रेस का खराब प्रदर्शन दर्शाता है कि हमारे इस कदम को नहीं पसंद किया गया

उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का खराब प्रदर्शन इस बात का सबूत है कि लोगों ने इस कदम को पसंद नहीं किया. बाद में  बेंगलुरू में शिवकुमार ने कहा कि बतौर मंत्री उन्हें लगता है कि उन्हें अपना विचार जाहिर करना चाहिए. ‘मुझे लगता है कि मुझे इस मुद्दे पर अपने दिमाग से कहना चाहिए.’

उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें सलाह दी थी कि सरकार को इस विषय में दखल नहीं देना चाहिए. वहीं, लिंगायतों को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा देने की सिफारिश करने के लिए अग्रिम मोर्चे पर रहे कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री एमबी पाटिल ने कहा कि वह पार्टी में इस विषय को उठाएंगे.

उन्होंने कहा, ‘मैं जानता हूं कि किस संदर्भ में उन्होंने यह कहा। हम पार्टी के अंदर इस विषय पर चर्चा करेंगे.’ बाबलेश्वर सीट से विधायक पाटिल ने दावा किया कि चुनाव में कोई नुकसान नहीं हुआ. शिवकुमार खुद वोक्कालिंगा समुदाय से आते हैं.

Police File

DATED

19.10.2018

Special drive against consuming liquor at public place was carried out at different parts of the city in which total 02 cases U/S 68-1 (B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC got registered.

 In continuation of a special drive against consuming liquor at public place, yesterday, the drive was carried out at different parts of the city. Under this drive total 02 different cases U/S 68-1(B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC got registered in different police stations of Chandigarh in which total 03 persons were arrested while consuming liquor at public place. All later on bailed out. The detail of police Stations in which cases U/S 68-1 (B) Punjab Police Act 2007 & 510 got registered:- PS-Sarangpur = 1 case, PS-19 = 1 case.

This drive will be continuing in future, the general public is requested for not breaking the law.

Missing/abducted

A case FIR No. 206, U/S 363 IPC has been registered in PS-03, Chandigarh on the complaint of a person resident of Village-Khuda Lohra, Chandigarh who reported that his son age about 15 years went to DAV Lahore School, Sector-8, Chandigarh on 17.10.18 and missing since then. Later Missing boy traced out.

A case FIR No. 213, U/S 363 IPC has been registered in PS-Maloya, Chandigarh on the complaint of Monika Sharma, Warden Snehalya, Bal Grah, Village- Maloya, Chandigarh who reported that a boy age 10 years has been missing/abducted from Snehalya, Village- Maloya, Chandigarh since night intervening 17/18.10.18. Later Missing boy traced out.

 

Three arrested for try to Snatching

A lady R/o # 132, NIC, Chandigarh alleged that 03 ladies try to snatch her gold chain near Gulati Shoes Shop, Manimajra, Chandigarh. Later alleged persons namely Sandhya, Preeti & Sangeeta all R/o Jhuggi, near Railway Station, Ambala, Haryana have been arrested from near MDC Turn, Manimajra, Chandigarh in this case.  A case FIR No. 424, U/S 379, 356, 511, 34 IPC has been registered in PS-MM, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

विजय दशमी और रावण दहन सकुशल और धूम धाम से संपन्न

विजय दशमी एक पौराणिक त्योहार है जहां शारदीय नवरतरों के दशम दिवस को माँ दुर्गा ने महिशासुर को सद्गति प्रदान की थी वहीं पुराणों अनुसार भगवान विष्णु ने शारदीय दशमी को मधु-कैटभ का संहार किया था। त्रेता युग में प्रभु श्री राम ने शिवभक्त, शिव तांडव स्त्रोत के रचयिता राक्षस राज रावण को माता सीता के हरण के दंड स्वरूप मोक्ष प्रदान किया था। सनातन धर्म में इस पर्व का बहुत महत्व है।

यह पर्व देश के सभी भागों में दस दिनों तक मनाया जाता है । इसमें प्रथम नौ दिन को नवरात्र तथा दसवें दिन को विजयादशमी के नाम से जाना जाता दशहरा हिंदी गणना के अनुसार आश्विन मास में मनाया जाता है ।

फोटो: कपिल नागपाल

दशहरा हिंदी गणना के अनुसार आशिवन मास में मनाया जाता है । इस त्योहार की उत्पत्ति के संदर्भ में अनेक पौराणिक कथाएँ प्रचलित हैं । अधिकांश लोगों का मानना है कि भगवान श्रीराम ने अपने चौदह वर्ष के वनवास की अवधि के दौरान इसी दिन आततायी असुर राजा रावण का वध किया । तभी से दशहरा अथवा विजयादशमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ परंपरागत रूप से मनाया जाता है ।

फोटो: कपिल नागपाल

इस त्योहार का सबसे प्रमुख आकर्षण ‘राम-लीला’ है जिसमें भगवान राम के जीवन-चरित्र की झलक नाट्‌य प्रस्तुति के माध्यम से दिखाई जाती है । रामलीला में उनकी बाल्य अवस्था से लेकर वनवास तथा वनवास के उपरांत अयोध्या वापस लौटने की घटना का क्रमवार प्रदर्शन होता है जिससे अधिक से अधिक लोग उनके जीवन-चरित्र से परिचित हो सकें और उनके महान आदर्शों का अनुसरण कर उनकी ही भाँति एक महान चरित्र का निर्माण कर सकें ।

पंचकुला सेक्टर 5 स्थित दुनिया का सबसे ऊंचा रावण का पुतला यह पुतला तकरीबन 210 फीट ऊंचा है। फोटो: कपिल नागपाल

रामलीलाएँ प्रतिपदा से प्रारंभ होकर प्राय: दशमी तक चलती हैं । दशमी के दिन ही प्राय: राम-रावण युद्‌ध के प्रसंग दिखाए जाते हैं । रामलीला दर्शकों के मन में एक और जहाँ भक्ति-भाव का संचार करती है वहीं दूसरी ओर उनमें एक नई स्कूर्ति व नवचेतना को जन्म देती है ।

 

नवरात्र व्रत, उपवास, फलाहार आदि के माध्यम से शरीर की शुद्‌धि कर भक्ति-भाव से शक्ति स्वरूपा देवी की आराधना का पर्व है । चैत्र माह में भी नवरात्र पर्व मनाया जाता है जिसे वासंतिक नवरात्र या चैती नवरात्र भी कहा जाता है । आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से आरंभ होने वाला नवरात्र शारदीय नवरात्र कहलाता है ।

दुर्गा सप्तशती के अनुसार माँ दुर्गा के नौ रूप हैं जिन्हें क्रमश: शैल पुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघटा, कुष्मांडा, स्कंद माता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी तथा सिद्‌धिदात्री कहा गया है । माँ दुर्गा के इन्हीं नौ रूपों की पूजा-अर्चना बल, समृद्‌धि, सुख एवं शांति देने वाली है । यहाँ दुर्गा सप्तशती का यह श्लोक उल्लेखनीय है:

 

“या देवी सर्व भूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता ।

नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमोनम: ।।”

 

इस त्योहार के संदर्भ में कुछ अन्य लोगों की धारणा है कि इस दिन महाशक्ति दुर्गा कैलाश पर्वत की ओर प्रस्थान करती हैं । नवरात्रि तक घरों व अन्य स्थानों पर दुर्गा माँ की मूर्ति बड़े ही श्रद्‌धा एवं भक्ति-भाव से सजाई जाती है । लोग पूजा-पाठ व व्रत भी रखते हैं ।

फोटो: राकेश शाह

विजयदशमी के त्योहार में चारों ओर चहल-पहल व उल्लास देखते ही बनता है । गाँवों में तो इस त्योहार की गरिमा का और भी अधिक अनुभव किया जा सकता है । इस त्योहार पर सभी घर विशेष रूप से सजे व साफ-सुथरे दिखाई देते हैं ।

फोटो: कपिल नागपाल

बच्चों में तो इसका उत्साह चरम पर होता है । वे ‘रामलीला’ से प्रभावित होकर जगह-जगह उसी भाँति अभिनय करते दिखाई देते हैं । किसानों के लिए भी यह अत्यधिक प्रसन्नता के दिन होते हैं क्योंकि इसी समय खरीफ की फसल को काटने का समय होता है । दशहरा का पर्व हमारी सभ्यता और संस्कृति का प्रतीक है । यह बुराई पर अच्छाई की विजय को दर्शाता है ।

फोटो: कपिल नागपाल

पराक्रमी एवं मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जीवन-चरित्र महान् जीवन मूल्यों के प्रति हमें जागरूक करता है । उनके जीवन चरित्र से हम वह सब कुछ सीख सकते हैं जो मनुष्य के भीतर आदर्श गुणों का समावेश कर उन्हें देवत्व की ओर ले जाता है ।

बंग भवन 35 में माँ दुर्गा को दी भावातिरेक विदाई

फोटो: राकेश शाह

दुर्गा पूजा 2018, सिंदूर खेला: 

नवरात्रि में मां दुर्गा की 10 दिनों तक पूजा करने के बाद विजयदशमी के दिन पंडालों में महिलाएं मां दुर्गा की पूजा करने के बाद उन्‍हें सिंदूर चढ़ाती हैं। इसके बाद वह उन्‍हें पान और मिठाई का भोग लगा कर एक दूसरे को सिंदूर लगाती हैं। इस परंपरा को सिंदूर खेला कहा जाता है, जो सदियों से बंगाली समाज में चली आ रही है।
इस दिन शादीशुदा महिलाएं लाल रंग की साड़ी पहन कर माथे में सिंदूर भर कर पंडाल पहुंच कर दुर्गा मां को उलू ध्‍वनी के साथ विदा करती हैं। इसमें विधवा, तलाकशुदा, किन्नर और नगरवधुओं को शामिल नहीं किया जाता।

मान्‍यता है कि मां दुर्गा की मांग भर कर उन्‍हें मायके से ससुराल विदा किया जाता है। कहते हैं कि मां दुर्गा पूरे साल में मां दुर्गा एक बार अपने मायके आती हैं और पांच दिन मायके में रुकने के बाद दुर्गा पूजा होती है।

फोटो: राकेश शाह

सिंदूर का महत्‍व 
सिंदूर को सदियों से महिलाओं के सुहाग की निशानी मानी जाती है। मां दुर्गा को सिंदूर लगाने का बड़ा महत्‍व है। सिंदूर को मां दुर्गा के शादी शुदा होने का प्रतीक माना जाता है इसलिए यही कारण है कि दशमी वाले दिन सभी बंगाली महिलाएं मां दुर्गा को सिंदूर लगाती हैं। :

फोटो: राकेश शाह

सुहाग की सलामती 
शादीशुदा औरतें लाल साड़ी पहनकर माथे में सिंदूर लगाकर पंडालों में पहुंचती है और मां को उलू ध्वनी के साथ विदा देती हैं। मान्‍यता है कि जो महिलाएं सिंदूर खेला की प्रथा निभाती हैं उनका सुहाग तथा बच्‍चा सदा सलामत रहते हैं। पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में, विजयदशामी से पहले सिंधुर खेला मनाया जाता है। दुबराजपुर में, सिंदूर खेला महासप्तमी के दिन ही मनाया जाता है।

Provide Immediate Help to Those Affected in Amritsar Train Accident: PM Modi Tells Officials

 

New Delhi: Expressing shock and grief over the deaths of at least 50 people in a train accident in Amritsar on Friday evening, Prime Minister Modi directed the officials to provide immediate assistance to the affected.

“Extremely saddened by the train accident in Amritsar. The tragedy is heart-wrenching. My deepest condolences to the families of those who lost their loved ones and I pray that the injured recover quickly. Have asked officials to provide immediate assistance that is required,” PM Modi tweeted.

Over 50 people were killed on Friday evening when a crowd of Dussehra revellers that had spilled onto railway tracks while watching burning of Ravana effigy near Amritsar were run over by a train, officials said.

The train was en route to Amritsar from Jalandhar when the incident occurred at Joda Phatak. At least 300 people were at the spot watching ‘Ravana dahan’ at a ground near the tracks.

Punjab chief minister Amrinder Singh announced free treatment to all injured in the accident. “Rushing to Amritsar to personally supervise relief and rescue in tragic rail accident on Dussehra in Amritsar. My government will give Rs 5 lakh to kin of each deceased and free treatment to injured in government and private hospitals. District authorities have been mobilised on war footing,” Singh tweeted.

अमृतसर में बड़ा ट्रेन हादसा, कुचलती चली गई ट्रेन, बिखरती रहीं लाशें

रावण दहन कार्यक्रम में भगदड़, मरने वालों की संख्या 50 के ऊपर, मृतकों में बच्चे भी शामिल

पंजाब सरकार का ऐलान, मृतकों के परिजनों को पांच लाख, घायलों का होगा फ्री इलाज, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह घटनास्थल पर रवाना

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस्राइल दौरा किया रदद्

अमृतसर:

दशहरा के अवसर पर जहां लोग रावण दहन देखने के लिए दूर-दूर से जोड़ा फाटक के पास पहुंच रहे थे, वहीं पर एक बड़ा ट्रेन हादसा होने से करीब 50 लोगों के मारे जाने की आशंका है। हालांकि अपुष्ट समाचारों के अनुसार मृतकों की संख्या सैकड़ों तक बताई जा रही है। ताजा मिले समाचारों के अनुसार अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास दशहरा उत्सव मनाया जा रहा था, जिस समय पुतलों को आग लगाई गई, तो मौके पर मची भगदड़ के बीच लोग रेलवे ट्रैक पर आ गए। इसी बीच रेलगाड़ी आ गई, जिस कारण सैकड़ों लोग रेलगाड़ी की चपेट में आ गए। आशंका जताई जा रही है, इस हादसे में 200 के करीब लोग मारे गए हैं। लेकिन फिलहाल अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। हावड़ा मेल और एक डीएमयू ट्रेन के एकाएक आने से ये हादसा हुआ।

मौके पर रेलवे के आलाधिकारी पुलिसबल के साथ पहुंच चुके है। बचाव कार्य जारी है। घायलों को 108 एंबुलेस के जरिए अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यह ट्रेन पठानकोट से अमृतसर आ रही थी। वहीं रेलवे के आलाधिकारी एनडीआरएफ की टीम के साथ मौके पर पहुंचकर राहत बचावकार्य शुरू कर दिया है।

भगदड़ उस समय मची जब दशहरा कार्यक्रम के दौरान रावण का अधजला रावण पुतला नीचे गिर गया। इससे बचने के लिए वहां लोगों में भगदड़ मच गई। भगदड़ के दौरान बचने के लिए रेलवे ट्रेक की तरफ भागे, लेकिन इसी दौरान सामने से आ रही ट्रेन भीड़ पर चढ़ गई, जब तक लोग संभल पाते तब तक ट्रेन कई लोगों को काल का ग्रास बना चुकी थी।

Indian Railways issues helpline numbers for the Amritsar train accident: Helpline telephone numbers are:

Amritsar Railway helpline number: 0183- 2223171 / 0183 2564485.

Manawala Railway station- 73325

BSNL – 0183-2440024

Power Cabin ASR-Rly – 72820

BSNL – 0183-2402927; Vijay Sahota

SSE: 7986897301

Vijay Patel (SSE): 7973657316

दिल्ली से भी रेलवे अधिकारी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। जबकि रेलवे ने हैल्पलाइन नंंबर भी जारी कर दिए हैं। घटनास्थल से हृदय विदारक तस्वीरें आ रही हैं, जिन्हें देखा नहीं जा सकता। रेलवे ट्रैक के आसपास लाशें बिखरी पड़ी हैं, जो हादसे भयावहता जाहिर करती हैं।