ईरान से अब पेट्रो डॉलर के बदले रूपये में व्यापार होगा
‘ईरान तेल के लिए पूर्व में रुपए का भुगतान लेता रहा है. वह रुपए का उपयोग औषधि और अन्य जिंसों के आयात में करता है. इस तरह की व्यवस्था पर काम जारी है.’
भारत की ईरान से करीब 2.5 करोड़ टन कच्चे तेल के आयात की योजना है
भारत ने अमेरिकी पाबंदी के बावजूद ईरान से तेल व्यापार का पहला साफ संकेत दिया है. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने पश्चिम एशियाई देश से 12.5 लाख टन कच्चे तेल के आयात के लिए अनुबंध किया है और वे डॉलर की जगह रुपए में व्यापार की तैयारी कर रहे हैं.
उद्योग के शीर्ष सूत्र ने कहा कि इंडियन ऑयल कारपोरेशन (आईओसी) और मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोरसायन लि. (एमआरपीएल) ने नवंबर में ईरान से आयात के लिए 12.5 लाख टन तेल के लिए अनुबंध किया किया है. उसी माह से ईरान के तेल क्षेत्र पर पाबंदी शुरू होगी. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने पिछले महीने कहा था कि प्रतिबंध के मामले में कुछ छूट देने पर विचार किया जाएगा लेकिन यह साफ किया कि यह सीमित अवधि के लिए होगी.
सूत्रों के मुताबिक आईओसी ईरान से जो तेल आयात कर रहा है वह सामान्य है. उसने 2018-19 में 90 लाख टन ईरानी तेल के आयात की योजना बनाई थी. मासिक आधार पर यह 7.5 लाख टन बैठता है. ईरान पर अमेरिकी पाबंदी चार नवंबर से शुरू होगी.
सूत्रों ने कहा कि भारत और ईरान चार नवंबर के बाद रुपए में व्यापार पर चर्चा कर रहे हैं. एक सूत्र ने कहा, ‘ईरान तेल के लिए पूर्व में रुपए का भुगतान लेता रहा है. वह रुपए का उपयोग औषधि और अन्य जिंसों के आयात में करता है. इस तरह की व्यवस्था पर काम जारी है.’ उसने कहा कि अगले कुछ सप्ताह भुगतान व्यवस्था पर चीजें साफ हो जाएगी.
वास्तविक मात्रा हो सकती है कम
सूत्रों के मुताबिक आईओसी और एमआरपीएल जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की तेल रिफाइनरी कंपनियां तेल आयात के लिए ईरान को भुगतान को लेकर यूको बैंक या आईडीबीआई बैंक का उपयोग कर सकती हैं. भारत की ईरान से करीब 2.5 करोड़ टन कच्चे तेल के आयात की योजना है जो 2017-18 में आयातित 2.26 करोड़ टन से अधिक है. हालांकि वास्तविक मात्रा कम हो सकती है क्योंकि रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियां पूरी तरह तेल खरीद बंद कर चुकी हैं. अन्य भी पाबंदी को देखते हुए खरीद घटा रही हैं.
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