इस वर्ष 30 से 40 प्रतिशत महंगी हुई खाद
चंडीगढ़-
वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पार्टी की केंद्रीय कोर कमेटी के सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला ने डीएपी और एनपी के कृषि खादों के दामों में हुई भारी बढ़ोतरी की निंदा करते हुए मोदी सरकार को इस किसान विरोधी फैसले को वापिस लेने की मांग की है।
सुरजेवाला ने कहा कि इस वर्ष खाद के दामों में 30 से 40 प्रतिशत बढ़ोतरी हो चुकी है, जो पहले ही महंगाई और सही दाम ना मिलने की मार झेल रहे किसानों पर अब यह बिल्कुल ही असहनीय और क्रूर प्रहार है। उन्होंने कहा कि किसान पहले ही दिन प्रतिदिन महंगाई और भाजपा सरकारों की किसान विरोधी नीतियों की मार झेल रहा था, इस फैसले ने उसकी कमर तोड़ने का काम किया है।
श्री सुरजेवाला ने कहा कि जनवरी, 2018 में डीएपी का प्रति बोरी मूल्य 1,091 था, जो अब लगभग 30 प्रतिशत बढ़कर 1,400 रुपए हो गया है, जिसे और भी बढाए जाने के संकेत निरंतर आ रहे हैं। इसी प्रकार एनपीके के दाम को बढाकर 1,340 रुपये बोरी कर दिया गया है, जो 1 सितंबर, 2018 को 1,280 रुपये था। इसी प्रकार जिंक सलफेट के 10 किलोग्राम के बैग के दाम को भी 250 रुपए से बढ़ाकर 400 रुपए कर दिया गया है। यूरिया का बैग पहले 50 किलोग्राम का आता था, जिसके दामों में बढ़ोतरी करके अब यूरिया का बैग 45 किलोग्राम कर दिया गया है। इससे पहले भी सरकार लगातार खाद के दामों में बढ़ोतरी करती रही है। इसके अलावा पोटाश और कीटनाशक आदि भी पहले से सवा गुना तक महंगे हो गए हैं।
सुरजेवाला ने कहा कि किसान विरोधी मोदी सरकार ने सत्ता संभालते ही किसानों को लूटने और खसोटने के अनेक ताबड़तोड़ फैसले लिए हैं। मोदी सरकार आजाद भारत के इतिहास में पहली ऐसी सरकार है, जिसने कृषि उपकरणों,कीटनाशकों और खाद पर टैक्स लगाया। जिसके चलते किसानों की उत्पादन लागत में 25 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो गई है। ना तो किसानों को चुनावी वायदे के अनुसार लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य मिला, ना ही मेहनत की कीमत, ना कर्ज से मुक्ति मिली और ना अथक परिश्रम का सम्मान। मोदी सरकार ने किसानों को फसल बीमा योजना के नाम पर लूटा और खाद, कीटनाशक, बिजली,डीजल की कीमतें भी बढ़ा दी गई, जिससे आज मोदी सरकार के साढ़े चार वर्ष किसानों के लिए काल बन गए हैं।
सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा सरकारों की ताबड़तोड़ लूट जारी है और इस सरकार ने अपने कार्यकाल में खाद पर पहले ही 5 फीसदी, ट्रैक्टर पर 12 फीसदी, ट्रैक्टर टायर और स्पेयर पार्ट्स तथा कीटनाशक दवाओं पर 18 फीसदी जीएसटी लगाकर साफ कर दिया है कि उसका किसानों के हितों से कोई सरोकार नहीं है।