सभी छात्र संगठनों ने एक मंच पर आकर , प्रत्यक्ष चुनाव की उठाई मांग

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कोरल

चंडीगढ़, 11 सितम्बर:

प्रदेश में प्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव करवाने की मांग को लेकर प्रत्यक्ष चुनाव छात्र संघर्ष समिति(एनएसयूआई-इनसो-एसएफआई-जीबीएसएसओ-दिशा छात्र संगठन आदि) छात्र संगठनों ने 11 सितम्बर को विधानसभा का घेराव किया।आंदोलन शालीमार चौंक से हजारो छात्रो के साथ शुरू हुआ और विधानसभा की ओर कूच किया।इस आंदोलन में एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा , इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला व एसएफआई के प्रदेशाध्यक्ष शहनवाज भट्टी , जीबीएसएसओ , दिशा छात्र संगठन आदि भी अपने संगठन के छात्रो को आंदोलन में लाए।

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विधानसभा घेराव का प्रस्ताव इनसो, एसएफआई और एनएसयूआई के आह्वान पर चंडीगढ़ में संयुक्त छात्र संगठनों की बैठक में हुआ था और सभी छात्र संगठनों ने प्रत्यक्ष सहमति जताते हुए मंच साझा किया था। गत दिनों एमएलए होस्टल में हुई बैठक में प्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव संघर्ष समीति का गठन भी किया गया था। दिव्यांशु बुद्धिराजा ने कहा कि अब राज्य सरकार के विरुद्ध सभी छात्र संगठन एक मंच से प्रत्यक्ष चुनाव कराने की लड़ाई लड़ रहे है जिसका सबूत प्रत्यक्ष चुनावो के लिए सभी छात्र संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित विधानसभा घेराव ने दे दिया है।

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ज्ञापन सौंपने के बाद इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला ने कहा कि आज जॉइंट कमेटी का प्रत्यक्ष चुनाव को लेकर प्रोटेस्ट हुआ,जिसमे सभी छात्र संगठन एकजुट नजर आए। दिग्विजय ने कहा कि एबीवीपी उन लोगों का संगठन है जो नागपुर संघ कार्यालय के आर्डर पर चलता है और एबीवीपी को हरियाणा के हितों से कोई वास्ता नही। साथ ही दिग्विजय ने एबीवीपी को मोलिस्ट लोगों का संगठन करार दिया। इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय ने कहा कि सरकार निककरधारियों को पदों पर बिठाना चाहती है, जो कतई मंजूर नहीं और सरकार को एकजुटता के आगे झुकना होगा और प्रत्यक्ष चुनाव करवाने होंगे।

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एनएसयूआई की ओर से बोलते हुए प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा ने कहा कि राजनैतिक मतभेदों और गतिरोधों के बावजूद छात्रों के हकों के लिए आवाज बुलंद करना ही प्रत्यक्ष छात्र संगठन का दायित्व बनता है। सरकार अप्रत्यक्ष चुनावो को प्रत्यक्ष व प्रत्यक्ष चुनावो को अप्रत्यक्ष तौर पर करवा रही है।मेयर के अप्रत्यक्ष चुनाव की प्रणाली को बदल कर प्रत्यक्ष कर दिया तो छात्र संघ चुनाव जोकि प्रत्यक्ष होने चाहिए उन्हें अप्रत्यक्ष कर दिया।यदि सरकार ने जल्द प्रत्यक्ष चुनाव कराने के लिए आदेश जारी नही करे तो एक बड़ा क्रांतिकारी आंदोलन किया जाएगा।बुद्धिराजा ने कहा कि एबीवीपी को इस प्रदर्शन में आने के लिए निमंत्रण दिया था, शायद सरकार के दबाव के चलते वे नहीं आये।

प्रत्यक्ष चुनाव छात्र संघर्ष समिति के संयोजक व एसएफआई के प्रदेशाध्यक्ष शहनवाज भट्टी ने कहा कि 13 सितम्बर-14 सितम्बर 2018 को बैठक करके क्रांतिकारी फैसला लिया जाएगा।

छात्र नेताओं ने कहा कि हरियाणा में करीब 22 साल बाद होने वाले छात्र संघ चुनाव प्रत्यक्ष तौर पर नहीं कराए गए इसलिए सभी छात्र संगठनो ने एक प्रदेशव्यापी आंदोलन खड़ा कर विधानसभा का घेराव किया है। उन्होंने बताया कि इस आंदोलन से पहले प्रदेश स्तर पर सभी विश्वविद्यालयों में सभी छात्र संगठनों द्वारा प्रत्यक्ष चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री के नाम साझा ज्ञापन वाइस चांसलर्स को सौंपा गया और जब सरकार यह मांग नहीं मानी इसलिए विधानसभा का घेराव किया गया।साथ ही अब भी मांग नही मानी गई तो वह यह संघर्ष जारी रखेंगे।

आन्दोलन में हिस्सा लेने वालों में मुख्य तौर पर इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला,एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा,एसएफआई प्रदेशाध्यक्ष से शहनवाज, एनएसयूआई से प्रताप , शुभम,हरजीत,हरदीप,मोहित, इनसो से अनिल धूल,जसविंदर खेरा,एसएफआई से शहनवाज ,सुमित,जीबीएसओ से सुमित व दिशा छात्र संगठन से इंदरजीत सिंह ,आसिफ,प्रिंस आदि भी शामिल थे।

प्रत्यक्ष चुनावों को लेकर छात्र संघों द्वारा प्रदर्शन

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कोरल

चंडीगढ़, 11 सितम्बर:

हरियाणा में छात्र संघ चुनाव करवाये जाने को लेकर विभिन छात्र संघो द्वारा संयुक्त प्रदर्शन किया गया। हरियाणा के विभिन्न छात्र संगठन विधानसभा घेराव के लिए पंचकूला से चंडीगढ़ निकले, लेकिन चंडीगढ़-पंचकूला बॉर्डर पर चंडीगढ़ पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बैरिकेटिंग कर रोक दिया गया और उसके बाद वाटर कैनन की बौछारें की। प्रदर्शन में इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला और एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा और अन्य छात्र संगठन शामिल हुए। प्रदर्शन की अगुवाई इनसो राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला ने की। सभी छात्र संगठनों की मांग थी की हरियाणा में छात्र संघ के चुनाव प्रत्यक्ष रुप से करवाया जाए, जिसको लेकर छात्रों ने मुख्यमंत्री के नाम का एक ज्ञापन पंचकूला के तहसीलदार को सौंपा, वहीँ इस प्रदर्शन में एबीवीपी से कोई नही पहुंचा।

तहसीलदार वीरेंद्र सिंह ने छात्र संगठनों द्वारा दिये गए ज्ञापन को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।

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ज्ञापन सौंपने के बाद इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला ने कहा कि आज जॉइंट कमेटी का प्रत्यक्ष चुनाव को लेकर प्रोटेस्ट हुआ,जिसमे सभी छात्र संगठन एकजुट नजर आए। दिग्विजय ने कहा कि एबीवीपी उन लोगों का संगठन है जो नागपुर संघ कार्यालय के आर्डर पर चलता है और एबीवीपी को हरियाणा के हितों से कोई वास्ता नही। साथ ही दिग्विजय ने एबीवीपी को मोलिस्ट लोगों का संगठन करार दिया। इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय ने कहा कि सरकार निककरधारियों को पदों पर बिठाना चाहती है, जो कतई मंजूर नहीं और सरकार को एकजुटता के आगे झुकना होगा और प्रत्यक्ष चुनाव करवाने होंगे।

 

हरियाणा एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा ने छात्र संघ को प्रत्यक्ष रुप में करवाने की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में 4 साल बीत जाने के बाद मुख्यमंत्री ने छात्र संघ चुनाव का फैसला लिया है, जिसका उनके द्वारा स्वागत भी किया गया, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव उन्हें मंजूर नही। बुद्धिराजा ने कहा कि आज हरियाणा में मेयर के चुनाव प्रत्यक्ष रुप से करवाए जा रहे हैं लेकिन छात्र संघ चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से करवाना चाहती है जिस के विरोध में आज में प्रदर्शन किया है। बुद्धिराजा ने कहा कि एबीवीपी को इस प्रदर्शन में आने के लिए निमंत्रण दिया था, शायद सरकार के दबाव के चलते वे नहीं आये।

दैनिक राशिफल

🌹आपका राशिफल🌹

 

11-09-2018 मंगलवार हमारी हर टिप्स ज्यादा से ज्यादा शेयर करे सबका मंगल हो

*आज रवि योग – शुभ योग – सौम्या योग – तिथि शुक्ल द्वितीया और हस्त नक्षत्र…

आज के योग के अनुसार आज जो लोग मिटटी के गणेश अपने हाथो से बनाते हे उनके लिए उत्तम दिवस हे तो आज आप गणेश जी की मिटटी की प्रतिमा अपने हाथो से बना शकते हे – विशेष रूप से आज मध्याहन काल में ॐ गंग गणपतये नमः का ज्यादा से ज्यादा जप करे

आज का मंत्र लेखन – आज ॐ गं नमः यह मंत्र २१ बार लिख ( हो शके तो 108 बार लिखे )

आज क्या करे – आज हो शके तो सूर्य के ताप में ज्यादा से ज्यादा रहे, अपनी होबी को निखर ने दे, हस्तकला के कार्यो के लिए उत्तम दिवस, बच्चो के साथ व्यहवार करने के लिए शुभ दिवस, आज ट्रावेल करना भी शुभ हे ..

आज क्या ना करे – आज आराम ना ही करे तो उत्तम हे, आज रात्री काल में कोई भी कार्य ना करे …

आज कहा जाना शुभ रहेगा – आज खेत कल्याण के लिए खेतो की मुलाक़ात लेना शुभ रहेगा …

आज दोपहर 03 30 बजे से 5 30 बजे के बिच कोई भी शुभ कार्य ना करे

भोजन उपाय – आज सुबह उठते ही खली पेट शहद का सेवन करे

दान पुण्य उपाय – आज गुड का दान करे

वस्त्र उपाय – आज लाल या ओरेंज रंग के वस्त्र धारण करे परन्तु काले रंग के वस्त्रो से परहेज करे

वास्तु उपाय – आज शाम घर में गुगुल और कपूर का धुप जरुर करे

सावधानी रक्खे – आज के ग्रहों के अनुसार आज जिन्हें रक्तचाप रोग की शिकायत ज्यादा रहती हे या फिर इससे जुडी कोई भी परेशानी ज्यादा रहती या ऐसी कोई भी समस्या से पीड़ित है वो आज अपने व्यवहार में एवं तामसी खान पान में सावधानी बरतें और ध्यान जरुर करे

11 सितम्बर जिनका जन्म दिन हे और जिनकी शादी की सालगिरह हे वो आज वो गेहू और गुड का दान करे

                                                                 💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत्।।

🐏मेष
किसी पारिवारिक आयोजन में सम्मिलित होने का मौका प्राप्त होगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। घर में प्रसन्नता रहेगी। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। लाभ होगा।

🐂वृष
परिवार में एकाधिक सदस्यों के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। विवाद में न पड़ें। मेहनत अधिक रहेगी। लाभ में कमी होगी। शोक समाचार प्राप्त हो सकता है। धैर्य रखें। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। बाकी सामान्य रहेगा।

👫मिथुन
कोशिशें सफल रहेंगी। कार्य में समर्पण रहेगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। कार्य की प्रशंसा होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। चोट व रोग से बचें।

🦀कर्क
भूले-बिसरे मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। शुभ सूचना प्राप्त होगी। क्रोध पर नियंत्रण रखें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। पुराना रोग उभर सकता है। विवाद न करें।

🐅सिंह
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा, ध्यान रखें। अज्ञात भय सताएगा। प्रयास सफल रहेंगे।

🙍‍♀कन्या
विवाद को बढ़ावा न दें। कामों में गतिरोध होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। फालतू खर्च होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। परिवार में तनाव रहेगा। दु:खद समाचार मिल सकता है। जल्दबाजी न करें।

⚖तुला
पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। राजकीय बाधा दूर होगी। धनलाभ होगा। थकान महसूस होगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। कार्य का विस्तार होगा। प्रसन्नता रहेगी।

🦂वृश्चिक
योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। कार्यकारी अनुबंध होंगे। कार्य का विस्तार होगा। रोजगार में वृद्धि होगी। दुष्टजनों से सावधान रहें। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। पुराने मित्र व संबंधी मिलेंगे। आत्मसम्मान बना रहेगा।

🏹धनु
कोर्ट व कचहरी के कार्यों में अनुकूलता रहेगी। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। थकान महसूस होगी। जोखिम न लें। बड़े लोगों का सहयोग मिलेगा। व्यवसाय में वृद्धि होगी। रुका हुआ धन मिलेगा।

🐊मकर
चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। लापरवाही न करें। वस्तुएं संभालकर रखें। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। कुसंगति से बचें। विवेक का प्रयोग करें। लाभ होगा। बेरोजगारी दूर होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। आवश्यक वस्तुएं संभालकर रखें।

🍯कुंभ
घर-बाहर सहयोग मिलेगा। कोई बड़ा कार्य होने से प्रसन्नता रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। कोर्ट व कचहरी में बाधा दूर होगी। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। वस्तुएं संभालकर रखें। अतिथियों पर व्यय होगा। झंझटों से दूर रहें।

🐟मीन
संपत्ति के बड़े सौदे हो सकते हैं। बड़ा लाभ होगा। रोजगार में वृद्धि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। आय में वृद्धि होगी। यात्रा सफल रहेगी। प्रसन्नता बढ़ेगी।

                                                                 🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
                                                                    🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺

Why Captain Chooses 10 September as state holiday?

The Sacred scripture

Adi Granth: literally means “the first book.” This is the early compilation of the Sikh Scriptures by Guru Arjan Dev Ji, the fifth Sikh Guru, in 1604. This Granth (Book) is the Holy Scripture of the Sikhs. The tenth Sikh Guru, Guru Gobind Singh Ji added further holy Shabads to this Granth during the period of 1704 to 1706. Then in 1708, before taking leave for his heavenly abode, Guru Gobind Singh Ji affirmed the Adi Granth as the perpetual Guru of the Sikhs and the Granth then became known as the Sri Guru Granth Sahib Ji.

Important Milestones

  • 30 August 1604: Completion of Adi Granth

Please see Sri Guru Granth Sahib for full details

The original copy of the scripture, called Adi Granth, compiled and authenticated by Guru Arjan Dev still exists today and is kept at Kartarpur which is a town about 15 km. north west of the city of JalandharPanjabIndia. This is the only Holy Scripture in the world which was written by the founders of the religion during their lifetime. All other holy scriptures were completed after their founders had left for their heavenly abodes. Further, this is the only holy scripture that can be considered a “universal Granth” because it contains the hymns of both Hindu and Muslim saints.

 

Now the question rises when we don’t found any other day(Hindu or Islamic calendar date) how come Captain Amrinder Singh CM Punjab declares 10 September instead of 1st September. or there is something else which he might like to share with general masses.

Why he chooses 10th September??? Can any one please ……….

Answer is so simple people of Punjab will remain busy in Gurudwaras and enjoying sudden holiday for no reason and no one will ask him for his contribution in Rahul’s cause.

कांग्रेस के भारत बंद से जनता परेशान

Photo by Rakesh Shah


भारत बंद की असलियत ये थी की मंच पर नेता तो दिखे लेकिन जनता गायब थी. कहीं कहीं तो हालात ऐसे थे कि जनता से ज्यादा मंच पर नेता नज़र आए

व्यापारिक प्रतिष्ठानों को धमका कर बंद करवाया गया.


 

कांग्रेस और विपक्षी दलों के भारत बंद को पूरी तरह से विफल करार देते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि विपक्षी दलों के भारत बंद से देश की जनता को परेशानी के अलावा कुछ भी हासिल नहीं हुआ. हुसैन ने संवाददाताओं से कहा कि देश की जनता को पता है कि तेल की कीमतें अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार से जुड़ी हैं और तेल उत्पादक देशों ने कच्चे तेल के उत्पादन में कमी की है, जिसके कारण तेल की कीमतें बढ़ी हैं.

तेल की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि कई बार तेल की कीमतें बढ़ी हैं, तो कम भी हुई हैं. सरकार की नीति और नीयत साफ है. सरकार कोशिश में लगी हुई है. जल्द से जल्द देश की जनता को राहत मिलेगी. तेल सस्ता होगा. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने पूछा कि जहानाबाद की उस मासूम बच्ची की मौत का जिम्मेदार कौन है, जिसकी जिंदगी भारत बंद की वजह से चली गई.

कांग्रेस समर्थकों का अहिंसक और शान्ति प्रिय प्रदर्शन

बंद को जनता का समर्थन नहीं

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और सहयोगी दलों के भारत बंद को जनता का समर्थन नहीं मिला. इसी से हताश होकर बंद समर्थकों ने जगह जगह हिंसा की और देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के साथ साथ उग्र प्रदर्शन किया.

उन्होंने कहा कि भारत बंद की असलियत ये थी की मंच पर नेता तो दिखे लेकिन जनता गायब थी. कहीं कहीं तो हालात ऐसे थे कि जनता से ज्यादा मंच पर नेता नज़र आए. विपक्षी पार्टियां बंद के लिए मंच पर इकट्ठा नहीं हुई थी, बल्कि सबकी नजर दिल्ली की सत्ता पर लगी है. लेकिन विपक्ष का ये सपना पूरा होने वाला नहीं है. हुसैन ने विश्वास व्यक्त किया कि पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी क्षणिक है और इस समस्या का हल जल्द निकलेगा.

पेट्रोल 55 और डीजल 50 रुपए लीटर मिलेगा: गडकरी


केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘हमारा पेट्रोलियम मंत्रालय एथेनॉल बनाने के लिए पांच प्लांट लगा रहा है, एथेनॉल लकड़ी और नगर निगम के कचरे से बनाया जाएगा’


पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बायोफ्यूल के उपयोग का तरीका सुझाया है. गडकरी ने कहा, मैं 15 वर्षों से कह रहा हूं कि किसान और आदिवासी बायोफ्यूल बना सकते हैं. जिससे हवाई जहाज तक उड़ सकता है. हमारी नई तकनीक से बनी गाड़ियां किसानों और आदिवासियों द्वारा बनाए गए एथेनॉल से चल सकती हैं.

इसी के साथ उन्होंने पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों का भी जिक्र किया. सोमवार को एक सभा को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने कहा, हम पेट्रोल और डीजल के आयात पर 8 लाख करोड़ रुपए खर्च करते हैं. पेट्रोल की कीमत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. डॉलर की तुलना में रुपए की कीमत घट रही है.’

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ANI

एथेनॉल है पेट्रोल-डीजल का विकल्प

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘हमारा पेट्रोलियम मंत्रालय एथेनॉल बनाने के लिए पांच प्लांट लगा रहा है. एथेनॉल लकड़ी और नगर निगम के कचरे से बनाया जाएगा. इसके बाद डीजल की कीमत 50 रुपए प्रति लीटर और पेट्रोल का विकल्प 55 रुपए प्रति लीटर पर उपलब्ध होगा.’

दरअसल पिछले कुछ दिनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि हुई है. और फिलहाल पेट्रोल और डीजल के दाम अब तक के सबसे उच्चतम कीमत पर पहुंच गए हैं. इसके चलते सोमवार को कांग्रेस ने बंद का आयोजन भी किया था.

Gujarat ATS chief D G Vanzarais discharged by Bombay High Court in Soharbuddin encounter case


Applications challenging discharge granted to them by trial court were devoid of merit, says HC; the court had been hearing six revision petitions filed by accused policemen seeking discharge in the ‘fake’ encounter case


The Bombay High Court has discharged former Gujarat ATS chief D G Vanzarais and five others in the 2005-2006 encounter case of suspected gangster Sohrabuddin Shaikh, his wife Kausar Bi and their aide Tulsiram Prajapati.

Five revision applications challenging the discharge granted to five accused policemen by a trial court, and one by an officer challenging the rejection of his discharge orders by the same court had been filed in the HC, and a single bench led by Justice A M Badar had on July 16 reserved the verdict on them.

The five revision petitions had challenged the discharge of Vanzara, Gujarat IPS officer Rajkumar Pandian, Gujarat Police officer N K Amin, Rajasthan cadre IPS officer Dinesh M N and Rajasthan police constable Dalpat Singh Rathod in the case by a trial court. While three of them had been filed by Sohrabuddin Shaikh’s brother Rubabuddin Shaikh, who challenged the discharge to Pandian, Dinesh and Vanzara, the CBI had filed the remaining two pleas challenging the discharge of Amin and Rathod.

The court held that the applications challenging the discharge granted to them were devoid of merit.

Justice Badar had been conducting hearings on the revision pleas on a daily basis since July 4. He also conducting a separate hearing on a discharge plea filed by Gujarat IPS officer Vipul Aggarwal, and allowed his discharge too in the case on Monday.

The CBI had booked the five officials, along with 33 others, alleging their involvement in the “fake” encounters of Sohrabuddin Shaikh and Kausar Bi in November 2005 and Tulsiram Prajapati in December 2006.

The Gujarat Police had then claimed Sohrabuddin Shaikh had terror links.

The case had been shifted to a special court in Mumbai from Gujarat following a Supreme Court order. The encounter cases of Sohrabuddin Shaikh and Kausar Bi, and Prajapati were clubbed together in 2013 after the apex curt decision.

Between 2014 and 2017, the special court discharged 15 of these 38 accused, including 14 police officials and BJP president Amit Shah.

As per the CBI chargesheet, gangster Sohrabuddin Shaikh and Kausar Bi were abducted by officers of the Gujarat ATS and the Rajasthan Police from near Hyderabad, and killed in a fake encounter in November 2005.

Prajapati, an eye-witness to these killings, was shot dead in another staged encounter in December 2006 by some Rajasthan Police officials at the behest of the Gujarat and Rajasthan officers, who had been involved in the killing of Sohrabuddin and Kausar bi.

A co-accused in the encounter case, Vipul Aggarwal’s discharge plea had been rejected by the trial court last year. He had then approached the HC challenging the order, seeking parity with the others discharged.

NC, PDP and now Congress will bycott polls tomorrow


The Congress is reported to have received suggestions to not boycott the elections as such a step would provide a clear field to the BJP to sweep the polls in the absence of any strong candidates against them


With the National Conference (NC) and the PDP announcing to boycott the coming panchayats and urban local body polls in Jammu and Kashmir, the Congress has convened a meeting of party legislators and senior leaders in Srinagar on Tuesday to decide its stand on the issue. The Congress is reported to have received suggestions against poll boycott as such a step would provide a clear field to the BJP to sweep the polls in the absence of any strong candidates against them.

When contacted, Pradesh Congress Committee chief GA Mir said any decision on boycott would be taken on the basis of consensus in Tuesday’s meeting.

He, however, said the atmosphere was not conducive for holding these elections and the party had brought this to the notice of Governor Satya Pal Malik. The PCC wants that safety of the candidates and electorate should first be ensured before holding these elections.

Mir expressed surprise over the stand taken by the NC and the PDP to boycott the polls. If the NC was so serious about Article 35A then why did the party participate in the recent LAHDC elections in Kargil and Leh. “Mehbooba Mufti should have quit the coalition at the time allegations of the BJP backing an NGO that filed the petition against the Article 35A came to the fore,” Mir said.

After NC it is PDP to boycott Urban Local Bodies and panchayat polls

 

Mufti’s announcement comes days after the National Conference (NC) chief and MP Farooq Abdullah had announced that his party would contest all elections in the state until the centre cleared its stand on the Article 35-A.


Putting to uncertainty the upcoming rural polls in Jammu and Kashmir, the PDP chief and former Chief Minister Mehbooba Mufti on Monday announced that her party will boycott the panchayats and urban local body elections later this year and “will go to any extent to protect the Article 35-A against which petitions are being heard in the Supreme Court”.

Mufti’s announcement comes days after the National Conference (NC) chief and MP Farooq Abdullah had announced that his party would contest all elections in the state until the centre cleared its stand on the Article 35-A.

The boycott of the two main political parties of Kashmir is likely to throw the already delayed panchayat poll process in limbo. Their decision has comes after the Hurriyat leadership called for boycott of these elections.

On the other hand, it is learnt that the Governor Satya Pal Malik was firm on holding these elections and was consulting legal experts on also holding the local body and municipal corporation elections on non-party basis.

When asked whether the PDP would follow the NC that has decided to boycott also the assembly and Lok Sabha elections, Mehbooba told media persons that the boycott of PDP was only for the panchayats and urban local body polls.

She said the people of the state have “sacrificed a lot” and no one can fiddle with the validity of Article 35-A. “We don’t want any casualties or bloodshed” during elections under such tense atmosphere.

The PDP’s decision was announced by her after a meeting of the party legislators and senior leaders.

She said that during deliberations on the issue “it was noted with concern that the situation created by linking local bodies elections with the case pending in the Supreme Court about the Article 35-A has created serious apprehensions in the minds of people who genuinely see it as assault on the special constitutional position of the state”.

“The party feels that while the special position of the state is a matter of survival for its people and society, democratic system is its sustenance. It was felt that any attempt to impose any electoral exercise in the current atmosphere of fear and apprehension would seriously erode the credibility of the process and institutions,” she said.

“The party, therefore, urges the Government to review its decision to hold local bodies elections at this venture against the will of the people and instead focus on confidence building measures so that the state is assured of the inviolability of the constitutional guarantees that make it a special part of the Union of India”, she added.

Mehbooba said that as chief minister she had in a stern warning told the BJP and Prime Minister Narendra Modi that she would pull out of the alliance if any fiddling was done with Article 35-A by changing even any comma or fullstop, under any pretext, including property rights of widows or refugees will not be tolerated.

She said that she warned the Centre that no mainstream party would be there to carry the Indian flag in the Valley if fiddling with the constitutional provision goes on unabated. Mehbooba said that the constitutional position was the only bridge between rest of India and Kashmir and if it is eroded then the accession of the state would come into question.

Article 35-A, which gives special rights to people in the state and bars outsiders from owning immovable property, has been challenged in the Supreme Court. In August, the top court deferred the case till January 2019.

She confirmed that the Governor had visited her but only pleasantries were discussed over a cup of tea.

Shiv Sena’s situation is like the dog which doesn’t know which way to look at: Raj Thackeray


 

“Nation has been seeing this for the last four years. All they did was write editorial prices on diesel and petrol. They’ve no role left to play. They don’t know what they’re supposed to do. No need to give them importance,” Raj said.


Maharashtra Navnirman Sena (MNS) chief Raj Thackeray compared Shiv Sena to a dog after the latter’s claim that the Bharat Bandh failed in Maharashtra.

Thackeray, whose party participated in the nationwide shutdown call given by the Congress, said Shiv Sena’s situation is like the dog which doesn’t know which way to look at.

“There’s a breed of dog which doesn’t know which way to look at. Same is Shiv Sena’s situation. When their money gets stuck, they talk of stepping out of alliance, when their work is done, they go silent,” he was quoted as saying by ANI.

Mocking the party led by his cousin and founder Balasaheb Thackeray’s son Uddhav, Raj Thackeray said that there was no need to pay attention to Shiv Sena because they are clueless.

“Nation has been seeing this for the last four years. All they did was write editorial prices on diesel and petrol. They’ve no role left to play. They don’t know what they’re supposed to do. No need to give them importance,” he said.

MNS activists led protests in Mumbai, Thane, Palghar, Pune, Nashik and others areas of the state.

In Dadar, MNS activists broke police cordons and waved black flags as the motorcade of Chief Minister Devendra Fadnavis zoomed past. In Andheri, they attempted to stop the Mumbai Metro Rail but there were no major dislocations in the services.

Earlier today, the Shiv Sena, which is an ally of the Bharatiya Janata Party (BJP) in the state and the Centre, said that the Bharat Bandh failed to generate desired impact in Maharashtra because the Uddhav Thackeray-led party was not “consulted” over the protest.

The Congress had approached Sena, which has openly criticised the BJP and Prime Minister Narendra Modi over a host of issues, only on Sunday. Sena turned down the request.

Senior Sena leader and Rajya Sabha MP Sanjay Raut Monday said the bandh would have generated better impact had the Congress consulted his party in advance.

“Those who do not understand Maharashtra had called for the bandh just ahead of Ganesh festival (beginning September 13). It was a wrong timing. Even the Goa congress did not participate in the bandh because of the Ganesh festival,” Raut told a Marathi news channel.

Maharashtra Minister of State for Home Deepak Kesarkar, who is from the Shiv Sena, said the bandh was observed only in half of Maharashtra.

Kesarkar said the bandh evoked “some” response because it was organised for a good cause, but not to the expectations of the Congress leadership.

“Based on a preliminary report with me, the success rate of the bandh across the state was around 47% to 50%, but I don’t want to politicise the protest,” he told reporters.

The nationwide shutdown was called by the Congress and other opposition parties to protest against the rising fuel prices.

Chief Minister Devendra Fadnavis (BJP) has already stated that his administration was exploring ways to slash the fuel prices.

“Some states in the country are largely dependent on revenue that comes from levying taxes on fuel. If fuel is brought under the ambit of the GST, these states will not benefit on the fiscal front and their economy might be in trouble,” Kesarkar said.

He said the prices of fuel can be brought down if all states come together.