नई दिल्ली।
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा देश के पहले लोकपाल हो सकते हैं। केंद्र सरकार के सूत्रों के मुताबिक दीपक मिश्रा का नाम करीब-करीब फाइनल कर लिया गया है, केवल उनके रिटायर होने के बाद उनके नाम की घोषणा कर दी जाएगी।
दरअसल, दीपक मिश्रा के नाम को लेकर काफी समय से केंद्र सरकार गहनता से विचार कर रही है।सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के द्वारा यूपीए सरकार के वक्त जंतर मंतर पर अनशन और धरना देने के बाद लोकपाल नियुक्त किए जाने की मांग तेज हो गई थी, लेकिन देश में सरकार बदलने के बाद यह आवाज बीते 4 साल से ठंडे बस्ते में चली गई थी।
अन्ना हजारे के द्वारा किए गए आमरण अनशन के बाद पूरे देश में लोकपाल की नियुक्ति को लेकर आंदोलन बहुत बड़ा हो गया था। जिसके कारण यूपीए सरकार को संकट का सामना करना पड़ा था। अन्ना हजारे ने मांग की थी, कि देश में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए लोकपाल की नियुक्ति बेहद जरूरी है।
पिछले महीने ही अन्ना हजारे ने एक बार फिर से लोकपाल की नियुक्ति को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को खेलते हुए आमरण अनशन करने की चेतावनी दी थी। जिसके बाद केंद्र सरकार के साथ अन्ना हजारे की बातचीत हुई। जिसमें यह सहमति बनी कि अगले माह तक लोकपाल की नियुक्ति कर दी जाएगी।
सीजेआई दीपक मिश्रा 2 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में उनके नाम को लेकर इस तरह की चर्चा तेज हो गई है, कि देश के पहले लोकपाल के तौर पर दीपक मिश्रा की नियुक्ति की जा सकती है।
आपको यह भी बता दें की मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के साथ केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के साथ कभी कोई टकराव की स्थिति नहीं रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार दीपक मिश्रा को लोकपाल के तौर पर नियुक्त करने के पक्ष में है।
इंदिरा सुप्रीम कोर्ट ऐतिहासिक फैसले देने को लेकर खासा चर्चा में है जिन बड़ी बैंचो ने यह बड़े फैसले सुनाए हैं, उनमें दीपक मिश्रा भी एक न्यायाधीश हैं।
सुप्रीम कोर्ट की इन बड़े फैसलों में धारा 377, इस धरा के हट जाने के बाद समलैंगिक संबंधों को लेकर अब अपराध नहीं माना जाएगा, धारा 497 यानी किसी महिला की दूसरे पुरुष के साथ शारीरिक संबंध व्यभिचार की श्रेणी में नहीं होंगे।
इसी तरह से मस्जिद में नमाज पढ़ना जरूरी नहीं है और सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की प्रवेश की अनुमति देने समेत सुप्रीम कोर्ट इसी माह 4 बड़े फैसले सुना चुका है। ऐतिहासिक रूप से अयोध्या में राम मंदिर को लेकर भी 29 अक्टूबर से नियमित सुनवाई शुरू हो जाएगी।