फिल्मी अंदाज में राहुल का मोदी पर एक और आरोप, कहा- चौकीदार की दाढ़ी में तिनका
राहुल प्रधान मंत्री मोदी पर भ्रष्ट होने के निजी आरोप लगा रहे हैं और उन्ही के घटक दल मोदी कि नियत पर शक न करने कि सलाह देते हुए महागठबंधन से मुक्ति पा रहे हैं.
राहुल गांधी ने ट्वीट में कहा कि साल 2007 में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी (गुजरात के) ने कंपनी को 70 हजार करोड़ का गिफ्ट सिटी नाम का प्रोजेक्ट दिया. इस प्रोजेक्ट के तहत कोई काम नहीं हुआ बल्कि इसमें जालसाजियां सामने आईं।
लड़ाकू विमान राफेल की खरीदारी में घोटाले का आरोप लगाकर केंद्र सरकार को घेर रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक और इल्जाम लगाया है। राहुल ने अब पीएम मोदी की घेराबंदी के लिए उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान के एक प्रोजेक्ट का जिक्र किया है और उसमें जालसाजी का आरोप लगाया है।
राहुल ने पीएम मोदी पर यह नया आरोप भी एकदम फिल्मी अंदाज में लगाया है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया है कि इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL&FS) कंपनी को साल 2007 में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी (गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री) ने 70 हजार करोड़ का गिफ्ट सिटी नाम का प्रोजेक्ट दिया। लेकिन इस प्रोजेक्ट के तहत कोई काम नहीं हुआ, बल्कि इसमें जालसाजियां सामने आईं।
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में तुलनात्मक तरीके से फिल्म शूट की तरह आरोप लिखा
। राहुल ने अपने ट्वीट में लिखा-
‘लाइटस, कैमरा, स्कैम
सीन 1: 2007, CM मोदी IL&FS कंपनी को 70,000 करोड़ का प्रोजेक्ट GIFT CITY देते हैं. आजतक कुछ काम नहीं। जालसाजियां आईं सामने।
सीन 2: वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री मोदी LIC-SBI में लगे जनता के 91 हजार करोड़ की कर्जदार IL&FS कंपनी को बेलआउट दे रहे हैं. चौकीदार की दाढ़ी में तिनका है।
बता दें कि आईएलएंडएफएस में 40 फीसदी हिस्साएलआईसी, एसबीआई और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया जैसी सरकारी संस्थाओं का है. जिसे लेकर कांग्रेस ने ये सवाल उठाए कि जिस कंपनी में 40 फीसदी हिस्सा सरकारी कंपनियों का है, उस पर 91 हजार करोड़ का कर्ज कैसे चढ़ गया? कांग्रेस ने यह भी बताया कि 91 हजार करोड़ में से 67 करोड़ एनपीए हो चुका है।
कांग्रेस ने लगाए ये आरोप
कांग्रेस का आरोप है कि प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्रालय रिजर्व बैंक, स्टेट बैंक, एलआईसी और एनएचएआई पर दबाव डाल रहे हैं ताकि वो इस कंपनी को बेलआउट कर सकें। कंपनी का 35 फीसदी हिस्सा विदेशी कंपनियों का है, इसलिए इसे बेलआउट करने की कोशिश की जा रही है ताकि विदेशी कंपनियों का पैसा ना डूबे
। भारतीय करदाताओं के पैसे से विदेशी कंपनियों की मदद की कोशिश की जा रही है।
तीन कंपनियों ने किया IL&FS के राइट्स इश्यू का ऐलान
बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्त-पोषण कारोबार में लगी आईएल एंड एफएस (IL&FS) को अपने मौजूदा शेयरधारकों एलआईसी, ओरिक्स कॉर्प और एसबीआई की ओर से बड़ी राहत मिली है।
तीन कंपनियों ने शनिवार को आईएलएंडएफएस के प्रस्तावित 4,500 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू को खरीदने का ऐलान किया है।
मार्च 2018 तक इस कंपनी में एलआईसी की 25.34%, ओरिक्स कॉर्पोरेशन की 23.54%, अबू धाबी इंवेस्टमेंट अथॉरिटी की 12.56%, एचडीएफसी बैंक की 9.02%, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की 7.67% और एसबीआई की 6.42% हिस्सेदारी है।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!