वैदिक शिक्षा पद्धति के लिए बोर्ड के गठन पर विचार करेगी केंद्र सरकार: अमित शाह


शिक्षा की वैदिक पद्धति को ही सर्वांगीण विकास का मार्ग दिखाने वाला बताते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार देश के सर्वांगीण विकास के प्रति संकल्पबद्ध होकर काम कर रही है


बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि योगगुरु स्वामी रामदेव ने ‘आचार्यकुलम’ के रूप में वैदिक शिक्षा का विकल्प देकर मैकाले की शिक्षा पद्धति से देश को मुक्ति का मार्ग दिया है और केंद्र सरकार वैदिक शिक्षा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर बोर्ड गठन के प्रस्तावित प्रारूप पर विचार करेगी.

यहां आचार्यकुलम का उद्घाटन करते हुए शाह ने कहा कि केंद्र और प्रदेश की बीजेपी सरकारें स्वामी रामदेव और पतंजलि योगपीठ के इस संकल्प को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगी.

शिक्षा की वैदिक पद्धति को ही सर्वांगीण विकास का मार्ग दिखाने वाला बताते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार देश के सर्वांगीण विकास के प्रति संकल्पबद्ध होकर कार्य काम कर रही है.

शाह ने कहा कि अंग्रेजों ने मैकाले शिक्षा पद्धति को लागू कर समाज को बांटने का काम किया था. उन्होंने आश्वासन दिया कि वैदिक शिक्षा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर बोर्ड गठन के प्रस्तावित प्रारूप पर विचार करेगी.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा कि स्वयं रामदेव ने वैदिक शिक्षा प्रणाली और आधुनिक शिक्षा का समन्वय कर क्रांतिकारी कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि आचार्य बालकृष्ण की अगुवाई में आचार्यकुलम नये भारत का निर्माण करेगा. स्वामी रामदेव ने केंद्र सरकार से शीघ्र वैदिक शिक्षा बोर्ड गठित किये जाने का आग्रह किया.

आचार्यकुलम के उदघाटन अवसर पर हरिद्वार से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी, जूना अखाड़ा के पीठाधीशा महामंडलेशवर स्वामी अवधेशानंद और आचार्य बालकृष्ण ने भी समारोह को संबोधित किया. बीजेपी अध्यक्ष शाह ने पतंजलि अनुसंधान केंद्र सहित फूड पार्क व योगग्राम का निरीक्षण भी किया.

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