Tuesday, November 26
हरियाणा के शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा कार्यशाला का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ करते हुए।
पंचकूला, 27 सितंबर:
हरियाणा आंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र द्वारा विभाग के सहयोग से स्थानीय रेड बिशप सेक्टर में पुरात्तत्व के लिए भू स्थानिक प्रोद्यौगिकी का दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका शुभारंभ हरियाणा के पुरात्तत्व संग्राहलय एवं उच्चत्तर शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा ने कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया।
शिक्षा मंत्री ने कार्यशाला में हरियाणा, राजस्थान व गुजरात में बहने वाली सरस्वती नदी के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने सरस्वती नदी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने घोषणा की कि यदि कोई विद्यार्थी पुरात्तत्व पर वैज्ञानिक अध्यनन करेगा तो उसे विभाग की ओर से स्कोलरशिप दी जाएगी।
हरियाणा विज्ञान एवं तकनीकि प्रोद्यौगिकी के अतिरिक्त मुख्य सचिव वीएस कुंडु ने पुरात्तत्व के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि  भू स्थानिक प्रोद्यौगिकी समाज की संस्कृति है। यह हमारे जीवन में काफी महत्त रखती है। हिसार राखीगढ़ी दुनिया का सबसे पुराना पुरात्तत्व संग्राहलय है। पुरात्तत्व विभाग के प्रो. डॉ. पीडी साबले ने पुरात्तत्व विभाग से संबंधित अपने विचार सांझा किये।
पुरात्तत्व व संग्राहलय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमति धीरा खंडेलवाल ने कार्यशाला में मुख्यातिथि एवं विभिन्न विश्वविद्यालयों से आये प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए हरियाणा के विभिन्न स्थानीय पुरात्तत्व की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला में विभिन्न विश्वविद्यालयों से 100 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि इस कार्यशााला में इसरो, अहमदाबाद, डेकन कॉलेज पुणे, रीजनल रिमोट सेनसिंग सेंटर, जोधपुर और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्रख्यात प्रवक्ता व्याख्यान देंगे।
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