कोई दुआ ऐसी हो जिसकों भगवान मान ले और उनका बेटा उनसे फिर बात करे: रिटायर्ड कर्नल जगतार सिंह

नरेश शर्मा भरद्वाज:

“ यारो सब दुआ करो मिलके फ़रियाद करो “ इस तरफ की दुआओं का दौर आज कल चल रहा है जालंधर के मिलट्री हस्पताल के अफसर वार्ड के कमरा नम्बर 13 में जहां देश का एक शेर सूरमा पिछले तीन साल से शांत लेटा हुआ है . एक तरफ जहां भारतीय फ़ौज के डॉक्टर उनके इलाज में लगे हुए हैं वहीँ दूसरी तरफ हजारों लोग उनकी सेहत के लिए फ़रियाद कर रहे हैं . गौरतलब है की भारतीय फ़ौज में बतौर लेफ्टिनेंट कर्नल करणबीर सिंह को २०१५ में आतंकियों के साथ लोहा लेते हुए गोली लग गयी थी और वो तबसे लेकर अब तक कोमा में हैं . पहले उनका इलाजे दिल्ली के आर आर हस्पताल में चल रहा था पर अब वोह जालंधर के मिलिटरी हस्पताल में हैं .

देश के लिए कुर्बान होने वाले देश के शूरवीरों की कई कथाएँ हमने सुनी हैं . पर आज हम जिस सूरमे की बात कर रहे हैं वोह पिछले तीन साल से जिन्दगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा है . जालन्धर के मिलिटरी हस्पताल के अफसर वार्ड के कमरा नम्बर 13 में शांत लेटे इस सूरमे का नाम है लेफ्टिनेंट कर्नल करनवीर सिंह . फ़ौज का यह बहादुर अफसर 1997 में भारतीय फ़ौज में बतौर लेफ्टिनेंट भारती हुआ था . अलग अलग जगहों पर पोस्टिंग के बाद 2015 में बतौर लेफ्टिनेंट कर्नल जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में तैनात था . 22 नवम्बर 2015 को जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में इन्हें सूचना मिली की कुपवाड़ा के एक इलाके में कुछ आतंकी छिपे हुए हैं . जिसके बाद यह अपनी एक टुकड़ी लेकर वहाँ पहुंचे . आतंकियों से मुटभेड के दौरान इन्होने एक आतंकी को मार गिराया . इस दौरान आतंकी द्वारा चलाई गयी एक गोली इनके जबड़े से होती हुई आर पार हो गयी . इसके तुरंत बाद फ़ौज द्वारा इन्हें वहाँ से दिल्ली शिफ्ट करना चाहा पर मौसम खराब होने के चलते ऐसा नहीं हो सका और वहीँ पर कुछ डॉक्टरों की टीम ने उनका इलाज किया . अगले दिन उन्हें वहाँ से दिल्ली आर एंड आर हस्पताल में शिफ्ट किया गया . जहां तब से लेकर करीब ढाई साल से वोह कोमा में रहे और उसके बाद इन्हें जालंधर मिलिटरी हस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया . पिछले तीन साल से कोमा में करणबीर सिंह का इलाज चल रहा है . उनके घर में उनके पिता रिटायर्ड कर्नल जगतार सिंह , पत्नी नवप्रीत कौर और दो बच्चियां उन्हें बुलाने की कोशिश करती हैं उनसे बात करने की कोशिश करती हैं पर पिछले तीन साल से आज भी इस इन्तजार में हैं की शायद कभी करणबीर उन्हें अपनी आँखों से एक इशारा करेंगे . भारतीय फ़ौज ने जहां इनके इलाज में कोई कमी नहीं छोड़ी है साथ ही घर और बच्चों की पढाई की जिम्मेवारी निभा रही है .

हालांकि की डॉक्टर कह चुके हैं की उनकी इस हालत में मेडिकली कोई सुधार नहीं हो सकता . फिर भी उनके पहले कमांडिंग अफसर अनिल अलघ द्वारा फेसबुक पास अगस्त में एक पोस्ट डालने के बाद लगातार उनके लिए दुआओं के सन्देश आ रहे हैं . आज उनके कमरे में अज्ञात शुभचिंतकों द्वारा भेजे गये कार्ड ,गणपति और कई और सामान पड़ा है . यहाँ तक की लोग उनसे मिलने और उनका हाल जानने के लिए पहुँच रहे हैं . लेफ्टिनेंट कर्नल करणबीर सिंह के पिता के अनुसार करणबीर आज जिस हालात में हैं उन्हें दवाओं के साथ साथ दुआओं की ख़ास जरुरत है . लोग उन्हें बेहद प्यार और सत्कार से जल्दी ठीक होने के सन्देश भेज रहे हैं . उनका कहना है की लोग उनके बेटे के लिए दुआ करें की कहीं कोई दुआ ऐसी हो जिसकों भगवान मान ले और उनका बेटा उनसे फिर बात करे .

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