Thursday, December 5

चंडीगढ़, 26 सितंबर:

हरियाणा के शिक्षा मंत्री श्री राम बिलास शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्चतर शिक्षा तक गुणवत्ता में सुधार लाने और उसे रोजगारपरक बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। युवाओं के कौशल का विकास किया जा रहा है और उनके लिए स्व:रोजगार की कई स्कीमें चलाई जा रही हैं। पिछले करीब चार वर्षों में हरियाणा की पूरे देश में शिक्षा के क्षेत्र में अनूठी व अनुकरणीय पहचान बनी है।
श्री शर्मा ने यह जानकारी आज यहां सिविल सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में आए लोगों की शिकायतों का निवारण करते हुए दी।
उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने युवाओं के कौशल विकास के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की तर्ज पर मई, 2015 में ‘हरियाणा कौशल विकास मिशन’ बनाया तथा प्रदेश के जिला पलवल में विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने पिछले चार वर्षों में प्रदेश के समान विकास, जन-जन के कल्याण एवं भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था की स्थापना की दिशा में कई मंजिलें तय की हैं। हमारी सरकार का लक्ष्य न केवल प्रदेश को आर्थिक तौर पर सुदृढ़ बनाना है, बल्कि हरियाणा की ऐतिहासिक विरासत को संजोकर रखते हुए प्रदेश का चहुंमुखी विकास करना है। राज्य सरकार ‘हरियाणा एक-हरियाणवी एक’ के आदर्श पर चलते हुए एक नई व्यवस्था कायम करने के लिए निरन्तर समर्पित है।
श्री शर्मा ने कहा कि मानवता के पुजारी पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के ‘अंत्योदय दर्शन’ को चरितार्थ करने के लिए सरकार गरीब से गरीब व्यक्ति तक विकास के लाभ पहुंचाने में लगी हुई है। गरीब एवं पिछड़े वर्ग के लोगों की सुविधा के लिए विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान करने हेतु प्रदेश के सभी 22 जिलों में अन्त्योदय भवन स्थापित किए जा गए हैं। इन केन्द्रों में 22 विभागों की 226 योजनाओं में से 181 योजनाएं अन्त्योदय ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ‘जहां कमल-वहां सुशासन’ के आदर्शों पर चलते हुए हरियाणा में जन आकांक्षाओं पर खरी उतरी है। ‘हरियाणा एक-हरियाणवी एक’ और ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मूल मंत्र पर चलते हुए हमने प्रदेश का चहुंमुखी विकास किया है।