‘बेल पर बाहर राहुल गांधी और उनका परिवार भारत में भ्रष्टाचार का प्राथमिक स्रोत है. आज ये लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राफेल डील में आरोप लगा रहे हैं, जिन्होंने भारत को आजाद भारत के बाद सबसे सच्चा प्रशासन दिया है.’ पीयूष गोयल


कांग्रेस अध्यक्ष को लगता है कि अपनी बेदाग और ईमानदार छवि को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता बरकरार है और एक बार अगर यह छवि धूमिल हो गई तो उनके लिए आगे के चुनावों में राह आसान हो जाएगी. यही वजह है कि इस बेदाग और ईमानदार छवि पर बार-बार प्रहार करने की कोशिश हो रही है.


वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राफेल सौदे में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा है, ‘राहुल गांधी को कोई भी बात एक बार में समझ में नहीं आती है. उनकी समझने की क्षमता कम है.’ राहुल गांधी पर तंज कसते हुए अरुण जेटली ने उनकी भाषा पर भी सवाल उठाए हैं.

जेटली ने कहा, ‘यह एक घोटाला कैसे हो सकता है यदि एक दर्जन भारतीय कंपनियां कहती हैं कि 56,000 करोड़ रुपए के अनुबंध के लिए ऑफसेट 28,000 करोड़ रुपए होने जा रहे हैं. मैं उन 20 में से एक बनना चाहता हूं जो ऑफसेट आपूर्ति करने जा रहे हैं? हर किसी को 2000 से 4000 करोड़ रुपए मिलेंगे. यह कैसे अप्रासंगिक है.’

जेटली ने राहुल गांधी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए साफ कर दिया है, ‘राहुल कितने भी आरोप लगा लें राफेल सौदा रद्द नहीं होगा.’

राहुल गांधी की तरफ से राफेल सौदे में गड़बड़ी का आरोप सीधे प्रधानमंत्री पर लगाया जा रहा है

राफेल सौदे में गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले 30 अगस्त को एक ट्वीट किया था जिसमें फ्रांस से बहुत सारे बम फूटने की बात कही गई थी. अरुण जेटली ने राहुल गांधी के उस ट्वीट और उसके बीस दिन बाद फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के बयान के बीच की कड़ी को जोड़ने की कोशिश की है.

राफेल डील को लेकर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद के बयान पर उन्होंने कहा, ‘मुझे बिल्कुल हैरानी नहीं होगी अगर यह सब पहले से ही सुनियोजित निकलेगा. 30 अगस्त को राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘पेरिस में कुछ धमाके होने वाले हैं’ और उसके बाद वही हुआ जैसा कि उन्होंने कहा था.’

गौरतलब है कि फ्रांस की सरकार ने अपने पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान के उलट एक बयान जारी कर डील में किसी भी तरह की गड़बड़ी की संभावना को सिरे से खारिज कर दिया था. फ्रांस सरकार के रुख के बाद अब सरकार इस मुद्दे पर ओलांद के बयान को आधार बनाकर कांग्रेस के हमले की धार कुंद करने की कोशिश कर रही है.

पिछले कुछ महीनों से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी सरकार में राफेल विमानों की डील को यूपीए सरकार के वक्त हुए सौदे से काफी महंगा सौदा बताते हुए घोटाले का आरोप लगाया है. जिसके जवाब में बीजेपी भी अब काफी आक्रामक होकर जवाब दे रही है. बीजेपी ने इसके लिए सरकार के मंत्रियों को मैदान में उतार दिया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली से लेकर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से लेकर रेल मंत्री पीयूष गोयल तक सबने राहुल गांधी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

राहुल गांधी की तरफ से राफेल सौदे में गड़बड़ी का आरोप सीधे प्रधानमंत्री पर लगाया जा रहा है. कांग्रेस की यह रणनीति मोदी सरकार के कार्यकाल में किसी तरह के घोटाले नहीं होने और किसी तरह का दाग नहीं होने के दावे को खोखला साबित करने की है. कांग्रेस अध्यक्ष को लगता है कि अपनी बेदाग और ईमानदार छवि को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता बरकरार है और एक बार अगर यह छवि धूमिल हो गई तो उनके लिए आगे के चुनावों में राह आसान हो जाएगी. यही वजह है कि इस बेदाग और ईमानदार छवि पर बार-बार प्रहार करने की कोशिश हो रही है.

रणदीप सुरजेवाला के साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 

बीजेपी भी पार्टी और सरकार के अपने सबसे बड़े चेहरे पर इस तरह के हमले को लेकर तिलमिलाई हुई है. बीजेपी राहुल गांधी के हमले को सफेद झूठ बता रही है. यहां तक कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दिल्ली में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कांग्रेस के झूठ बार-बार बोलने का जिक्र किया था. अब पार्टी नेता और सरकार के मंत्री राहुल गांधी पर उसी भाषा में जवाब देने की रणनीति पर काम कर रहे हैं.

राहुल गांधी के ‘देश का चौकीदार चोर है’ के बयान पर अरुण जेटली ने पलटवार किया है. जेटली ने कहा है, ‘पब्लिक डिसकोर्स लाफ्टर चैलेंज नहीं है, कभी आप किसी को गले लगा लो, आंख मारो, फिर गलत बयान 10 बार देते रहो. लोकतंत्र में प्रहार होते हैं लेकिन शब्दावली ऐसी हो जिसमें बुद्धि दिखाई दे.’

बीजेपी की तरफ से अपने मंत्रियों की पूरी टीम को मोर्चे पर लगा दिया

राहुल के इस बयान पर रक्षा मंत्री ने भी हमला बोला है. निर्मला सीतारमण ने तो गांधी-नेहरु परिवार को ही कठघरे में खड़ा करते हुए ट्वीट किया है. निर्मला सीतारमण ने कहा  है, ‘कांग्रेस और राहुल गांधी ने कई बार प्रधानमंत्री के खिलाफ झूठ और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया है. यह उनके सत्ता से दूर रहने की निराशा को प्रकट कर रहे हैं. हमारी सरकार में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ. इसमें कोई हैरानी नहीं है कि #RahulkaPuraKhandanChor है.’

Nirmala Sitharaman

@nsitharaman

The @INCIndia & Shri. @RahulGandhi repeat untruth several times and use brazen & abusive language about @PMOIndia @narendramodi. They betray their sense of desperation in being out-of-power. In our govt there is no corruption. No wonder today the buzz is

Hardeep Singh Puri

@HardeepSPuri

From the Jeep Scam of 1948 when Nehru was the PM, to Indira Gandhi’s infamous election scandal of 1971 among others. From Rajiv Gandhi’s Bofors deal to a barrage of scams, frauds & scams of UPA. The family has kept itself busy with self-development. #RahulKaPuraKhandanChor

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रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी राहुल के प्रधानमंत्री पद दिए बयान पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया है. गोयल के मुताबिक, ‘बेल पर बाहर राहुल गांधी और उनका परिवार भारत में भ्रष्टाचार का प्राथमिक स्रोत है. आज ये लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राफेल डील में आरोप लगा रहे हैं, जिन्होंने भारत को आजाद भारत के बाद सबसे सच्चा प्रशासन दिया है.’ पीयूष गोयल के अलावा सूचना प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और दूसरे कई नेताओं ने भी राहुल गांधी के बयान पर जवाब दिया है.


Piyush Goyal

@PiyushGoyal

Out on bail Rahul Gandhi & his family have long been the primary source of corruption in the country. They are today blaming Hon’ble PM Narendra Modi in the Rafael deal, who has given India its most honest administration since Independence.

लेकिन, इस पूरी लड़ाई और वाद-विवाद से एक बात बिल्कुल साफ हो गई है कि अब कांग्रेस और बीजेपी दोनों में यह लड़ाई परसेप्शन की हो गई है. यूपीए सरकार के दौरान भ्रष्टाचार और घोटाले का आरोप लगाकर बीजेपी ने मनमोहन सिंह सरकार के खिलाफ माहौल तैयार किया था. पार्टी को इस मसले पर काफी हद तक सफलता भी मिली थी.

अब कांग्रेस की तरफ से भी कुछ इसी तरह की कहानी दोहराने की है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का लगातार प्रेस-कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलना कांग्रेस की उसी रणनीति को दिखाता है. कांग्रेस अध्यक्ष के अलावा उसके प्रवक्ताओं की पूरी टीम इस मसले पर हमलावर है. जिसके जवाब में अब बीजेपी की तरफ से अपने मंत्रियों की पूरी टीम को मोर्चे पर लगा दिया गया है.

लेकिन, कांग्रेस को यह समझना होगा कि तथ्यों के बगैर महज आरोप लगाने भर से कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि अभी भी परसेप्शन के मामले में मोदी की छवि काफी बेहतर है.

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