जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण पर पूर्व मुख्य संसदीय सचिव की अभद्र टिप्पणी पर कांग्रेस चुप


गौरतलब है अभी कुछ दिन पहिले ही सुरजेवाला ने कांग्रेस्स के डीएनए में ब्राह्मण होने की बात काही थी, अब यह….. 


हिमाचल प्रदेश की पूर्व कांग्रेस सरकार में मुख्य संसदीय सचिव रहे नीरज भारती वक्त-वक्त पर अपनी अभद्र टिप्पणियों के लिए चर्चा में रहते हैं. वो फिर अपनी एक फेसबुक पोस्ट को लेकर विवादों में आ गए हैं. जन्माष्टमी के मौके पर एक फेसबुक पोस्ट में भारती ने कृष्ण पर अपमानजनक पोस्ट किया है.

भारती ने जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण भगवान की एक फोटो फेसबुक पर शेयर की, जिसमें वह पेड़ पर बैठे हैं और नीचे नग्न अवस्था में गोपियों को नहाते हुए दिखाया है. इस फोटो के साथ भारती ने लिखा, ‘आज इसका जन्मदिन है क्या?’

भारती की इस पोस्ट पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद अनुराग ठाकुर ने भारती पर निशाना साधा और साथ ही राहुल गांधी को भी लपेटे में ले लिया. ठाकुर ने राहुल से सवाल किया.

बीजेपी के संसद में मुख्य सचेतक ठाकुर ने फेसबुक पर लिखा, ‘आपकी मानसरोवर यात्रा ढोंग है. आपकी सुरक्षा के तहत ऐसे अपमानजनक पोस्ट लोगों की धार्मिक भावनाओं पर हमला हैं.’ ठाकुर ने अपने इस पोस्ट के साथ भारती की पूर्व हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री वीरभद्र के साथ की दो तस्वीरें भी पोस्ट कीं.

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर से सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि ऐसे पोस्ट कांग्रेस की एंटी हिंदू की छवि को उजागर करते हैं.

न्यूज एजेंसी पीटीआई से कांगड़ा के सुपरिटेंडेंट ने कहा है कि उन्हें इस बारे में अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है, अगर मिलती है तो भारती पर उचित कार्रवाई करेंगे.

भारती के अभद्र टिप्पणी के मामले में कांग्रेस ने अपना पल्ला झाड़ा है. कांग्रेस के प्रवक्ता नरेश चौहान का कहना है कि कांग्रेस इस तरह की टिप्पणियों का समर्थन नहीं करती है. कांग्रेस पार्टी इस मामले से खुद को अलग करती है और यह उनका निजी मामला है. कांग्रेस की विचारधारा ऐसी नहीं है.

नीरज भारती पर पहले ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पर अपमानजनक टिप्पणी करने के चलते एफआईआर दर्ज करवाया जा चुका है. इस पोस्ट पर बीजेपी लीडर प्रतिभा बाली ने उनसे सवाल किया तो उन्होंने उनका भी अपमान किया. इसके अलावा वह फेसबुक पर अपनी विवादित पोस्ट के जरिए पीएम नरेंद्र मोदी, स्मृति ईरानी, बाबा रामदेव और श्री श्री रविशंकर पर भी अभद्र टिप्पणियां कर चुके हैं.

तेलंगाना की राजनीति के लिए कल का दिन अहम


राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव तेलंगाना विधानसभा को गुरुवार को भंग करने की घोषणा कर सकते हैं.


तेलंगाना में जल्द विधानसभा चुनावों की घोषणा हो सकती है. क्योंकि राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव तेलंगाना विधानसभा को गुरुवार को भंग करने की घोषणा कर सकते हैं. एनडीटीवी पर छपी खबर के मुताबिक, सूत्रों ने बताया है कि 6 सितंबर, 2018 को सुबह 6.45 बजे विधानसभा भंग करने का ऐलान किया जा सकता है. बताया जा रहा है कि समय और तारीख में ‘6’ नंबर इसलिए जोड़ा गया है, क्योंकि ये सीएम केसीआर का लकी नंबर है.

काफी दिनों से चल रही हैं खबरें

तेलंगाना में समय से पहले चुनाव कराने की खबरें काफी दिनों से चल रही हैं. मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी के नेता कई बार इसके संकेत भी दे चुके हैं. आपको बता दें कि वैसे टीआरएस सरकार का कार्यकाल मई 2019 में खत्म होना है. मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री रंगा रेड्डी जिले में बड़ी रैली कर विधानसभा भंग करने का ऐलान कर सकते हैं.

पीएम मोदी से पिछले हफ्ते ही मिले थे केसीआर

केसीआर जल्द चुनाव कराने को लेकर कह चुके हैं कि मैं इसपर जल्द फैसला लूंगा और अगर फिर से टीआरएस की सरकार बनती है तब मैं घोषणा करूंगा कि मैं क्या करने वाला हूं. पिछले हफ्ते केसीआर दिल्ली गए थे और यहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई अन्य नेताओं से मुलाकात भी की थी. वहीं बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी पार्टी नेताओं को साफ कर दिया है कि राज्य में साल के अंत में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं, ऐसे में चुनाव के लिए तैयार रहें.

अमेरिका भारत के मित्र ओर शत्रु तय नहीं करेगा


 

 

भारत और अमेरिका के बीच टू प्लस टू की बैठक से पहले दो बातों से भारत के माथे पर चिंता के बल पड़ रहे हैं. पहली ये कि अमेरिकी नाराजगी को देखते हुए भारत ईरान से तेल नहीं खरीदें तो कहां जाए? दूसरा ये कि अमेरिकी आपत्तियों के चलते रूस से मिसाइल क्यों न खरीदें? अमेरिका की रिश्तों को लेकर सीधी शर्तों के चलते ईरान और रूस के बीच भारत फंसा हुआ है. भारत पर एक तरफ ईरान से तेल खरीदी को लेकर अमेरिकी दबाव है तो दूसरी तरफ रूस से हथियार खरदीने पर भी अमेरिका की आपत्ति है.

अमेरिका के साथ टू प्लस टू की वार्ता में अमेरिकी दबाव के बीच भारत पर सबकी निगाहें होंगी. भारत को ही तय करना है कि वो किस तरह से व्यावहारिक तर्क देकर ईरान से तेल खरीदने और रूस से हथियार खरीदने को लेकर अमेरिकी आपत्तियों को खारिज कर सकता है. साथ ही बड़ा सवाल ये भी रहेगा कि अगर अमेरिका भारतीय तर्कों से संतुष्ट नहीं हुआ तो फिर भारत के पास विकल्प क्या होंगे?

व्हाइट हाउस प्रशासन अमेरिका में बैठकर भारत में केंद्र सरकार पर पेट्रोल-डीज़ल के दामों से बढ़ रहे दबाव को नहीं समझ सकता है और न ही उसे समझने की दरकार है. अमेरिकी हित में उसका एक सूत्रीय एजेंडा सिर्फ ईरान से हिसाब चुकाना भर है. तभी अमेरिका ने भारत और चीन जैसे देशों को ईरान से तेल आयात न करने की चेतावनी दी है. अमेरिका ने भारत समेत सभी देशों से कहा है कि वो 3 नवंबर  2018 के बाद से ईरान से हर तरह का कारोबार करना बंद कर दें. ऐसा न करने वाले देशों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

लेकिन पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रिकार्ड बढ़ोतरी की वजह से केंद्र सरकार भारी दबाव में है. चीन के बाद भारत ही ईरान का सबसे बड़ा तेल खरीदार देश है. भारत ने फौरी राहत के तौर पर अमेरिकी आपत्तियों के बीच रास्ता निकालते हुए देश की रिफाइनरियों को ईरान से तेल खरीदने की मंजूरी दे दी है. भारत की इस मंजूरी के पीछे मजबूरी साफ है. लेकिन अब अमेरिका के साथ टू प्लस टू वार्ता में भारत को ईरान से तेल खरीद के मामले में सटीक तर्क भी देना होगा.

भारत के साथ बातचीत की मेज पर अमेरिकी विदेश मंत्री माइकल पोम्पिओ और जेम्स मैटिस होंगे. हालांकि भारत इससे पहले ईरान के साथ संबंधों को लेकर अमेरिका के पूर्व विदेशमंत्री जैक टिलरसन को समझा चुका है. लेकिन डोनाल्ड ट्रंप की इस नई ‘डबल-टीम’ से पार पाना भी जरुरी है.

चीन के बाद भारत ही दुनिया में ईरान से कच्चे तेल का सबसे बड़ा खरीदार है. भारत अपनी जरुरतों का एक चौथाई तेल ईरान से मंगाता है. ऐसे में ईरान के साथ अचानक ही तेल खरीदना बंद कर भारत बेहद मुश्किलों में फंस सकता है. वहीं दूसरी तरफ ईरान के साथ भारत के दूसरे हित भी जुड़े हुए हैं. भारत के ईरान के साथ रिश्तों का अपना इतिहास है और ईरान में भारतीय उद्योगों के लिये अपार संभावनाएं भी हैं.

पीएम मोदी की ईरान यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रणनीतिक, कूटनीतिक, सामरिक और व्यापारिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार पोर्ट के समझौते पर मुहर लगी थी. तेल की कटौती के चलते ईरान में बनने वाला चाबहार पोर्ट भी अटक सकता है. जबकि इस पोर्ट से अफगानिस्तान को भी फायदा पहुंचेगा क्योंकि अफगानिस्तान में बंदरगाह न होने की वजह से वो अभी पूरी तरह पाकिस्तान पर निर्भर है.  ईरान के साथ पुरानी व्यापारिक संधियों और रिश्तों की तिलांजलि देने से अफगानिस्तान में अमेरिका और भारत की शांति प्रक्रियाओं पर भी असर पड़ सकता है.

8 मई 2018 को ईरान के साथ न्यूक्लियर डील को अमेरिका ने रद्द कर दिया था. न्यूक्लियर डील से हटने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता चल गया. वहीं सीरिया मसले पर भी ईरान की भूमिका से अमेरिका की त्योरियां चढ़ती चली गईं. सीरिया के मुद्दे पर अमेरिका और ईरान आमने-सामने आ चुके हैं. जहां सीरिया मसले पर अमेरिका के साथ इजरायल और सऊदी अरब हैं तो वहीं सीरिया के साथ रूस और ईरान. अब सीरिया में इदलिब शहर पर रूस और ईरानी सेना के साथ मिलकर सीरियाई सेना अंतिम हमले की तैयारी में जुटी हुई है. जिस पर अमेरिका ने सीरिया को चेतावनी भी दी है.

अमेरिका के साथ रिश्तों की अहमियत को देखते हुए भारत अमेरिकी चेतावनियों को नजरअंदाज करने की हालत में नहीं है. यही वजह है कि ईरान के साथ भारत ने तेल आयात में काफी कटौती की है जिस पर ईरान ने एतराज जताया था. भारत ने ईरान से मई 2018 में जहां 7 लाख बैरल प्रति दिन कच्चे तेल की खरीद की थी तो एक ही महीने में उसे घटाकर जून 2018 में 5.7 लाख बैरल प्रति दिन कर दिया गया. जबकि अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 तक केवल दस महीनों में ही भारत ने ईरान से 1.84 करोड़ टन कच्चा तेल आयात कराया था. ऐसे में जाहिर तौर पर भारत टू प्लस टू वार्ता में ईरान के साथ अपने रिश्तों पर तुरंत कोई फैसला लेना नहीं चाहेगा।

हालांकि भारत ने चीन की राह पर चलते हुए अमेरिकी धमकियों के बावजूद राज्यों की रिफाइनरियों को ईरान के तेल टैंकरों से तेल खरीदने की इजाजत दे दी है. इसके पीछे भारत का तकनीकी तर्क ये है कि भारत की रिफाइनरियों के लिये ईरान का तेल ही प्रोसेसिंग के लिये मुफीद है. जिस वजह से दूसरी रिफाइनरियों के तेल का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता क्योंकि उसके लिये भारी निवेश की जरूरत पड़ेगी.

अमेरिका की वजह से भारत और ईरान के रिश्तों में छह साल पहले भी तल्खी आ चुकी है. लेकिन ईरान भी ये जानता है कि भारत राष्ट्रहित में अपना फैसला लेने के लिये स्वतंत्र है.

बात सिर्फ ईरान तक ही सीमित नहीं है. अमेरिका ने रूस से हथियार खरीदने को लेकर भी भारत को चेताया है. भारत रूस के साथ एस 400 ट्रायम्फ मिसाइलें खरीद रहा है. इस डील पर अमेरिका डरा रहा है कि भारत को अमेरिकी प्रतिबंधों से छूट मिलने की कोई गारंटी नहीं है. लेकिन भारत को अमेरिका के दबाव में आने की जरुरत नहीं है. भारत किसी भी देश के साथ कारोबार करने के लिये स्वतंत्र है. अमेरिका के दबाव में भारत को झुकने की जरूरत नहीं है. अमेरिका पहले ये बताए कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर लगाम कसने के लिये उसने पाकिस्तान पर किस तरह की कार्रवाई की है.

बहरहाल, ईरान से तेल खरीदना भारत के लिये अमेरिका की वजह से खौलते तेल में हाथ डालने के बराबर हो गया है और तेल खरीद में कटौती की वजह से भारत-ईरान के रिश्ते तेल की तरह फिसल सकते हैं.

20 किलोग्राम की नहीं बल्कि 11 किलो 600 ग्राम की ही गिरावट हुई है हार्दिक के वज़न में

अहमदाबाद। पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल के आमरण अनशन के दौरान उनके वजन में 20 किलोग्राम की नहीं बल्कि 11 किलो 600 ग्राम की ही गिरावट हुई है।

सरकारी सोला सिविल अस्पताल के अधीक्षक डा़ आजेश देसाई ने बुधवार को बताया कि हार्दिक का वजन अनशन के पहले दिन 25 अगस्त को 78 किलो था। वजन लेने में तकनीकी गड़बड़ी के कारण कल 11 वें दिन उनका वजन 58 किलो 300 ग्राम दर्ज हो गया था जबकि यह आज 12वें दिन 66 किलो 400 ग्राम था।

वजन की मशीन में कोई गड़बड़ी नहीं है। वजन के दौरान खड़े होने के तरीके में गड़बड़ी के चलते ऐसा हुआ। अगर वजन के दौरान कोई व्यक्ति किसी बाहरी वस्तु को पकड़ ले तो उसका वजन कम आता है। इस मामले में भी ऐसा ही हुआ है।

वजन करने वाली डॉ मनीषा पांचाल ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उन्होंने वजन लेने में हुई गड़बड़ी के बारे में अपनी रिपोर्ट दे दी है। उन्होंने बताया कि हार्दिक ने आज लगातार तीसरे दिन भी सरकारी डाक्टरों को जांच के लिए रक्त और मूत्र के नमूने देने से इंकार कर दिया हालांकि उनका रक्तचाप, नब्ज आदि सामान्य थे। उन्हें पहले से ही अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी गई है।

इस बीच, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी राजीव सातव, प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा तथा नेता प्रतिपक्ष परेश धानाणी ने आज हार्दिक से उनके ग्रीनवुड रिसार्ट स्थित आवास पर मुलाकात की जहां वह बाहर अनशन की सरकारी अनुमति नहीं मिलने के बाद किसानों की कर्ज माफी, पाटीदार आरक्षण और राजद्रोह के मामले में गिरफ्तार अपने साथी अल्पेश कथिरिया की रिहाई को लेकर 25 अगस्त से अनशन कर रहे हैं। सातव ने कहा कि राज्य सरकार को हार्दिक से तुरंत बात करनी चाहिए। कांग्रेस किसानों के मुद्दे पर राज्यव्यापी प्रदर्शन करेगी।

उधर, पास की टीम और सरकार के साथ हार्दिक के मुद्दे पर बात कर रही राज्य में पाटीदार अथवा पटेल समुदाय की छह अग्रणी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के समन्वयक सी के पटेल के बीच कुछ मतभेद उभर आये हैं। स्वयं को हार्दिक का एकमात्र प्रतिनिधि बताते हुए आज संवाददाता सम्मेलन करने वाले उनके साथी मनोज पनारा ने कहा कि पटेल क्यों सरकार से बातचीत के पहले अथवा बाद में हार्दिक से नहीं मिलते।

उन्होंने उन्हें भाजपा का एजेंट तक करार दिया। उधर इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पटेल ने कहा कि संस्थाओं की ओर से अब सरकार के साथ तब तक बातचीत नहीं की जाएगी जब तक पास इस बारे में लिखित आग्रह नहीं करेगा।

पनारा ने यह भी कहा कि पास की ओर से कल राज्य के सभी 182 विधायकों, 26 लोकसभा सांसदों और सभी राज्यसभा सांसदों को फोन कर हार्दिक के मुद्दों पर उनकी राय ली जाएगी। इसके एक दिन बाद इस बारे में फार्म लेकर इन लोगों से इस पर हस्ताक्षर लिए जाएंगे। पास की ओर से हार्दिक के समर्थन में उत्तर गुजरात के पाटन से महेसाणा के ऊंझा तक एक धार्मिक यात्रा भी निकाली जाएगी।

‘आरक्षण और किसान’ का बड़ा मुद्दा है यह आंदोलन अब हम देश भर में चलाएंगे: यशवंत सिन्हा

इक हार्दिक और सिन्हा 2 फिर बात न कैसे हो


भाजपा के बागी 2 सिन्हा का हार्दिक को साथ 

लोकशाही और तानाशाही के खिलाफ लड़ने के लिये सब को मजबूत होना होगा: शत्रु


 

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि लोकशाही और तानाशाही के खिलाफ लड़ने के लिये सब को मजबूत होना होगा. वे लोग हार्दिक पटेल के साथ हैं और हार्दिक पटेल के ज्यादा से ज्यादा मांगों के समर्थन में हैं. हम उनके प्रशंसक हैं और उनके हितैषी हैं. उन्होंने कहा कि ‘मैं यही कामना करता हूं कि सरकार को यह समझ आए और जल्द से जल्द वार्तालाप स्थापित करे और समस्या का समाधान करे.

दरअसल, हार्दिक पटेल 11 दिनों से हड़ताल पर हैं. इस दौरान लगभग उनका 20 किलो वजन घट गया है. इधर यशवंत सिन्हा ने कहा कि ये आंदोलन अब हम देश भर में चलाएंगे. आरक्षण और किसान का बड़ा मुद्दा है. गुजरात में पाटीदार समाज के ज्यादातर लोग किसान हैं और देश में किसानों की स्थिति अच्छी नहीं है. इसपर केंद्र सरकार को सोचना चाहिए.

दिलीप कुमार खराब तबीयत के चलते लीलावती हस्पताल में दाखिल

 

बॉलीवुड के जाने-माने वेटरन एक्टर दिलीप कुमार की तबीयत अचानक बिगड़ जाने पर उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, डॉक्टरों ने बताया है कि उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है.

हालांकि, लीलावती अस्पताल के डायरेक्टर आॅफ आॅपरेशंस अजय पांडे के मुताबिक, दिलीप कुमार यहां रूटीन चेकअप के लिए हैं.

बता दें कि 94 साल के दिलीप कुमार लंबे वक्त से बीमार चल रहे हैं. इससे पहले भी उन्हें अगस्त के पहले हफ्ते में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पहले उनकी डिहाइड्रेशन के चलते तबीयत बिगड़ गई थी.

बॉलीवुड में ‘ट्रेजडी किंग’ के नाम से मशहूर दिलीप कुमार को मधुमती, देवदास, मुगल-ए-आज़म,जैसी फिल्मों के लिए खासतौर पर जाना जाता है. वह आखिरी बार 1998 में आई फिल्म ‘किला’ में नजर आए थे. दिलीप कुमार को 2015 में पद्म विभूषण से भी नवाजा गया था.

सरकार की चार साल के विकास कार्यो को लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेवारी लगाई गई है- ओपी धनखड़


महामंथन के बाद तमाम मंत्री थापली से बस में बैठकर सचिवालय निकलें


 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई मंत्रिमंडल की बैठक

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने प्रेस कांफ्रेंस कर दी जानकारी

मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन, सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक समीर पाल सरो भी रहे मौजूद।

मंथन के बाद मंत्रियो ने दी जानकारी

28 अक्टूबर को सरकार के चार साल पूरे होने पर राज्य स्तरीय रैली करनाल में होगी और पीएम को दिया जाएगा निमंत्रण– कृष्ण पंवार

23 सितंबर को नंबरदार सम्मेलन होगा जिसकी जल्द जगह तय होगी

6 अक्टूबर को जींद-जुलाना में विकास रैली भी करने का हुआ है फैसला

महामंथन में कार्यकर्ताओं को जनता के बीच उपलब्धियों को लेकर उतरने के निर्देश दिए है

सरकार की चार साल के विकास कार्यो को लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेवारी लगाई गई है- ओपी धनखड़

यमुनानगर जिला के 16 गांवो को पटवार सर्कल झीवरहेड व ऊंचा चांदना, तहसील व उपमंडल रादौर से निकालकर उपतहसील सरस्वती नगर व उपमंडल जगाधरी में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई

ब्राह्मण समाज फतेहाबाद को 8.5 मरला जमीन लीज आधार पर देने के प्रस्ताव को भी मिली मंजूरी

हरियाणा चौकीदार नियम 2013 में संशोधन मंजूर, मानदेय एवं अन्य भत्तों में बढ़ोतरी। भर्ती में नई शैक्षिक योग्यता मैट्रिक। 3500 रुपए मानदेय को बढ़ाकर 7000 रुपए किया गया। फिटनेस सर्टिफिकेट देकर पांच साल अधिक नौकरी कर सकेंगे चौकीदार। अभी 60 साल थी उम्र।

होडल-नूंह-पटौदी-पटौदा रोड पर जटोली के पास स्थापित होगा टोल। व्यसायिक व्हिकलों के लिए लगेगा टोल

खेल नीति में खेलो इंडिया, यूनिवर्सिटी, वर्ल्ड गेम्स ब्लाइंड सहित कई खेलों में कैश अवार्ड के संशोधन किया गया।

पंचनद सेवा ट्रस्ट को लोक निर्माण विभाग की 4 कनाल 8 मरला जमीन धर्मशाला निर्माण के लिए देने के प्रस्ताव को मंजूरी, कलेक्टर रेट पर 15 प्रतिशत और वार्षिक 1 रुपया प्रति वर्ग गज प्रति वर्ष लीज होल्ड पर दिया जाएगा।

हरियाणा सरकार व माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप सुचारू यातायात प्रबंधों में सफल रहा जिला प्रशासन

फोटो संदर्भ हेतु


-हड़ताल का जिला में नहीं दिखा कोई खास असर
-डीसी व एसपी ने प्रबंधों को लेकर स्वयं संभाली कमान


फतेहाबाद,
हरियाणा सरकार तथा माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार जिला प्रशासन द्वारा किए गए पुख्ता प्रबंधों के चलते बुधवार को कुछ संगठनों द्वारा की गई रोडवेज की हड़ताल का कुछ खास असर देखने को नहीं मिला और जिला से विभिन्न रूटों पर राज्य परिवहन के अतिरिक्त अन्य राज्यों की बसें व सरकार से परमिट प्राप्त बसें चलती रही। प्रशासनिक अधिकारियों तथा पुलिस के जवानों की मुस्तैदी के चलते आम जनता ने भी राहत की सांस ली और उन्हें अपने गंतव्य तक जाने में ज्यादा दिक्कतें नहीं हुई।
बुधवार सुबह हड़ताली कर्मचारियों ने बसों की आवाजाही को बाधित करने का प्रयास किया, जिस पर पुलिस द्वारा उन्हें हिरासत में ले लिया गया। प्रशासन द्वारा बसों को चलाने के लिए वैकल्पिक समाधान समय रहते कर लिए गए। उपायुक्त डॉ जेके आभीर तथा पुलिस अधीक्षक दीपक सहारण ने स्वयं जिला भर के विभिन्न मार्गों एवं बस अड्डा परिसरों का दौरा कर सभी प्रबंधों व सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उपायुक्त डॉ आभीर ने कहा कि हरियाणा रोडवेज आम जनता के यातायात का प्रमुख साधन है, जिसे सुचारू रूप से चलाना प्रशासन की अह्म जिम्मेवारी है। उन्होंने कहा कि आमजन को अपने रोजमर्रा के कार्यों के अतिरिक्त आकस्मिक कार्य भी करने होते हैं। ऐसे में यदि रोडवेज व्यवस्था ठप्प हो जाए तो जनता को भारी दिक्कतें होती है।
पुलिस अधीक्षक दीपक सहारण ने कहा कि कानून एवं शांति व्यवस्था को बनाए रखना तथा आमजन के अधिकारों की रक्षा पुलिस की महत्वपूर्ण जिम्मेवारी है। हड़ताल के मद्देनजर पुलिस ने बखूबी से अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन किया है। उन्होंने अपील की कि कोई भी व्यक्ति किसी आंदोलन के नाम पर कानून एवं शांति व्यवस्था को न बिगाड़े। इस मौके पर एसडीएम सरजीत नैन, डीएसपी जोगेन्द्र शर्मा सहित अन्य प्रशासनिक अमला भी मौजूद रहा।

पंचकुला जनरल हस्पताल नर्सिंग स्टाफ ने की गेट मीटिंग

अजय कुमार

पंचकुला, सितंबर 5:

 

आज सिविल अस्पताल सैकटर 6 पंचकूला में हरियाणा नर्सिंग यूनियन की ओर से दो घंटे की सुबह 8 बजे से 10 बजे तक की गेट मीटिंग की गयी।
जिसमे हरियाणा सरकार से मांग की गयी कि उन्हें पंजाब के बराबर वेतन व भता, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना, जोखिम भता, नाईट भता व अलग से नर्सिंग प्रमोशन का प्रावधान जैसे शामिल हों |
यह गेट मीटिंग हरियाणा नर्सिंग यूनियन की ओर से हरियाणा में लगभग सभी अस्पतालों में की गयी | जिसमे जिला सचिव वनिता जिला कोषाध्यक्ष राजबाला व पंचकूला की ओर से पंचकूला प्रधान कमलजीत कौर, उप-प्रधान नीलम कुन्द्रा ,महासचिव प्रवीन चिकारा, सचिव संतोष, मीडिया प्रभारी सुमन रोहिला ,कोषाध्यक्ष मोनिका राणा के साथ अन्य नर्सिंग स्टाफ़ ने सरकार के खिलाफ रोष प्रकट किया |

पुलिस ने हड़ताली रोडवेज कर्मचारियों पर बरसाए डंडे, बसों को किया रवाना

खबर ओर फोटो अजय कुमार


प्रशासन पूरी सुरक्षा में बसों को चलाने की कोशिश कर रहा है और लम्बे रूट की कई बसों को सुरक्षा के बीच रवाना किया गया


फोटो अजय कुमार

फोटो अजय कुमार

हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर आज प्रदेश भर मेंहरियाणा रोडवेज की बसों का चक्का जाम करने की चेतावनी दी थी. लेकिन सरकार की सख्ती के चलते रोडवेज का चक्का जाम बेअसर दिखाई दिया. जींद में चक्का जाम कर रहे रोडवेज कर्मियों पर आज सुबह पुलिस ने लाठी चार्ज किया. रोडवेज कर्मियों ने जब बसों को रोकना चाहा तो पुलिस ने हड़ताली कर्मचारियों को भगा भगा कर पीटा.

प्रशासन पूरी सुरक्षा में बसों को चलाने की कोशिश कर रहा है और लम्बे रूट की कई बसों को सुरक्षा के बीच रवाना किया गया. पुलिस ने कुछ रोडवेज कर्मियों को भी हिरासत में ले लिया है. बता दें की प्राइवेट बसों को परमिट देने के विरोध में पूरे हरियाणा में रोडवेज कर्मचारियों आज चक्का जाम पर है.

पिछले चार साल में  रोडवेज कर्मचारियों यह 11वीं हड़ताल है. रोडवेज कर्मचारियों का कहना है की पूरे हरियाणा में पूर्ण चक्का जाम रहेगा. पूरे हरियाणा में लाखों यात्री इस चक्का जाम से प्रभावित होते है. सख्त कदम उठाते हुए अबकी बार सरकार ने एस्मा एक्ट लगाया है. हड़ताल को देखते हुए प्रसासन ने जींद बस अड्डे पर सुबह से ही भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया था. पुलिस को यहाँ बल प्रयोग करना पड़ा बसों की सुरक्षा हेतु पुलिस को यहाँ लाठी चार्ज भी करना पड़ा

सिरसा में रोडवेज की हड़ताल पूरी तरह कामयाब 2: 20 पर बस चलाने का प्रशासन ने किया प्रयास। विरोध के चलते बस नहीं चल पाई।

चरखी दादरी में प्रशासन व पुलिस की मौजूदगी में दादरी में बसों का संचालन करवाया, बसें रोकने पहुंचे रोडवेज के 7 कर्मचारी नेताओं को गिरफ्तार किया। सुबह 4 बजे से बसों का संचालन शुरू हो चुका था। बस स्टैंड से पुलिस गाड़ियों के पीछे निकाली बसें।

फ़तेहाबाद में भी बसों का संचालन शुरू, कर्मचारियों को किया गिरफ़्तार

पलवल में परिवहन का काम सुचारू रूप से चल रहा है, हरियाणा रोडवेज की बस हडताल का कोई असर नहीं
सिरसा में कर्मचारी नेताओं को हिरासत में लेने के बाद बस सेवा बहाल हो गई है

पंचकुला में हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों का बसस्टैंड पर शान्तिपूर्ण धरना जारी रहा, कुछ एक बसे विभाग द्वारा चलाई जा रही है
धरनासथल पर भारी पुलिस बल तैनात ताकि किसी भी अनहोनी को रोका जा सके।