क्या वादरा पर वाकई कानूनी शिकंजा कसेगा या फिर……..


‘दामाद श्री’ पुस्तिका में लिखे आरोपों और इस संबंध में गुरुग्राम पुलिस द्वारा दायर की गई एफआईआर में जबरदस्त समानता है.


2014 के लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने तत्कालीन यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप लगाते हुए ‘दामाद श्री’ नाम की एक पुस्तिका जारी की थी. अब इसे संयोग कहें या कुछ और, ‘दामाद श्री’ पुस्तिका में लिखे आरोपों और इस संबंध में गुरुग्राम पुलिस द्वारा दायर की गई एफआईआर में जबरदस्त समानता है. ये एफआईआर गुरुग्राम के खेड़की दौला पुलिस स्टेशन में सुरेंद्र शर्मा नाम के एक शख्स ने राबर्ट वाड्रा के खिलाफ दर्ज करायी है.

‘दामाद श्री’ नाम की इस बुकलेट के कवर पर राबर्ट वाड्रा की फोटो छपी हुई है और वो अपने अक्सर पहने जाने वाले परिधान,टाइट फिटिंग शर्ट, टाई डार्क सन ग्लासेज पहने हुए हैं. उनकी तस्वीर के पीछे बैकग्राउंड में सोनिया गांधी और राहुल गांधी दिखाई दे रहे हैं. इस बुकलेट की शुरुआत होती है वाड्रा के स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी रजिस्ट्रेशन की कहानी के साथ.

नवंबर 2007 में एक लाख रुपए की इक्विटी के साथ इस कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराने के बाद गुड़गांव के सेक्टर 83 स्थित शिखपुर गांव में 3.51 एकड़ जमीन की खरीद की गयी वो भी फर्जी चेक के सहारे. इस जमीन के एवज में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज को 7.5 करोड़ रुपए का एक चेक फरवरी 2008 में कंपनी की तरफ से जारी किया गया जो कि बाद में फर्जी पाया गया था.

इस जमीन की खरीद के बाद इस जमीन का लैंडयूज बदला गया और उसके बाद इस जमीन को देश की बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों में से एक डीएलएफ को अगस्त 2008 में 58 करोड़ रुपए में बेच दिया गया.

पुलिस को जो शिकायत सुरेंद्र शर्मा ने की है उसमें भी इसी तथ्य को इंगित किया गया है. ऐसे में ये कहा जा सकता है कि इस मामले में तथ्य एक जैसे ही हैं ऐसे में शिकायत और उससे संबंधित जो एफआईआर पुलिस ने दर्ज की है उसमें एकसमान चार्ज एकसमान तरीके से लगाए गए होने चाहिए. लेकिन सच्चाई ये है कि एफआईआर किसी निजी व्यक्ति द्वारा दर्ज कराया गई है न कि किसी स्टेट एजेंसी के द्वारा. इसके अलावा एफआईआर करने का समय भी मायने रखता है. इसका असर निश्चित रूप से हरियाणा की राजनीति और अन्य मामलों पर पड़ सकता है.

यहां ये ध्यान देने वाली बात है कि इस मामले की पड़ताल राज्य की एजेंसियां पहले कई सालों से कर रही थी. इस मामले पर कॉन्सोलिडेशन ऑफ लैंड होल्डिंग के डायरेक्टर जनरल अशोक खेमका पहले भी ऐतराज जताने के बाद इस मामले का खुलासा वो पब्लिक में 2012 में ही कर चुके थे. जस्टिस एस.एन ढींगरा कमेटी ने भी इस संबंध में सरकार को अपनी रिपोर्ट पिछले साल के शुरू में ही सौंप दी थी. इसके बावजूद भी अधिकारिक एजेंसियों ने इस मामले में वाड्रा और हुडा के खिलाफ के अपराधिक मामला दर्ज करने के लिए किसी तरह का कोई कदम नहीं उठाया था.

कांग्रेस की समस्या ये है कि इस मामले में केवल वाड्रा ही आरोपी नहीं हैं बल्कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडा भी इस मामले में अभियुक्त बनाए गए हैं. उसी तरह से ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज और रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ का नाम भी आरोपियों की सूची में दर्ज है.

जिन धाराओं के तहत पुलिस ने वाड्रा और हुडा पर मामला दर्ज किया है वो काफी गंभीर हैं. धारा 420 (धोखाधड़ी),120 B (आपराधिक साजिश), 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के लिए जालसाजी),471 (जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करना) और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13 के तहत इन पर मुकदमा दर्ज किया गया है.

हालांकि अभी तक एफआईआर करने वाले सुरेंद्र शर्मा और बीजेपी के बीच किसी तरह के संबंध की बात साबित नहीं हुई है लेकिन ये मानना सही नहीं होगा कि कोई साधारण व्यक्ति किसी पुलिस स्टेशन में जाकर इस तरह का कोई गंभीर एफआईआर दर्ज कराने की हिम्मत करेगा और वो भी वाड्रा और भूपेंद्र सिंह हुडा जैसे शक्तिशाली और रसूखदार व्यक्तियों और डीएलएफ जैसी बड़ी कंपनी के खिलाफ. सत्ताधारी दल बीजेपी के कुछ नेताओं का मानना है कि सरकार का ये चाहना कि इस मामले में कोई सामान्य नागरिक वाड्रा और हुडा के खिलाफ क्रिमिनल केस फाइल कराए, उसकी गंभीरता को दर्शाता है. अब ये स्पष्ट हो चुका है कि सरकार इस मामले को तार्किक तरीके से आगे ले जाने को प्रतिबद्ध है.

मामले की जांच के दौरान ढींगरा कमेटी की रिपोर्ट का इस्तेमाल सोनिया गांधी के दामाद के खिलाफ केस को मजबूत करने के लिए किया जाएगा.

ये भी संयोग की बात है कि जिस दिन गुरुग्राम में रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी, उस दिन राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर गुरुग्राम में ही मौजूद थे. हालांकि मुख्यमंत्री के एक सहयोगी ने इसे स्पष्ट किया कि इससे वहां उनकी मौजूदगी का कोई लेना देना नहीं और वो वहां पर अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक ही कार्यक्रमों में शामिल होने गए थे.

सवाल ये उठता है कि वाड्रा के खिलाफ केस दायर करना केवल राज्य के एक ईमानदार व्यक्ति की पहल है या फिर ये सत्ता पक्ष की तरफ से सोच विचार कर लिया गया फैसला है. वैसे दोनों मामलों में बीजेपी के लिए स्थिति अनुकूल ही है.‘दामाद श्री’ पुस्तिका के जारी किए जाने के चार साल बाद अब हरियाणा की बीजेपी सरकार ये दावा कर सकती है कि उसने इस मामले में कानून को अपना काम करने देने की पहल कर दी है.

फ़र्स्टपोस्ट को अपने विश्वसनीय सूत्रों ये पता चला है कि चार सालों तक वाड्रा के खिलाफ मुलायम रुख अपनाने के बाद सरकार को अब इस मामले को तार्किक परिणति तक पहुंचाने के लिए जांच में तेजी लाने की आवश्यकता महसूस हुई है. वाड्रा के मामले में बात करते हुए सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री का कहना था, ‘किसी को बख्शा नहीं जाएगा. कानून तोड़ने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा.’ बीजेपी के एक और वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘वाड्रा के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई आने वाले समय में और की जाएगी. मैं जानता हूं की इस संबंध में कुछ प्रगति हुई है.’

राजस्थान के बीकानेर में भी वाड्रा की संदेहास्पद लैंड डील की जांच ने गति पकड़ी है. बीकानेर में जब वाड्रा की लैंड डील हुई थी तो उस समय देश में यूपीए का शासन था और राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार सत्ता में थी. संदेहास्पद लैंड डील के इस मामले में भी वाड्रा और गहलोत सरकार के बीच सांठगांठ को लेकर मीडिया में रिपोर्टों का प्रकाशन होता रहा है.

लेकिन राजस्थान में अभी तक इस संबंध में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है. पिछले साल अगस्त में राजस्थान पुलिस के द्वारा दायर किए गए 18 मामलों को सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया था. इन मामलों में एक मामला वाड्रा से भी संबंधित था. एक अधिकारी का कहना था कि कागजातों की समीक्षा में दस्तावेजों के फर्जीवाड़े के चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा हुआ है. पता चला है कि जमीन के एक टुकड़े से रियल एस्टेट बिजनेस में ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए जमीन को कई लोगों के हाथों से गुजारा गया जिनमें से कुछ लोगों का तो अस्तित्व तक नहीं है.

इस साल फरवरी में वाड्रा एसोसिएट्स के परिसर में इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट की ओर से जांच पड़ताल भी की गयी थी. इससे पहले ईडी ने जयप्रकाश भार्गव और अशोक कुमार को प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग के तहत इसी मामले में गिरफ्तार किया था. कुमार, काग्रेंस नेता और वाड्रा के नजदीकी महेश नागर का ड्राइवर है और इसका इस्तेमाल वाड्रा की ओर से राजस्थान में जमीन खरीदने में किया गया था.

सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शनिवार को इंडियन पोस्टल बैंक के उद्धाटन के समय दिए गए बयान का आशय भी इस तरह के मामलों में मिलता जुलता है. पीएम मोदी ने कहा था कि जिस समय अधिकतर लोग फोन बैंकिंग से अनजान थे उस समय भी नामदार (पीएम मोदी कांग्रेस के गांधी परिवार को इससे संबोधित करते रहे हैं) ने एक फोन कॉल के जरिए बैंकों को अपने चहेतों को लोन देने के चलन की शुरुआत की थी.

पीएम ने ये भी कहा कि 2014 के पहले मोटा लोन लेने वाले उन 12 डिफॉल्टरों पर भी कड़ी कार्रवाई की जा रही है और उन सबसे पाई पाई की वसूली की जाएगी. प्रधानमंत्री का बयान और उसका समय, सत्ता के गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है और लोगों को लग रहा है कि उन्होंने वाड्रा को लेकर भी इशारा किया है जिसमें कुछ डिफॉल्टर उद्योगपतियों को फोन पर लोन दिलाने के मामले में वाड्रा की भी भूमिका रही है.

Two Indian Mujahideen cadre convicted in the 2007 Hyderabad twin blast case

 

 

Two of the five accused in the twin bombing case of 2007 in Hyderabad were convicted by a special court in Cherlapally central prison here on Tuesday. The blasts claimed 44 lives, while 68 were left injured.

Anique Shafique Syeed and  Mohammed Akbar Ismail Choudhury, associates of Mohammed Riyaz Bhatkal and his elder brother Mohammed Iqbal Bhatkal  were held guilty. They were Indian Mujahideen (IM) operatives.

The Second Additional Metropolitan Sessions Court operating from Cherlapally central prison convicted the duo under Section 302 (murder) and other relevant provisions of the IPC and sections of the Explosive Substances Act. The verdict was pronounced by Justice T. Srinivas Rao.

The quantum of punishment will be announced on Monday.

Two other accused, Farooq Sharfuddin Tarkash and Mohammed Sadiq Israr Ahmed Shaik were acquitted, while judgment against Tarik Anjum will be pronounced on Monday.

The trial against them was shifted to court hall in the Cherlapally prison from a court located in Nampally court complex in June this year owing to security reasons.

The Telangana Police’s Counter Intelligence Cell had filed three separate charge-sheets against seven accused persons. Other three accused, Riyaz Bhatkal, his brother Iqbal Bhatkal and Amir Raza Khan are still at large.

The IM operatives planted three improvised explosive devices (IEDs) in the city on August 25, 2007, of which two went off at Lumbini Park and Gokul Chat Bhandar and one unexploded bomb placed under a foot-over-bridge at Dilsukhnagar was recovered by the police.

Over 160 witnesses were examined and cross-examined during the trials.

The advisory has urged channels that they may refrain from using the term ‘Dalit’ while referring to people belonging to Scheduled Castes.

Union Law and Information Technology Minister Ravi Shankar Prasad


The letter referred to a June directive by the Bombay HC asking the ministry to consider issuing a direction to the media to stop using the word ‘Dalit’.


In compliance with a Bombay High Court directive, the Ministry of Information and Broadcasting has issued an advisory to all private satellite TV channels, urging them to refrain from using the nomenclature, ‘Dalit’, for people belonging to Scheduled Castes.

The advisory has urged channels that they may refrain from using the term ‘Dalit’ while referring to people belonging to Scheduled Castes.

The letter, dated August 7, referred to a June directive by the Bombay High Court asking the ministry to consider issuing a direction to the media to stop using the word ‘Dalit’.

“It is accordingly advised that media may refrain from using the nomenclature ‘Dalit’ while referring to members belonging to Scheduled Castes in compliance with the directions of the Hon’ble Bombay High Court and the Constitutional term ‘Scheduled Caste’ in English, and its appropriate translation in other national languages should alone be used for all official transactions, matters, dealings, certificates, etc. for denoting the persons belonging to Scheduled Castes,” the advisory from the ministry read.

The directive from the Bombay High Court had come over a petition filed by Pankaj Meshram before the Nagpur bench of the court.

On 15 March, similar orders were issued to all state governments by the Union Ministry of Social Justice and Empowerment, stating that only the term ‘Scheduled Caste’ should be used in all official communications, mentioning that the term ‘Dalit’ does not find mention in the Constitution.

After the circular from the social justice ministry, the petitioner had said media too should be asked to stop using the word ‘Dalit’.

Kolkata bridge disaster, one dead


The Bharatiya Janata Party (BJP), which is in opposition in the state, raised questions on the government over the tragedy.


At least one person has died in the Majerhat Bridge collapse in Kolkata and around 19 injured are undergoing treatment at the hospital even as rescuers continued to dig through the debris to reach those still feared trapped.

Prime Minister Narendra Modi expressed grief over the incident.

“The collapse of a part of a bridge in Kolkata is deeply unfortunate. My thoughts are with the families of the victims. I pray that those who are injured recover at the earliest,” he wrote on Twitter.

West Bengal Governor Keshari Nath Tripathi, who reached the site to take stock of the rescue operations, raised questions on the maintenance of  the bridge.

“Bridge deserved better maintenance. There was a report on a pit here for quite some time; I don’t know whether PWD noted it. PWD and Railway administration had the responsibility to maintain it. The matter requires investigation,” said the Governor.

At least 20-25 injured people have been rescued by fire officials while many more are feared trapped under the rubble.

The Bharatiya Janata Party (BJP), which is in opposition in the state, raised questions on the government over the tragedy.

“How many more bridges will be broken in Paschim Banga? Mere change of colour does not add any shade of development,” said state BJP president Dilip Ghosh.

“Be it a bridge, a dam, hospital or a Government office, Didimoni has only paid lip service to performance by painting them blue and white!” he said referring to the dire need of upgrade of the city’s infrastructure.

“Didi, think not only of votes but also of the lives. Let lives count more than votes!” he added.

The Majerhat Bridge in Kolkata’s extremely busy Alipore locality collapsed on Tuesday evening at around 4.30 pm following heavy rains in the city. Cars and a city bus were seen trapped on the bridge as panicked locals rushed to the site to help save the lives of those feared trapped underneath the debris.

Rescuers were seen trying to reach underneath the flyover to find those feared trapped. Electric-cutters and other equipment were pressed into service as ambulances were kept on standby to ferry the injured to the hospital.

Chief Minister Mamata Banerjee, who is in Darjeeling, had in a press briefing said that there was a hut underneath the bridge which housed a few labourers working on a railway project.

“If the labourers were in the hut at the time of the incident, some lives may have been lost,” the Trinamool Congress chief told reporters.

She had earlier said that there was no casualty in the incident.

Eyewitnesses had said that the number of casualties could be very high given the busy location and the time of the collapse.

Army ambulances were seen rushing to the site to help in the rescue operations but state Urban Development Minister Firhad Hakim categorically stated that the force had not been called in to assist in the rescue operation stressing that the local administration is fully equipped to handle the situation.

Hakim had told reporters that six injured have been shifted to the hospital for treatment. The victims have been reportedly taken to the SSKM hospital.

The National Disaster Response Force (NDRF) has deployed five teams to assist the local administration in the rescue effort.

Majherhat Bridge is located next to the Kolkata Port Trust Hospital and connects Alipore with the rest of the south Kolkata neighbourhood. Its proximity to Garden Reach and Khidirpur makes Majerhat Bridge one of the busiest in the city.

It runs over the suburban railway network, which is the lifeline of the city. The collapse of the bridge has affected railway operations though the portion that has collapsed does not run over the railway lines but a canal adjacent to them.

“Train services in Circular Railway and Sealdah-Budge Budge line have been suspended as precautionary measure following the collapse of a portion of the bridge,” Eastern Railway spokesman RN Mahapatra said.

Being one of the major flyovers, the collapse of the bridge had a ripple effect on the city’s traffic. Jams were witnessed in many parts of the city on roads arterially connected to the Majerhat Bridge road.

According to reports, traffic movement through Diamond Harbour Road in Taratala area had been suspended. Traffic from various parts of South 24 Parganas and Behala area in the city were being diverted from Diamond Park area.

The Kolkata Traffic Police posted a tweet for commuters asking them to take the Hastings to Taratala road through CGR for northward journey and the DH Road to CGR road through Taratala for southward journey.

 

 

सीबीएलयू द्वारा बाढड़ा कॉलेज के छात्रों का पूर्व घोषित रिजल्ट सही पाया गया

भिवानी (ब्यूरो):

ने बाढड़ा कॉलेज की बीएससी व बीकॉम की छात्राओं की मांग पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए आज विश्वविद्यालय के परीक्षा नियन्त्रक डॉ.दिनेश कुमार मदान,कॉलेज प्राचार्य, शिक्षकों व छात्राओं की मौजूदगी में उत्तर पुस्तिकाओं की जांचकर पुन: मूल्यांकन करवाया गया जिसमें विश्वविद्यालयद्वारा घोषित परिणाम सही पाया गया। गत शुक्रवार को बाढड़ा कॉलेज की बीएससी व बीकॉम की छात्राओं ने घोषित परीक्षा परिणाम की पुन: जांचकर मूल्यांकन की मांग की थी। जिस पर विश्वविद्यालयने छात्राओं को मंगलवार का समय दिया गया।आज परीक्षा परिणाम की जांच छात्राओं को उनकी उत्तर पुस्तिकाओं को उनके प्राचार्य व शिक्षकों की मौजूदगी में दिखाया गया जिसमें किसी प्रकार की कोई भी खामियां नही पाई गई और विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व घोषित परीक्षा परिणाम सही पाया गया जिसपर कॉलेज प्राचार्य,शिक्षकों व छात्राओं द्वारा अपनी संतुष्टि जाहिर कर इस पर अपनी लिखित सहमति दी है। यह जानकारी विश्वविद्यालय के कार्यकारी परीक्षा नियन्त्रक डॉ. दिनेश कुमार मदान ने दी है।

सीलिंग के खिलाफ सड़क पर उतरे लोग, चंडीगढ़ प्रशासन के विरोध में किया प्रदर्शन

चण्डीगढ़ (ब्यूरो):

शहर के सेक्टर-25 की भास्कर कॉलोनी में स्थानीय लोगों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में चंडीगढ़ कांग्रेस के कार्यकर्ता और पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल भी शामिल हुए। दरअसल, चंडीगढ़ प्रशासन ने सेक्टर 25 की भास्कर कॉलोनी में मकान सील करने के आदेश दिए हैं। प्रशासन के इस आदेश के बाद से लोगों ने इसका विरोध शुरु कर दिया। वहीं इस प्रदर्शन में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के अलावा पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल भी शामिल हुए।

Policy to regulate illegal colonies, a long way to go

Chandigarh, September 4, 2018:

Punjab government’s decision to regularize unauthorized colonies, plots therein and other buildings through One Time Settlement (OTS) scheme, has once again hit the roadblock. The policy which was cleared in the previous cabinet meeting on July 30 has not been notified so far.

Upon investigation by Babushahi, it has come to light that the process would take another week of so since the policy would be again brought up during the next cabinet meeting. When contacted, minister for housing and urban development Tripat Rajinder Singh Bajwa said, “A couple of financial clauses have been added to the policy and it would be notified soon after approval by the cabinet.”

When in force, the policy would become applicable to the entire state including municipal limits falling under the Punjab New Capital (Periphery) Control Act, 1952. This shall however not be applicable to rest of the periphery area. This policy shall also not be applicable to colonies that have apartments. It has been presumed that if this policy comes into force, the state government would earn a revenue of over Rs 5,000 crore from registries and use of stamp papers. The revenue collected from the process would be used for providing basic civic amenities to residents of those colonies.

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Clarissa Bowers, Miss World America 2017, wears a Ponduru Khadi

Clarissa Bowers, Miss World America 2017, wears a Ponduru Khadi gown created by the fashion designing students of the city

Clarissa Bowers, Miss World America 2017, wears a Ponduru Khadi gown created by the fashion designing students of the city

The students of JD Institute of Fashion Technology recently had an interaction with Miss World America 2017, Clarissa Bowers. Clarissa who was in the country for a week said she was impressed by the culture of India and floored by the aesthetic design sense in Indian fashion industry. “The intricate designs and the amount of thought put behind eachcreation draws the world’s attention towards India. We appreciate the amount of effort that goes into planning and working on these designs. The intricacy and detailing speak volumes, ” she said.

She was clad in a green gown of Ponduru Khadi silk designed by students of the institute, Aishwarya and Sujatha Ganguri. Aishwarya said that Ponduru Khadi was a conscious choice as they wanted to promote the fabric in international fashion industry. “ Over the years, the number of weavers in Ponduru has been declining. With this dress we are hoping to capture the attention of designers across the globe and turn them to khadi. The khadi that we used was light-weight and represented the greenery of Visakhapatnam,” Aishwarya said.

The 20-year-old resident of Florida who was crowned Miss World America in August last year said she spent time in Hyderabad too and had a marvellous time exploring the city and its cuisine, especially dosa and biryani!.

Clarissa, a certified oral maxillofacial surgery assistant, is currently studying Neuroscience at Vanderbilt University in Nashville and wants to make a career in the medical field. “Having a military background, I aspire to be a reconstructive surgeon for wounded soldiers. I wanted to visit a few hospitals in India but could not do so because of the tight schedule,” she said.

Speaking about her journey as a model, she said, “I was a shy person and when people always told me to try modelling, I did not pay attention to them.” But somewhere along the way she gave in and began a career in modelling. “And this is where it has led me.”

Drape it right

Ponduru Khadi derives its name from the place Ponduru, a village in Srikakulam. The Khadi is made of special variety of hill cotton and red cotton which are grown in Vizianagaram and Srikakulam district. Mahatma Gandhi was so impressed by the finesse of this fabric that he preferred wearing it. The Khadi clothes from this region are exported to several countries like US, Denmark, Sweden and Japan

Punjab seeks early Central approval for Rajasthan & Sirhind Feeders’ relining projects

 

New Delhi/Chandigarh, September 04, 2018:

Punjab Chief Minister Captain Amarinder Singh on Tuesday met Union Minister of Water Resources, River Development and Ganga Rejuvenation Nitin Gadkari seeking early nod for Rs. 1976 crore projects of relining of Rajasthan Feeder and Sirhind Feeder.

Captain Amarinder informed the Union Minister that estimates of  projects for Relining of Rajasthan Feeder Reach RD 179000 – 496000 (Punjab portion) and Sirhind Feeder from RD 119700 to 447927 were sanctioned by Central Water Commission in year 2009 for Rs 952.100 crores and Rs 489.165 crores respectively. He said  that  work on these could not be taken up due to various reasons and now the Punjab Government had completed the groundwork and was ready to float global tenders for the work.

The Chief Minister said that since the projects do not figure in the list of 99 prioritized projects, the approval of the Union Government was requires for inclusion in the prioritized projects. He further said the revised cost of the projects, i.e. Rs. 1305.267 Cr. for Rajasthan Feeder and Rs. 671.478 Cr. for Sirhind Feeder, had  been cleared by MoWR, GR & RD, New Delhi on 06-04-2016. Besides, the Punjab Government has submitted all paperwork, including commitment to fund state share of funds, and is awaiting the Union Ministry’s approval, he added.

Moreover, the Government of Rajasthan has also made commitment to fund its share in the projects, the Chief Minister informed Gadkari.

Seeking urgent approval of the project, the Chief Minister said work will be completed in three years and there is a very small window of 70 days each year as it requires closure of the canals. Captain Amarinder said that in view of the large quantum of work required to be executed in a very short period, the contractor will require a period of at least six months for mobilization and any delay in approvals is likely to delay start of the project beyond March 2019.

The Chief Minister requested personal intervention of Union Minister for expeditious approvals at various levels of these two lifeline projects of Punjab and Rajasthan.

Gadkari promising early processing of approval of these projects, said that he understands the importance of these two irrigation projects for an agrarian state like Punjab.

Rupee skids further down

 

Mumbai, September 04, 2018:

High crude oil prices and negative global cues pulled the Indian rupee to a new record low of 71.43 per US dollar in the late on Tuesday afternoon.
The Indian rupee which opened at 71.24 per US dollar surpassing the previous low of 71.37 per dollar, which it had touched around 9.15 a.m. on Tuesday.
Around 2.45 p.m., the Indian rupee crossed the 71.43 per US dollar mark — the lowest ever mark — against the greenback at the Inter-Bank Foreign Exchange Market.