दौसा, 31 अगस्त, 2018:
पार्षदों के परिजनों की उपस्थिती के चलते नगर परिषद महवा की बैठक सनसनीखेज ओर हंगामेदार रही। विजयशंकर वोहरा की अध्यक्षता में हुई बैठक में नगर के विकास कार्यों को ले कर तीखा विचार विमर्श हुआ। सभी विपक्षी पार्षद मुख्यमंत्री बजट घोषणा में स्वीकृत हुए कार्यों को निरस्त करवाना चाहते थे। उनका मानना था कि यदि सड़कों के ऊपर रिकार्पेटिंग कारवाई गयी तो मकान नीचे रह जाएँगे और जल भराव कि स्थिति बन जाएगी। इसीलिए सड़कों कि खुदाई करवाने के पश्चात ही उनका पुनर्निर्माण करवाना चाहिए। कुछ ने अतिरिक्त विकास कार्यों कि बात भी कि।
इसी दौरान नगर पालिका अधिकारी तेजराम मीणा ने बैठक में मौजूद पार्षदों को समझाने का प्रयास किया और मुख्यमंत्री बजट घोषणा के कार्यों को करवाने की बात उनके सामने रखी, लेकिन पार्षदों में सहमति नहीं बन पाई। ऐसे में कुछ पार्षदों की अधिशासी अधिकारी से खींचतान हो गयी। इसे लेकर अधिशासी अधिकारी ने कहा कि स्वीकृत कार्य निरस्त करने का अधिकार डीएलबी को है। लेकिन कुछ पार्षद इसे मानने को तैयार नहीं हुए और कानून नियम की बात करने लगे। जिस पर अधिशाषी अधिकारी तेजराम मीणा ने पार्षदो के स्थान पर बैठक में शामिल हुए उनके परिजनों से बैठक में शामिल होने का अधिकार नहीं होने की बात कहते हुए भविष्य में इन बैठकों मे पार्षदों के ही शामिल होने की बात कह डाली जिससे वहां मौजूद कुछ पार्षद व उनके परिजन भड़क उठे। जिसके कारण पार्षद दो धड़ों में बट गए। जिसके चलते बैठक में विकास कार्यों पर अंतिम मुहर नहीं लग सकी। नगर पालिका अधिशासी अधिकारी तेजराम मीणा का कहना था कि भविष्य में पार्षदों के स्थान पर उनके परिजनों को बैठक में स्वीकार नहीं किया जाएगा। बैठक में जनप्रतिनिधि ही अपनी बात रख सकते है।