Wednesday, December 25


राष्ट्रीय मीडिया कॉर्डिनेटर दीपांशु ने करी मांग,शिक्षा मंत्री को भेजा ज्ञापन 
खट्टर सरकार एवं प्रशासन छात्रों की कर रहे है अनदेखी


भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छात्र संगठन,एनएसयूआई के राष्ट्रीय मीडिया कॉर्डिनेटर व प्रदेश सचिव हरियाणा दीपांशु बंसल ने शिक्षा मंत्री,हरियाणा सरकार को ज्ञापन भेज कर मांग करी है कि प्रदेश के महाविद्यालयो,विश्वविद्यालयो में सेमेस्टर प्रणाली को बंद करके वार्षिक प्रणाली को हिमाचल की तर्ज पर लागू किया जाए।दीपांशु ने कहा कि भाजपा के शासन में लगातर शिक्षा के गिरते स्तर को ध्यान में रखते हुए सैमेस्टर प्रणाली को बंद करने की माँग काफी समय से उठाई जा रही है । एनएसयूआई ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि सैमेस्टर प्रणाली शिक्षा को सभी के लिए आसान बनाने के लिए किया गया था लेकिन प्रदेश सरकार की विफलता व कुप्रबंध के चलते इसका उल्टा प्रभाव पड़ा है। शिक्षा का स्तर लगातार गिरा है । दीपांशु ने कहा कि सैमेस्टर प्रणाली से अध्यापक एवं छात्र पढ़ाई करने की जगह बाकी दूसरी चीजों में उलझे रहते है । उन्होंने कहा कि साल में 365 दिन होते है जिसमे से 52 रविवार पड़ते है और 52 शनिवार को कॉलेजो में छात्रों की कमी के कारण क्लास बहुत कम लगती है। साथ ही भारत मे अनेक प्रकार के धर्म है, अनेक त्यौहार आते हैं जिसके चलते 50 से 60 छुट्टियां और हो जाती है । बाकी बचे समय मे से दोनों सैमेस्टर की परीक्षाएं लगभग 60 से 70 दिनों में खत्म होते है । उन्होंने कहा कि 30 से 40 दिन दाखिले प्रक्रिया में भी लग जाते है ।इन सब दिनों को जोड़कर देखा जाए तो छात्रों के पास कुल 60-70 दिन पढ़ाई करने के लिए बचते हैं। ऐसे में छात्रों को पढ़ाई करने में काफी समस्या आती है तथा रिजल्ट भी खराब आता है जिसके चलते समय से पढ़ाई पूरी नही कर पाते है । केंद्र मानव संसाधन मंत्रालय ने भी सेमस्टर प्रणाली को बंद करने का फैसला लिया था।इसके साथ ही छात्र सांस्कृतिक कार्यक्रमो व खेलो में भी अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित नही करवा पाते।दीपांशु ने सेमस्टर प्रणाली को फेल करार करते हुए कहा कि जमीनी स्तर पर इस प्रणाली का लाभ छात्रो को नही मिल पाता और कुप्रबंध की वजह से नुकसान होता है जिसलिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छात्र संगठन माँग करता हैं कि सैमेस्टर प्रणाली को खत्म करके दुबारा से वार्षिक परीक्षा प्रणाली को लागू किया जाए ताकि शिक्षा का स्तर सुधर सके और छात्रो को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।