कॉर्पोरेशन बैंक ने फाउंटेन पार्क सेक्टर 5 पंचकूला में लगाए 100 वृक्ष

प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करने के लिए पंचकूला सेक्टर 5 स्थित कॉर्पोरेशन बैंक के आँचलिक कार्यालय के 50 से अधिक अधिकारीगण और कर्मचारियों ने फाउंटेन पार्क में 100 वृक्ष लगाए। अभियान की अगुआई कर रहे उप महा प्रबंधक श्री एच एस नागेंद्र ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए पेड़ -पौधों का भावी पीढ़ी के जीवन में महत्व के बारे में अवगत कराया। रविवार की छुट्टी होने के बाद भी सभी कर्मचारियों ने पूरे जोश और उत्साह के साथ इस पौधारोपण समारोह में भाग लिया।

“जिसके नाम में ही बजरंग हो उसे कोई कैसे हरासकता है”: मोदी

 

सुशील कुमार के शुरुआती राउंड में ही बाहर होने के बाद कुश्‍ती में भारत को जो निराशा मिली थी, बजरंग पूनियां ने उसे गोल्‍ड जीतकर दूर कर दिया. बजरंग ने 65 किग्रा के फाइनल में जापान के ताकातानी को 11-8 के अंतर से हराकर खिताब जीता. बजरंग ने शुरुआत काफी आक्रामक की थी और 6-0 की बढ़त बना ली थी, लेकिन जापानी खिलाड़ी ने वापसी करते हुए एक समय स्‍कोर 6-6 से बराबर कर दिया था और इसके बाद दोनों के बीच कांटे की टक्‍कर रही, जिसमें भारतीय खिलाड़ी ने बाजी मार ली.

बजरंग ने 2006 में महाराष्ट्र के लातूर में हुई स्कूल नेशनल चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था. उसके बाद से बजरंग ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. इसके बाद लगातार सात साल तक स्कूल नेशनल चैंपियनशिप का स्वर्ण पदक उनके साथ रहा. 2009 में उन्होंने दिल्ली में बाल केसरी का खिताब जीता. इस उपलब्धि के बाद ही बजरंग का चयन भारतीय कुश्ती फेडरेशन ने 2010 में थाईलैंड में हुई जूनियर कुश्ती चैंपियनशिप के लिए किया. बजरंग ने पहली बार विदेशी धरती पर धाक जमाकर सोने पर कब्जा किया.

2011 की विश्व जूनियर चैंपियनशिप में भी बजरंग ने फिर सोना जीता. 2014 में हंगरी में हुए विश्व कप मुकाबले में बजरंग ने कांस्य जीतकर अपने चयन को सही ठहराया. और इसके बाद ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में बजरंग ने रजत पदक जीतकर धाक जमा दी. महज 20 साल की उम्र में ग्लास्गो कॉमनवेल्थ में चांदी जीतने वाले बजरंग ने पिछले साल सीनियर एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में कोरिया के ली शुंग चुल को 6-2 से हराकर भारत को पहला स्वर्ण दिला दिया. उन्हें गोल्ड कोस्ट में स्वर्ण पदक का दावेदार माना जा रहा है.

करीब से देखी है गरीबी

बजरंग और उनके परिवार ने बड़ी करीब से गरीबी देखी है. दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में कुश्ती का ककहरा सीख रहे पुत्र को देशी घी देने के लिए पिता बलवान बस का किराया बचाने के लिए कई बार साइकिल पर गए. तो बजरंग की मां ओमप्यारी ने चूल्हे की कालिख सहकर लाडले को शुद्ध दूध भिजवाया.

हालांकि अब इस परिवार के दिन होनहार पुत्र के कारण बहुर गए हैं. बलवान के दो ही बेटे हैं. एक बजरंग और बड़ा बेटा हरेंद्र. हरेंद्र उनके साथ तीन एकड़ खेती में हाथ बंटाता है.

पिता ने छोड़ी थी पहलवानी

बजरंग के पिता बलवान पूनिया भी अपने समय के प्रसिद्ध पहलवानों की गिनती में शुमार हो सकते थे, लेकिन परिवार में छाई गरीबी और घर की जिम्मेदारी कंधों पर होने के कारण उन्हें अपना यह शौक बीच में छोड़ देना पड़ा. बलवान ने कक्षा आठ से स्कूल स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू कर दिया था. बलवान ने बताया कि जब वह जब प्लस टू में आए तब कॉलेज स्तर की कुश्ती प्रतियोगिता में शामिल हुआ, जो हिसार के जाट कालेज में हुई. बलवान कुश्ती में हुनर दिखा पाते इससे पहले ही बुजुर्ग और बीमार पिता के कारण बलवान को अखाड़े की मिट्टी छोड़ खेतों में हल की मिट्टी के साथ कसरत शुरू कर देना पड़ी.

 

‘शायद उन्हें(सिद्धू को) इस बात की जानकारी नहीं होगी.’ कैप्टन अमरेन्द्र सिंह

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने उनकी ही सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा को गले लगाने का विरोध किया है. पूर्व क्रिकेटर सिद्धू ने पाकिस्तान में इमरान खान के प्रधानमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में पाक आर्मी चीफ को गले लगाया था.

उन्होंने कहा ‘जहां तक की पाकिस्तान आर्मी चीफ को गले लगाने की बात है, मैं इसका विरोध करता हूं. रोज हमारे जवान शहीद हो रहे हैं और ऐसे समय पर वह पाक आर्मी चीफ को गले लगाते हैं, यह गलत है.’

मेरी रेजीमेंट ने भी जवान खोए हैं

पंजाब के मुख्यमंत्री ने बोर्डर पर हो रही शहादतों का जिक्र करते हुए कहा ‘उन्हे मारने वाला जो ट्रिगर दबाता है और जो उन्हें इसका आदेश देता है वो भी जिम्मेदार है. और उन्हें आदेश देता है पाक आर्मी चीफ, जो की जनरल बाजवा है.’ इसी के साथ कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा ‘कुछ दिनों पहले ही मेरी खुद की रेजीमेंट ने एक मेजर और दो जवान खोए हैं. और हर दिन कोई न कोई जवान शहीद हो रहा है.’

 

सिद्धू की पाक यात्रा से खुद को अलग करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह उनकी निजी यात्रा थी इससे उनका कोई संबंध नहीं है. हालांकि जब उनसे पूछा गया कि सिद्धू पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के राष्ट्रपति के पास वाली सीट पर बैठने से संबंधित सवाल पूछा गया. तब उन्होंने कहा ‘शायद उन्हें इस बात की जानकारी नहीं होगी.’

पाकिस्तान यात्रा पर सिद्धू ने सफाई दी


शनिवार को बीजेपी ने इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तानी सेना प्रमुख को गले लगाने के ‘निंदनीय कृत्य’ के लिए सिद्धू पर निशाना साधा था और राहुल गांधी से पूछा कि क्या वह ऐसा करने के लिए सिद्धू को बर्खास्त करेंगे.

सुरजेवाला ने सिद्धू का बचाव करते हुए पत्रकारों को मंत्री अनिल विज को गंभीरता से न लेने की सलाह दी 


क्रिकेटर से कांग्रेस के नेता बने और अब पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ समारोह में शामिल होने को लेकर बीजेपी की आलोचनाओं का जवाब दिया है.

सिद्धू ने रविवार को पत्रकारों से कहा कि वह इमरान खान को पिछले 35 साल से जानते हैं. सिद्धू ने कहा, खान से दोस्ती के कारण उनके न्योते पर शपथ समारोह में शामिल हुए. कांग्रेस नेता ने आगे कहा, जो लोग मेरी आलोचना करते हैं, वो लंबी जिंदगी जिएं. ऐसा कोई जरूरी नहीं कि मैं भी उनकी भाषा बोलूं.

सिद्धू ने कहा, हमलोग रोज खेल के मैदान पर बात करते रहे हैं. हमदोनों एकसाथ कमेंटरी भी कर चुके हैं. यह दोस्ती का तकाजा था और इसे संकीर्ण सोच के साथ नहीं देखा जाना चाहिए.

शनिवार को बीजेपी ने इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तानी सेना प्रमुख को गले लगाने के ‘निंदनीय कृत्य’ के लिए सिद्धू पर निशाना साधा था और राहुल गांधी से पूछा कि क्या वह ऐसा करने के लिए सिद्धू को बर्खास्त करेंगे.

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के राष्ट्रपति मसूद खान सिद्धू के बगल वाली सीट पर बैठे थे लेकिन उन्होंने इस पर एतराज नहीं जताया. बहरहाल, कांग्रेस ने इस मामले को ज्यादा तवज्जो नहीं दिया.

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस मामले पर पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दिया. हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा कि सिद्धू ने ऐसे समय में धूमधाम से हुए शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया जब देश शोक मना रहा है. विज के बयान के बारे में पूछे जाने पर सुरजेवाला ने कहा, ‘आपको उन्हें गंभीरता से नहीं लेना चाहिए. यह बेहतर होगा.’

मछली बेचने के लिए ट्रोल हुई कोच्चि की हननन ने बाढ़ पीड़ितों के लिए दिये डेढ़ लाख


बीते जुलाई को हनान हामिद की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं. इनमें हनान स्कूल यूनिफॉर्म में मछली बेचती नज़र आ रही थीं. सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें इसके लिए ट्रोल किया था


केरल पिछले 100 सालों में रिकॉर्डतोड़ बारिश की मार झेल रहा है. स्थित इतनी भयावह है कि अब तक मरने वालों की संख्या 368 तक पहुंच चुकी है. केरल की मदद के लिए देश विदेश से अब सहायता आ रही है. देश के कई राज्यों समेत संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और कतर जैसे देशों ने भी केरल की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है. कई नेताओं और जानी-मानी हस्तियों ने भी बाढ़ राहत कार्य के लिए डोनेशन दिया है.

इन सबके बीच केरल के कोच्चि की रहने वाली 21 साल की एक छात्रा सोशल मीडिया पर छाई हुई है. ये हैं कुछ दिनों पहले अपनी पढ़ाई की जरूरतों को पूरा करने के लिए मछली बेचने के लिए सोशल मीडिया पर ट्रोल हुई छात्रा हनान हामिद. हनान ने बाढ़ प्रभावित केरल के मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में 1.5 लाख रुपये का योगदान किया है.

हनान कहती हैं, ‘पढ़ने के लिए जो मैं संघर्ष कर रही हूं उसके सोशल मीडिया पर शेयर होने के बाद कुछ लोगों ने आर्थिक रूप से मेरी मदद की थी. कुल डेढ़ लाख रुपये इकट्ठा हुए थे. यह पैसा मुझे लोगों से मिला था. जरुरतमंदों की मदद के लिए इसे वापस देकर मैं बहुत खुश हूं और अच्छा महसूस कर रही हूं.’

बीते जुलाई को हनान हामिद की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं. इनमें हनान स्कूल यूनिफॉर्म में मछली बेचती नज़र आ रही थीं. इडुक्की जिले के थोडुपुझा में एक निजी कॉलेज में बीएससी की छात्रा हनान के संघर्ष की ये कहानी मलयालम अखबार में प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी. जिसके बाद बाकी मीडिया ने भी इसे अपने अखबारों और वेबसाइट में जगह दी थी. हालांकि, सोशल मीडिया में कुछ यूजर्स ने हनान की कहानी पर शक जाहिर किया था और उसे फर्जी करार उन्हें जमकर ट्रोल किया था.

सिर्फ हनान ही नहीं, बल्कि हजारों लोग इस त्रासदी में केरल के लोगों की हर संभव तरीके से मदद कर रहे हैं.

मरीज का इलाज करते हुए खुद निपाह वायरस की चपेट में आने से लिनि पुथुस्सेरी की मौत हो गई थी. लिनि पुथुस्सेरी के पति सजीश ने 25 हजार रुपए की अपनी पहली सैलरी को राहत कोष में जमा कर दिया. केरल सरकार ने नर्स लिनी की निस्वार्थ सेवा के कारण सजीश को नौकरी दी थी.

वहीं कन्नूर जिले के थालास्सरी में रहने वाली साठ वर्षीया रोहिणी ने हजार रुपए की सहायता राशि दी है. रोहिणी अपनी आजीविका 600 मासिक पेंशन पर चलाती हैं और उनकी आय का कोई अन्य स्रोत नहीं है.

पटौदी में बोले रणदीप सुरजेवाला – मोदी और खट्टर दोनों ने किया क्षेत्र से विश्वासघात


  • भाजपा का नारा – प्रदेश का विनाश व खुद का विकास 

  • भाजपा का काम – जलाना,लडवाना,तुडवाना व भटकाना 

  • भाजपा की असलियत – कोरी झूठ नीरी लूट 

  • भाजपा का मूल मन्त्र – चिंतन,मंथन,भोजन व आयोजन

  • एसवाईएल पर पीएम से मिलने का समय तक नहीं मिला भाजपाई सांसदों को


पटौदी, 19 अगस्त 2018
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मीडिया इंचार्ज व पार्टी की केंद्रीय कार्यसमिति के सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पीएम मोदी व सीएम खट्टर पर करारा हमला करते हुए कहा है कि दोनों ने खुद को पहली पर अपने दम पर सत्ता तक पहुँचाने वाले इस क्षेत्र की पीठ में ने छुर्रा घोंपने का काम किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि क्षेत्र की चौधर के नाम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके चेले मनोहर लाल खट्टर की जोड़ी ने यहाँ की जनता व उसके जनादेश के साथ विश्वासघात किया है। इसके लिए वीरों की यह भूमि वोट की चोट करके दोनों से बदला लेगी। यहाँ रामलीला मैदान में आयोजित बदलाव रैली में उमड़ी भारी भीड़ के बीच सुरजेवाला ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र की जनता ने एक को छोड़कर सारी सीटें भाजपा की झोली में डाली। उन्होंने कहा कि पीएम व सीएम के पास अब यहाँ की प्यासा भूमि को सिंचित करने में सक्षम एसवाईएल नहर पर बात करने तक की फ़ुरसत नहीं है। ये विश्वासघात नहीं तो और क्या है?

सुरजेवाला ने भाजपा पर अहीरवाल की जनता की पीठ में छुर्रा घोंपने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज हरियाणा में अहिरवाल की धरती ने 11 में से 11 सीटें खट्टर सरकार को चौधर, पानी, रोजगार और गरीब पिछड़ा वर्ग के समाज के साथ न्याय करने के नाम पर दी। लेकिन बदले में भाजपा ने क्या दिया लगभग 2 महीने से भाजपा के तीन सांसद एसवाईएल पर विचार विमर्श के लिए प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांग रहे हैं लेकिन उनको समय न देकर जानबूझकर अहिरवाल का अपमान कर रहे हैं खट्टर और मोदी। इसलिए आज भाजपा का मूल मन्त्र बन गया है कोई ऐसा सगा नहीं जिसे भाजपा ने ठगा नहीं।

खट्टर को निशाने पर लेते हुए सुरजेवाला ने कहा कि आज पूरे हरियाण प्रांत और पूरे देश के अंदर पीठ और पेट एक करके मिट्टी से सोना पैदा करने वाला किसान व उसके साथ काम करने वाला मजदूर पीडि़त, व्यथित और आंदोलित है। उन्होंने कहा कि जब केन्द्र में भाजपा की सरकार नहीं बनी थी तो नरेन्द्र मोदी ने कुरूक्षेत्र में एक जलसे के दौरान किसानों को वायदा किया था कि भाजपा की सरकार आने पर उनको फसल लागत का 50 फीसदी मुनाफा दिया जाएगा। जब सरकार बनी तो मोदी व खट्टर सरकार ने इस वायदे को भूलाकर किसानों की पीठ पर खंजर घोपने का काम किया। उन्होंने कहा कि यहां तक ही नहीं केन्द्र सरकार ने 22 फरवरी 2015 को सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा था कि वह किसानों को 50 फीसदी मुनाफा नहीं दे सकते। इससे बाजार भाव बिगड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी खट्टर के चार साल में किसानों को बेहाल कर दिया गया है। मोदी और खट्टर सरकार द्वारा इससे बड़ा अन्याय किसान के साथ क्या हो सकता है जिसमें सरसों का समर्थन मूल्य 4000 रु प्रति क्विंटल से मिल रहा 3200 रु प्रति क्विंटल, ज्वार का भाव है 1750 रु प्रति क्विंटल मिल रहा 1400 रु प्रति क्विंटल, बाजरा का भाव 1425 रु प्रति क्विंटल और किसान को मिला 900-1000 रु प्रति क्विंटल और कपास का समर्थन मूल्य 5000 रु प्रति क्विंटल होने के बावजूद भी 3800 रु प्रति क्विंटल बिकी है लेकिन कांग्रेस के शासन में यही कपास की फसल 6500 रु प्रति क्विंटल तक बिकी। ठीक यही हाल मूंग, उड़द, अरहर, सोयाबीन, मूंगफली की फसल का है। उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार द्वारा पिछले 6 महीने में डीएपी की कीमत 25 प्रतिशत बढ़ा दी गई है। 1091 रु से 1290 रु प्रति 50 किलो के बैग पर बढ़ा दिए। इसके अतिरिक्त यूरिया के कट्टे का वजन 50 किलो से घटाकर 45 किलो बढ़ाते हुए रेट में बढ़ोत्तरी कर दी व इसके साथ ही बीज, बिजली, सिंचाई के साधनों के रेट बढ़ा दिए।

भाजपा पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए सुरजेवाला ने कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि जब किसी सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र पर टैक्स लगाया गया हो। भाजपा ने पेट्रोल व डीज़ल पर भारी टैक्स लगाए, जिसके चलते डीज़ल व पेट्रोल आज भी उसी भाव में मिल रहा है, जब कच्चे तेल की कीमतें दोगुना हुआ करती थीं। सुरजेवाला ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 16 मई 2014 को पेट्रोल के भाव 62.93 रु प्रति लीटर और डीजल के भाव 56.71 रु प्रति लीटर थे लेकिन आज साढ़े 4 साल के बाद डीजल 69.56 रु प्रति लीटर यानि डीजल पर 12.85 रु की बढोत्तरी करके भाजपा इस देश पर कुठाराघात कर रही है और इतना ही नही जब कांग्रेस का राज था तब डीजल पर 9.72 प्रतिशत और पेट्रोल पर 21.5 प्रतिशत वैट था लेकिन आज खट्टर सरकार ने डीजल पर 17.22 प्रतिशत और पेट्रोल पर 5 प्रतिशत की बढोत्तरी के साथ 26.25 प्रतिशत की बढोत्तरी करके इस प्रदेश के लोगों की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है। इसी प्रकार केंद्र की मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल पर 11 बार एक्साईज डयूटी लगाकर इस देश की जनता से 10 लाख करोड़ रुपए और खट्टर सरकार 18 हजार करोड़ रुपए वसूल रही है। यही भाजपा व कांग्रेस की सोच का फर्क है। भाजपा द्वारा ट्रैक्टर एवं अन्य सभी उपकरणों पर 12 प्रतिशत का जीएसटी टैक्स लगाया गया जबकि टायर, ट्यूब और ट्रांसमिशन पार्ट्स पर 18 प्रतिशत का जीएसटी टैक्स लगाया गया। कीटनाशक दवाइयों पर 18 प्रतिशत, खाद पर 5 प्रतिशत तथा कोल्ड स्टोरेज पर 12 प्रतिशत का जीएसटी लगा दिया गया है। किसानो के आलू को सुरक्षित रखने वाले कोल्ड स्टोरेज पर भी 12 प्रतिशत टैक्स लगाकर किसानों की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया गया है।प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को प्राइवेट मुनाफा कम्पनी व किसान शोषण योजना करार देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि किसान की फसल खराब होती है तो केन्द्र व खट्टर सरकार कहती है कि हमने फसल बीमा योजना लागू की है। इसकी सच्चाई किसी को नहीं बताई। इस सरकार ने खेती बाड़ी पर टैक्स लगाकर 18 हजार करोड़ रुपये एकत्रित कर लिए और किसानों को बीमा के रूप में केवल मात्र 5600 करोड़ रुपया दिया गया। 14 हजार 900 करोड़ रुपये देश की 7 बीमा कंपनियों के खाते में चले गए, इनमें से कुछ कंपनियां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चहेती कंपनियां हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना का नाम प्रधानमंत्री फसल बीमा नहीं, बल्कि प्राइवेट मुनाफा योजना व किसान शोषण योजना होना चाहिए था।

सुरजेवाला ने कहा कि आज भाजपा सरकार की तानाशाही रवैये के कारण प्रतिदिन 46 किसान आत्महत्या कर रहे हैं। सुरजेवाला ने कहा कि मेरा सरकार से सवाल है कि जब देश के 12 उद्योगपतियों का 2 लाख 83 हजार करोड़ का कर्जा माफ कर दिया गया तो 62 करोड़ किसान मजदूरों का 2 लाख करोड़ रु क्यों नही माफ हो सकता। सुरजेवाला ने कहा कि जब कांग्रेस का शासन था तो कांग्रेस पार्टी ने इस देश के किसानों का 72 हजार करोड़ रु कर्जा माफ किया। क्या इस तरह से ही देश व प्रदेश के किसानो का भला करेगी भाजपा सरकार? इसलिए बदलाव की जरूरत है।

सुरजेवाला ने खट्टर सरकार पर पटौदी में हुए भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता में आने से पहले खट्टर सरकार ने अनेकों लुभावने वायदे अहीरवाल की जनता से किए लेकिन सत्ता प्राप्ति के बाद एक तरफ तो खट्टर पटौदी को मिलेनियम सिटी बनाने की बात करते हैं और दूसरी तरफ पटौदी को डार्क जोन घोषित कर देती है। आज भाजपा राज में पटौदी में न पीने का पानी है, न ढाणियों में रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक बिजली है, न मानेसर व बिलासपुर में नौजवानों के लिए रोजगार है, न बाईपास है, न आईआईटी है और न ही कोई लड़कियों का सरकारी कालेज है, मोदी सरकार द्वारा रक्षा यूनिवर्सिटी का वायदा साढ़े चार साल बीतने के बाद महज जूमला ही साबित हुआ, दक्षिण हरियाणा में एम्स बनाने का काम भी अधर में लटका पडा है, जयपुर एक्सप्रेस हाइवे रद्द कर दिया, न फौज की भर्ती है, न पुलिस की भर्ती है। इसलिए इस निक्कमी, नकारा और खटारा सरकार के परिवर्तन का समय आ गया है। उन्होंने वायदा करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार बनते ही 2 साल में ही बाईपास, फलाईअवर और आईआईटी बनाया जाएगा।

सुरजेवाला ने अहीरवाल की जनता से वायदा करते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार बनते ही पिछड़ा वर्ग के लोगों का 27 % आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा। इसी तरह 3-4 एकड़ तक के किसानों और भूमिहीन किसान खेत मजदूरों का 1 लाख तक का कर्जा 3 किस्मों में माफ किया जायेगा। इस सम्मेलन को राव अर्जुन सिंह, ए सी चौधरी, पूर्व विधायक शिव शंकर भारद्वाज, महिला कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष सुमित्रा चौहान, जगदीश मंडौली, सतबीर भाणा, दीपक देशवाल, वीरेंद्र जागलान, धर्मवीर कौलेखां, बिजेंद्र माजरा, अनिल शर्मा और कर्मवीर मायना आदि कांग्रेस के नेताओं ने भी संबोधित किया।

यात्रीगण कृपया ध्यान दें चंडीगढ़ से चल कर दिल्ली जाने वाली तेजस एक्सप्रेस तैयार है


भारतीय रेलवे दिल्ली-चंडीगढ़ रूट पर नई तेजस एक्सप्रेस जल्द ही शुरू करने जा रहा है. इस ट्रेन की यात्रा हवाई जहाज की तरह लग्जरी और आरामदायक होगी.


भारतीय रेल नयी समय सारिणी 2018:

दिल्ली से चंडीगढ़ के बीच की दूरी अब महज तीन घंटे में पूरी होगी. भारतीय रेलवे की नई लग्जरी ट्रेन से यह मुमकिन होगा. दरअसल, भारतीय रेलवे नई दिल्ली-चंडीगढ़ रूट पर नई तेजस एक्सप्रेस जल्द ही शुरू करने जा रहा है. इस ट्रेन की यात्रा हवाई जहाज की तरह लग्जरी और आरामदायक होगी.

15 अगस्त से प्रभावी भारतीय रेलवे के नए टाइम टेबल के अनुसार, दिल्ली-चंडीगढ़ रूट पर जल्द ही एक नई तेजस एक्सप्रेस शुरू की जाएगी. इस ट्रेन से दोनों शहरों के बीच का ट्रैवल टाइम घटकर महज तीन घंटे रह जाएगा. बता दें, तेजस एक्सप्रेस भारतीय रेलवे की नई लग्जरी ट्रेनें हैं, जो धीरे-धीरे प्रमुख रुटों पर शताब्दी एक्सप्रेस की जगह लेंगी. पहली बार इस ट्रेन को 2017 में मुंबई-गोवा रूट पर शुरू किया गया था. रेलवे ने तेजस एक्सप्रेस के लिए तीन रूट निर्धारित किए हैं. इनमें मुंबई-गोवा, दिल्ली-चंडीगढ़ और दिल्ली-लखनऊ रूट शामिल हैं.

दिल्ली-चंडीगढ़ तेजस एक्सप्रेस का समय

नई दिल्ली-चंडीगढ़ रूट पर तेज एक्सप्रेस को पिछले साल चलाया जाना था, लेकिन रैक नहीं तैयार होने के चलते संभव नहीं हुआ. रेलवे के नए टाइम टेबल के अनुसार, ट्रेन नंबर 22425 नई दिल्ली से रोज सुबह (बुधवार को छोड़कर) 9:30 AM पर रवाना होगी जो 12:40 AM पर पहुंचेगी. वापसी में ट्रेन नंबर 22426 चंडीगढ़ से 2:35 PM से चलकर नई दिल्ली 5:30 PM (बुधवार को छोड़कर) पहुंचेगी.

दिल्ली-चंडीगढ़ तेजस एक्सप्रेस की खासियतें:

सेमी हाई-स्पीड तेजस एक्सप्रेस में एयरक्रॉफ्ट जैसी कई सुविधाएं हैं. इसमें हर यात्री की सीट पर सूचना और मनोरंजन के लिए स्क्रीन लगी है. अटैंडडेंट कॉलिंग बटन, पढ़ने की लाइट, एग्जीक्यूटिव चेयर कार के अलावा आॅटोमैटिक एंट्री और एक्जिट दरवाजें हैं, जो मेट्रो ट्रेनों की तरह प्लेटफॉर्म पर पहुंचने पर ही खुलेंगे. तेजस की कोचेज को भविष्य के मुताबिक तैयार किया गया है, जिससे कि वह 200 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार पकड़ सकते हैं.

यह हैं खूबियां

  • पूरी ट्रेन साउंड प्रूफ है, ट्रेन के गेट ऑटोमेटिक हैं।
  • वाई-फाई, सीट के पीछे टच स्क्रीन एलईडी, स्मोक डिटेक्टर, सीसीटीवी।
  • वीनीशन विंडो- यह आकार में बड़ा है। बेहतर दृश्य, धूप से बचाव के लिए लगे पर्दे पॉवर से चलेंगे।
  • ट्रेन में बायो वैक्यूम टॉयलेट, इंगेजमेंट बोर्ड, हैंड ड्रायर की सुविधा मुहैया कराई गई है।
  • एक्जीक्यूटिव क्लास में ज्यादा आराम के लिए सीट के पीछे सर टिकाने के लिए हेडरेस्ट, पैरों के लिए फूटरेस्ट दिए गए हैं। पैसेंजर सो कर जा सकते हैं। लेटने के लिए अत्यंत सुविधाजनक सीट तैयार की गई है।
  • स्टेशनों के बारे में और दूसरी सूचनाएं माइक के अलावा एलईडी पर भी मिलेगी।
  • सीट और कोच के छत के निर्माण में नारंगी और पीले रंग का इस्तेमाल किया गया है।

आज का राशिफल

♥आज का राशिफल♥

टिप्स फॉर 19-08-2018 रविवार हमारी हर टिप्स ज्यादा से ज्यादा शेयर करे सबका मंगल हो

*आज गंड मुला – रवि योग – विन्छुड़ो – इन्द्रा योग – तिथि शुक्ल नवमी और अनुराधा नक्षत्र…

आज के योग के अनुसार आज सुबह शिवलिंग पर लाल चन्दन का लेप लगावे और बिल्व पत्र अर्पण करे और ॐ नमः शिवाय का ज्यादा से ज्यादा जप करे ..

आज का मंत्र लेखन – आज ॐ हराय नमः यह मंत्र २१ बार लिख ( हो शके तो 108 बार लिखे )

आज क्या करे ग्रुप रिलेटेड काय करे, रिसर्च करे, ध्यान योग करे, ट्रावेल करे, इमिग्रेशन के लिए शुभ, रहस्यमय कार्य भी कर शकते हे आज…

आज क्या ना करे – किसी न्यू चीज का इनोग्रेशन या शुरुआत ना करे, आज गलती भी बाल ना कटवाए ..

आज कहा जाना शुभ रहेगा फारेस्ट, माउंटेन, लेक, टेम्पल, रिसर्च सेंटर…

आज शाम 5 बजे से 7 बजे के बिच कोई भी शुभ कार्य ना करे

भोजन उपाय – आज भोजन में खीर का सेवन जरुर करे ..

दान पुण्य उपाय – आज हो शके तो घर पर खीर बनाकर एक कटोरी गाय को खिलाये

वस्त्र उपाय – आज लाल वस्त्र धारण करे ..

वास्तु उपाय – आज शाम घर में गुगुल और कपूर का धुप जरुर करे

सावधानी रक्खे – आज के ग्रहों के अनुसार आज जिन्हें हायपर एसिडिटी रोग की शिकायत ज्यादा रहती हे या फिर इससे जुडी कोई भी परेशानी ज्यादा रहती या ऐसी कोई भी समस्या से पीड़ित है वो आज अपने व्यवहार में एवं तामसी खान पान में सावधानी बरतें और ध्यान जरुर करे

19 अगस्त जिनका जन्म दिन हे और जिनकी शादी की सालगिरह हे वो आज वो लाल गाय को गुड और गेहू खिलाये

*महा मृत्युंजय यंत्र – उत्तम सफलता एवं रक्षा दायक – सम्पूर्ण दिव्य मंत्रो से सिद्ध किया हुआ –

🐏मेष
राजकीय सहयोग मिलेगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। थकान रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। विवाद से बचें। नए कार्यों में लाभ होने की संभावना है। परिवार की तरक्की होगी। आपको अपने कर्म पर विश्वास रखते हुए कार्य करना चाहिए।

🐂वृष
रोजगार में वृद्धि होगी। संपत्ति के बड़े सौदे हो सकते हैं। बड़ा लाभ होगा। जल्दबाजी न करें। प्रमाद से बचें। दूरदर्शिता एवं बुद्धिमानी से कई रुके हुए काम पूरे होने की संभावना है। खर्चों में कमी करना होगी। व्यापार में सही निर्णय नहीं लेने से हानि हो सकती है।

👫मिथुन
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। दिन प्रतिकूल रह सकता है। सामाजिक स्तर में परिवर्तन एवं प्रतिष्ठा को लेकर चिंतित रहेंगे। दांपत्य जीवन अच्छा रहेगा। अधिक लोभ-लालच न करें।

🦀कर्क
शोक समाचार मिल सकता है। भागदौड़ अधिक होगी। थकान रहेगी। वाणी पर नियंत्रण आवश्यक है। माता-पिता का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। दिन प्रसन्नतापूर्वक व्यतीत होगा। व्यापार में लाभ की स्थिति बनेगी। रुका पैसा प्राप्त होने के योग हैं।

🐅सिंह
रुके कार्य पूर्ण होंगे। मेहनत सफल रहेगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। नई योजनाओं का क्रियान्वयन होगा। बड़े लोगों से भेंट होगी, जिसका लाभ भविष्य में मिलेगा। शत्रु परास्त होंगे। आलस्य से बचकर रहें।

🙎‍♀कन्या
पुराने मित्र व संबंधी मिलेंगे। अच्छी खबरें मिलेंगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। व्यापार अच्छा चलेगा। पारिवारिक वातावरण सहयोगात्मक रहेगा। आपकी बुद्धिमानी से समस्याओं का समाधान संभव है। सुख-समृद्धि बढ़ेगी।

⚖तुला
नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। रोजगार में वृद्धि होगी। यात्रा सफल रहेगी। प्रसन्नता बनी रहेगी। अपने व्यसनों पर नियंत्रण रखना चाहिए। श्रम अधिक करना होगा। आपके कार्यों की समाज एवं परिवार में आलोचना हो सकती है। व्यापार सामान्य चलेगा।

🦂वृश्चिक
फालतू खर्च होगा। तनाव रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें, बाकी सामान्य रहेगा। आर्थिक स्थिति कमजोर रहेगी। मित्रों की मदद से महत्वपूर्ण कार्य पूरे होने के आसार हैं। साझेदारी में नए प्रस्ताव मिलेंगे।

🏹धनु
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर बढ़ेंगे। जोखिम न लें। आवास संबंधी समस्या रहेगी। रचनात्मक कामों का प्रतिफल मिलेगा। पूर्व में किए गए कार्यों का शुभ फल प्राप्त हो सकेगा। स्वाध्याय में रुचि बढ़ेगी।

🐊मकर
योजना फलीभूत होगी। घर-बाहर पूछ-परख बढ़ेगी। कार्यसिद्धि होगी। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। आत्मविश्वास बढ़ने से व्यापारिक लाभ अधिक होने के योग हैं। यात्रा में सावधानी रखें। जल्दबाजी एवं लापरवाही से कार्य करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाएं।

🍯कुंभ
राजकीय सहयोग मिलेगा। रुके कार्य पूर्ण होंगे। अध्यात्म में रुचि रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। राज्य एवं व्यवसाय के क्षेत्र में उचित लाभ हो सकेगा। परिवार में खुशी का माहौल रहेगा। जीवनसाथी की उन्नति सामाजिक सम्मान को बढ़ाएगी।

🐟मीन
चोट व दुर्घटना से बचें। लेन-देन में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। विवाद न करें। आर्थिक समस्या रह सकती है। नए कामों में सफलता मिलेगी। व्यापार अच्छा चलेगा। स्वास्थ्य में सुधार होगा। खर्च का बोझ बढ़ेगा।

बक्कफुट पर विपक्ष कर रहा अमर्यादित हमले


मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप कांड की आड़ में निजी चारित्रिक हनन का प्रयास विद्रूप राजनीति का परिचायक है


मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन उत्पीड़न की घटना के डिटेल ज्यों-ज्यों सामने आए ये एक सेक्स स्कैंडल का रूप लेता गया. 34 नाबालिग लड़कियों के साथ लंबे समय से रेप और यातना की पराकाष्ठा ने ब्रांड बिहार पर गहरा चोट किया है. इसकी जितनी आलोचना की जाए कम है और विपक्ष का मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग भी उनका क्षेत्राधिकार है, लेकिन इस घटना की आड़ में निजी चारित्रिक हनन का प्रयास विद्रूप राजनीति का परिचायक है.

पिछले कुछ दिनों से मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के वरिष्ठ नेताओं ने सत्ता पक्ष को निशाना बनाने के लिए अमर्यादित तरीके से प्रहार करने की रणनीति अपनाई है. हालांकि इस मामले में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने भी बहती गांगा में हाथ साफ किया और तेजस्वी के निजी सचिव के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न के कागजात पेश कराए.

बेटियों के साथ हुए अन्याय की आड़ में राजनीतिक रोटी सेंकना सही नहीं

नेताओं की जाती राजनीतिक महत्वाकांक्षा के तहत विरोधियों की छवि धूमिल कर अपने आकाओं को खुश करने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाए जाते रहे हैं. तर्कों और तथ्यों के सहारे तो इसे एक हद जायज ठहराया भी जा सकता है लेकिन बिना किसी बुनियाद के कतई नहीं. बिहार की बेटियों के साथ जो कुछ हुआ उसकी आड़ में राजनीतिक रोटी सेंकने की कोशिश में नीतीश कुमार और उनके सहयोगियों को चुनिंदा तरीके से ‘उत्पीड़क’ साबित करने की कोशिश बिहारी कट्टे की शक्ल ले सकती हो जो अक्सर बैकफायर करता है.

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जिस संजीदगी पर आक्रामकता से इस मामले पर आरजेडी का रूख सार्वजनिक किया ठीक उसके विपरीत भाई वीरेंद्र और शिवानंद तिवारी सरीखे नेताओं ने मुद्दा केंद्रित अटैक को निजी सनसनीखेज आरोपों के जरिए भटकाने की कोशिश की. तेजस्वी को अपने स्वयंभू कमांडरों को जद में लाने की जरूरत है. इसका कारण ये भी है कि शिवानंद जैसे नेता इमरजेंसी के जमाने की भूमिका गिना-गिनाकर अपने को प्रासंगिक बनाए रखने की कोशिश करते आए हैं. इसके उलट असल राजनीतिक जीवन में ऐसे समाजवादी हर दरबार में घुटने टेक उसके मुखिया के कंधे का इस्तेमाल बंदूक चलाने के लिए करते आए हैं.

सीबीआई को मुजफ्फरपुर मामले की जांच सौंपने के बाद मंजू वर्मा का इस्तीफा हो चुका है. इसमें कोई शक नहीं कि इन दोनों फैसलों के पीछे विपक्ष का दबाव भी काम आया. विपक्ष के पास सरकार पर दबाव बनाने का मौका है. बनाए, लेकिन निजी चारित्रिक हनन से बाज आए.

विपक्ष को इन तीन बातों का ध्यान रखना चाहिए

विपक्ष को तीन चीजों पर गौर करना चाहिए. पहला, आरोप मढ़ने के लिए कैमरे के सामने जाने वाली की निजी विश्वसनीयता कैसी है. दूसरा, जिस पर चारित्रिक चोट करना है उसका कोई पुराना इतिहास रहा है या ये सिर्फ पूर्वाग्रह से प्रेरित है. तीसरा, कालांतर में इस तरह के आरोपों का राजनीतिक प्रतिफल.

इन सभी मानकों पर हालिया हमला आरजेडी का भटकाव है. दरअसल नीतीश कुमार पर निजी चारित्रिक हमले का प्रतिफल सर्वविदित है. तब विपक्ष की नेता राबड़ी देवी थीं. 2009 का चुनाव था. उन्होंने नीतीश पर दो ट्रेनों के नामकरण को लेकर हमला बोला. नतीजा, 40 में 32 सीटें जेडीयू-बीजेपी के पाले में गईं. अगले विधानसभा चुनाव में आरजेडी 22 पर सिमट गई. सिर्फ यही कारण था, ऐसा नहीं है, पर इससे भी कोई इनकार नहीं कर सकता कि जनता के मन मस्तिष्क में हर नेता की एक छवि होती है और उसे बिगाड़ने का प्रयास विफल होने पर खामियाजा भुगतना पड़ता है. आज वो दो रेलगाड़ियां भी चल रही हैं और नीतीश की सीएम की कुर्सी भी बरकरार है.

हालांकि तेजस्वी ने खुद भी पिछले साल नवंबर में पुराना राग छेड़ा था. इसका कारण भी था. तब तेजस्वी की कुछ पुरानी तस्वीरें नीतीश के सिपहसालारों ने सामने लाई थी जिनका मौजूदा राजनीतिक पटल पर कोई औचित्य नहीं है. ऐसी स्थितियों में विपक्ष को नीतीश से सीखना चाहिए. धीरज और चुप्पी राजनीति के अकाट्य हथियार हैं. खासकर तब जब आपको अपने ऊपर लेशमात्र भी संदेह न हो.

राजनीतिक शुचिता वक्त का तकाजा है

हालिया विपक्षी हमलों में इस बात का ध्यान रखा गया कि नीतीश के निजी व्यक्तित्व को प्रहार से मुक्त रखा जाए. फिर उनके निकटवर्ती नेताओं को चुना गया. आरसीपी अपने कथित टैक्स के लिए पहले से ही निशाने पर थे. तो शिवानंद ने आनन-फानन में बुलाए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजय झा पर अनर्गल आरोपों की झड़ी लगा दी. लेकिन नीरज कुमार की तरह कुछ निरर्थक और अप्रासंगिक सबूत दिए बिना.

अगर तेजस्वी ने खुद उनके कंधे पर रख बंदूक चलाई है, तो रणनीति ठीक नहीं है क्योंकि यहां पूर्वाग्रह का पुट ज्यादा दिखाई देता है. सूबे में पिछले साल आए राजनीतिक भूचाल के पीछे जिन कुछ नेताओं की भूमिका थी उनमें संजय झा भी शामिल हैं. संजय झा को पर्दे के पीछे सक्रिय रह कर महागठबंधन से नीतीश के अलग होने और बीजेपी के साथ जाने की पटकथा का सह लेखक माना जाता है. शायद इसीलिए रातों-रात सरकार बदलने के बाद लालू यादव ने संजय झा पर तीखे प्रहार किए थे. अगर हालिया हमला उस पूर्वाग्रह से प्रेरित है तो विपक्ष फिर बुनियादी चूक कर रहा है.

वहीं जेडीयू प्रवक्ताओं को भी इसका भान होना चाहिए कि युवा नेतृत्व के मानक पर उनकी टोली में सूनापन है और ये तेजस्वी की बड़ी ताकत है. ऐसे में राजनीतिक शुचिता वक्त का तकाजा है. खासकर तब जब अटलजी की याद में हमारी आंखें सजल हैं. शायद बिहार से उनके लिए यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

अटल के नाम पर योगी सरकार यूपी के शहरों में बनाएगी 4 बड़े स्मारक

 

दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर योगी सरकार यूपी के शहरों में 4 बड़े स्मारक बनाने की तैयारी में है. यूपी सरकार जल्द ही कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव लाकर इन स्मारकों को बनाने पर फैसला लेगी.

बताया जा रहा है कि कानपुर, आगरा (बटेश्वर), लखनऊ और बलरामपुर में अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर स्मारक का निर्माण कराया जाएगा. क्योकि आगरा के बटेश्वर में अटल जी का गांव है. वहीं उन्होंने पहला चुनाव बलरामपुर से लड़ा था. अटल जी ने कानपुर से शिक्षा-दीक्षा ली थी और लखनऊ में उनका लंबा राजनीतिक इतिहास रहा है. क्योकि वे यहां से 5 बार सांसद रहे थे.

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा था कि उत्तर प्रदेश वाजपेयी की कर्मभूमि रहा है. इस सूबे के हर क्षेत्र से उन्हें गहरा लगाव था. इसी लिए जनभावनाओं का सम्मान करते हुए वाजपेयी की अस्थियां प्रदेश के सभी जिलों की मुख्य नदियों में प्रवाहित की जाएंगी, ताकि राज्य की जनता को भी उनकी अन्तिम यात्रा से जुड़ने का अवसर मिल सके.

देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार को लंबी बीमारी के बाद 93 साल की उम्र में निधन हो गया. अटल बिहारी वाजपेयी ने एम्‍स दिल्‍ली में आखिरी सांस ली. बीते 11 जून से अटल बिहारी को यूटीआई इंफेक्शन, लोवर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और किडनी संबंधी बीमारियों के कारण एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया था. उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी.