सोनिया – राहुल टैक्स मामले में पँहुचे कोर्ट


राहुल गांधी के बाद सोनिया गांधी ने भी नेशनल हेराल्ड और यंग इंडिया से जुड़े आयकर विभाग के टैक्स एसेसमेंट के नोटिस को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है


नेशनल हेराल्ड मामले से जुड़े टैक्स एसेसमेंट के मामले में सोनिया गांधी की तरफ से दिल्ली हाई कोर्ट में कहा गया है कि आयकर विभाग ने उनके खिलाफ ‘दुर्भावना की नीयत’ से नोटिस भेजा है. सोनिया गांधी की ओर से मंगलवार को कांग्रेस नेता पी चिदम्बरम ने हाई कोर्ट में उनका पक्ष रखा है. जस्टिस एस रवींद्र भट्ट और जस्टिस एके चावला की बेंच के सामने पी चिदम्बरम ने दलील पेश करते हुए कहा कि श्रीमती गांधी को यंग इंडिया कंपनी से कोई भी आय नहीं हुई इसलिए उनपर आयकर विभाग की कोई देनदारी नहीं बनती.

बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक, दिल्ली हाई कोर्ट सोनिया गांधी और कांग्रेस नेता ऑस्कर फर्नांडिस की ओर से आयकर विभाग के द्वारा भेजे नोटिस के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था. इस नोटिस में नेशनल हेराल्ड और यंग इंडिया से जुड़े ‘टैक्स एसेसमेंट’ की दोबारा जांच की बात कही गई थी. आयकर विभाग ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, ऑस्कर फर्नांडिस और मोती लाल वोहरा को साल 2011-12 में यंग इंडिया से हुई कथित आय का जिक्र न करने पर नोटिस भेजा था. इस पर सोनिया गांधी की ओर से पक्ष रख रहे पी चिदम्बरम ने कोर्ट में कहा है कि सोनिया गांधी ने साल 2011-12 का इनकम टैक्स रिटर्न सही भरा था. उन्हें कंपनी में खरीदे गए शेयर से कोई अतिरिक्त आय नहीं हुई थी.

इससे पहले राहुल गांधी भी आयकर विभाग द्वारा वित्त वर्ष 2011-12 के टैक्स एसेसमेंट की फिर से जांच के लिए दिए गए नोटिस के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का रुख कर चुके हैं. इस मामले में आयकर विभाग का पक्ष रख रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया था कि राहुल गांधी ने 2011-12 में आयकर विभाग में दाखिल टैक्स रिटर्न में इस बात की सूचना नहीं दी थी कि वे इस दौरान यंग इंडिया कंपनी के डायरेक्टर थे. इसलिए विभाग ने उन्हें टैक्स एसेसमेंट के लिए नोटिस जारी किया है. कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी और आयकर विभाग कांग्रेस नेताओं की दलील के खिलाफ अपना पक्ष रखेगा.

इससे पूर्व मार्च में यंग इंडिया ने कोर्ट से दिसंबर 2017 में भेजे आयकर विभाग के नोटिस पर रोक लगाने की अपील की थी. आयकर विभाग ने आईटी अधिनियम की धारा 156 के तहत कंपनी को साल 2011-12 के टैक्स एसेसमेंट के तहत 249.15 करोड़ रुपये टैक्स और ब्याज की देनदारी का नोटिस जारी किया था. तब कंपनी ने यह भी कहा था कि यंग इंडिया एक चैरिटेबल फर्म है और उसकी कहीं से कोई आय नहीं होती इसलिए टैक्स की देनदारी के लिए आयकर विभाग ने उन्हें गलत नोटिस जारी किया है.

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