दिल्ली विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित कर मुख्य सचिव को कथित रूप से बीजेपी के इशारे पर सीसीटीवी कैमरा प्रोजेक्ट में बाधा पहुंचाने के लिए तत्काल हटाने की मांग की गई है
अरविंद केजरीवाल सरकार क्या दिल्ली के मुख्य सचिव (चीफ सेक्रेटरी) अंशु प्रकाश को हटाने की तैयारी में है. यह सवाल इसलिए उठता है क्योंकि शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित कर मुख्य सचिव को कथित रूप से बीजेपी के इशारे पर सीसीटीवी कैमरा प्रोजेक्ट में बाधा पहुंचाने के लिए तत्काल हटाने की मांग की गई.
इस कदम से नौकरशाहों और सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) के बीच तनाव और बढ़ने की आशंका है।
आप की बहुमत वाली दिल्ली विधानसभा की ओर से विचार व्यक्त किया गया कि दिल्ली में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाना फौरन जरूरी है
विधानसभा में पारित प्रस्ताव में कहा गया, ‘सदन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की सीसीटीवी परियोजना को बाधित करने के लिए निंदा करता है जो केंद्र की बीजेपी सरकार की ओर से काम करते प्रतीत होते हैं. उनका कृत्य सीसीटीवी परियोजना को बाधित करने के विपक्ष की साजिश का हिस्सा लगता है. सदन मांग करता है कि अंशु प्रकाश को दिल्ली के मुख्य सचिव पद से तत्काल हटाया जाए.’
बता दें कि 19-20 फरवरी की आधी रात अरविंद केजरीवाल के आवास पर राशन कार्ड और अन्य मुद्दों पर बुलाई गई बैठक के दौरान मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ कथित रूप से हाथापाई की गई थी. अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री वहां मौजूद थे मगर वो तमाशबीन बने रहे.
इस घटना के बाद दिल्ली के आईएएएस अधिकारियों ने केजरीवाल सरकार और मंत्रियों से मिलना बंद कर दिया था. अधिकारियों के इस रुख को लेकर मुख्यमंत्री केजरीवाल बीते जून महीने में अपने 3 मंत्रियों के साथ एलजी ऑफिस में 9 दिन तक धरने पर बैठे रहे थे.