अवसरवादिता राजनीति नहीं, कांग्रेस की केजरीवाल को सीख


कांग्रेस प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आम आदमी पार्टी द्वारा उपसभापति के चुनाव से दूर रहने पर तीखा हमला किया और उन्हें खरी खरी सुना दी.


शर्मिष्ठा मुखर्जी  ने आज अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि राज्यसभा के उप-सभापति चुनावों का ‘बहिष्कार’ कर आम आदमी पार्टी ने सिर्फ भाजपा की मदद ही की है. 2015 में सत्ता में आने के बाद से ही अरविंद केजरीवाल का केंद्र और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ झगड़ा रहा है. लेकिन आज के मतदान से आम आदमी पार्टी के तीन सांसदों ने बहिष्कार कर न सिर्फ विपक्ष के आंकड़ों को कम कर दिया बल्कि बहुमत की संख्या को कम करके करके सरकार की मदद भी की. पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्वीट किया- “आम आदमी पार्टी कहती है, ‘राजनीति अहंकार पर नहीं चलती है. बिल्कुल! यही कारण है कि अरविंद केजरीवाल ने भाजपा की मदद करते हुए राज्यसभा में मतदान से दूर रहने का फैसला किया.”

 

आआपा ने विपक्ष के उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद को सशर्त समर्थन दिया था. वे चाहते थे कि राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल को फोन करें और उनसे मदद मांगे. जब राहुल गांधी ने फोन नहीं किया तो पार्टी ने घोषणा की कि वह चुनाव से बाहर रहेगी. कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए पार्टी नेता संजय सिंह ने कहा, ‘अगर राहुल गांधी नरेंद्र मोदी को गले लगा सकते हैं, तो वह अरविंद केजरीवाल से उनके पार्टी के उम्मीदवार के समर्थन के लिए क्यों नहीं पूछ सकते हैं.’

कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि तीन वरिष्ठ नेताओं – गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और अहमद पटेल – ने फोन किया था. लेकिन केजरीवाल राहुल गांधी से फोन कॉल चाहते थे.

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्वीट किया:

आखिर राहुल गांधी को ऐसे इंसान से समर्थन की मांग क्यों करनी चाहिए जिसने खुलेआम 2019 के चुनावों में बीजेपी के समर्थन की घोषणा की है. अगर उनकी मांग पूरी हो जाए तो 2019 के चुनावों में वो बीजेपी का समर्थन करेंगे. राजनीति विचारधाराओं की लड़ाई है. ये अवसरवादी लोगों के लिए एक हाथ दे एक हाथ दे के तर्ज पर नहीं की जाती.


Sharmistha Mukherjee

Rupashree Nanda

@rupashreenanda

AAP will not vote for Congress candidate unless Cong Pres @RahulGandhi reaches out to CM @ArvindKejriwal; @RahulGandhi can hug PM @narendramodi,why can’t he call @ArvindKejriwal ? Politics does not run on ego says @AamAadmiParty #RSVP ellections


जून में दिल्ली विधानसभा में केजरीवाल ने घोषणा की थी कि अगर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया तो वह 2019 में बीजेपी के लिए प्रचार करने के लिए तैयार हैं. शर्मिष्ठा मुखर्जी अपने ट्वीट में इसी घोषणा का जिक्र कर रही थीं. कांग्रेस और आआपा के बीच के तनावपूर्ण संबंध 2011 से ही चले आ रहे हैं. जब आआपा का गठन नहीं हुआ था और केजरीवाल और उनके करीबी अन्ना हजारे के सहयोगी थे. अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का नेतृत्व किया था. यह आंदोलन 2014 के चुनावों में कांग्रेस की हार का एक बड़ा कारण बना था.

2013 में आआपा ने दिल्ली में कांग्रेस के समर्थन के साथ सरकार बनाई. लेकिन 49 दिनों के बाद ही अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस पर भाजपा के साथ सहयोग करने और जन लोकपाल विधेयक को रोकने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया.

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