हथकरघा उद्योग से जोडक़र कैदियों को मुख्यधारा में लाना मकसद-ललिता चौधरी
रोहतक, 7 अगस्त। विश्व हैंडलूम डे के अवसर पर टच ग्लोबल फाऊंडेशन के कार्यकत्र्ताओं ने अन्तर्राष्ट्रीय फैशन डिजाइनर ललिता चौधरी के नेतृत्व में 150 से अधिक कैदी बुनकरों (वीवर्स) को उपहार देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर ललिता चोधरी ने कहा कि हैंडलूम को पावरलूम के उत्पाद से कड़ी चुनौती मिल रही है। प्रतिस्पर्धा के दौर में हथकरघा वस्त्रों को बाजार में लाभकारी मूल्य दिलाना प्राथमिकता है। राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाने का मकसद जेल में काम कर रहे 150 से अधिक बुनकरों को इस पेशे के जरिये सम्मान दिलवाना है।
ललिता चौधरी ने कहा कि हमने अपने रेजा उत्पाद के लिए जिला जेल के 150 कैदियों को हैंडलूम का काम सिखाया है। जिससे वे कपड़ा बुनने में कुशल हो गये हैं। इस कार्य का मुख्य उद्देश्य कैदियों को मुख्यधारा से जोडक़र उनके लिए रोजगार सृजित करना है। पिछले एक साल से चल रहे प्रशिक्षण को कैदियों ने बड़ी गंभीरता से लेकर सुन्दर उत्पाद बनाने सीख लिये हैं। जिसकी बाजार में खूब मांग बढ़ रही है। ललिता चौधरी ने कहा कि उनकी योजना जिला जेल के कैदियों की कला को विश्वस्तर तक पहुंचाने की है। जिससे इन उत्पादों को अन्तर्राष्ट्रीय मार्किट में स्थान मिल सके तथा हमारे कैदी भाई इससे अपना रोजगार अर्जन कर अपने पांवों पर खड़े हो सकें।
इस अवसर पर मुख्य रूप से जेल अधीक्षक सुनील सांगवान, पुलिस उप अधीक्षक सुरेन्द्र, रविन्द्र नांदल आदि ने भी अपने विचार रखे।