माह के ज्येष्ठ रविवार यानि 22 जुलाई को बाबाजी का लंगर का आयोजन किया जाएगा

 

पंचकूला -21जुलाई:

सिद्ध बाबा पौणाहारी लंगर सेवा दल ट्राइसिटी आज 22जुलाई को लंगर का आयोजन कर रहा है सेवा दल के प्रधान विक्रांत पंडित ने बताया कि सेवादल प्रत्येक माह के ज्येष्ठ रविवार को बाबाजी का लंगर का आयोजन करता आ रहा है यह आयोजन पंचकूला में सेक्टर 11 के मकान नंबर 452 के पास किया जाएगा जिसमें बासमती चावल , दाल मखनी व हलवे का लंगर वितरित किया जाएगा । निष्काम सेवा सकीर्तन मंडली की प्रधान मीना शर्मा ने बताया कि इस अवसर पर मंगल मुखी ट्रांरजेंडर वेलफेयर एसोसिएशन चण्डीगढ की प्रधान किन्नर महंत काजल मुखी विशेष रूप से लंगर में आकर सेवा करेंगी ।

पर्यावरण की याचिका पर नगर निगम और केन्द्र सरकार को नोटिस जारी

चडीगढ :
केन्द्र शासित शहर चंडीगढ की घटती हरियाली को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने चंडीगढ प्रशासन,चंडीगढ नगर निगम और केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुनवाई की अगली तिथि 16अगस्त तय की गई है।
याचिका वकील अमित गोयल ने दायर की है। याचिकाकर्ता के वकील शिवकुमार शर्मा ने बताया कि चंडीगढ में पार्किंग के कारण 70 फीसदी हरियाली घट गई है। खासकर सेक्टर 34 में हरियाली घटी है। उन्होंने कहा कि इसी हरियाली के कारण चंडीगढ को सिटी ब्यूटीफुल कहा जाता रहा है। लेकिन अब इस हरियाली का संरक्षण नहीं किया जा रहा।
  उन्होंने बताया कि पहले हरियाली के संरक्षण के लिए कदम उठाने की मांग को लेकर ज्ञापन भी प्रशासन को सौंपे गए थे। लेकिन कोई कदम न उठाए जाने पर याचिका दाखिल की गई है

कांग्रेस की बिसात पर दी मोदी ने मात


अपनी सरकार के खिलाफ पहले अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देने की बारी प्रधानमंत्री मोदी की थी. दिन भर चली बहस और अपने ऊपर हुए कटाक्ष पर उसी अंदाज में जवाब देने की उम्मीद भी की जा रही थी, हुआ भी वैसा ही.


अपनी सरकार के खिलाफ पहले अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देने की बारी प्रधानमंत्री मोदी की थी. दिन भर चली बहस और अपने ऊपर हुए कटाक्ष पर उसी अंदाज में जवाब देने की उम्मीद भी की जा रही थी, हुआ भी वैसा ही. भले ही अविश्वास प्रस्ताव टीडीपी की तरफ से लाया गया था, लेकिन, जवाब देते वक्त मोदी के निशाने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ही रहे.

ऐसा होना भी तय था, क्योंकि राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान मोदी और उनकी नीतियों पर जोरदार हमला किया था. राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को आंख में आंख डालकर बात करने की चुनौती दी थी. राहुल ने ऐसा भ्रष्टाचार पर आरोप लगाते वक्त किया था. लेकिन, मोदी ने इसे अपने ही अंदाज में भुनाने की कोशिश की.


ज्यों ही राहुल ने मोदी को आँखों में आंखे डाल कर बात करने को कहा तो एक दोहा याद आ गया

“तनिक सी किंकरी पड़त नैन होत बेचैन

रहिमन ताकि का गति जिन नैनन में नैन”


मोदी ने तंज कसते हुए कहा ‘मैं तो गरीब का बेटा हूं, पिछड़ी जाति में पैदा लिया हूं, आप नामदार हैं, हम कामदार हैं, हमारी हिम्मत कहां जो आपसे आंख में आंख डाल कर बात कर सकें. मोदी ने गांधी-नेहरू परिवार पर सीधा वार करते हुए कहा कि जिन-जिन लोगों ने आप लोगों से आंख मिलाने की कोशिश की उनके साथ आपने क्या किया.’ मोदी ने कहा, ‘सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल से लेकर चौधरी चरण सिंह, चंद्रशेखर से लेकर प्रणब मुखर्जी और शरद पवार तक सबके साथ गांधी-नेहरू परिवार के लोगों ने क्या-क्या किया.’ मोदी ने राहुल गांधी को परिवार का इतिहास बताकर उनकी बात का जवाब दिया.

राहुल गांधी ने अपना भाषण खत्म करने के बाद अचानक सत्ता पक्ष की तरफ जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगाया था. इस कोशिश के जरिए राहुल ने अपनी छवि दिखाने की कोशिश की थी. इस जादू की झप्पी को लेकर भी प्रधानमंत्री ने अपने ही अंदाज में जवाब दिया. मोदी ने इसे राहुल की प्रधानमंत्री के पद पर बैठने की जल्दबाजी से जोड़ दिया.


अ. प्रिय राहुल ज़ौक़ साहिब का इक शेर पेश-ए-नज़र है

कम होंगे इस बिसात पे तुम* जैसे बाद किमार

जो चाल तुम* चले निहायत (ही) बुरी चले

उस्ताद मियां बहुत पहिले ही चल बसे, अन्यथा वह यही कहते।

  • * तुम को असली शेर में हम पढ़ें

विपक्ष को मात देने के बाद अब फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार बढ़े मनोबल के साथ संसद के मौजूदा सत्र में विपक्ष पर हमलावर रहेगी. सरकार को घेरने के लिए अब विपक्ष के पास कोई मुद्दा भी नहीं बचा है. हर मुद्दे पर विपक्ष के सारे सवालों का जवाब देकर मोदी ने विपक्ष की बोलती बंद कर दी है. यही मोदी की रणनीति भी थी जिसके तहत सरकार ने टीडीपी के अविश्वास प्रस्ताव को सत्र के पहले ही दिन स्वीकार कर लिया.

सरकार इसके लिए तैयार भी थी. सरकार को लग रहा था कि अलग-अलग मोर्चे पर मोदी विरोधी मुहिम चलाने वाले विपक्षी दलों को एक साथ जवाब देकर फिर से नए मनोबल और नई उर्जा के साथ सरकार बाकी बचे कार्यकाल के लिए काम भी करेगी. मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान इस मौके को एक बड़े प्लेटफॉर्म के तौर पर इस्तेमाल किया. कोशिश थी विपक्ष के तरकश के सारे तीर को धाराशायी करने की. मोदी काफी हद तक इसमें सफल भी रहे.

अपने डेढ़ घंटे के करीब दिए भाषण के दौरान मोदी ने विपक्ष को 2024 में अविश्वास प्रस्ताव लाने को लेकर शुभकामना दी. मोदी का मतलब विपक्ष को यह दिखाना था कि 2024 तक कोई वेकेंसी नहीं है. मोदी लोकसभा के अपने भाषण से देश की जनता को यह भरोसा दिला रहे हैं कि 2019 में फिर से उनकी ही सरकार बनेगी. इसे मोदी का अति आत्मविश्वास कहकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता,

क्योंकि अविश्वास प्रस्ताव के दौरान मोदी का आत्मविश्वास भी दिखा जबकि दिन भर चर्चा में रहने के बावजूद राहुल गांधी को लेकर वो विश्वास नहीं दिखा, जिससे यह उम्मीद की जा सके 2019 की लडाई में राहुल गांधी की तरफ से मोदी को बडी चुनौती दी जा सकती है.

यह कहना गलत नहीं होगा कि राहुल गांधी ने मोदी को घेरने का एक बड़ा मौका खो दिया है जबकि मोदी ने फिर से मैदान मार लिया है. जिसके दम पर वो नई धार और नई रणनीति के सहारे विजयी भाव से आने वाली लड़ाई की तैयारी में जुटने वाले हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा के भीतर कुछ इसी तरह की हरकतें की थी जिसपर मोदी को तंज कसने का मौका भी मिल गया. मोदी से गले मिलने के बाद राहुल गांधी ने अपनी सीट पर वापस आकर जिस अंदाज में आंख मारी उसको लेकर उनकी गंभीरता को लेकर सवाल खड़े होने लगे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बार-बार राहुल गांधी की हरकतों को बचकाना हरकत बताकर उनकी गंभीरता को कमतर आंकने की कोशिश की.

राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान सेना की तरफ से किए गए सर्जिकल स्ट्राइक को जुमला स्ट्राइक कहकर मोदी का मजाक उडाया था. लेकिन, इसको लेकर भी मोदी ने राहुल गांधी को कठघरे में खडा कर दिया. सभी मुद्दों को अपने पक्ष में भुनाने में माहिर मोदी ने राहुल के इस कदम को सेना का मनोबल गिराने वाला बताया.

बीजेपी की सहयोगी शिवसेना इस अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन से नदारद रही. फिर भी सरकार के पक्ष में 325 सांसदों का समर्थन हासिल हो गया. कुल 451 सांसदों ने वोटिंग में हिस्सा लिया जिसमें टीडीपी की तरफ से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में 126 सांसदों ने वोटिंग की जबकि विरोध में 325 सांसदों ने वोटिंग की. इस तरह सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव भारी अंतर से गिर गया.

 

राजवीरेंदर वशिष्ठ

rajvirendravashisht@demokraticfront.com

Life Path Number – 3

 

Life Path Number 3 – Three

They want to participate in an active social life and enjoy a large circle of friends. They have issues involving money, abundance, and commitment. They may need to constantly evaluate whether they are working to satisfy their needs or to inflate their egos because they want to be in the limelight.

NUMBER 3 PREDICTIONS

dailyweeklymonthlyyearly

Basics Of The Life Path Number 3

Date Lord

Jupiter

Element:

Ether

For Business:

3,5,6,7,9

For Romance:

1,3,6,9

For Marriage:

3,5,6,7,9

Best No.:

12

Lucky Day:

Tuesday, Friday

Lucky Color:

Yellow

Lucky Gem:

Yellow Sapphire

Significant Years In Life:

12, 21,3039,48,57,66,75

Favorable Direction:

North East

Favorable Taste:

Sweet

Positive Traits:

They are friendly and very social. They have a good mental and emotional balance. They are intuitive, and creative.

Negative Traits:

They are over-optimistic, non-stop talkers.

Strongest Sense

Friendly Numbers:

1,2,9

Neutral Number:

4,8

Enemy Number:

5,6

Lucky Metal:

Gold

Auspicious Month:

March, June, Sept, December

Auspicious Period:

19th Feb-21 Nov and 21 Nov to 21 Dec

Best First Name Alphabets:

C,G,L,S

Life Path Number – 3

Life path number 3 represents some wonderful traits in the individuals born under this category. They are very good at creatively expressing themselves. They wish the world around them to be novel and filled with enough newness and freshness. They can communicate well with their peers and people at large with eloquence and a highly engaging spirit. These individuals want to do something new every time and impress others by exhibiting their multi-faceted talents. They can never sit back relaxed to focus on enjoyments. One of the main strengths of persons sharing life path number 3 is their strong communication. They have the power to express tough ideas with ease and entertain people in several meaningful ways. These persons have the greatest zeal for creativity and possess a lot of self-expression. This ability makes them excel in fields like poetry, acting, writing, art and music. You find these persons occupying positions like singers, performers, counselors, broadcasters, journalists and writers.

Life Path Number 3 Personality

Individuals sharing life path number 3 are highly optimistic. They are always giving and willing to sacrifice their comforts and belongings for the sake of others. When it comes to generosity, none can excel them. Due to their charismatic personality, they attract people around them. Their priority to living a happy life today and hence they do not wish to save for future. They will find it tough to take up responsibilities especially on a regular basis since they always look forward to a carefree life. They have a positive outlook and hence do not feel it is important to save for emergency situations. Therefore most people feel they are not good at managing finance. Often people with life path number 3 tend to live the life superficially. They do not have any well-defined sense of direction to guide themselves. So, delays are very common in their performance often inviting the dissatisfaction of their superiors at workplace. Their emotional side is often risky. They tend to loose balance when they are upset or angry and during those times, they pass on critical comments on people around them. This situation could often drive them manic and depressive. They must guard against the tendency to exaggerate the truth.

Life Path Number 3 Careers

Numerology says life path number 3 individuals are highly creative and dynamic. They have a big difficulty to put up with routine and monotonous activities. They always prefer and do well in careers that give vent to their flair for experiencing unconventional and unexpected things in life. You find them doing a great job in arts, writing and film industry. They will also shine very well in advertising, public relations, marketing and media. A lot of them work as journalists and broadcasters. The hallmarks that differentiate the 3s from the rest of the folks is their lively natur

22 जुलाई को यवनिका पार्क में राहगीरी कार्यक्रम आयोजित

 

 

पंचकूला, 20 जुलाई:

जिला प्रशासन द्वारा 22 जुलाई को प्रात: 6 से 8 बजे तक पंचकूला के सेक्टर 5 स्थित यवनिका पार्क में राहगीरी कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस राहगीरी कार्यक्रम का मुख्य फोकस इंडियन कल्चर एवं हैरीटेज होगा।
राहगीरी कार्यक्रम को भव्य, धूम-धड़ाके एवं गरिमापूर्ण तरीके से आयोजित करने की दिशा में पंचकूला के उपमण्डल अधिकारी दना०½ पंकज सेतिया व एसीपी नुपुर बिश्रोई ने आज जिला सचिवालय के सभागार में विभिन्न कार्यक्रमों की प्रस्तुति की दिशा में संबंधित अधिकारियों से विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। राहगीरी कार्यक्रम से जुड़े प्रधान अशोक हंस हिसार ने कार्यक्रम को और आकर्षित बनाने के लिए अपने सुझाव दिये और कई कार्यक्रमों की तैयारियों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।
हरियाणा सडक़ सुरक्षा संगठन के उपाध्यक्ष सुभाष कपूर ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान विभिन्न चित्रकला प्रतियोगिताएं करवाई जाएंगी। प्रतियोगिता के प्रथम ग्रुप में पहली से चौथी कक्षा के बच्चे भाग लेंगे जबकि दूसरे ग्रुप में 5वीं से 8वीं तथा तीसरे ग्रुप में 9वीं से अधिकतम कक्षाओं के बच्चे भाग लेंगे।
उल्लेखनीय है कि इस दौरान योगा, सांस्कृतिक कार्यक्रम, एरोविक्स, साईकिलिंग, डांस, बॉक्सिंग, स्केटिंग, जुडो, कैरमबोर्ड, सांपसीडी, कराटे, क्रिकेट, बैडमेटिन, फुटबाल, मटका रेस, सडक सुरक्षा के संबध मे यातायात नियमों की जानकारी बारे व अन्य मौज मस्ती की दिशा में आयोजित गतिविधियों सहित लघु नाटक बेटी बचाओ बेटी पढाओ, ओडीएफ, साफ सफाई पर भी गीत प्रस्तुत किये जाएंगे।
उन्होंने जिलावासियों से आग्रह करते हुए कहा कि वे इस कार्यक्रम में मौज मस्ती के लिए अवश्य भाग लें। उन्होंने कार्यक्रम से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी विस्तार से संबंधित अधिकारियों के साथ विस्तार से बातचीत की। कार्यक्रम में राजकीय विद्यालय सेक्टर 15, सेक्टर 19 व सेक्टर 6 के बच्चों द्वारा भी सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा।
बैठक में पतंजलि समिति के सदस्य, जयभागवान कंबोज सहित विभिन्न स्कूलों के प्रिंसीपलों व विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री को इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए :रणबीर सिंह शर्मा

पंचकूला/मोरनी:
राष्ट्रीय लोक स्वराज पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व आई.जी. रणबीर सिंह शर्मा ने मोरनी मेें हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री को इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। मुख्यमंत्री गृह विभाग का नेतृत्व करने में बुरी तरह से फेल साबित हुए हैं।
मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल के दौरान हरियाणा में महिलाओं के साथ बलात्कार, छेड़छाड़ की घटनाओं में जहां भारी वृद्धि हुई है वहीं राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की वार्षिक रिपोर्ट से यह साफ होता है कि हरियाणा अब रेप की राजधानी बन चुका है। आई.पी.एस. रणबीर सिंह शर्मा ने कहा कि मोरनी में हुई घटना ने पुलिसिया तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री प्रदेश की पुलिस को कुशल नेतृत्व प्रदान करने में बुरी तरह से फेल साबित हुए हैं। रणबीर सिंह शर्मा ने कहा कि मोरनी के गैस्ट हाउस गैरकानूनी कार्यों का अड्डा बने हुए हैं। जिन्हें नेताओं व पुलिस का संरक्षण हासिल है। एक तरफ सरकार मोरनी को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की बात कर रही है दूसरी तरफ यहां आने वाली महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।

मोरनी में सामूहिक दुष्कर्म का मामला, चौकी इंचार्ज और एक महिला एएसआई को सस्पेंड

पंचकुला:

मोरनी हिल्स में हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में कार्रवाई करते हुए मोरनी चौकी इंचार्ज और एक महिला एएसआई को सस्पेंड कर दिया गया है। पंचकूला के डीसीपी राजिंदर मीना ने इस बात की पुष्टि की है। मामले में तीन आरोपियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पंचकूला डीसीपी राजेन्द्र कुमार मीना ने बताया कि अगर इस मामले को लेकर पंचकूला पुलिस की किसी प्रकार की लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।वहीं डीसीपी ने बताया कि शुरुआत में केस चंडीगढ़ में दर्ज हुआ जिसे चंडीगढ़ पुलिस ने पंचकूला महिला थाने में ट्रांसफर किया गया है और अब आगे की करवाई पंचकूला पुलिस कर रही है।

डीसीपी राजेन्द्र कुमार मीना ने पत्रकार वार्ता मेंं बताया कि मामले के संज्ञान में आते ही SIT गठित की गई है, जिसकी अध्यक्षता एसीपी अंशू सिंघला कर रही है।डीसीपी ने बताया कि मामले में चंडीगढ़ पुलिस ने 3 लोगों को अरेस्ट किया है और जिस का मामले में हाथ होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीसीपी ने बताया कि सुनील निवासी कुरुक्षेत्र, अवतार सिंह निवासी झांसी सहित 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।पुलिस ने बताया कि मुख्यारोपी सुनिल फोन से ही संदिग्घ एक्टिविटीज़ को संचालित कर रहा था और फ़िलहाल पंचकूला पुलिस ने गेस्ट हाउस की डीवीआर चंडीगढ़ पुलिस से ले ली है।

वही पंचकूला पुलिस पर पीड़िता के पति ने आरोप लगाया था कि पंचकूला पुलिस ने शिकायत मिलने पर भी कार्रवाई नहीं की, इस पर बोलते हुए डीसीपी ने कहा कि मामले को लेकर पंचकूला पुलिस की तरफ से जिसने भी लापरवाही बरती होगी उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। मोरनी के अधिकतर इलाको में चल रहे देह व्यापार के बारे पूछे गए सवाल पर डीसीपी ने बताया कि पहले से ही महिला पुलिस डी एस पी की अध्यक्षता में टीम बनाई गई है और इललीगल एक्टिविटीज को लेकर होटलों की लिस्ट भी तैयार की गई है और इलाके में इस प्रकार की गतिविधियां न हो इसके लिए लगातार चेकिंग की जा रही है ।

गौरतलब है कि पंचकूला के मोरनी इलाके में 22 साल की युवति को बंधक बनाकर 40 लोगों ने तीन दिन तक सामूहिक दुष्कर्म किया। युवति को नौकरी का झांसा देकर गेस्ट हाउस में बंधक बनाया गया था। पंचकूला पुलिस ने मामला दर्ज कर मुख्य आरोपी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के मुताबिक युवति चंडीगढ़ की रहने वाली है। इस युवति को मुख्य आरोपी नौकरी का झांसा देकर गेस्ट हाउस ले आया। जहां उसे बंधक बना लिया गया। कई लोग दरिंदगी की हदें पार कर इसे युवति से तीन दिन तक दुष्कर्म करते रहे। इस दौरान युवति ने अपने पति को फोन करने की कोशिश भी की लेकिन युवति से फोन छीन लिया गया। चौथे दिन युवति किसी तरह से गेस्ट हाउस से भागने में कामयाब हो गई और उसने पति को फोन से इसकी जानकारी दी। जिसके बाद युवति ने पुलिस का शिकायत दी।

हमने लोकतंत्र के लिए अपना प्रधानमंत्री चुना है, कोई कठपुतली नहीं

दिनेश पाठक , वरिष्ठ अधिवक्ता राजस्थान उच्च न्यायालय,एवं विश्व हिन्दू परिषद के विधि प्रमुख

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल गांधी के नुक्कड़छाप भाषण के बाद जो हुआ, वह लोकतंत्र को कलंकित करने वाला है! यह तो हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करना चाहिए कि उन्होंने प्रधानमंत्री पद के रुतबे को झुकने नहीं दिया, अन्यथा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तो पूरी कोशिश की थी कि उन्हें अपने इशारे पर सीट से उठाकर देश को यह संदेश दे कि प्रधानमंत्री कोई भी बन जाए, आदेश तो गांधी परिवार का ही चलेगा! लोकतंत्र के चुने हुए प्रधानमंत्री ने राजतंत्र के अहंकारी युवराज को झुका दिया!
झूठ के आधार पर गढ़े हुए अपने भाषण के बाद राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर बढ़े, इसे सभी ने लोकसभा चैनल पर देखा। लेकिन जनता और तथाकथित मीडिया बुद्धिजीवियों ने एक बार नोट नहीं किया, या फिर जानबूझ कर उसकी उपेक्षा की। वह एक क्षण था, जिसने साफ-साफ लोकतंत्र और राजतंत्र की मानसिकता के बीच के अंतर को स्पष्ट कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास पहुंच कर राहुल गांधी ने हाथ से बार-बार इशारा कर उन्हें अपनी सीट से उठने को कहा। एक नहीं, दो नहीं, तीन बार उन्होंने हाथ दिखाकर प्रधानमंत्री को अपनी सीट से उठने को कहा! आश्चर्य कि किसी ने इस ओर ध्यान क्यों नहीं दिया? प्रधानमंत्री पद इस लोकतंत्र का सबसे बड़ा पद है। राजसत्ता की मानसिकता वाला कोई गांधी इसका अपमान नहीं कर सकता है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जिस तरह से सोनिया-राहुल उठ-बैठ कराते थे, वही कोशिश राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी से कराना चाहा, लेकिन यह मोदी हैं, जिन्होंने सदन में प्रवेश करने के बाद उसे लोकतंत्र का मंदिर कहा था, उसकी चौखट को चूमा था।

प्रधानमंत्री मोदी ने भी इशारा किया कि किसलिए उठूं? और क्यों उठूं? मोदी के चेहरे पर उस वक्त की कठोरता नोट करने लायक थी और वह कठोरता प्रधानमंत्री पद की गरिमा को बनाए रखने के कारण उत्पन्न हुई थी। राहुल को समझ में आ गया कि यह व्यक्ति मनमोहन सिंह नहीं है जो उसके कहने पर किसी ‘नट’ की तरह नाचे। थक-हार कर राहुल गांधी झुका और जबरदस्ती पीएम मोदी के गले पड़ गया। इसके बाद फिर वह अहंकार पीछे मुड़ कर चलने लगा। गले मिलना उसे कहते हैं, जिसमें सदाशयता हो, उसे नहीं, जिसमें अहंकार हो। अहंकार से गले मिलने को गले पड़ना कहते हैं। राहुल गांधी पीएम से गले नहीं मिला, बल्कि उनक गले पड़ा!

पीएम के गले पड़कर वह मुड़ा और जाने लगा। पीएम मोदी ने उसे आवाज देकर बुलाया और सीट पर बैठे-बैठे ही उससे हाथ मिलाया, मुस्कुराए, उसकी पीठ ठोंकी, उसे शाबासी दी! बिल्कुल एक अभिभावक की तरह!

राहुल गांधी पीएम मोदी से गले मिलने नहीं, बल्कि वह गले पड़ने गया था। उन्हें आदेश देकर अपनी सीट से उठने के लिए कहने गया था। मेरा मानना है कि नरेंद्र मोदी के अलावा खुद भाजपा का भी कोई दूसरा नेता होता तो गांधी परिवार के इस अहंकार उद्दंड राजनेता के कहने पर उठ कर खड़ा हो गया होता! देखा नहीं आपने, जब राहुल गांधी पीएम मोदी के पास आए तो पिछली सीट पर बैठे कितने ही सारे भाजपाई नेता उठ कर खड़े हो गये थे, ताली बजा रहे थे! दरअसल यह सब पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर जीत कर आए हैं, लेकिन बीमारी तो वही कांग्रेस वाली लगी है, किसी वंश या परिवार के चाकरी की!
इस मामले को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी नोट किया कि राहुल गांधी ने सदन और प्रधानमंत्री पद की गरिमा का हनन करने का प्रयास किया है। सुमित्रा महाजन ने बाद में सदन में कहा, “जिस तरह राहुल गांधी प्रधानमंत्री के पास पहुंचे, उन्हें उठने को कहा, वह अशोभनीय था। प्रधानमंत्री अपनी सीट पर बैठे थे। वह कोई नरेंद्र मोदी नहीं हैं, बल्कि देश के प्रधानमंत्री हैं। उस पद की अपनी गरिमा है। इसके बाद राहुल उनके पास से जाकर अपनी सीट पर फिर से भाषण देने लगे और आंख मारा, यह पूरे सदन की गरिमा के खिलाफ था।”
अपने अध्यक्ष की अशोभनीय आचरण को ढंकने के लिए एक गुलाम की भांति कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकसभा अध्यक्ष के कहे पर आपत्ति दर्ज कराना चाहा। इस पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा, “मैं किसी को गले मिलने से थोड़े न रोक रहीं हूं। मैं भी एक मां हूं। मेरे लिए तो राहुल एक बेटे के समान ही हैं। लेकिन एक मां के नाते उसकी कमजोरियों को ठीक करना भी मेरा दायित्व है। सदन की गरिमा को हम सबको ही बनाए रखनी है।”
इसके उपरांत गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने थोड़ा दार्शनिक अंदाज में राहुल की हरकतों पर कटाक्ष कहते हुए कहा, “जिसकी आत्मा संशय में घिर जाती है, उसके अंदर अहंकार पैदा हो जाता है। यही आज सदन में देखने को मिला है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यह लोकतंत्र आपका आभारी है कि आप अपनी सीट पर बैठे रहे। यह हमारे वोट का सम्मान है। हमने लोकतंत्र के लिए अपना प्रधानमंत्री चुना है, कोई कठपुतली नहीं।

 

अशोक तंवर की जगह भूपेंद्र हुड्डा को प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने की मांग

चंडीगढ़: हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के कई विधायकों ने राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा है। यह समय इसलिए मांगा गया है क्योंकि कै. अभिमन्यु के बयानों को प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक तंवर द्वारा खुले बयान देने से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा इस कद्र आहत हुए हैं कि  उन्होंने अपने समर्थक विधायकों से चर्चा में यह कहा कि वह राजनीती छोड़ घर बैठने पर विचार कर सकते हैं।

गौरतलब है कि पिछले दिनों कै. अभिमन्यु ने कहा था कि सी.बी.आई. की चार्जशीट में निकल कर आया है कि फरवरी 2016 में जो तांडव जाट आरक्षण की आड़ में हुआ यह पूर्व नियोजित षड्यंत्र था और यह षड्यंत्र भूपेंद्र हुड्डा द्वारा रचा गया था।  यह बहुत पीड़ादायक बात है। उसके बाद तंवर ने भी बयान दिए थे कि उन पर हमला करने वाले भी वही लोग थे जिन्होंने वित्त मंत्री के परिवार को मारने की कोशिश की।

सूत्रों के अनुसार इन विधायकों ने तंवर के खिलाफ एक फाइल भी तैयार की है, जिसमें प्रमुख रूप से रोहतक में कांग्रेस ऑब्जर्वर के रूप में सेवानिवृत्त आई.ए.एस. अधिकारी प्रदीप कासनी को भेजने व उनके द्वारा वहां लोकसभा व विधानसभा सीटों के उम्मीदवारों  के लिए चयन प्रक्रिया अपनाए जाने व वहां दिए बयानों को हाईलाइट किया गया है।

इससे पहले अशोक तंवर के दिए इन बयानों की कांग्रेस के कई विधायकों की टिकटें भी कट सकती हैं तथा अधिकांश नए चेहरों को टिकट मिलेगी, को भी फाइल का हिस्सा बनाया गया है। सूत्रों की मानें तो एक तरफ कांग्रेस वर्किंग कमेटी में भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम नहीं आया साथ ही तंवर के इन बयानों से आहत हुड्डा के समर्थक 11 विधायक उनके पास पहुंचे।

हुड्डा ने भावुक होकर अपने समॢथत विधायकों से कहा कि वह बाहर वालों से तो हर मोर्चे पर लड़ लें, लेकिन जिस प्रकार पार्टी प्रधान ही हरियाणा में बीजेपी के सुर में सुर मिलाकर लड़ रहे हैं उससे वह आहत हैं। जिस पर उनके समॢथत सभी विधायक पहले की तरह एकजुट नजर आए तथा कहा कि वह खुद भी राहुल गांधी से मिलें तथा सभी विधायक भी समय लेकर राहुल गांधी से मिलेंगे।

राहुल गांधी को सारी स्थिति से अवगत करवाया जाए। इसी कड़ी में बुधवार भूपेंद्र सिंह हुड्डा राहुल गांधी से मिले भी लेकिन क्या बात हुई इस पर वह कुछ बताने को तैयार नहीं हैं, केवल यही कहते हैं कि राजनीतिक व गैर राजनीतिक सभी बातें हुईं। इसी क्रम में हुड्डा  समर्थक 11 विधायकों ने अशोक गहलोत, आनंद शर्मा व वी जार्ज से भी मुलाकात करके भूपेंद्र हुड्डा को मजबूती देने व राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा है।

हुड्डा समर्थक विधायकों ने अशोक तंवर की जगह भूपेंद्र हुड्डा को प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने की मांग की। उन्होंने  कहा कि अगर हुड्डा को प्रदेशाध्यक्ष नहीं बनाया गया तो इनैलो-बसपा के साथ मिलकर सरकार बना लेंगी और पार्टी के हाथ से सत्ता फिसल जाएगी। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस को सत्ता दिलवाने का दमखम सिर्फ भूपेंद्र हुड्डा के पास है।

‘अब खट्टर बताएं कितने लोगों की उंगली काटी जाएगी’, मोरनी की घटना पर बोले जयहिंद

चंडीगढ़: पंचकूला के मोरनी में हुए सामूहिक दुषकर्म की घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद ने प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि मोरनी की घटना ने हरियाणा सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर बताएं कि वह कितने लोगों की उंगली काटेंगे। क्योंकि मोरनी की घटना में सीधे तौर पर पुलिस विभाग सवालों के घेरे में है।

खट्टर सरकार पर हरियाणा को रेप की राजधानी बनाने का आरोप लगाते हुए नवीन जयहिंद ने कहा कि यह सरकारी संरक्षण में हुई घटना है। मोरनी में चलने वाले गैस्ट हाउस सभी नियमों की धज्जियां उड़ाकर पुलिस की मिलीभुगत के साथ चल रहे हैं और सरकार चुप है। मोरनी में हुई घटना ने साफ कर दिया है कि हरियाणा की मनोहर सरकार महिलाओं की सुरक्षा करने में पूरी तरह से फेल हुई है। मात्र दो पुलिसकर्मी सस्पेंड करने से खट्टर सरकार अपना पल्ला नहीं झाड़ सकती। गृह विभाग का मुखिया होने के नाते मुख्यमंत्री मनोहर लाल को बिना किसी देरी के इस्तीफा देना चाहिए।