विभिन्न मागों को लेकर चल रही यह हड़ताल 20 जुलाई से शुरू हुई थी। इसके चालू होने से अब ट्रांसर्पोटेशन का काम शुरू हो जाएगा।
दरअसल, ह़़डताल इसलिए खत्म हुई क्योंकि सरकार के सख्त रुख और ट्रक वालों के घटते समर्थन को देखते हुए एआईएमटीसी हड़ताल खत्म होने का बहाना ढूंढ रही थी। इसका संकेत एआईएमटीसी के अध्यक्ष भीम वाधवा ने रविवार को ही दे दिया था। हालांकि उनका वह दावा एकदम खोखला साबित हुआ कि वह सरकार को झुका लेंगे। दूसरी ओर ह़़डताल के लंबा खिंचने से चीजों की कमी और दाम बढ़ने की आशंकाओं के मद्देनजर सरकार पर भी हड़ताल को जल्द से जल्द खत्म करने का दबाव बन गया था।
नई दिल्ली 27 जुलाई :
केंद्र सरकार से वार्ता के बाद चल रही आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस एसोसिएशन नई दिल्ली की देशव्यापी हड़ताल शुक्रवार को समाप्त हो गई। विभिन्न मागों को लेकर चल रही यह हड़ताल 20 जुलाई से शुरू हुई थी। इसके चालू होने से अब ट्रांसर्पोटेशन का काम शुरू हो जाएगा।
ट्रांसपोर्टरों का चक्का जाम ऐसे मुकाम पर पहुंच गया था, जहां ट्रांसपोर्टरों की समझ में नहीं आ रहा कि क्या करें। क्योंकि आठ दिन बाद भी चक्का जाम का जरूरी वस्तुओं की आवाजाही पर कोई विशेष असर दिखाई नहीं दे रहा था। हड़ताल से पहले सरकार ने ट्रांसपोर्टरों को मनाने की भरसक कोशिश की थी। खुद केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उनकी मांगों के संदर्भ में कुछ ऐलान किए थे। इनमें ट्रकों के एक्सल लोड में 25-35 फीसद तक की बढ़ोतरी, साल के बजाय दो साल में फिटनेस सर्टिफिकेट तथा ओवरलोडिंग पर टोल जुर्माने में कमी जैसे अहम एलान शामिल हैं। यही नहीं, इसके बाद गडकरी न केवल स्वयं ट्रांसपोर्टरों से मिले, बल्कि वित्तमंत्री पीयूष गोयल के साथ भी उनकी मीटिंग करवाई। इन बैठकों में सरकार की ओर से ट्रांसपोर्टरों से स्पष्ट कहा गया था कि 18 नवंबर तक हड़ताल को टाल दें। इसके बाद सरकार उनकी अन्य चिंताओं के समाधान का भी प्रयास करेगी। लेकिन, ट्रांसपोर्टर नहीं माने और सरकार को अपनी ताकत का अहसास कराने के लिए हड़ताल पर चले गए। ट्रांसपोर्टरों के सबसे बड़े संगठन आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआइएमटीसी) के आह्वान पर इस चक्का जाम का आयोजन हुआ था।
हड़ताल खत्म होने को लेकर केंद्रीय परिवहन और हाइवे मंत्रालय व आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने कई दौर की बैठकों के बाद संयुक्त व्यक्तव्य जारी किया है।
* केंद्र सरकार के आग्रह पर भारी वाहनों पर थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के मद्देनजर प्रीमियम की समीक्षा के लिए प्रमुख इश्यारेंस बॉडी इरीडा (IRDA) तैयार हो गया है। मामले को लेकर ट्रांसपोटरों और इरीडा के बीच 28 जुलाई को 10 बजे बैठक होगी। इरीडा ट्रांसपोटर्स के साथ आवश्कय वस्तुओं का डाटा को साझा करने पर सहमत हो गया है।
* कर संग्रह की प्रक्रिया का आसान बनाने का लेकर केंद्र सरकार सहमत हो गई है। इसमें तकनीकी की मदद से छह माह में सभी ट्रांसपोर्ट वाहनों का एक साथ टोल प्लाजा पर टैक्स लेने की व्यवस्था की जाएगी, जिससे वाहनों का सुचारु रूप से संचालन हो सके। इसके लिए मंत्रालय की एक कमेटी बनाई जाएगी जो इस दिशा में काम करेगी। इसमें ट्रांसपोटरों सहित विभिन्न पक्षों के सुक्षाव लिए जाएंगे।
* सरकार व्यवसायिक वाहनों के ड्राइवरों और उनके सहयोगियों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में शामिल करने पर विचार करेगी।
* सरकार व्यवसायिक वाहनों के ड्राइवरों और उनके सहयोगियों को स्वास्थ्य सेवा ईएसआईसी (ESIC) में शामिल करने पर विचार करेगी।
* सरकार पूरे देश में पर्यटक वाहनों के लिए निर्बाध गति के लिए नेशनल परमिट स्कीम की अधिसूचना जारी करेगी।
* सरकार ट्रांसपोर्ट सेक्टर की इन मांगों पर भी विचार करेगी
-वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट की सीमा को बढ़ाकर दो साल किया जाए।
-सामान ढोने वाले वाहनों की नेशनल परमिट नियमों को आसान बनाया जाए, जिसमें दो ड्राइवर की आवश्यकता को खत्म करना शामिल है।
-वाहनों में एक्सल लोड को नियमित करना भी शामिल है।
*सरकार सड़क और परिवहन मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में हाई लेवल कमेटी का गठन करेगी, जो परिवहन क्षेत्र में सुविधाओं पर ध्यान देगी ।