गुजरात के बीजेपी विधायक रुशिकेश पटेल के दफ्तर में तोड़फोड़ करने के मामले में पाटीदार आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल को दोषी करार दिया गया
गुजरात के बीजेपी विधायक रुशिकेश पटेल के दफ्तर में तोड़फोड़ करने के मामले में पाटीदार आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल को दोषी करार दिया गया है. हार्दिक को दो साल की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा उनके दो साथियों को भी इस मामले में विसनगर कोर्ट ने दोषी करार दिया है. मेहसाणा दंगा मामले में हार्दिक पटेल और लालजी पटेल समेत तीन लोगों को दोषी करार दिया गया है.
तीनों दोषियों को दो-दो साल की सजा सुनाई गई है. जब कि मामले से जुड़े 14 अन्य लोगों को बरी कर दिया गया है. आपको बता दें कि पटेल आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की पहला घटना 23 जुलाई, 2015 को बीजेपी विधायक ऋषिकेश पटेल के दफ्तर में हुई थी. इस दौरान आगजनी और जमकर तोड़फोड़ की गई थी.
कोर्ट ने तीनों को IPC की धारा 120/बी (साजिश रचने), 435 (आगजनी), 427 (सरकारी सामान को नुकसान पहुंचाना) और IPC की धारा 143, 147, 148 (दंगा फैलाना) के तहत दोषी माना है.
शुरुआती समय में हार्दिक पटेल और लालजी पटेल एक साथ थे. बाद में हार्दिक पटेल पाटीदार आंदोलन अनामत समिति के नेता हो गए और लालजी पटेल ने सरदार पटेल ग्रुप बनाया. पाटीदार आंदोलन की शुरुआत 23 जुलाई साल 2015 में हुई थी.
23 जुलाई 2015 को हुई इस घटना के कुल 17 नामजद दोषियों में से 14 अन्य को अदालत ने बरी कर दिया। अदालत ने तीनों को 50 – 50 हजार रूपये के जुर्माने की भी सजा सुनायी और इस रकम में से दस हजार रूपये शिकायतकर्ता और एक समाचार चैनल के कैमरामैन सुरेश वणोल (जिन पर भी भीड़ ने हमला कर कैमरा तोड़ दिया था)को देने के आदेश दिये। इसके अलावा इस रकम से घटना के दौरान आगजनी में जली कार के मालिक बाबूजी ठाकोर को एक लाख रूपये और 40 हजार रूपये तत्कालीन विधायक श्री पटेल को भी बतौर मुआवजा देने के आदेश दिये। ज्ञातव्य है कि उक्त रैली के दौरान भीड़ ने पटेल के कार्यालय में तोडफ़ोड़ की थी और आगजनी कर एक कार को भी जला दिया था। अदालत ने तीनो को केवल दंगा करने यानी रायटिंग की धारा के तहत ही दोषी ठहराया है, कई अन्य धाराओं में बरी कर दिया है।