राफेल सौदा मिलने के समय रिलायंस डिफेंस के पास रक्षा क्षेत्र के मैन्युफैक्चरिंग का किसी तरह के अनुभव न होने के राहुल गांधी के आरोप का अनिल अंबानी ने लेटर लिखकर जवाब दिया था. राहुल गांधी को भेजे गए एक पत्र में अनिल अंबानी ने कहा था कि रिलायंस डिफेंस के पास पानी वाले जहाज यानी शिप बनाने का अनुभव था. इस लेटर की कॉपी इंडिया टुडे-आजतक के पास है.
यूपीए सरकार ने जब राफेल सौदा किया था, तब अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस का कोई नामोनिशान नहीं था. इस कंपनी का गठन मार्च 2015 में हुआ और इसके करीब डेढ़ साल बाद सितंबर 2016 में मोदी सरकार ने फ्रांस के साथ राफेल विमान के लिए नया सौदा किया.
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिसंबर, 2017 में मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को नजरअंदाज कर अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस लिमिटेड के पक्ष में फैसला लिया, जिसे हवाई जहाज बनाने का इससे पहले का कोई अनुभव नहीं है.
नए समझौते के मुताबिक भारत में राफेल विमानों के निर्माण का काम रिलायंस डिफेंस के द्वारा ही किया जाएगा. 28 मार्च, 2015 को अनिल अंबानी के रिलायंस समूह ने रक्षा क्षेत्र में कदम रखते हुए रिलायंस डिफेंस नामक कंपनी का गठन किया गया. इसके बाद 23 सितंबर, 2016 को एनडीए सरकार ने फ्रांस के साथ राफेल विमानों की खरीद का समझौता किया. इसके ढाई महीने बाद ही 16 दिसंबर, 2016 को रिलायंस ने राफेल के साथ मिलकर एक संयुक्त उद्यम रिलायंस राफेल स्थापित किया.
रोचक यह है कि पीएम मोदी ने रिलायंस डिफेंस की भारत में स्थापना के 13 दिन बाद ही फ्रांस के अपने दौरे पर 10 अप्रैल, 2015 को रफाल सौदे की घोषणा की.
इंडिया टुडे-आजतक के पास उस लेटर की कॉपी है, जो अनिल अंबानी ने राहुल गांधी को लिखी है. इस लेटर में उन्होंने तर्क दिया है कि रिलायंस को यह सौदा इसलिए मिला क्योंकि उसके पास डिफेंस शिप बनाने का अनुभव था. यह लेटर 12 दिसंबर, 2017 का है.
इस लेटर में अनिल अंबानी ने लिखा था, ‘मुझे यह जानकर व्यक्तिगत रूप से काफी दुख हुआ है कि कांग्रेस के कुछ नेता मेरे और मेरे समूह के बारे में दुर्भाग्यपूर्ण बयान दे रहे हैं. साथ ही दसॉ के साथ हमारे जेवी के बारे में भी तमाम तरह की टिप्पणियां की गई हैं. कांग्रेस के आपके कई सहयोगियों ने कहा है कि रिलायंस को डिफेंस सेक्टर का कोई अनुभव नहीं है. आपको यह जानकर खुशी होगी कि रिलायंस डिफेंस के पास गुजरात के पिपावाव में निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा शिपयार्ड है.’
अनिल अंबानी ने लिखा, ‘राहुल जी, मेरे सम्माननीय पिता स्वर्गीय पद्मविभूषण श्री धीरु भाई अंबानी ने तो औपचारिक शिक्षा भी हासिल नहीं की थी. उन्हें कोई भी अनुभव या विरासत हासिल नहीं था, लेकिन उन्होंने दुनिया का सबसे बड़ा पेट्रोकेमिकल एवं रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स स्थापित किया और एक दृष्टि वाले उद्यमी के रूप में उन्होंने भारत में कई बड़े उद्यम स्थापित किए.’
अनिल अंबानी ने राहुल से मुलाकात का भी अनुरोध किया था. उन्होंने लिखा कि यदि राहुल जल्दी मिलने का समय दें तो उन्हें बड़ी खुशी होगी.