मंडी 15 जुलाई 2018 :- हिमाचल प्रदेश में अधिकतर लोग गांवों में रहते हैं और उनकी आर्थिकी कृषि पर निर्भर है । किसानों की कड़ी मेहनत के बाद उनकी फसलों को जंगली जानवर तथा बेसहारा पशु काफी नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे उनका खेतीबाड़ी के प्रति रूझान घट रहा था । अब किसानों के लिए उम्मीद की किरण साबित हो रही है मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना, जिसमें 35 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान प्रदेष सरकार द्वारा बाड़बंदी के लिए किया गया है ।
मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत सौर उर्जा संचालित बाड़बंदी ;सोलर फैंसिंग द्ध का प्रावधान है । इसमें फैंसिग वायर होती हैं और बीच में छोटे-छोटे स्प्रिंग लगे होते हैं । तार सोलर कंटोलिंग सिस्टम से जुड़ी होती है । जब कोई जानवर इसको छूता है अथवा तथा इसके अंदर घुसने की कोषिष करता है तो तारों और स्प्रिंग पर दवाब पड़ने की वजह से करंट लगता है तथा हूटर बज जाता है । करंट का झटका जानलेवा नहीं होता, क्योंकि यह केवल सौर डीसी पावर कम एम्पीयर पर काम करता है । जानवर डर के कारण पीछे हट जाता है तथा पुनः सोलर फैंसिंग के समीप नहीं आता । सोलर फैसिंग जानवरों व मनुष्यों दोनों के लिए सुरक्षित है ।
योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को समीप के कृषि कार्यालय में विषयवाद विशेषज्ञ के पास उपलब्ध प्रपत्र को भरकर देना होता है, जिसके साथ जमीन की नकल भी देनी पड़ती है । उसके बाद इसे स्वीकृति के लिए उप निदेषक, कृषि कार्यालय में भेजा जाता है । स्वीकृति प्रदान होने के बाद अधिकृत कम्पनी आकर प्राक्कलन तैयार करके किसान को सूचित करती है । यदि किसान सरकार द्वारा चलाई गयी योजना के तहत कुल लागत का 20 प्रतिषत राषि देने को तैयार हैं तो किसान को इसका डाफट बनाकर कृषि विभाग को देना होता है, उसके बाद कम्पनी किसान की भूमि पर सोलर फैंसिंग लगाने की प्रक्रिया आरंभ कर देती है और शेष राषि प्रदेष सरकार वहन करती है अगर किसान तीन या तीन से अधिक संख्या में सामूहिक तौेर पर बाड़बंदी करवाना चाहें तो उन्हें 15 प्रतिषत राषि जमा करवानी पड़ती है तथा 85 प्रतिषत राषि सरकार द्वारा दी जाती है ।
मण्डी जिला में भी किसानों द्वारा मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना का लाभ उठाया जा रहा है तथा बेसहारा पषुओं, बंदरों तथा सूअरों की समस्या से निजात पाकर वे अपनी खेती का संरक्षण कर रहे हैं। दं्रग विधानसभा क्षेत्र के तहत पधर उपमंडल में योजना का लाभ उठाकर किसान अपनी खेती का संरक्षण कर रहे हैं । उपमंडल में अभी तक योजना के तहत 35 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 29 को स्वीकृति प्रदान हो चुकी है और इनमें से तीन पूर्ण रूप से तैयार हो चुके हैं तथा शेष का कार्य प्रगति पर है ।
पशुओं से फसलों को होने वाले नुकसान को कम करने से फसलों को वास्तविकता में ही मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना किसानों के लिए एक वरदान साबित होगी तथा किसान का पुनः खेतीबाड़ी की ओर रूझान बढ़ेगा ।