चांदमामा पत्रिका के मालिकों पर रू 812 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप


जियोडेसिक के तीन डायरेक्टर्स किरन प्रकाश कुलकर्णी, प्रशांत मुलेकर, पंकज श्रीवास्तव और फर्म के सीए दिनेश जाजोडिया को गिरफ्तार कर लिया गया है.


बच्चों की मैग्जीन चंदामामा को खरीदने वाली कंपनी जियोडेसिक लिमिटेड और उसके वरिष्ठ अधिकारी मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग की निगरानी में हैं. चेन्नई आधारित कंपनी पर 812 करोड़ रुपए की लॉन्ड्रिंग का आरोप है.

जियोडेसिक के तीन डायरेक्टर्स किरन प्रकाश कुलकर्णी, प्रशांत मुलेकर, पंकज श्रीवास्तव और फर्म के सीए दिनेश जाजोडिया को गिरफ्तार कर लिया गया है. ईडी के मुताबिक फर्म पर 125 मिलियन डॉलर की लॉन्डरिंग का आरोप है.

बता दें कि जून 2014 में बॉम्बे हाईकोर्ट के आधिकारिक लिक्वीडेटर ने जियोडेसिक लिमिटेड की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया था क्योंकि फर्म करीब एक हजार करोड़ रुपए का भुगतान नहीं कर सकी थी.

बी नागी रेड्डी और चक्रपाणि द्वारा स्थापित चंदामामा का पहला अंक जुलाई 1947 में तेलुगू और तमिल में प्रकाशित हुआ था. इसके बाद 1990 में यह 13 भाषाओं में प्रकाशित हुई जिसमें सिंधी, सिन्हली और संस्कृत शामिल है.

मार्च 2007 में आर्थिक घाटे में चल रही चंदामामा में जियोडेसिक लिमिटेड ने बी विश्वनाथ रेड्डी से 10 करोड़ रुपए में 94 फीसदी हिस्सेदारी ले ली, जोकि नागी रेड्डी के पुत्र थे. इसके बाद जियोडेसिक लिमिडेट ने चंदामामा का नवीनीकरण करने और उसका डिजिटलीकरण करने के लिए मेलोन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर राज रेड्डी और उनकी टीम की मदद ली.

बाद में इस मैग्जीन को आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर जीवी श्रीकुमार द्वारा डिजाइन करके दोबारा लॉन्च किया गया. 2008 में प्रसिद्ध अभिनेता अमिताभ बच्चन ने मुंबई में 60वीं वर्षगांठ के मौके पर चंदामामा का नया संस्करण लॉन्च किया था.

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