सख्त तय समयसीमा के साथ पूर्वाञ्चल एक्सप्रेसस्वे का शिलानियास हुआ आज, 2021 तक होगा तैयार
सरकार ने प्रोजेक्ट के लिए सख्त डेडलाइन तय की है. अनुमान है कि 2021 तक यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को आजमगढ़ में 23 हजार करोड़ के पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की नींव रखी. 354 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे लखनऊ से गाजीपुर को जोड़ेगा. एक्सप्रेसवे की वजह से 6 घंटे का रास्ता केवल साढे 4 घंटे का रह जाएगा.
अखिलेश यादव की सरकार में इस एक्सप्रेसवे का नाम समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस रखा गया था. इसके जरिए 302 किमी लंबे लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे और 165 किमी लंबे यमुना एक्सप्रेसवे से भी जुड़ा जा सकेगा. एक्सप्रेसवे का कुल नेटवर्क 800 किलोमीटर का हो जाएगा.
एक्सप्रेसवे की शुरुआत आजमगढ़ से होगी जोकि समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का क्षेत्र है. हालांकि वाराणसी तक एक्सप्रेसवे को जोड़ने का प्रस्ताव रखा गया है. योगी सरकार ने इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पंजाब नेशनल बैंक से 12 हजार करोड़ का लोन पारित करा लिया है.
93 फीसदी जमीन खरीदने में खर्च हुए 6500 करोड़ रुपए
यूपी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अवनीश अवस्थी ने बताया कि 6500 करोड़ रुपए 93 फीसदी जमीन को खरीदने में खर्च हुए. 11 जुलाई को राज्य सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के लिए पांच बोलीदाताओं को 340 किलोमीटर के एक्सप्रेसवे के आठ हिस्सों के लिए अनुबंध सौंपकर टेंडर की प्रक्रिया पूरी की.
सरकार ने प्रोजेक्ट के लिए सख्त डेडलाइन तय की है. अनुमान है कि 2021 तक यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा. अधिकारियों का कहना है कि वह 24 से 26 महीनों में प्रोजेक्ट को पूरा करने की कोशिश करेंगे.
हालांकि सपा और बीजेपी के बीच इस प्रोजेक्ट का श्रेय लेने की होड़ मची है. सपा इस प्रोजेक्ट से जुड़े फोटो शेयर कर रही है जिसमें 22 दिसंबर 2016 को अखिलेश यादव इस प्रोजेक्ट की नींव रख रहे हैं वहीं क्षेत्रीय पार्टी के नेताओं ने आजमगढ़ में रैली लगाकर इस प्रोजेक्ट पर अपना दावा पेश किया.
वहीं इन्फ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्री मामलों के मंत्री सताश महाना ने कहा कि 2016 में रखी गई नींव फर्जी थी. उन्होंने दावा किया कि पुरानी सरकार ने इस टेंडर को ऊंचे दामों में पास किया था.
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