राजनीति की पल-पल बदलती परिस्थिति में आज अरविंद केजरीवाल को योगेंद्र यादव में सार्थकता नजर आने लगी है, लेकिन इन्हीं अरविंद केजरीवाल ने विचारों में अंतर के कारण योगेंद्र यादव को पार्टी से निकाल दिया था.
दिल्ली के राजनीतिक गलियारे में दो पुराने बिछड़े दोस्तों की फिर से मिलने की खबर से हलचल बढ़ गई है. यह चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि दो पुराने बिछड़े दोस्त एक बार फिर से एक होने जा रहे हैं. अरविंद केजरीवाल और योगेंद्र यादव के दिल जुड़ने को लेकर कयासों का बाजार गर्म है. हालांकि, इस खबर पर अब तक किसी भी तरफ से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं आई है लेकिन कुछ राजनीतिक घटनाक्रमों के बाद इतना तो तय हो गया है कि अरविंद केजरीवाल और योगेंद्र यादव के बीच जमी बर्फ अब कुछ-कुछ पिघलने लगी है. बर्फ पिघलने की सुगबुगाहट दोनों पार्टियों के अंदर देखी जा रही है.
बुधवार को स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने केंद्र सरकार पर उनके परिवार को तंग करने का आरोप लगाया था. यादव ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर मोदी सरकार पर अपने रिश्तेदारों को परेशान करने का आरोप लगाया था. योगेंद्र यादव का कहना था कि मोदी सरकार इनकम टैक्स विभाग का इस्तेमाल कर मेरी बहन और भांजे को फंसाने का काम कर रही है. योगेंद्र यादव ने ट्विटर पर लिखा था कि मोदी सरकार को अगर रेड करनी है तो मेरे घर रेड करे, मेरे परिवार को क्यों तंग कर रहे हो?