विधि आयोग कड़ी पाबंदी लगाने की बात कही है, न कि वैधता प्रदान करने की, न्यायमूर्ति चौहान
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विधि आयोग के चेयरमैन ने ToI को बताया कि सट्टेबाजी एवं जुए को लेकर उसकी सिफारिश को सही से समझा नहीं गया.
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जस्टिस बीएस चौहान के मुताबिक, लॉ पैनल ने इन दोनों पर कड़ी पाबंदी लगाने की बात कही है, न कि वैधता प्रदान करने की.
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गुरुवार देर शाम खबर आई थी कि विधि आयोग ने देश में सट्टेबाजी एवं जुए को कानूनी दायरे में लाकर टैक्स लगाने की सिफारिश की है.
नई दिल्ली
विधि आयोग के चेयरमैन न्यायमूर्ति बी एस चौहान ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि सट्टेबाजी और जुए को लेकर समिति की रिपोर्ट को गलत समझा गया। उन्होंने कहा कि लॉ पैनल ने सट्टेबाजी और जुए को कानूनी मान्यता देने की जगह इन पर कठोर पाबंदी लगाने की बात कही है। जस्टिस चौहान ने कहा, ‘आयोग ने दृढ़ता से स्पष्ट सिफारिश की है कि मौजूदा परिदृश्य में भारत में सट्टेबाजी एवं जुए की छूट नहीं दी सकती और गैर-कानूनी सट्टेबाजी एवं जुए पर पूरी तरह हर हाल में पाबंदी सुनिश्चित की जानी चाहिए।’
लॉ कमिशन के चेयरमैन ने आगे कहा, ‘इतना ही नहीं, आयोग की सिफारिश है कि जुए पर नियंत्रण के लिए प्रभावी नियमन ही एकमात्र व्यावहारिक विकल्प है। अगर ऐसा संभव नहीं हो तो पूरी पाबंदी लगा दी जाए।’ लॉ पैनल की रिपोर्ट कहती है कि जुए के ऐसे नियमन के लिए तीन स्तरीय रणनीति की दरकार है। पहला- सट्टेबाजी के मौजूदा बाजार (लॉटरी, घुड़दौड़) में संशोधन, दूसरा- अवैध सट्टेबाजी को नियमों के दायरे में लाना एवं तीसरा- कठोर और महत्वपूर्ण कानून लागू करना।
जस्टिस चौहान ने कहा कि सरकार अगर सट्टेबाजी पर पूर्ण पाबंदी की जगह इसकी सशर्त वैधता प्रदान करना चाहती है तो जिसे सब्सिडी मिलती है या जो इनकम टैक्स ऐक्ट अथवा जीएसटी ऐक्ट के दायरे में नहीं आते, उन सभी को ऑनलाइन या ऑफलाइन, किसी तरह की सट्टेबाजी की अनुमति नहीं दी जानाी चाहिए। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में जोर देकर कहा गया है कि सरकार को समाज के पिछड़े वर्ग को इसका शिकार होने से बचाने की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।
गौरतलब है कि गुरुवार देर शाम खबरें आईं कि विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में सरकार से सिफारिश की है कि देश में सट्टेबाजी और जुए को कानूनी दायरे में लाया जाए। खबरों में आयोग के हवाले से कहा गया था कि सट्टेबाजी एवं जुए को वैधता प्रदान करके इन पर डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स लगाया जाए।
खबर आने के बाद राजनीति भी शुरू हो गई थी। कांग्रेस ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि अगर यह लागू होता है तो इससे जहां एक ओर खेल को नुकसान पहुंचेगा, वहीं दूसरी ओर परिवार और समाज पर गलत असर पड़ेगा। पार्टी ने स्पष्ट कहा था कि खेलों में सट्टेबाजी और जुए को वह किसी भी सूरत में लागू नहीं होने देगी।
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