सर्वोच्च न्यायालय ने लता रजनीकांत को मंगलवार को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि वह या तो बकाए का भुगतान करें या मुकदमे का सामना करें


सुप्रीमकोर्ट ने फिल्म के प्रसारण अधिकार मामले में अभिनेता रजनीकांत की पत्नी लता रजनीकांत को मंगलवार को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि वह या तो बकाए का भुगतान करें या मुकदमे का सामना करें।


न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायाधीश आर भानुमति की खंडपीठ ने कहा कि मीडियाऑन ग्लोबल एंटरटेनमेंट लिमिटेड बकाया पैसे का भुगतान एड-ब्यूरो विज्ञापन प्राइवेट लिमिटेड को तीन महीने के भीतर नहीं करता है तो यह भुगतान लता रजनीकांत को करना पड़ेगा।

न्यायालय ने सुनवाई के दौरान यह पूछा कि एड-ब्यूरो विज्ञापन प्राइवेट लिमिटेड को पैसे का भुगतान अभी तक क्यों नहीं किया गया? उसने यह भी पूछा कि पैसे का भुगतान कब तक किया जाएगा।

दरअसल यह मामला फ़रवरी 2016 का है, जिसमें न्यायालय ने रजनीकांत की पत्नी लता को बारह हफ्ते के भीतर एक निजी कम्पनी को छह करोड़ 20 लाख रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया था। यह भुगतान फिल्म ‘कोचडियायन’ के प्रसारण अधिकारों को बेचने के संदर्भ में था।

वर्ष 2016 में विज्ञापन ब्यूरो ने शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की थी, जिसमें यह बताया गया कि फिल्म ‘कोचडियायन’ के निर्माण के समय 10 करोड़ रुपए का ऋण लिया गया था, जिसका भुगतान अभी तक नहीं किया गया है और जहां तक बात फिल्म के अधिकारों की है तो जो अधिकार उसे मिलने चाहिए थे, वह एरोज इंटरनेशनल को बेच दिया गया।

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