नितीश राजद सुगबुगाहटों के बाज़ार गर्म

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू का स्वास्थ्य जानने के लिए उन्हें फोन किया। पटना के राजनीतिक पंडितों के अनुसार नीतीश बाबू तेजस्वी यादव के विरोध के बावजूद उनके पिता लालू प्रसाद यादव के साथ एक रास्ता खोलना चाहते हैं।

तेजस्वी यादव नीतीश बाबू से खफा हैं क्योंकि नीतीश ने उन्हें बिहार के उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया है मगर एक समझदार राजनीतिज्ञ की तरह व्यवहार करते हुए नीतीश ने कांग्रेस के साथ भी अपने रास्ते खोले हैं। वह भाजपा को अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं और उससे आने वाले लोकसभा चुनावों में और अधिक सीटें चाहते हैं। वह संकट के समय खुद को तैयार कर रहे हैं और एक बार फिर राजद-कांग्रेस गठबंधन का हाथ थाम सकते हैं।


कुमारस्वामी तथा भाजपा के बीच पक रही खिचड़ी!: भाजपा को इस बात पर विश्वास है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच सामंजस्य अच्छा साबित हो रहा है। प्रधानमंत्री पहले ही दो बार उनसे मुलाकात कर चुके हैं तथा गौड़ा जूनियर के प्रति काफी प्रेम प्रदशर््िात कर चुके हैं। कर्नाटक में कांग्रेस, विशेषकर सिद्धरमैया की ओर से बजट के मुद्दे को लेकर विरोध के चलते भाजपा के भीतरी सूत्र गठबंधन को 3 माह का समय दे रहे हैं। इस बात की सुगबुगाहट है कि कुमारस्वामी कर्नाटक कांग्रेस के साथ नीतीश की तरह तब वैसा ही करने को तैयार होंगे।


राजस्थान की राजनीति: अशोक परनामी के जाने के बाद आखिरकार मदन लाल सैनी को राजस्थान भाजपा का अध्यक्ष घोषित कर दिया गया मगर उसी समय वरिष्ठतम विधायक घनश्याम तिवारी ने पार्टी छोड़ कर अपनी खुद की पार्टी बना ली तथा घोषित कर दिया कि उनकी पार्टी राजस्थान में प्रत्येक सीट पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी। वह भैरों सिंह शेखावत तथा गत वसुंधरा राजे सरकार में मंत्री थे लेकिन उन्हें वर्तमान सरकार में शामिल नहीं किया गया था, जिसकी शिकायत उन्होंने कई बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा भाजपा हाईकमान से की थी मगर कोई लाभ नहीं हुआ। राजस्थान के राजनीतिक हलकों में एक अफवाह है कि बाबा रामदेव ने भी उनका मामला भाजपा हाईकमान के साथ उठाया है। वर्तमान में गुज्जर सचिन पायलट के साथ हैं तथा माली बिरादरी अशोक गहलोत के साथ और अब ब्राह्मण घनश्याम तिवारी के साथ है जिससे राजस्थान में भाजपा के लिए स्थिति कठिन बन गई है। परिणामस्वरूप राजस्थान के बाबू काम धीमा कर रहे हैं।


ममता बनर्जी की योजनाओं पर काले बादल: ऐसा दिखाई देता है कि वर्तमान में स्थितियां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अनुकूल नहीं हैं। उन्होंने राज्य में निवेश लाने के लिए चीन तथा अमरीका का दौरा करने की योजना बनाई थी मगर पहले चीन दौरा रद्द हो गया और अब चीन में उनकी मेजबान विवेकानंद वेदांता सोसाइटी, जो स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण के 125 वर्ष पूरे होने पर अगस्त 2018 में एक समारोह का आयोजन कर रही है, जिसमें ममता को भाषण देना था, ने बड़ी विनम्रता से उन्हें कार्यक्रम रद्द होने बारे सूचित किया है। सूचना के अनुसार उसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री शिकागो जाएंगे।


अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को सराहा: साथी पार्टी सदस्यों तथा उत्तराखंड भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ लम्बे समय तक चले संघर्ष तथा उनके हमलों के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत अब राहत महसूस कर रहे हैं और उत्तराखंड के विकास के लिए समय निकाल रहे हैं। ऐसा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के देहरादून तथा हरिद्वार के दौरे के कारण हुआ है। देहरादून में पार्टी कार्यकत्र्ताओं की कांफ्रैंस के दौरान अमित शाह सरकार की कार्यप्रणाली के पक्ष में बोले तथा मुख्यमंत्री की सराहना की और उन्हें एक मित्र व ईमानदार नेता बताया। हरिद्वार संत सम्मेलन में मोहन भागवत ने पूर्व संघ प्रचारक एवं मुख्यमंत्री की उनकी ईमानदारी तथा उत्तराखंड के विकास के लिए उनके कार्यों की प्रशंसा की। हरिद्वार के संतों ने भी मुख्यमंत्री के कार्य करने की शैली की सराहना की

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