कोर्ट ने वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी को भी इस मामले में सहायता करने के लिए नियुक्त किया
क्या लंबे समय से चल रहे यौन संबंधों को विवाह के रूप में अच्छा माना जाना चाहिए? यदि हां, तो इस तरह के रिश्ते की लंबाई क्या होनी चाहिए? सुप्रीम कोर्ट ने यह तय करने में केंद्र सरकार की राय मांगी है. कोर्ट ने कहा कि यदि लंबे समय तक यौन संबंध को ‘वास्तविक शादी’ के रूप में माना जाना चाहिए तो क्या पुरुष पर शादी की कानूनी देनदारियां बढ़ाई जाएं.
जस्टिस आदर्श गोयल और एसए नजीर ने देश के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को एक नोटिस जारी किया है और उनसे संबंधों से उत्पन्न होने वाले कानूनी मामलों को हल करने में अदालत की सहायता के लिए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल को नियुक्त करने का अनुरोध किया.
कोर्ट ने वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी को भी सहायता करने के लिए नियुक्त किया. दरअसल बेंच ने नोट किया कि कई मामलों में सामने आया है कि लंबे समय तक यौन संबंध में रहे एक व्यक्ति को रेप के लिए अपराधी नहीं ठहराया जा सकता है लेकिन इस तरह के संबंधों में कुछ देनदारियों को लागू कर सकते हैं.
कोर्ट ने कहा कि किसी भी हालत में लड़की का शोषण नहीं होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट 12 सितंबर को सरकार के विचार सुनेगी. बता दें कि बेंच बलात्कार के आरोपों को रद्द करने की मांग कर रहे एक व्यक्ति की अपील सुन रहा था. वह आदमी कई सालों से एक महिला के साथ यौन संबंध में था लेकिन उससे शादी करने से इनकार कर दिया.
महिला ने आरोप लगाया कि शादी के वादे पर उसके यौन संबंध थे और इस प्रकार, सहमति प्रेरित थी, मुक्त नहीं. सोमवार को बेंच ने इस मुकदमे पर रोक लगा दी और इस मामले में एक और याचिका के साथ इसकी जांच करने का फैसला किया.