Yoga is Rahmat not Zahmat Top Muslim Bodies

 

Yoga should not be used as a political tool or linked to a particular community, top Muslim bodies said on Wednesday on the eve of International Day for Yoga.

The organisations also said that Yoga should be seen as form of exercise and not through the prism of religion.

“Islam lays special emphasis on physical fitness and considers things related to fitness as good. Yoga as an exercise is good, but it should not be made compulsory which may not be acceptable to people of other religions.

“The most important thing is that Yoga should not be used as a political tool. But, sadly this practice is going on,” said All India Muslim Personal Law Board spokesman Sajjad Nomani .
He also said that people of every religion and section of society should be encouraged to celebrate Yoga Day on Thursday.

“It is unfair to force upon someone any particular exercise. There should be no dispute vis-a-vis Yoga. People of every religion and section of the society should be encouraged to celebrate International Yoga Day.

“It is important that Yoga should be perceived as a rahmat (mercy) and not a ‘zahmat‘ (worry),” the spokesman said.

“Yoga should not be seen as something linked to a particular community. It is related to the body only. People who have the habit of seeing Yoga through the prism of religion, actually want to see humanity in a sick state of affairs,” AISPLB spokesperson Yasoob Abbas said.

He said several Islamic nations celebrate International Day for Yoga and people participate happily in events.

On Muslims generally having objections to chanting of mantras during different Yoga asanas, Abbas said, “There is no doubt that Muslims worship Allah alone. But, Islam is not that weak that it will break at the slightest instance and moreover, Yoga is not a God.”

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2018 प्रधान मंत्री की अगुआई में आरम्भ

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में योग सत्र में हिस्सा लिया. पीएम मोदी ने यहां मशहूर फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट यानी एफआरआई में करीब 50,000 लोगों के साथ कई तरह के योगासन किए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल डॉक्टर के के पॉल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, केंद्रीय आयुष मंत्री और उत्तराखंड के आयुष मंत्री हरक सिंह रावत भी मौजूद रहे.

इससे पहले पीएम मोदी ने जनता को संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने योग दिवस के मौके पर अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि उत्तराखंड अनेक दशकों से योग का मुख्य केंद्र रहा है. उन्होंने कहा, “यहां के ये पर्वत स्वत: ही योग और आयुर्वेद के लिए प्रेरित करते हैं, सामान्य से सामान्य नागरिक भी जब इस धरती पर आता है तो उसे एक अलग तरह की दिव्य अनुभूति होती है. इस पावन धरा में अद्भुत स्फूर्ति और सम्मोहन है”

पीएम मोदी ने कहा, “ये हम सभी भारतीयों के लिए गौरव की बात है कि आज जहां-जहां उगते सूरज के साथ जैसे-जैसे सूरज अपनी यात्रा करेगा, दुनिया के उस भूभाग में लोग योग से सूर्य का स्वागत कर रहे हैं. देहरादून से लेकर कर डबलिन तक, शंघाई से लेकर शिकागो, जकार्ता से लेकर जोहान्सबर्ग तक योग ही योग है. योग समूचे विश्व को जोड़ने वाली ताकत बन गया है.”

पीएम मोदी ने कहा, आज की आपाधापी में योग व्यक्ति के जीवन में शांति की अनुभूति कराता है. व्यक्ति को परिवार से जोड़कर शांति स्थापित करता है और साथ लाता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम अपनी विरासत पर गर्व करेंगे तभी पूरी दुनिया इसे स्वीकार करेगी. आज पूरी दुनिया में ऐसा माहौल है जो योग के लिए सभी को बढ़ावा देता है.

उन्होंने कहा, योग हर परिस्थिति में जीवन को समृद्ध कर रहा है, जब तोड़ने वाली ताकतें हावी होती है तो बिखराव आता है तो व्यक्तियों और समाज और राष्ट्रों के बीच बिखराव होता है, समाज में विवाद बढ़ते हैं, यहां तक कि व्यक्ति खुद ही बिखरता है और जीवन में तनाव बढ़ता चला जाता है. इस बिखराव के बीच योग जोड़ता है.

आज हमारी दुनिया में ऐसे करोड़ों लोग हैं जो कि हार्ट की बीमारी से ग्रसित हैं ऐसे में योग उन बीमारियों को दूर करने में भी मदद करता है. उन्होंने कहा कि योग के कारण दुनिया आज illness से wellness की तरफ बढ़ रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ योग करने के लिए न सिर्फ कॉलेज के विद्यार्थी अलग-अलग जगह से रात के 12 बजे से ही इंतज़ार में बैठे थे कि गेट खुले और वो अंदर जाए, बल्कि 6 साल की एक छोटी बच्ची भी इस इंतज़ार में थी कि मोदी अंकल के साथ योग कर सके, उसकी माने तो मोदी उसके नेता हैं और देश के लिए अच्छा ही कर रहे हैं.

आपको बता दें कि ये चौथा योग दिवस है. इससे पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलग-अलग शहरों में जाकर योग दिवस मनाया था. पीएम मोदी ने पहला योग दिवस दिल्ली में, दूसरा योग दिवस चंडीगढ़ में, तीसरा योग दिवस लखनऊ में मनाया था.

इन सभी आयोजनों में भी प्रधानमंत्री के साथ 50,000 से अधिक लोगों ने योग किया था. सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में 21 जून को योग दिवस मनाया जाएगा.

आपको बता दें कि अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में भी प्रधानमंत्री ने योग दिवस का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि अगर हम फिट रहेंगे, तो भारत फिट रहेगा.” 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पहले उन्होंने कहा, “मैं सभी देशवासियों से अपील करता हूं कि वह अपनी योग की विरासत को अपनाएं और एक स्वस्थ, सुखद और सुव्यवस्थित राष्ट्र का निर्माण करें.”

वह एक ऐतिहासिक क्षण था. 11 दिसंबर 2014 – यूनाइटेड नैशंस की आम सभा ने भारत द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में घोषित कर दिया. इस प्रस्ताव का समर्थन 193 में से 175 देशों ने किया और बिना किसी वोटिंग के इसे स्वीकार कर लिया गया.

यूएन ने योग की महत्ता को स्वीकारते हुए माना कि योग मानव स्वास्थ्य व कल्याण की दिशा में एक संपूर्ण नजरिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 14 सिंतबर 2014 को पहली बार पेश किया गया यह प्रस्ताव तीन महीने से भी कम समय में यूएन की महासभा में पास हो गया.

भारतीय राजदूत अशोक मुखर्जी ने ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ का प्रस्ताव यूएन असेंबली में रखा था, जिसे दुनिया के 175 देशों ने भी सह-प्रस्तावित किया था. यूएन जनरल असेंबली में किसी भी प्रस्ताव को इतनी बड़ी संख्या में मिला समर्थन भी अपने आप में एक रिकॉर्ड बन गया. इससे पहले किसी भी प्रस्ताव को इतने बड़े पैमाने पर इतने देशों का समर्थन नहीं मिला था. और यह भी पहली बार हुआ था कि किसी देश ने यूएन असेंबली में कोई इस तरह की पहल सिर्फ 90 दिनों के भीतर पास हो गयी हो. यह भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है.

21 जून को ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बनाए जाने के पीछे वजह है कि इस दिन ग्रीष्म संक्रांति होती है. इस दिन सूर्य धरती की दृष्टि से उत्तर से दक्षिण की ओर चलना शुरू करता है. यानी सूर्य जो अब तक उत्तरी गोलार्ध के सामने था, अब दक्षिणी गोलार्ध की तरफ बढ़ना शुरू हो जाता है. योग के नजरिए से यह समय संक्रमण काल होता है, यानी रूपांतरण के लिए बेहतर समय होता है.

 

EOW arrested BOM Chief

The Economic Offences Wing of the Pune police on Wednesday arrested Bank of Maharashtra MD and CEO Ravindra Marathe, executive director Rajendra Gupta and two other bank officials, including Marathe’s predecessor, for allegedly disbursing crores of rupees in loans to DSK Developers Limited (DSKDL) without following proper procedure and in violation of RBI guidelines.

These arrests are part of the ongoing probes into the Rs 2,043 crore economic fraud said to have been committed by Pune developer D S Kulkarni, alias DSK, and his group of companies here, police said.

The bank’s former managing director and CEO, Sushil Muhnot, zonal manager Nityanand Deshpande, DSK’s chartered accountant and statutory auditor, Sunil Ghatpande, and DSKDL chief engineer and vice-president Rajiv Newaskar were the others arrested in the case. Muhnot and Deshpande were arrested from Jaipur and Ahmedabad respectively.

Bank of Maharashtra is the only nationalised bank which has its head office in Pune. Investigating officer and assistant commissioner of police (EOW) Nilesh More said , “The bank officers colluded with DSKDL, the group’s flagship company, to sanction and disburse the amount under the garb of a loan, which was siphoned off.”

The Rs 2,043 crore fraud relates to siphoning of money raised by the DSK group through investors as well as loans from banks and financial institutions, non-convertible debentures and money collected from home buyers in housing projects.

In an official statement, the bank said its total outstanding exposure to DSKDL was Rs 94.52 crore. The statement further read, “Recovery process like SARFAESI action has already been initiated by the bank and some of the properties are due for auction. Bank has also declared DSKDL and its promoters as wilful defaulters.”

Special public prosecutor Pravin Chavan said, “The EOW is also investigating the role of officials from five other nationalised banks which were part of a six-member consortium that had sanctioned a Rs 600 crore loan to DSKDL’s ‘Dream City’ mega housing project in 2016. A total of Rs 337 crore of this sanctioned loan was actually disbursed to the borrower by the cosortium. The Bank of Maharashtra’s commitment was for Rs 100 crore and its officials actually disbursed Rs 50 crore of this amount in one go on March 15, 2016 in violation of the Reserve Bank of India’s (RBI) guidelines.”

On Wednesday, Marathe , Gupta, Ghatpande and Newaskar were produced before special judge ( MPID) Act R N Sardesai, who ordered their remand in police custody till June 27. “Considering the nature and gravity of the offence and the huge amount involved in this crime, opportunity needs to be given to the investigating officer for custodial interrogation of the present four accused,” Sardesai said in his order. All the accused have been booked for criminal breach of trust, cheating and other offences.

Shekhar Sonalkar, an expert forensic auditor hired by the Pune police, said , “Muhnot, Gupta and Deshpande (the last named is a zonal manager who processed the loan proposal) disbursed Rs 50 crore of the bank’s Rs 100 crore commitment in one go without waiting for a sanction letter formalising the tie-up and financial closure between the banks in the consortium. This was against the RBI norms. The loan was disbursed against an understanding that in the absence of a financial closure, DSK himself will put in the money.

However, the bank did not do any due diligence as to from where he would bring this money. The loan was used for purposes other than what it was availed for and even for repaying unsecured loans.” Both More and Sonalkar said, “Marathe was part of the bank’s credit approval committee that cleared a fresh Rs 10 crore short term loan to DSKDL, ignoring the fact that the bank’s own loan (Rs 50 crore) had fallen into the special mention account (SMA)-II category with 74 days overdue. The firm was not even able to pay interest on the loan and credit rating organisation CARE had put the firm in the “-C” category, which means extending loans to such entity is high risk.”

Sonalkar said, “The bank officials ignored such low credit rating and extended the Rs 10 crore loan against a vague primary security such as ‘stocks and goods not specifically hypothecated to any other bank’ which was never specified .”

लंबित पड़ी राष्ट्रीय राजमार्गों की परियोजनाएं जल्द शुरू होंगी: हूडा

 

हरियाणा में लंबित पड़ी यूपीए कार्यकाल की मंजूरशुदा परियोजनाओं पर जल्द काम कराने के लिए एक बार फिर केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग सचिव श्री युद्धवीर मलिक से मुलाक़ात की। इन लंबित पड़ी मंजूरशुदा परियोजनाओं पर ठोस कार्रवाई करने के आश्वासन पर सचिव युद्धवीर मलिक का आभार।

UPA के समय मंजूरशुदा दो राष्ट्रीय राजमार्गों (NH-334B मेरठ-सोनीपत-झज्जर-दादरी-लोहारु और NH-352A जींद-गोहाना-सोनीपत) पर जल्द काम शुरू करने की फिर से मांग दोहराई। NH-334B महत्वपूर्ण नेशनल हाईवे जो सोनीपत-खरखौदा-झज्जर-दादरी-लोहारू को जोड़ने का काम करेगा जिसको स्वयं मैंने प्रस्तावित करके मंजूर कराया था और NH-352A चौ भूपेन्द्र सिंह हुड्डा जी की सोच थी। मैं लगातार इन दोनों ही राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए प्रयासरत हूँ।

इसके साथ ही NH-71 (रोहतक-जींद-पंजाब बॉर्डर, वाया उचाना-नरवाना), ठप पड़े द्वारिका एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य और दर्जनों फ्लाईओवर/अंडरपासों की मंजूरी की भी मांग दोहराई। गांव बालौर, बहादुरगढ़ में NH-10 पर अंडरपास और खरावड़ में रिटेनिंग वाल को बैठक के दौरान सचिव द्वारा मंजूरी देने पर उनका धन्यवाद।

जिन परियोजनाओं को मैंने रात-दिन एक कर मंजूर कराया उन महत्वपूर्ण परियोजनाओं की फाइलों को ठंडे बस्ते पड़ा देख मुझे बड़ा दुःख होता है।

लंबित पड़ी मंजूरशुदा परियोजनाएं :-

NH-334B (जेवड़ा-सोनीपत-सांपला-झज्जर-दादरी-बाढड़ा-लोहारु) :

NH-334B (जेवड़ा-सोनीपत-सांपला-झज्जर-दादरी-बाढड़ा-लोहारु) पर खेवड़ा, हसनगढ़, रोहना, भापड़ोदा, सांपला आदि प्रमुख जगहों पर बाईपास बनाये जाने की मांग रखी थी जिनको मंजूरी दे दी गई है। इस राजमार्ग को दादरी से लोहारू तक सरकार के 2 लेन सड़क बनाये जाने के फैसले का विरोध किया और मांग रखी कि 2012 में मेरे द्वारा मंजूर कराये गए इस राजमार्ग के प्रारूप के अनुसार ही इस पूरे राजमार्ग को 4 लेन ही होना चाहिए। यह जानकर ख़ुशी हुई कि NH-334B के सोनीपत से झज्जर तक 4 लेन का काम अगले कुछ ही दिनों में शुरू होगा।

NH-352A (जींद-गोहाना-सोनीपत) :

NH-352A (जींद-गोहाना-सोनीपत) हुड्डा सरकार के कार्यकाल में मंजूर करवा कर नोटिफाई भी करवा दिया था मगर चार साल में इस नये और महत्वपूर्ण राजमार्ग पर काम नहीं चालू किया गया है। केन्द्रीय सचिव ने आश्वासन दिया कि इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर अगले कुछ ही दिनों में काम शुरू हो जायेगा।

NH-71 (रोहतक-जींद-उचाना-नरवाना से जाखल पंजाब बॉर्डर तक) :

NH-71 के रोहतक-जींद-नरवाना-पंजाब बॉर्डर सेक्शन के काम को केंद्र सरकार से दिसंबर 2011 और मार्च 2012 में मंजूरी दिलवा कर, तत्कालीन केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री डॉ सी पी जोशी से 3 जून 2012 को शिलान्यास कर इस पर जोरशोर से काम चालू करवा दिया गया था। इस पर जींद में बाईपास को भी शामिल कर मंजूरी दिलवाई थी। मगर पिछले 4 सालों में रोहतक-जींद सेक्शन पर काम पूरी तरह ठप्प पड़ा है और जींद-पंजाब बॉर्डर सेक्शन पर काम धीमी गति से चल रहा है, मैंने दोनों सेक्शन पर काम तेज गति से चालू करने की मांग केन्द्रीय सचिव के समक्ष दोबारा फिर से रखी।

नार्दन पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे (द्वारका एक्सप्रेस-वे) :

गुड़गाँव और दिल्ली के बीच बन रहे द्वारका एक्सप्रेस-वे, जो द्वारका से 18 किमी० दूर खिड़कीधौला टोल पर एनएच-8 से जुड़ता है, को 2010 में पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार के समय मंजूर कराकर काम शुरु करा दिया गया था और 2014 तक इसका 95% कार्य पूरा भी हो चुका था। भाजपा सरकार के आने के बाद इसको NHAI ने राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर टेक ओवर कर लिया और चार साल में 5% काम भी पूरा नहीं हो पाया है। पिछले चार साल से ठप पड़े नार्दन पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे (द्वारका एक्सप्रेस-वे) के निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करने की मांग को भी दोहराया ताकि गुड़गांव ट्रैफिक में राहत मिले।

अंडरपास :

13 जून 2017 को श्री युद्धवीर मलिक से राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण मुख्यालय में मुलाकात के बाद मंजूर हुए दर्जनों अंडरपास पर जल्द काम चालू करवाने की माँग रखी थी। राष्ट्रीय राजमार्गों के अलावा राजमार्गों पर आये दिन हो रही दुर्घटनाओं चिंता व्यक्त करते हुए विभिन्न राजमार्गों पर दर्जनों अंडरपास बनाये जाने की मांग भी दोहराई जिसमें रेवाड़ी के गुरावड़ा और सोनीपत के मुंडलाना का अंडरपास भी शामिल है।

बैठक के दौरान इन गांवों में अंडरपास को मिली मंजूरी :

मेरी मांग पर गाँव बालौर में NH 10 पर अंडरपास बनाने और खरावड़ में रिटेनिंग वाल को बैठक के दौरान ही सचिव श्री युद्धवीर मलिक ने मंजूरी दी और अधिकारीयों को काम चालू करवाने के आदेश दिये।

इन गांवों में अंडरपास बनने पर किया धन्यवाद :

13 जून 2017 को मेरी मांग पर NH 65 में भिवानी के झुम्पा खुर्द और जींद के दनौदा खुर्द में अंडरपास मंजूर कर बनवा दिये जाने पर श्री युद्धवीर मलिक का आभार व्यक्त किया।

जल्द काम शुरू कराने का आग्रह :

इनके अलावा सिलानी, दुजाना, रामगढ़ और खलीलपुर, बालौर, मदीना, बहू अकबरपुर, भैनी, मय्यर में अंडरपास पर जल्द काम चालू कराने का आग्रह किया। इससे स्थानीय लोगों को आने जाने में सुविधा तो होगी ही साथ में सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।

इन गावों में NHAI टीम जल्द करेगी निरीक्षण :

मेरे अनुरोध पर जल्द ही NHAI के आला अधिकारीयों की टीम NH-10 पर रोहतक से हिसार के बीच मदीना, बहू अकबरपुर, भैनी, मय्यर का दौरा कर, स्थानीय लोगों से मिल अंडरपास साईट का निरीक्षण करेगी।

पकोड़े बेचना रोज़गार ही नहीं व्यवसाय भी है : नारायण भाई राजपूत

कांग्रेसी कार्यकर्ता को मोदी की बात घर कर गयी,  पकौड़ा बेचना शुरू किया, आज 35  स्टॉल के मालिक

खबर दिलचस्‍प है और प्रेरणादायक भी. खबर गुजरात के वडोदरा से आयी है. नारायण भाई राजपूत एनएसयूआई के सदस्य हैं, यानी कांग्रेसी कार्यकर्ता हैं. वे हिंदी विषय में पोस्ट ग्रेजुएट हैं. बता दें कि नारायण भाई ने पीएम मोदी के पकौड़े वाले बयान से प्रेरणा पाकर अपनी जिंदगी रोशन कर ली. नारायण भाई बेरेाजगारी से जूझ रहे थे, उनके अनुसार पकौड़े बेचने का आइडिया उन्हें तब आया, जब प्रधानमंत्री मेादी ने एक इंटरव्यू में कहा कि बेरोजगारी से तो अच्छा है कि पकौड़ा बेचकर रोज 200 रुपये कमाये जायें. उसके बाद नारायण भाई ने हिम्‍मत कर पकौड़े बनाने के लिए 10 किलो सामान खरीदा औरे पकौड़े का स्टॉल लगाकर शुरुआत कर दी. नारायण भाई की निकल पड़ी. कारोबार चल निकला. आज के दिन वे 500-600 किलो मैटेरयिल के पकौड़े बेचते हैं. जानकारी दी कि वडोदरा शहर में उनके 35 स्टॉल लगते हैं. हालांकि नारायण भाई ने कहा कि वे दिल से कांग्रेस पार्टी को सपोर्ट करते हैं और कई जन्मों तक वे कांग्रेस को ही सपोर्ट करते रहेंगे.

उनके कांग्रेसी होने को लेकर पूछा गया कि उन्होंने प्रधानमंत्री की सलाह क्यों मानीतो  नारायण भाई ने कहा कि नरेंद्र मोदी देश के पीएम हैं और वे मेरे और राहुल गांधी के भी पीएम हैं. बता दें कि नारायण भाई के पकौड़ा स्टॉल का नाम  “श्रीराम दाल वडा सेंटर “ है. नारायण भाई के पकौड़ा स्टॉल से भगवान राम का नाम क्यों जुड़ाइस सवाल का भी वो बड़ा दिलचस्प जवाब देते हैं. जवाब में कहा कि अगर रामायण काल में पानी में पत्थर तैर सकता है, अमित शाह व मोदी राम के नाम पर देश पर शासन कर सकते हैं तो  मैं अपने पकौड़ा स्टॉल का राम के नाम पर रखूं तो यह जरूर सफल होगा. जान लें कि नारायण भाई के पकौड़े का बिजनेस दो माह में ही पूरे वडोदरा में मशहूर हो गया है. नारायण भाई के पकौड़े इतने फेमस हो गये हैं कि सुबह स्टॉल लगाने के चार  घंटों में ही नारायण भाई 300-400 किलोग्राम दाल वडा (पकौड़ा) बेच लेते है

 

माँ ने अदालत में लगाई अपने घर में रहने देने की गुहार

 

कांग्रेस के दिवंगत दिग्गज नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की पत्नी सरोज कुमारी (83) ने अपने दो बेटों अजय सिंह एवं अभिमन्यु सिंह के साथ-साथ बहू सुनीति सिंह के खिलाफ यहां अदालत में घरेलू हिंसा और संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा कर उन्हें बेदखल करने का मामला दर्ज कराया है. सरोज ने भोपाल के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी गौरव प्रज्ञान की अदालत में घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 12 एवं सहपठित धारा 18, 19, 20 एवं 22 के अंतर्गत आवेदन दिया है और अपने बेटों अजय और अभिमन्यु पर घरेलू हिंसा करने, घर से बेदखल करने और भरण-पोषण नहीं करने का आरोप लगाया है. अजय सिंह (64) सरोज के कनिष्क पुत्र हैं. वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और वर्तमान में मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं, जबकि सुनीति (60) अजय की पत्नी है. अभिमन्यु (68) ज्येष्ठ पुत्र हैं और वर्तमान में बेंगलुरू में रहते हैं. सरोज ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘मैं आज दोपहर एनआरआई उद्योगपति सैम वर्मा और बेटी वीणा सिंह के साथ अदालत पहुंचीं और अपने वकील दीपेश जोशी के माध्यम से यह आवेदन अदालत में पेश किया.’’

वर्तमान में अपने दोनों बेटे से अलग नोएडा में रह रही सरोज ने अपनी अर्जी में कहा, ‘‘मेरे बेटों अजय सिंह (राहुल भैया) और अभिमन्यु सिंह ने घरेलू हिंसा कर मुझे मेरे ही घर से बेदखल कर दिया है. उन्होंने मेरा भरण-पोषण करने से इनकार कर दिया है. इस वजह से मुझे मजबूरी में अदालत की शरण लेनी पड़ी है.’’ उन्होंने आवेदन में लिखा, ‘‘मेरे पति स्वर्गीय अर्जुन सिंह ने जीवनभर कांग्रेस पार्टी में रहकर उसके उन उसूलों पर काम किया जिनसे महिला संरक्षण हो और असहाय व्यक्तियों को सहयोग मिले. लेकिन मेरे बेटे अजय सिंह ने कांग्रेस पार्टी के उन्हीं उसूलों को ताक में रखकर मुझे मेरे घर से बेदखल कर दिया. मुझे इस अवस्था और इस उम्र में अपना घर छोड़कर अलग-अलग जगहों पर रहना पड़ रहा है. यह कृत्य कांग्रेस पार्टी के उसूलों के खिलाफ है. यह प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी का नेता और सर्वसंपन्न होने के बावजूद मेरे बेटे के चरित्र को परिभाषित करता है.’’

सरोज ने अर्जी में आगे कहा, ‘‘मैं चाहती हूं कि अदालत मुझे मेरे निवास में रहने देने में मदद करे और अजय सिंह को वहां से अलग करने का आदेश दे. मुझे न्याय मिलने का भरोसा है.”जिस घर के लिए मां-बेटों में यह विवाद चल रहा है, वह बाहरी भोपाल के रातीबड़ पुलिस थाना इलाके स्थित ‘केरवा महल’ है, जिसे अर्जुन सिंह की कोठी के नाम से भी जाना जाता है. इस बेशकीमती कोठी की वर्तमान में कीमत करोड़ों रूपये है. सरोज के वकील जोशी ने कहा कि मेरे मुवक्किल ने अदालत से यह भी निवेदन किया है कि अदालत इस मामले में बिना दूसरे पक्षकार को सुने निर्णय दें, ताकि वह जल्द से जल्द अपने ‘केरवा महल’ वाले निवास में जाकर रह सके.

जब अजय सिंह से इस मामले में उनकी प्रतिक्रिया जानने के लिए फोन पर संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा, ‘‘जब अदालत से मुझे नोटिस मिलेगा, तब उसका जवाब दूंगा.’’

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी खली करने होंगे बंगले

 

मध्य प्रदेश के जबलपुर हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को निर्देश दिए हैं कि पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी बंगले एक महीने में खाली कराए जाएं. कोर्ट ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, उमा भारती, बाबूलाल गौर और दिग्विजय सिंह से सरकारी बंगले एक महीने के भीतर खाली कराए जाएं. मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय शुक्ला की बेंच ने उस नियम को असंवैधानिक बताया, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी आजीवन सरकारी आवास और सुविधाएं देने का प्रावधान था.

दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, उमा भारती,कैलाश जोशीऔर बाबूलाल गौर पूर्व मुख्यमंत्री के नाते आज भी सरकारी बंगलों में रह रहे हैं. कुछ दिनों पहले शिवराज सरकार ने कैबिनेट में एक प्रस्ताव लाकर पूर्व मुख्यमंत्रियों को कैबिनेट मंत्री के बराबर सुविधाएं दिए जाने का प्रस्ताव भी पास किया था. हालांकि बाद में इसे कोर्ट में चुनौती दे दी गई.

हाईकोर्ट ने पिछले साल दायर एक याचिका पर ये फैसला सुनाया. याचिका में कहा गया था कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नियम के विरुद्ध सरकारी आवासों में रहते हैं. प्रदेश सरकार ने इस मामले की सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश वेतन भत्ता अधिनियम में 2017 में संशोधन किया था और पूर्व मुख्यमंत्रियों को वर्तमान मंत्रियों के समान वेतन-भत्ते और आवास की सुविधा देने का प्रावधान जोड़ दिया था.

क्या राज्यपाल वोहरा को एक्स्टेंशन मिलेगी

फाइल

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25000 का इनामी मुजरिम मंजीत गिरफतार

20 जून – हरियाणा पुलिस की एस0आई0टी0 शाखा सोनीपत ने मोस्ट वांटेड एवं 25 हजार रूपये के ईनामी शातिर बदमाश को हत्या की जुर्म मे गिरफतार किया है। गिरफतार किया गया आरोपी मन्जीत पुत्र उमेद निवासी गढमिर्कपुर जिला सोनीपत का रहने वाला है। आरोपी पर लूट एवम मर्डर के लगभग 6 मुकदमें दर्ज है। यह जानकारी आज यहां हरियाणा पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता ने दी ।

प्रवक्ता ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि  गत् 12 अप्रैल को मनीष कुमार पुत्र रामकवार निवासी गढमिर्कपुर ने थाना राई में शिकायत दी थी कि मनजीत पुत्र उमेद सिंह निवासी गढमिर्कपुर, राजू निवासी बसौदी, अक्षय निवासी पलडा व तीन नामपता नामालूम युवको ने गांव गढमिर्कपुर की सीमा में मेरे पिता रामकवार की गोली मारकर हत्या की है। जिसके आधार पर शस्त्र अधिनियम व भारतीय दण्ड संहिता की धाराओं के अन्तर्गत थाना राई में अभियोग दर्ज किया गया।

प्रवक्ता के अनुसार इस घटना को गम्भीरता पूर्वक लेते हुये आरोपियों की धरपकड के लिये सी0आई0ए0 सोनीपत, एस0आई0टी0 सोनीपत व थाना राई की अलग-अलग टीमें गठीत की गई थी। उपरोक्त टीमों ने तत्परता से कार्य करते हुये सोनीपत के 25000 के इनामी बदमाश मंजीत को गिरफतार कर लिया है तथा मंजीत ने अपराध की स्वीकारोक्ति करते हुये बताया था कि अक्षय व राजू के कहने पर गोली मारने की घटना को अन्जाम दिया था। गिरफतार आरोपी को न्यायालय मे पेशकर न्यायालय के आदेशानुसार न्यायिक हिरासत जेल भेज दिया गया है।

आर यु बी का काम जल्द आरम्भ होगा बदनोर ने दिया आश्वासन

http://आर यु बी, बदनौर,प्रताप, rana, बल्टाना,जीरकपुर, हरमिलाप

 

20/06/2018, चंडीगढ़ :

आज पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल श्री प्रताप सिंह राणा प्रधान ज्वाइंट एक्शन कमेटी, बलटाना की अध्यक्षता में पंजाब के राज्यपाल महामहिम V.P.S बदनोर जी से पंजाब राजभवन में मिला I राज्यपाल महोदय के साथ बहुत ही सौहार्द पूर्ण वातावरण में प्रतिनिधि मंडल की बैठक हुई I

प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल महोदय को बताया गया किस तरह से चंडीगढ़ प्रशासन का इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट रायपुर कला- हरमिलाप नगर रेलवे क्रॉसिंग नंबर 123 चंडीगढ़ -अंबाला रेल सेक्शन पर अंडरपास बनाने में लगभग तीन वर्षों से उड़चने डाल रहा है I
राज्यपाल महोदय को बताया गया कि उत्तर रेलवे ने चंडीगढ़ प्रशासन को 14 -8- 2015 को रेलवे फाटक की जगह अंडरपास बनाने की प्रपोजल और ड्राइंग भेजी थी, जो कि 17- 12 -2017 को इंटरस्टेट मीटिंग में मंजूर हो चुकी है I तीनों प्रदेश के अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण भी किया तथा हमें बताया गया कि जल्द ही लैंड स्क्वायर करने के बाद अंडरपास बनाने का टेंडर दे दिया जाएगा I इतना कुछ होने के बावजूद अब मुख्य वास्तुकार श्री कपिल सेतिया ने ड्राइंग में गड़बड़ी बताकर काम को लटकाने की कोशिश की जा रही है I प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल महोदय को बताया कि फाटक के कारण बलटाना की लगभग 36 कॉलोनियों के लोग सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं I रोज सुबह-शाम फाटक पर लगने वाले जाम से निवासियों को दो चार होना पड़ता है I जब से चंडीगढ़ से लालरू रेलवे लाइन का दोहरीकरण हुआ है तब से रेलवे फाटक पर जाम की समस्या और भी अधिक गंभीर हो गई है I

राज्यपाल महोदय ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि बलटाना निवासियों की इस समस्या को वह गंभीरता से ले रहे हैं, और जल्द से जल्द रायपुर कलां – हरमिलाप नगर रेलवे क्रॉसिंग की जगह अंडरपास बना दिया जाएगा I प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल महोदय के आश्वासन के बाद उनका धन्यवाद किया I

प्रतिनिधिमंडल में सर्वश्री कुंवर उदय सिंह राठौर, पंजाब प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी, हवा सिंह अत्री, MC वार्ड नंबर 2, श्री सुखबीर सिंह, प्रधान वैशाली एनक्लेव 2, श्री आर पी शर्मा, प्रधान सैनी विहार फेस 3, श्री SP चौधरी, प्रधान राम विहार कांप्लेक्स शामिल थे I