आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र गांव पहाड़ी के समुचित विकास में अपना योगदान देंगे
चंडीगढ़ 28 जून-
आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र गुरुग्राम जिला के हेलीमण्डी के निकट स्थित गांव पहाड़ी के समुचित विकास में अपना योगदान देंगे। इसके लिए रविवार 1 जुलाई को गांव पहाड़ी में प्रात: 9:30 बजे कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल शिरकत करेंगे। यह गांव आईआईटी दिल्ली की एलुमनाई एसोसिएशन द्वारा गोद लिया जा रहा है, जिसके साक्षी प्रदेश के मुख्यमंत्री भी बनेंगे। बताया गया है कि आईआईटी दिल्ली की एलुमनाई एसोसिएशन ने देश के 100 गांवों को सही ढंग से विकसित करने का बीड़ा उठाया है, जिसमें गुरुग्राम जिला का गांव पहाड़ी भी शामिल है।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल शनिवार व रविवार को गुरुग्राम पधार रहे हैं। वे शनिवार 30 जून को गुरुग्राम के स्वर्ण जयंती लोक निर्माण विश्राम गृह में मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगियों के विदाई कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे।
इस बारे में जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगी एक वर्ष के अंतराल के लिए लगाए जाते हैं और उनकी यह अवधि इस वर्ष 30 जून को पूरी हो रही है। मुख्यमंत्री प्रात: 8 बजे से ही इस विदाई कार्यक्रम में भाग लेंगे। यह कार्यक्रम लगभग 3 घंटे तक चलेगा। इन सुशासन सहयोगियों की नियुक्ति एक वर्ष के लिए की जाती है। देश के विभिन्न उत्कृष्ट शिक्षण संस्थानों से आईआईटी और आईआईएम के पास आउट युवा को सुशासन सहयोगियों के तौर पर रखा जाता है। एक जिला में एक या दो सुशासन सहयोगी नियुक्त होते हैं जो जिला प्रशासन और सरकार को आम जनता को सरकार की ओर से बेहत्तर सेवाएं उपलब्ध करवाने की दिशा में काम करते हैं, उसके लिए आवश्यक हो तो सॉफटवेयर भी तैयार करते हैं। ये सुशासन सहयोगी जिला में विभिन्न विषयों का अध्ययन करके जिला प्रशासन व सरकार को सुझाव देते हैं ताकि शासन की ओर से आम जनता को जो सुविधाएं दी जानी है वे सरलता से उन तक पहुंचे। साथ ही जो कठिनाइयां आ रही हैं उनका समाधान कैसे हो सकता है, उसके लिए भी सुशासन सहयोगी अपने सुझाव देते हैं। इन सहयोगियों की हर महीने मुख्यमंत्री के साथ लंबी बैठक होती है जिसमें वे अपने अध्ययन के विषय के साथ प्रैजेन्टेशन देते हैं, साथ ही समस्याओं को उजागर करते हुए उनके समाधान के सुझाव भी देते हैं।
सुशासन सहयोगियों के विदाई कार्यक्रम के बाद लोक निर्माण विश्राम
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