स्न्दोआ पर माइनिंग माफिया ने किया जानलेवा हमला

चंडीगढ,21जून:

पंजाब में माइनिंग माफिया बेकाबू हो गए है। विपक्ष के तमाम शोर के बावजूद सरकार लगाम लगाने में नाकाम रही है। अभी सरकार दो दिन पहले मोहाली जिले में माइनिंग माफिया द्वारा ब्लाॅक फाॅरेस्ट आफीसर पर किए गए हमले के सदमे से उबरने के लिए फाॅरेस्ट कर्मियों को हथियार देने पर विचार कर ही रही थी कि गुरूवार को रोपड से आम आदमी पार्टी के विधायक अमरजीत सिंह संदोआ पर माफिया ने हमला कर दिया।

विधायक संदोआ बीहारा गांव में अवेध माइनिंग रोकने गए थे कि उन पर हमला कर दिया गया। संदोआ की छाती पर पत्थर से चोट पहुंचाई गई। उन्हें आनन्दपुर साहिब के अस्पताल में दाखिल कराया गया है। संदोआ गुरूवार दोपहर बाद कुछ पत्रकारों को क्षेत्र में चल रहे अवैध माइनिंग को दिखाने गए थे। माइनिंग माफिया को विधायक की इस योजना की पहले से जानकारी मिल गई और उन्होंने मौके से मशीनें व वाहन पहले से हटा दिए। जैसे ही विधायक अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे माफिया के लोगों ने उन पर लोहे की राॅड व पत्थरों से हमला कर दिया। विधायक के सशस्त्र अंगरक्षक को भी मारपीट का शिकार बनाया गया। आनन्दपुर साहिब अस्पताल के डाॅक्टरों ने विधायक को छाती में दर्द और ईसीजी रिपोर्ट असामान्य आने पर इलाज के लिए चंडीगढ पीजीआई भेज दिया।

 

इस घटना से पहले मोहाली जिले के सियोंक गांव में अवैध रेत माइनिंग और वन क्षेत्र की लकडी चोरी रोकने का प्रयास करने पर सोमवार रात ही ब्लाॅक फाॅरेस्ट आॅफीसर पर हमला किया गया था। गंभीर घायल बलाॅक फारेस्ट आफीसर को इलाज के लिए पीजीआई चंडीगढ में दाखिल कराया गया है। इसके बाद वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने कहा था कि माइनिंग माफिया से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए फाॅरेस्ट प्रोटेक्शन फोर्स का गठन किया जाएगा और क्षेत्र में तैनात वन कर्मियों को फायर आम्र्स दिए जायेंगे। हालांकि फाॅरेस्ट स्टाफ को हथियार देने का प्रस्ताव वर्ष 2014 से लंबित है। वन,गृह और विधि विभाग को इस प्रस्ताव पर फैसला करना बाकी है।

 

क्षेत्र में तैनात फाॅरेस्ट स्टाफ को देने के लिए 30 डबल बैरल गन और पिस्तौल भी खरीद ली गई थीं लेकिन सम्बनिधत कानून न बनाए जाने के कारण ये हथियार अभी फिल्लौर पुलिस के पास जमा है। घने जंगल वाले जम्मू-कश्मीर और असम में सशस्त्र फाॅरेस्ट प्रोटेक्शन फोर्स बने हुए है। मोहाली और निचले शिवालिक के कांडी बेल्ट में अवैध रेत माइनिंग रोकने में फाॅरेस्ट विभाग की नाकामी के सवाल पर वन मंत्री ने माफिया के फैलने के लिए पिछली अकाली-भाजपा सरकार को दोषी बताया। मंत्री ने सिंयोक की घटना में गंभीर घायल को 50 हजार व कम घायल को 21 हजार रूपए की सहायता देने और सरकारी खर्च पर इलाज कराने का ऐलान किया। पिछले साल नवम्बर में पटियाला जिले में माइनिंग विभाग के एक जनरल मेनेजर पर माफिया ने हमला किया था। जल संसाधन,सिंचाई व राजस्व विभाग भी अपने स्टाफ की सुरक्षा के प्रबन्धों पर विचार कर रहे है।

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