आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर पिछले साल तक आइकन थीं. सरकार ने उन्हें पद्मभूषण से नवाजा है. टाइम मैगजीन ने उन्हें दुनिया की 100 ताकतवर महिलाओं की सूची में शामिल किया है. वह बैंकिंग की दुनिया की सबसे ताकतवर शख्स में शुमार थीं. शायद ही किसी ने सोचा होगा कि 2011 में पद्मभूषण से सम्मानित किए जाने के सात साल बाद ही वह खुद को भ्रष्टाचार के आरोप से घिरी पाएंगीं. और जिस बैंक को उन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया उसी का बोर्ड उन्हें छुट्टी पर भेज देगा.
2009 में 48 वर्ष की उम्र में वह आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ बनीं. किसी निजी बैंक की सीईओ बनने वाली वह सबसे कम उम्र की प्रोफेशनल थीं. चंदा ने आईसीआईसीआई बैंक के लिए चार ‘सी’ पर आधारित रणनीति तय की – कॉस्ट, क्रेडिट, करंट-सेविंग अकाउंट और कैपिटल के गिर्द बुनी गई यह स्ट्रेटजी बैंक को बुलंदियों तक ले गई. थोड़े वक्त के लिए आईसीआईसीआई बैंक की रफ्तार थोड़ी थमी लेकिन चंदा कोचर ने इसे फिर फास्ट ट्रैक पर दौड़ा दिया.
2008 में लेहमैन ब्रदर्स के ध्वस्त होने के बाद शुरू हुए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट से आईसीआईसीआई बैंक को बचा ले जाने में उनकी अहम भूमिका रही है. बैंक के रिटेल बिजनेस को खड़ा करने में उन्होंने जबरदस्त भूमिका निभाई. कोचर का करियर जिस मुकाम पर है वह किसी के लिए भी सपना हो सकता है. 1984 में आईसीआईसीआई में उन्होंने मैनेजमेंट ट्रेनी से शुरुआत की थी और 25 साल बाद वह आईसीआईसीआई बैंक की एमडी और सीईओ बन गईं.
लेकिन इस बुलंदी पर चंदा कोचर आरोपों से घिर गईं. चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत के बीच कथित गठजोड़ के खिलाफ सीबीआई की जांच से उन पर दबाव काफी बढ़ गया है.
आरोप है कि धूत ने दीपक कोचर की कंपनी Nu-power को करोड़ों रुपये दिए. जबकि धूत की कंपनी को लोन के तौर पर आईसीआईसीआई से मिला 3250 करोड़ रुपये का लोन एनपीए में तब्दील हो चुका है.
पहले तो आईसीआईसीआई बैंक इस सौदे में चंदा कोचर की भूमिका स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं था. लेकिन शेयर होल्डरों के दबाव और बोर्ड में ही चंदा कोचर पर उठे सवाल ने बैंक को जांच के लिए एक स्वतंत्र कमेटी बनाने के लिए मजबूर किया. इस बीच, खबरें आती रहीं की चंदा कोचर की छुट्टी कर दी जाएगी. लेकिन अब जांच पूरी होने तक उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया है.
चंदा कोचर पर भले ही सीधे आरोप न लगे हों लेकिन पति दीपक कोचर, देवर राजीव कोचर और Nu-power के सीईओ से सीबीआई पूछताछ कर चुकी है. यह उस बैंकर की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल है, जिसके प्रोफेशनल अंदाज की बैंकिंग के दुनिया के लोग कसमें खाते हैं. अगर वीडियोकॉन और कोचर परिवार के बाच साठगांठ साबित हो जाती है तो चंदा के चमचमाते करियर के साथ उनकी निजी साख भी वक्त के अंधेरे में दफन हो जाएगी.