पाक ने किया संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन, 4 जवान शहीद

सांबा सेक्टर के रामगढ़ में बाबा चमलियाल के सालाना उर्स से पहले पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम तोड़ा गया है।

पाकिस्तान की नापाक हरकतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. पाकिस्तान की तरफ से बीती रात जम्मू कश्मीर के अरनिया सेक्टर के चमलियाल पोस्ट पर हुई फायरिंग में बीएसएफ के तीन अफसर सहित एक जवान शहीद हो गए. शहीदों की पहचान असिस्‍टेंट कमांडेंट जीतेंद्र सिंह, सब इंस्‍पेक्‍टर रजनीश, असिस्‍टेंट सब इंस्‍पेक्‍टर रामनिवास और कांस्‍टेबल हंसराज के रूप में हुई है. पाक की तरफ से हुई गोलीबारी में बीएसएफ के तीन अन्‍य जवान भी गंभीर रूप से हताहत हुए हैं. इन सभी को इलाज के लिए अस्‍पातल में भर्ती करा दिया गया है. जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है.

बीएसएफ के अनुसार मंगलवार रात्रि करीब 9 बजकर 40 मिनट पर पाकिस्‍तान रेंजर्स के अधीन आने वाली असरफ पोस्‍ट से बीएसएफ की चमलियाल पोस्‍ट पर भारी गोलीबारी और मोर्टार से हमले शुरू किए गए.  सांबा सेक्टर के रामगढ़ में बाबा चमलियाल के सालाना उर्स से पहले पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम तोड़ा गया है।
गोलीबारी के लिए पाकिस्‍तान रेंजर्स लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियारों का इस्‍तेमाल कर रहे थे. चमलियाल पोस्‍ट पर तैनात बीएसएफ के जवानों ने पाकिस्‍तानी रेंजर्स को मुंह तोड़ जवाब देना शुरू किया. इसी दौरान पाकिस्‍तान की तरफ से आई गोलियां बीएसएफ के तीन अधिकारी और चार जवानों को जा लगी. मौके पर मौजूद बल के अन्‍य सदस्‍यों ने सभी को समीपवर्ती अस्‍पताल में भर्ती कराया. जहां असिस्‍टेंट कमांडेंट जीतेंद्र सिंह, सब इंस्‍पेक्‍टर रजनीश, असिस्‍टेंट सब इंस्‍पेक्‍टर रामनिवास और कांस्‍टेबल हंसराज को मृत घोषित कर दिया गया. जबकि गंभीर रूप से जख्‍मी तीन अन्‍य जवानों का इलाज शुरू कर दिया गया है.

पाकिस्तानी रेंजर्स ने अखनूर सेक्टर के प्रगवाल इलाके और नजदीक के कंचक और खौर सेक्टरों में रविवार (3 जून) को भारी गोलीबारी और मोर्टार से गोले दागे थे. रविवार की रात करीब 1:15 बजे पाकिस्तान की ओर से प्रगवाल स्थित अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थिति BOP को निशाना बनाकर गोलीबारी की गई. इस गोलीबारी में सहायक उपनिरीक्षक एसएन यादव (48) और कांस्टेबल वीके पांडे गंभीर रूप से जख्मी हो गए. दोनों घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया. जहां उन्‍होंने देश के लिए अपने प्राण न्‍यौछावर कर दिए. पाक की तरफ से हुई गोलाबारी में 9 स्‍थानीय नागरिक और एक पुलिस कर्मी जख्मी हुए थे. जिसमें 6  घायलों की पहचान सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल जाकिर खान, सुलक्षणा देवी (25), बंसीलाल (40) बलविंदर सिंह (22), सुधाकर सिंह (50) और विक्रम सिंह (34) के तौर पर हुई थी.

तीन जून को पाकिस्‍तान की तरफ से हुई फायरिंग का बीएसएफ ने मुंहतोड़ जवाब दिया था. बीएसएफ की गोलीबारी से पाकिस्‍तानी रेंजर्स इस तरह घबरा गए थे कि उन्‍होंने आनन-फानन ब्रिगेडियर अमजद हुसैन को बातचीत के लिए भेज दिया था. 4 जून को सेक्‍टर कमांडर लेबल की हुई इस बैठक में बीएसएफ के डीआईजी पीएस धीमान और रेंजर्स के ब्रिगेडियर अमजद हुसैन के बीच करीब एक घंटे तक चर्चा हुई थी. चर्चा के दौरान पाक बिग्रेडियर अहमद हुसैन ने वादा किया था कि पाकिस्‍तान की तरफ से अब के बाद गोलीबारी की शुरूआत नहीं की जाएगी. मीटिंग में यह भी तय हुआ था कि 21 जून को बीएसएफ और पाक रेंजर्स की सेक्‍टर कमांडर लेबल की वार्ता पर भी सहमति हुई थी. इससे पहले 29 मई को भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने जम्मू कश्मीर में सरहद पर गोलीबारी की घटनाओं को तुरंत रोकने के लिए 2003 के संघर्ष विराम समझौते को अक्षरश : लागू करने पर सहमति जताई थी.
विशेष हॉट लाइन पर हुई बातचीत में दोनों कमांडरों ने नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मौजूदा स्थिति की समीक्षा भी की थी. हॉटलाइन पर बातचीत करने की पहल पाकिस्तानी डीजीएमओ ने की थी. बातचीत भारत के डीजीएमओ ले. जनरल अनिल चौहान और पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर जनरल साहिर शमशाद मिर्जा के बीच हुई थी. इसके बाद दोनों सेनाओं ने एक जैसा बयान जारी करके कहा था कि दोनों पक्ष 15 साल पुराने संघर्ष विराम समझौते को लागू करने पर सहमत हैं. उल्‍लेखनीय है कि  इस साल 29 मई तक संघर्षविराम उल्लंघन की कुल 908 घटनाएं हुईं  थी, जबकि पिछले साल 860 घटनाएं हुई थीं.
आपको बता दें कि आतंकी संगठन घाटी में एक बड़े हमले की फिरांक में हैं. मंगलवार को सुरक्षाबलों के काफिलों को निशाना बनाने के लिए आतंकियों ने बाहू त्राल के अवंतिपुरा रोड पर IED ब्‍लास्‍ट करने की साजिश रची. साजिश के तहत आतंकियों ने अवंतीपुरा रोड को काजीगुंड रेलवे स्‍टेशन से जोड़ने वाले लिंक रोड पर IED लगा दिया. यह IED करीब पांच किलो विस्‍फोटक से बना था. आतंकियों को पता था कि CRPF के वाहन पीकेट पार्टियों को लेकर वहीं से गुजरती हैं. आतंकियों का मंसूबा गाड़ी में मौजूद CRPF की पीकेट पार्टियों को एक साथ उठाना था. गनीमत रही कि CRPF की 185वीं बटालियन की फुट पेट्रोलिंग टीम को इस IED के बारे में पता चल गया. जिसके बाद CRPF के अधिकारियों ने तत्‍काल इसकी जानकारी J&K पुलिस के साथ साझा की. CRPF और J&K पुलिस की संयुक्‍त टीम तत्‍काल मौके पर पहुंची और इस IED को डिएक्टिवेट कर नष्‍ट कर दिया.
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