काल्पनिक असहिष्णुता पर कांग्रेस का बेजा प्रलाप

दिनेश पाठक ,

वरिष्ठ अधिवक्ता राजस्थान उच्च न्यायालय,एवं
विश्व हिन्दू परिषद के विधि प्रमुख

 

 

संघ के कार्यक्रम मे पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी के जाने का समाचार जैसे ही सार्वजनिक हुआ वैसे ही राजनीतिक गलियारो मे तूफान मच गया ! हृर वर्ष की भांति इस वर्ष भी आर एस एस के तीसरे वर्ष के शिक्षा वर्ग का समापन होता है हर साल देश का एक प्रबुद्ध व्यक्ति इसके समापन पर अपना सम्बोधन देता है जो विभिन्न विचारधारा के होते है लेकिन पहली बार ऐसा हुआ देश के पूर्व राष्ट्रपति को वहां जाने से रोकने का प्रयास किया!

इस कार्यक्रम के समापन पर इस साल देश के पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी को आमन्त्रित किया और उन्होने सहज भाव से इसे स्वीकार किया प्रणव मुखर्जी वरिष्ठतम राजनेताओ मे से एक है उनकी विद्वता पर आजतक तक किसी ने चाहे वो बीजेपी हो चाहे आर एस एस चाहे वामपंथी ने कोई सवाल नही उठाया लेकिन पहली बार कांग्रेस ने ही नेताओ ने उनके इस कार्यक्रम मे जाने का विरोध किया और बयानबाजी और टिवटर के जरिये ये कहने की कोशिश की कि प्रणव दा का वहां जाना गलत है और वो सही निर्णय नही कर पाये ! ये कांग्रेस की एक तरह से असहिष्णुता थी कि आर एस एस एक अछूत है वहां जाकर प्रणव दा को बोलने की आजादी को रोकने का प्रयास विरोध करके किया ! जिसका आज प्रणव मुखर्जी ने संघ के कार्यक्रम मे पहुचकर जो सम्बोधन किया ,के जरिये कांग्रेस के ऐसे नेताओ को करारा जबाव दिया जो उनके जाने पर हो हल्ला मचाये हुये थे!

संघ शिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष के समापन पर मुख्य अतिथि डा. प्रणव मुखर्जी जी के सम्बोधन के कुछ मुख्य बिन्दु इस प्रकार रहे

-मैं राष्ट्र और देशभक्ति पर बोलने आया हूँ।
-देश और देशभक्ति समझने आया हूँ।
-मैं भारत के बारे में बात करने आया हूँ।
-hensang व fahiyan ने हिंदुओं की बात कही है ।
-देशभक्ति का मतलब देश के प्रति आस्था।
-सबने कहा है कि हिन्दु धर्म एक उदार धर्म है
-राष्ट्रवाद किसी भी देश की पहचान है ।
-हम अलग अलग सभ्यताओं को शामिल करते रहे हैं।
-भारतीय राष्ट्रवाद में एक वेश्विक भावना रहा है।
-विविधता हमारी सबसे बड़ी ताक़त हैं,हम विविधता का सम्मान करते हैं।
-भेदभाव नफ़रत से भारत को ख़तरा।
-सहिष्णुता हमारी सबसे बड़ी पहचान हैं।
-आज राष्ट्रीय दृष्टिकोण की आवश्यकता हैं
-१८०० वर्षों तक भारत ज्ञान का केंद्र रहा है ।
-नेहरु ने कहा की सबका साथ ज़रूरी
-राष्ट्रवाद किसी धर्म भाषा में बँटा नहीं है।
– हम सबकी पहचान भारतीय हैं।
-भारत की राष्ट्रीयता वसुधेव कुटुम्बकम पर आधारित हैं।
-विचारों में समानता के लिए संवाद ज़रूरी हैं
-शांति की और बढ़ने से समृद्धि बढ़ेगी।
-लोकतंत्र कोई उपहार नहीं संघर्ष का नतीजा हैं।
-विचारों के आदान प्रदान से देश उन्नत होगा
-भारत अर्थव्यवस्था में आगे लेकिन happiness index में पीछे हैं।
-भारतमाता हमसे सुख शांति व समृद्धि की माँग कर रही हैं।
-आपसी नफ़रत से देश को नुक़सान होगा।
-बातचीत से हर समस्या का समाधान सम्भव हैं।
– देशभक्ति में देश के सभी लोगों का योगदान हैं।
-दुनिया का सबसे पहला राज्य भारत हैं।
-विविधता में एकता भारत को ख़ास बनाती हैं।१२२ भाषायें, १६०० बोलियाँ
– आर्थिक विकास को असली विकास में बदलना हैं।

खास बात यह रही कि प्रणव दा और मोहन भागवत के समबोधन मे बहुत कुछ समानता थी जो बाते प्रणव दा ने कही वही बाते लगभग उनसे पूर्व मोहन भागवत ने अपने सम्बोधन मे कही ! उन्होने भारत मे रहने वाले हर व्यक्ति को भारतपुत्र बताया उन्होने कहा संघ सर्वसमाज के लिये काम करता है

प्रणव दा ने अपने सम्बोधन मे ऐसा कुछ नही कहा जिससे कांग्रेस भयभीत थी और अपने ही सबसे बरिष्ठ और विद्वान व्यक्ति को कोस रहे थे उन्होंने अपने सम्बोधन मे भारत की बात की राष्ट्रवाद की बात की उन्होने भारत को पहला राज्य बताया ! हिन्दु के उदार होने तथा गुप्तकाल मौर्य काल अशोक की चर्चा की लेकिन अपने सम्बोधन मे कही अकबर की चरचा नही की!उन्होने याद दिलाया कि भारत की राष्ट्रीयता वसुधैच कुटुम्बकम पर आधारित है

एक और जगुआर ज़मींदोज़ पायलट बाल बाल बचे

 

अहमदाबाद, 8 जून

भारतीय वायुसेना (आईएएफ) का एक पॉयलट शुक्रवार को उस समय बाल-बाल बच गया, जब उड़ान के दौरान एक जगुआर विमान में तकनीकी गड़बड़ी पैछा हुई और वह गुजरात में एक वायुसेना अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। आईएएफ के एक प्रवक्ता ने कहा कि पॉयलट एक स्क्वाड्रन लीडर हैं और वह नियमित प्रशिक्षण मिशन के बाद जामनगर वायुसेना अड्डे पर लौट रहे थे। विमान को उतारने के दौरान पॉयलट को विमान में एक गड़बड़ी का पता चला।

वह सुरक्षित रूप से विमान से बाहर आने में कामयाब रहे, लेकिन यह तत्काल पता नहीं चल सका है कि उन्हें कोई गंभीर चोट आई है या नहीं।

सूत्रों ने कहा कि रॉकेट समर्थित इजेक्शन सीट ने पॉयलट को बाहर किया, लेकिन इससे पहले विमान 500 फुट तक लुढ़का। इसके बाद विमान फिर 100 फुट तक लुढ़का और फिसलकर बगल की डामरयुक्त खुरदुरी जगह पर पहुंच गया।

प्रवक्ता ने कहा कि दुर्घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

बीते तीन दिनों में दूसरी बार आईएएफ जगुआर दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।

उत्तर पश्चिम गुजरात के कच्छ क्षेत्र में मंगलवार को एक जगुआर विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से उसके पॉयलट एयर कोमोडोर संजय चौहान की मौत हो गई थी। उन्होंने भी जामनगर वायुसेना अड्डे से नियमित प्रशिक्षण मिशन के लिए उड़ान भरी थी।

जगुआर विमान चार दशक से सेवा में है। यह एसईपीईसीएटी के लाइसेंस के तहत निर्मित हैं। एसईपीईसीएटी एक एंग्लो फ्रेंच संघ है।

आईएएफ इन्हें आधुनिक एवियॉनिक्स, रडार प्रणाली और आधुनिक इंजनों के साथ उन्नत कर रहा है, जिससे इसका सेवा काल बढ़ाया जा सके।

Pervez Musharraf no more Pakistani Citizen

 

Pakistan’s ministry of internal affairs on Thursday asked the National Database and Registration Authority (Nadra) and the Directorate General of Immigration & Passports to suspend the national identity card and passport of former President Pervez Musharraf, country’s leading newspaper Dawn reported. The move would freeze Musharraf’s bank accounts and will also restrict the retired General from travelling abroad.

A special court while hearing a treason case against the former General on March 8 had directed the interior ministry to suspend Musharraf’s passport and national identity card. However, the implementation of the order was delayed as a certain time limit was granted to the former president to comply with the court’s earlier directives.

Responding to the termination of Musharraf’s passport and identity card, an official from Nadra said they had only received verbal directives and are stilling waiting for a written confirmation in this regard.  A Nadra spokesman on Thursday, the last day of the Pakistan Muslim League-Nawaz government, neither confirmed nor denied the move to suspend Musharraf’s passport.

The court in its order on March 8 had also directed interior ministry along with other departments, divisions and agencies to take appropriate measures for the arrest of Musharraf and attachment of his assets in UAE if the General failed to submit a written request for security during his appearance before the court within seven days.

Musharraf has been charged with treason for subverting the constitution by declaring a state of emergency in November 2007. The leader was restricted from travelling abroad by courts after he returned to Pakistan in March 2013, ending his self-imposed exile. Citing medical treatment, the former President was allowed to travel to Dubai in March 2016 and since then he has not returned.

Pranab Showed Grace and Goodwill : Adwani

NEW DELHI:

Bhartiya Janata Party patriarch Lal Krishna Advani on Friday lauded former president Pranab Mukherjee for attending the Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) event in Nagpur on Thursday. Advani said that Pranab showed grace and goodwill in accepting the invitation. “I warmly commend Shri Mohan Bhagwat ji, Sarsanghchalak of the RSS, for inviting Shri Mukherjee to address the swayamsevaks who completed the third year of training this year. I also heartily congratulate Shri Mukherjee for his grace and goodwill in accepting the invitation,” he said in a statement on Friday.

Advani said that the views shared by RSS chief Mohan Bhagwat and Pranab at the event had a lot in common and expressed hope that such conversations will help in creating an atmosphere of tolerance, harmony and cooperation.

“There was significant concord and resonance in the views expressed by both leaders. Both of them highlighted the essential unity of India, which accepts and respects all diversities including the pluralism of faiths. Such conversations, conducted in the spirit of openness and mutual respect, will surely help in creating a much-needed atmosphere of tolerance, harmony and cooperation to build an India of our common dreams,” he added.

his complete quote

Yesterday’s visit by Shri Pranab Mukherjee, India’s former President, to the headquarters of the Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) in Nagpur, and his illuminating exposition of the noble idea and ideals of Indian nationalism, are a significant event in our country’s contemporary history.

I warmly commend Shri Mohan Bhagwat ji, Sarsanghchalak of the RSS, for inviting Shri Mukherjee to address the swayamsevaks who completed the third year of training this year. I also heartily congratulate Shri Mukherjee for his grace and goodwill in accepting the invitation.

There was significant concord and resonance in the views expressed by both leaders. Both of them highlighted the essential unity of India, which accepts and respects all diversities including the pluralism of faiths.

As a lifelong swayamsevak of the RSS, I believe that these two national leaders have truly set a praiseworthy example of dialogue transcending ideological affiliations and differences.

I have had the pleasure and privilege of knowing, and working closely with, Shri Pranab Babu in and outside Parliament. His own reflective nature, combined with his long and varied experience in public life, have made him a statesman who strongly believes in the necessity of dialogue and cooperation among people of various ideological and political backgrounds.

I am happy that, under the leadership of Shri Bhagwat ji, the RSS has expanded and intensified its efforts to reach out to various sections of our nation in the spirit of dialogue.

Such conversations, conducted in the spirit of openness and mutual respect, will surely help in creating a much-needed atmosphere of tolerance, harmony and cooperation to build an India of our common dreams.

“हिंदू विरोधी विचारधारा के कारण हुईं लंकेश और कुल्बर्गी की हत्याएं”: कर्णाटक पुलिस

 

कर्नाटक पुलिस की एक विशेष टीम ने कोर्ट को बताया है कि तीन साल पहले हुई डॉक्टर एमएम कलबुर्गी और पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के तार आपस में जुड़े हुए हैं.

पुलिस की यह विशेष टीम पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की जांच कर रही है. बेंगलुरू के एक कोर्ट में दाखिल किए गए चार्जशीट में यह दावा फॉरेंसिक रिपोर्ट के हवाले से किया गया है.

फॉरेंसिक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि दोनों हत्याओं में एक ही देसी कट्टे का इस्तेमाल किया गया था. विशेष जांच टीम के 660 पन्नों की चार्जशीट में कलबुर्गी और गौरी लंकेश की हत्या में 7.65 एमएम कट्टे के इस्तेमाल की बात कही गई है.

हिंदूवादी परंपराओं और अनुष्ठानों के ख़िलाफ़ अभियान चलाने वाले डॉक्टर एमएम कलबुर्गी की हत्या 30 अगस्त 2015 को कर दी गई थी.

उत्तरी कर्नाटक के धारवाड़ में कुछ अज्ञात लोगों ने उनके घर के सामने उन्हें गोली मार दी थी.

5 सितंबर 2017 को गौरी लंकेश की हत्या बेंगलुरु में उनके घर के सामने कुछ अज्ञात लोगों ने कर दी थी. गोली चलने वाले व्यक्ति ने हेलमेट पहन रखी थी.

कथित रूप से हिंदूवादी विचारधारा को चुनौती देने के लिए गौरी लंकेश और कलबुर्गी की हत्या कर दी गई थी.

फॉरेंसिक रिपोर्ट के मुताबिक़ दोनों हत्याओं में गोली और कारतूस “एक ही देसी कट्टे से चलाई गई थी” जिसमें 7.65 एमएम की कारतूस लगती है.

इस रिपोर्ट को अहम माना जा रहा है, क्योंकि कलबुर्गी की हत्या के तीन साल बाद भी अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.

एक पुलिस अधिकारी ने बीबीसी से कहा, “दोनों मामलों में यह एक बड़ी सफलता है.”

पोस्टमॉर्टम के दौरान डॉक्टरों को गौरी लंकेश के शरीर से तीन गोलियां मिली थीं जबकि हत्या की जगह पर उनके घर के दरवाज़े के ऊपर लगी एक गोली भी बरमाद की गई थी.

फॉरेंसिक टीम ने कलबुर्गी की हत्या के बाद बरामद किए गए कारतूसों से इन कारतूसों का मिलान किया था.

विशेष टीम ने इस मामले में केटी नवीन को गिरफ्तार किया था जिस पर प्रवीण उर्फ सुजीत कुमार को देसी कट्टा मुहैया कराने का आरोप था.

पुलिस को दिए अपने बयान में नवीन ने आरोप लगाया था कि उन्होंने गोवा के पोंडा में हुए एक धार्मिक सेमिनार में कहा था कि हिंदूत्व की रक्षा के लिए हथियार उठाने की ज़रूरत है. बयान की एक कॉपी बीबीसी के पास है.

इसके बाद आयोजकों में से एक व्यक्ति ने उन्हें कहा था कि उनके जैसे विचार रखने वाले और भी लोग हैं जो जल्द उनसे संपर्क करेंगे. इस तरह प्रवीण उनके संपर्क में आया था. नवीन ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा है, “मैं जानता हूं कि यह गैरकानूनी है, लेकिन मैं (गौरी लंकेश के) हिंदू विरोधी विचारों के ख़िलाफ़ था और मैंने उनकी मदद करने का फ़ैसला किया.”

इससे पहले प्रवीण एक कन्नड़ लेखक केएस भगवान की हत्या की साजिश रचने के लिए गिरफ्तार किए गए थे. बाद में उन्हें गौरी लंकेश हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया. केएस भगवान कई बार हिंदू देवी देवताओं के ख़िलाफ़ बोलने के लिए विवादों में फंस चुके हैं.

पुलिस ने इनके अलावा तीन अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया था जो हिंदूत्ववादी संस्थानों, सनातन संस्था या इससे जुड़ी हिंदू जनजागृति समिति से जुड़े थे.

जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया, वो हैं- महाराष्ट्र के पुणे से अमोल काले, पोंडा, गोवा से अमित देग्वेकर और कर्नाटक के विजयपुरा से मनोहर इदावे.

कलबुर्गी की हत्या पहले कम्युनिस्ट नेता गोविंद पनसारे और उनकी पत्नी की हत्या कोल्हापुर में गोली मार कर कर दी गई थी. पनसारे और उनकी पत्नी मॉर्निंग वॉक से घर लौट रहे थे.

इससे दो साल पहले 30 अगस्त 2013 में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के नरेंद्र दाभोलकर की हत्या भी इसी तरह के 7.65 एमएम देसी कट्टे से की गई थी.

यह माना जा रहा है कि चारों की हत्या “हिंदू विरोधी विचारधारा” रखने की वजह से की गई है.

खिलाडियों की एक तिहाई कमाई वाली फ़ाइल् खट्टर ने वापिस बुलाई

 

चंडीगढ,8जून। हरियाणा में सरकारी सेवा में नियुक्त खिलाडियों के पेशेवराना खेल या अन्य व्यावसायिक गतिविधि से कमाए जाने वाले धन का एक तिहाई हिस्सा हरियाणा खेल परिषद को देने के नियम पर शुक्रवार शाम प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रोक लगाते हुए फाईल अपने पास तलब कर ली। इस मुद्दे पर दिनभर विवाद चलता रहा और प्रतिक्रियाएं आती रहीं। इसके बाद मुख्यमंत्री ने इस नियम पर रोक लगा दी।

यह पुराने नियमों पर नया विवाद सामने आया है। सरकार की नौकरी में रहते हुए पेशेवराना खेलों या अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के जरिए धन कमाने वाले खिलाडियों पर राज्य सरकार ने पहले से शर्तें लागू की हैं और इनके अनुसार खिलाडियों को इस आमदनी का हिस्सा हरियाणा खेल परिषद में जमा कराना होगा। सरकार का कहना है कि इस धन को प्रदेश में खेलों के विकास पर खर्च किया जाएगा। इन नियमों पर नया विवाद सामने आया है। प्रदेश के प्रमुख खिलाडी इन शर्तों का विरोध कर रहे है। उन्होंने राज्य सरकार से इन शर्तों पर पुनर्विचार की अपील की है।

राज्य सरकार द्वारा 30 अप्रेल 2018 को जारी अधिसूचना के अनुसार यदि खिलाडी को पेशेवराना खेलों या आमदनी से जुडी अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए बगैर वेतन असाधारण अवकाश प्रदान किया जाता है तो खिलाडी को आय का एक तिहाई हिस्सा राज्य खेल परिषद में जमा करवाना होगा। वहीं यदि खिलाडी को ऐसी गतिविधि में शामिल होने के दौरान सक्षम अधिकारी की पूर्व अनुमति से ड्यूटी पर माना जाता है तो उसे पूरी आय राज्य खेल परिषद को देनी होगी।

इन दो शर्तों पर प्रदेश के प्रमुख खिलाडियों ने कडा विरोध जताया है। रेसलर गीता फोगाट और उनकी बहिन बबीता फोगाट ने मीडिया को अपनी प्रतिक्रिया दी है। उनहोंने कहा है कि राज्य सरकार जो कर रही है वह खिलाडियों के हित में नहीं है। गीता फोगाट अभी हरियाणा पुलिस में उपअधीक्षक के पद पर नियुक्त है। गीता ने कहा कि मैं राज्य सरकार से इस पर पुनर्विचार की अपील करती हूं। गीता की छोटी बहिन बबीता ने कहा कि सरकार इस बात को नहीं समझ रही कि देश के लिए पदक लाने पर खिलाडी को कितनी मेहनत करना होती है। मैं इन शर्तों का समर्थन नहीं करती हूं। सरकार को नियम बनाने से पहले खिलाडियों से राय लेना चाहिए।

अभा कांग्रेस के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में कहा कि हरियाणा की खट्टर सरकार इस तरह के तुगलकी फरमान आये दिन जारी कर रही है। वह अप्रिय सख्त आदेश जारी करने में होड की तरह काम कर रही है। खेल मंत्री ने इस बारे में कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है। हरियाणा सरकार के कर्मचारियों के सेवा नियमों में यह शर्त पहले से लागू है। नियम है कि यदि राज्य सरकार का कर्मचारी आय हासिल करता है तो उसे एक तिहाई सरकार को जमा कराना होगा। खिलाडियों के मामले में यह मुद्दा तब सामने आया था जबकि बाॅक्सर विजेंन्द्र को पेशेवर स्पद्र्धा में खेलने की अनुमति दी गई थी और मामला पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा था। हाईकोर्ट ने सरकार को ऐसे मामलों के नियम बनाने को कहा था। उन्होंने कहा कि शर्ते उन खिलाडियों पर लागू होंगी जो कि व्यावसायिक खेल स्पद्र्धाओं में खेलकर आय हासिल करेंगे। ओलम्पिक,एशियाई खेल और काॅमन वैल्थ खेलों के लिए ये शर्ते लागू नहीं है।

जैश-ए- मोहम्मद ने रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी दी

 

अम्बाला, 8 जून

पंजाब के फिरोजपुर रेल मंडल प्रमुख को आई आतंकवादियों की एक चिट्ठी ने पूरे उत्तर भारत की सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। आतंकी संगठन जैश-ए- मोहम्मद की ओर से भेजे गए इस धमकी भरे पत्र में देश के कई रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है जिसके बाद अम्बाला में भी रेलवे स्टेशन को सुरक्षा छावनी में तब्दील कर दिया गया है।

फिरोजपुर रेल मंडल के डीआरएम को एक चिट्ठी प्राप्त हुई है जिसमें देश के अहम रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। अम्बाला रेलवे स्टेशन का नाम देश के सबसे अहम रेलवे जंक्शन में शुमार होता है। यहां से सेना और अन्य अहम महकमों को रसद सप्लाई होती है। साथ ही यहां से हरियाणा समेत, जम्मू, पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और हिमाचल प्रदेश के लिए बड़े पैमाने पर ट्रेनें चलती हैं। अम्बाला स्टेशन की सुरक्षा को देखते हुए आज जीआरपी, आरपीएफ और रेल वार्डन ने रेलवे स्टेशन पर चेकिंग अभियान चलाया और साथ साथ यात्रियों को जागरूक किया।

हुड्डा को भाखड़ा नहर की याद आई

चण्डीगढ़ 08 जून 2018
हरियाणा के पूर्व मुख्य मन्त्री भूपेन्द्र सिह हुड्डा ने आज प्रदेश की भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसकी लापरवाही व उदासीनता के कारण हरियाणा में भयंकर पेयजल संकट दस्तक दे रहा है। अधिकांश जलघर, तालाब व जोहड़ सूख गये हैं या सूखने के कगार पर हैं। नहरों से पानी सप्लाई पहले से आधी या उससे भी कम रह गई है। प्रदेश सरकार सोई रही या जानबूझ कर आँखें बन्द रखी या कोई बाहरी दबाव था, यह तो वही बता सकती है, पर इस तथ्य से इन्कार नहीं किया जा सकता कि मार्च 2018 से मई 2018 के बीच हरियाणा को उसके हिस्से का पूरा पानी नहीं मिला। न्यायसंगत बात यह है कि किसी डैम से राज्यों को पानी का बँटवारा उनके तय हिस्सेदारी के हिसाब से होना चाहिये।

हुड्डा ने कहा कि 20 सितम्बर 2017 को भाखड़ा बाँध में पानी अपने उच्चतम स्तर 1680 फुट से थोड़ा नीचे 1673 फुट था, जो औसत से बेहतर था। पर आज भाखड़ा में पानी का स्तर 31 फुट घटकर 1642 फुट है, जो खतरनाक स्थिति बयां करता है। याद रखें कि बाँध अपने निर्माण के बाद शायद ही 1650 फुट से नीचे के स्तर पर आया हो। बीबीएमबी की 29 मई 2018 की बैठक में बहाना बनाया गया कि 2017-18 में कम बर्फबारी से जलाशय में कम पानी आया। यह आँखों में धूल झौंकने वाली बात है। सवाल यह भी उठता है कि इस विषय में मौसम विभाग की भविष्यवाणी की अनदेखी किसने की और क्यूं की ? दूसरे यह ध्यान क्यों नहीं दिया गया कि सर्दियों में कम बर्फबारी हुई है, तो गर्मियों में पानी कुदरती तौर पर कम आयेगा व पानी को बाँध से उसी हिसाब से छोड़ना चाहिये था। क्यों मार्च व मई महिने के बीच इतना पानी छोड़ा गया कि अपने निम्नतम 1642 फुट पर आ गया। सरकार बताये कि जब हरियाणा बीबीएमबी का अपने हिस्से का पूरा खर्च उठा रहा है तो उसे उसके हिस्से का पानी क्यों नही मिला ?

हुड्डा ने कहा कि देश में कई बड़े बाँध हैं व हर जगह मैनेजमैन्ट बोर्ड का चेयरमैन हिस्सेदार राज्यों से बाहर का होता है ताकि भेदभाव या अपने-पराये की शिकायत न हो। पर दुर्भाग्यवश बीबीएमबी में इस परम्परा को तोड़ दिया गया व एक हिस्सेदार राज्य से सम्बन्धित व्यक्ति को ही चेयरमैन बना दिया गया। जबकि चेयरमैन किसी बाहरी राज्य से होना चाहिए था, ताकि वो निष्पक्षता के साथ काम कर सके। परिणाम यह हुआ कि नये चेयरमैन ने कानून सम्मत दायित्त्व निभाने की जगह अपने आकाओं की सुनी व हिस्सेदार राज्यों को एक नजर से नहीं देखा। लिहाजा किसी राज्य को उसके हिस्से से ज्यादा तो हरियाणा को अपने हिस्से से कम पानी मिला। दूसरे मेम्बर इरीगेशन जो हरियाणा से है व एक्सटैन्शन पर है, ने हरियाणा के हितों को क्यों कुर्बान होने दिया ?

हुड्डा ने कहा कि हरियाणा सीएमओ में बाहरी लोगों की भरमार है, जिलों में तैनात अधिकांश सुशासन सहयोगी भी बाहर के हैं। अब यही स्थिति बीबीएमबी में बनती जा रही है। हरियाणा के कोटे के पदों पर भी बाहरी लोगों की नियुक्ति हो रही है। हमें नहीं पता कि सरकार को इसकी जानकारी है या सब उसकी रजामन्दी से हो रहा है। एक्ट में मेम्बर इरीगेशन की योग्यता कार्यरत मुख्य अभियन्ता की है, जो अब तक हरियाणा से बनते आये हैं पर अब अन्दरखाते शर्तें बदली जा रही हैं व नई शर्त के मुताबिक मेम्बर इरीगेशन की 25 साल की सेवा व 3 साल का मुख्य अभियन्ता का अनुभव अनिवार्य किया जा रहा है। हरियाणा सरकार को पता होना चाहिए कि यह नई शर्तें प्रदेश में कोई भी मुख्य अभियन्ता पूरी करने वाला नहीं है, मतलब आगे से मेम्बर इरिगेशन हरियाणा से नही होगा, जिससे प्रदेश के हितों को आगे चलकर बड़ा नुकसान हो सकता है।

हरियाणा में पुराने नियमों पर नया विवाद खिलाडियों को नहीं मंज़ूर

चंडीगढ,8जून।

हरियाणा में पुराने नियमों पर नया विवाद सामने आया है। सरकार की नौकरी में रहते हुए पेशेवराना खेलों या अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के जरिए धन कमाने वाले खिलाडियों पर राज्य सरकार ने पहले से शर्तें लागू की हैं और इनके अनुसार खिलाडियों को इस आमदनी का हिस्सा हरियाणा खेल परिषद में जमा कराना होगा। सरकार का कहना है कि इस धन को प्रदेश में खेलों के विकास पर खर्च किया जाएगा। इन नियमों पर नया विवाद सामने आया है। प्रदेश के प्रमुख खिलाडी इन शर्तों का विरोध कर रहे है। उन्होंने राज्य सरकार से इन शर्तों पर पुनर्विचार की अपील की है।

राज्य सरकार द्वारा 30 अप्रेल 2018 को जारी अधिसूचना के अनुसार यदि खिलाडी को पेशेवराना खेलों या आमदनी से जुडी अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए बगैर वेतन असाधारण अवकाश प्रदान किया जाता है तो खिलाडी को आय का एक तिहाई हिस्सा राज्य खेल परिषद में जमा करवाना होगा। वहीं यदि खिलाडी को ऐसी गतिविधि में शामिल होने के दौरान सक्षम अधिकारी की पूर्व अनुमति से ड््यूटी पर माना जाता है तो उसे पूरी आय राज्य खेल परिषद को देनी होगी।

इन दो शर्तों पर प्रदेश के प्रमुख खिलाडियों ने कडा विरोध जताया है। रेसलर गीता फोगाट और उनकी बहिन बबीता फोगाट ने मीडिया को अपनी प्रतिक्रिया दी है। डनहोंने कहा है कि राज्य सरकार जो कर रही है वह खिलाडियों के हित में नहीं है। गीता फोगाट अभी हरियाणा पुलिस में उपअधीक्षक के पद पर नियुक्त है। गीता ने कहा कि मैं राज्य सरकार से इस पर पुनर्विचार की अपील करती हूं। गीता की छोटी बहिन बबीता ने कहा कि सरकार इस बात को नहीं समझ रही कि देश के लिए पदक लाने पर खिलाडी को कितनी मेहनत करना होती है। मैं इन शर्तों का समर्थन नहीं करती हूं। सरकार को नियम बनाने से पहले खिलाडियों से राय लेना चाहिए।

अखिल भारतीय कांग्रेस के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में कहा कि हरियाणा की खट्टर सरकार इस तरह के तुगलकी फरमान आये दिन जारी कर रही है। वह अप्रिय सख्त आदेश जारी करने में होड की तरह काम कर रही है। खेल मंत्री ने इस बारे में कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है। हरियाणा सरकार के कर्मचारियों के सेवा नियमों में यह शर्त पहले से लागू है। नियम है कि यदि राज्य सरकार का कर्मचारी आय हासिल करता है तो उसे एक तिहाई सरकार को जमा कराना होगा। खिलाडियों के मामले में यह मुद्दा तब सामने आया था जबकि बाॅक्सर विजेंन्द्र को पेशेवर स्पद्र्धा में खेलने की अनुमति दी गई थी और मामला पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा था। हाईकोर्ट ने सरकार को ऐसे मामलों के नियम बनाने को कहा था। उन्होंने कहा कि शर्ते उन खिलाडियों पर लागू होंगी जो कि व्यावसायिक खेल स्पद्र्धाओं में खेलकर आय हासिल करेंगे। ओलम्पिक,एशियाई खेल और काॅमनवैल्थ खेलों के लिए ये शर्ते लागू नहीं है।

कब बनेगा आर यू बी  : राणा

प्रताप राणा सबसे दायें

जीरकपुर 8 जून (पुरनूर )

रेलवे अंडर ब्रिज के लिए कब तैयार होगा प्रशासन ओर रेलवे मंडल? यह सवाल है श्री प्रताप राणा का जो की बलटाना रेजिडेंट वेलफेयर समिति के प्रधान हैं. चंडीगढ़ – बलटाना लिंकिंग रायपुर कलां रेलवे फाटक पर लगने वाला जाम शहर निवासियों के लिए सिर दर्द बन गया है. शहर की बढती जनसंख्या के चलते इस फाटक पर सुबह से शाम तक ट्रैफिक जाम लगा रहता है. कारण यहाँ से रोजाना गुजरने वाली 50 से अधिक रेल गाड़ियां हैं. ख़ास तौर पर सुबह ओर शाम यहाँ आवाजाही की बहुत दिक्कत है. पिछले कुछ महीनों से यहाँ डबल लें शुरू होने की वजह से समस्या ओर गम्भीर हो गई है.

इस समस्या से निजत आने के लिए शहर निवासी काफी लम्बे समय से संघर्ष रत हैं . इस मुद्दे को लेकर समिति ने 17 नवम्बर 2017 को एक बैठक की ओर कपनी लम्बित मांग से सम्बन्धित फाइल केंद्र को भी भेजी.

जॉइंट एक्शन कमेटी  बल्टाना रेसिडेंट्स वेलफेयर के प्रधान श्री प्रताप  राणा ने बताया कि समिति की  लम्बित मांग को देखते हुए अम्बाला रेल मंडल ने चंड़ीगढ़ प्रशासन को अंडर रेलवे ब्रिज बनाने का प्रस्ताव भेजा था इस पर कार्यवाही हुए चंडीगढ़ प्रशासन  ने एक से अधिक बार जगह का निरीक्षण किया ओर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को भी प्रस्तावितकर दिया लेकिन बाद ने तयार रूप रेखा बदल दी. सूत्रों के अनुसार सम्बन्धित अधिकारी बार बार  रूपरेखा में फेर बदल इस लिए कर रहे हैं जिससे की अंडर रेलवे ब्रिज का निर्माण टाला जा सके. इस विषय पर टिप्पणी करने के लिए आर्किटेक्चर विभाग के अधिकारी उपलब्ध नहीं थे.

 

समिति के प्रधान श्री राणा ने बताया की इस मांग को लेकर  वह न केवल  प्रतिनिधिदल के साथ लगभग सभी सम्बन्धित अधिकारीयों से ओर राजनैतिक नेताओं से भी  सी समय पर मिले बल्कि अपनी बात सरकार तक पहुँचने के लिय रोष प्रदर्शन भी किया.

श्री राणा ने शहर बताय की फाटक पर लगने वाले जाम से काफी हद तक निजात मिल गई है. ट्रैफिक को रेगुलेट करने के लिए समिति के सदस्यों ने सयम सुबह शाम फाटक पर ड्यूटी दी ओर यातायात को सुचारू रूप से चलाने की चंड़ीगढ़ ट्रैफिक पुलिस की मदद की. उन्होंने इस कार्य में ट्रैफिक पुलिस के तत्कालीन उपाधीक्षक यशपाल की सराहना की.

समिति सदस्यों ने शहरवासियों से अपील की की इस समस्या के समाधान के लिए किये जा रहे संघर्ष में साथ दें जिससे की सभी को इससे फायदा हो सके.