Thursday, December 26

 

चंडीगढ़ : वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा बृहस्‍पतिवार को दिए गए रेगुलाइजेशन पॉलिसी को रद्द करने के फैसले के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया है।

श्री सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट/एडहॉक कर्मचारियों को रेगुलराइजेशन केस में उच्च न्यायालय के समक्ष कर्मचारियों की सही पैरवी नहीं की, जिससे आज 8,000 गरीब परिवारों का भविष्य अंधकारमय हो गया है और उनके लिए सड़क पर आने की स्थिति बन गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने के लिए बनाई गई 2014 की रेगुलाइजेशन पॉलिसी कानून के हिसाब से सही थी और उसमे कर्मचारियों के हितों का समुचित ध्यान रखा गया था। लेकिन भाजपा सरकार ने उस पॉलिसी की जानबूझकर कमजोर पैरवी की और हाई कोर्ट के समक्ष कमजोर तथ्य रखे, जिसके कारण हाईकोर्ट द्वारा यह पॉलिसी रद्द की गई है।

श्री सुरजेवाला ने खट्टर सरकार से तुरंत अपनी भूल सुधार करते हुए सभी कच्चे कर्मचारियों को एकमुश्त पक्का करने की नीति बनाने का स्पेशल ऑर्डिनेंस लाकर प्रस्ताव पास करने की मांग की, ताकि प्रदेश में अस्थाई कर्मचारियों को पक्का किया जा सके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी हरियाणा के अस्थाई कर्मचारियों का दुःख दर्द समझती है और दुःख की इस घडी में उनके साथ खड़ी है। यदि भाजपा सरकार ने अस्थाई कर्मचारियों को उनका हक़ नहीं दिया तो आठ महीने के बाद कांग्रेस सरकार बनने पर सभी एडहॉक, कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के साथ न्याय किया जाएगा। उन्होंने याद दिलाया कि 2004 में कांग्रेस सरकार ने पूर्व की ओम प्रकाश चौटाला और भाजपा सरकार के द्वारा निकाले गए बोर्ड-कॉर्पोरेशन के 9000 कर्मचारियों को दोबारा नौकरी देकर समायोजित किया था।

श्री सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा सरकार की नीयत शुरू से ही ठीक नहीं थी और अपना राजनीतिक उल्लू साधने के लिए कर्मचारियों के भविष्य से खेल रही थी। जिसके कारण 2014 में पहले भाजपा सरकार ने इस पॉलिसी पर रोक लगाई और फिर उच्च न्यायालय के समक्ष सही तरीके से पैरवी नहीं की। इससे साफ़ हो जाता है कि इस सरकार का असली मकसद हजारों अस्थाई कर्मचारियों को रेगुलर होने से वंचित रखना था।