वर्तमान समय में जहां कई लोग देश में एक दूसरे के धर्म के खिलाफ जहर उगल रहे हैं। यह सब सोशल मीडिया पर आपको अक्सर देखने को मिल जाएगा कि एक दूसरे के धर्म पर लोग कैसी-कैसी टिप्पणियां करते हैं।
बिहार के दरभंगा में एक मुस्लिम नौजवान मोहम्मद अशफाक ने अपना रोज़ा तोड़कर दो दिन के एक हिन्दू बच्चे को खून देकर उसकी जान बचाई और मजहब के नाम लड़ाने वाले लोगों के सामने एक मिशाल पेश की।
आपको बता दें कि बिहार के दरभंगा में एक एसएसबी जवान रमेश सिंह की पत्नी ने दो दिन पहले एक निजी नर्सिंग होम में ऑपरेशन के बाद बच्चे को जन्म दिया, लेकिन जन्म के बाद बच्चे की तबीयत बिगड़ने लगी।
डॉक्टरों ने एसएसबी जवान से बच्चे को बचाने के लिए ने ब्लड ग्रुप ओ-नेगेटिव खून की मांग की। बच्चे को बचाने के लिए सोशल मीडिया पर ब्लड ग्रुप ओ-नेगेटिव खून के लिए मैसेज किया।
जैसे ही मैसेज मोहम्मद अशफाक को मिला उसने तुरंत पीड़ित परिवार से संपर्क करने के बाद रोजे की हालत में खून देने के लिए अस्पताल पहुंच गया। लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि खून देने के लिए आपको रोजा तोड़ना पड़ेगा।
मोहम्मद अशफाक ने बच्चे की जान बचाने के लिए रोजे को तोड़कर खून दिया। दो दिन के बच्चे को खून देकर मोहम्मद अशफाक ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि किसी की जिन्दगी बचाने से महत्वपूर्ण कुछ नहीं है।