नैशनल लोकदल-बहुजन समाज पार्टी एक मंच पर

 

एस.पी अरोड़ा, जिला मीडिया प्रभारी पंचकूला, इनेलो अनुसार इंडियन नैशनल लोकदल-बहुजन समाज पार्टी की संयुक्त जिला स्तरीय मीटिंग सोमवार को दिनांक 28 मई सुबह 11 बजे पंचकूला सैक्टर-6 स्थित जाट भवन में आयोजित होगी

डंपिंग ग्राउंड में आग

डंपिंग ग्राउंड में तीन दिन से लगी हुई है आग नहीं हो रही है काबू

आग ने दिखाया रोद्र रूप सैक्टर तेईस के कम्यूनिटी सेंटर के साथ भी लगी आग

फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंचीं जहरीले घुऐं ने सैक्टर 23 से लेकर सैक्टर 28 तक के निवासी यों का जीना मुश्किल किया

कई हजार एकड़ की पराली जलाने के बराबर जहरीले धुएं ने बच्चों व बुजुर्गों की बढाई मुश्किल
काश इस पर भी जुर्माना लगाया जाने का प्रावधान होता

विज के निशाने पर राहुल

चंडीगढ़(ब्यूरो): अपने बयानों और ट्वीटों के लेकर हमेशा चर्चा में रहने व हरियाणा के दबंग मंत्री कहलाए जाने वाले मंत्री अनिल विज ने एक बार फिर बयानबाजियों में गर्माहट ला दी है। इस बार विज ने कांग्रेसाध्यक्ष राहुल गांधी पर सीधे तौर तंज कसा है, हालांकि इससे पहले भी विज ने राहुल पर अनेकों ट्वीट और बयान परोक्ष रूप से कर चुके हैं। लेकिन इस बार विज का यह तूफानी ट्वीट बड़ा ही जोरदार और लेटेस्ट है।

स्वास्थ्य मंत्री ने राहुल गांधी की तुलना निपाह वायरस से कर डाली है और कहा कि इनके संपर्क में जो भी पार्टी आई है वो खत्म हो जाती है।

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Banks Unions is going to organise candle march on 28th May

United Forum of Banks Unions is going to organise candle march in protest against meager hike of 2% in wages , anti people economic policies of Central govt. , against big loot in corporate loans, non serious attitude of Govt. for recovery of corporate loans , at 6.30 PM on 28th May .The march will start from SBI Building (near HAFED) Sector 5 Panchkula and will culminate at sector 4 Market Pkl .
Senior leader of UFBU will address the gathering.
As told by Harvinder Singh, Deputy General Secretary SBIOA ,Chandigarh circle, and Sudesh Vashist ,Distt Secretary AIBOC.

भारत देश की कुल अर्थव्यवस्था का 30% तो पी . चितंबरम ही खा गए

 

 

 

 

 

 

 

 

भारत देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भारत के पूर्व वित्त मंत्री पी . चितंबरम को लेकर चौकाने वाला बयान दिया हे उन्होंने अपने बयान में कहा हे कि अभी हाल ही में पी . चितंबरम के पास अरबो रूपये काले धन के रूप में निकले हे इसके साथ ही उनका कहना हे कि भारत देश की कुल अर्थव्यवस्था का 30% तो पी . चितंबरम ही खा गए , और अब भारत देश की जनता इस बात का निर्णय करे कि अब कहा से भारत देश का विकास होगा जब देश के मंत्री हे देश का पैसा खाकर बैठे हे , कहा से भारत देश के युवाओ के पास रोजगार आएगा |

आयरलैंड के करीब 30 लाख लोगों ने जनमत संग्रह में वोट किया

 

आयरलैंड के करीब 30 लाख लोगों ने जनमत संग्रह में वोट किया

18 से 24 साल के 87% लोगों ने अबॉर्शन बैन हटाने के पक्ष में वोट किया

70% महिलाओं ने भी कहा- मिले अबॉर्शन का अधिकार

 

डबलिन.  आयरलैंड में पहली बार महिलाओं को गर्भपात कराने का अधिकार मिला       है। 35 साल पहले बने कानून में यहां अबॉर्शन यानी गर्भपात को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया था। अब देश के 30 लाख लोगों ने जनमत संग्रह में वोट करके इस कानून को बदलने की राय जाहिर कर दी है। भले ही नतीजा अब आया है, लेकिन महिलाओं के हक की ये लड़ाई 6 बरस से चल रही थी। इस पूरे कैंपेन का चेहरा भारतीय मूल की महिला सविता हलप्पनवार थीं। इस कानून में बदलाव के लिए कराए गए जनमत संग्रह को कराने में आयरलैंड के प्रधानमंत्री लियो वाराडकर ने अहम भूमिका निभाई। बता दें कि लियो वाराडकर भारतीय मूल के हैं।

23 शहरों में पारा 45 के पार

23 शहरों में पारा 45 के पार: दिल्ली 46.2 डिग्री, 3 साल का रिकॉर्ड टूटा; भोपाल में सीजन का सबसे गर्म दिन

– मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, सूर्य इन दिनों उत्तरी गोलार्ध के ऊपर है, इसलिए सोलर रेडिएशन ज्यादा है

– राजस्थान का श्रीगंगानगर देश में सबसे ज्यादा गर्म रहा। यहां अधिकतम पारा 46.6 डिग्री दर्ज हुआ

नई दिल्ली.  देश के 7 राज्यों के 23 शहरों में शनिवार को पारा     45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। इनमें सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश के 9 शहर हैं। राजस्थान का श्रीगंगानगर देश में सबसे ज्यादा गर्म रहा। यहां अधिकतम पारा 46.6 डिग्री दर्ज हुआ। दिल्ली भी गर्मी के सितम से अछूती नहीं रही, यहां तापमान ने 46.2 डिग्री के साथ तीन साल का रिकॉर्ड तोड़ा। मध्य प्रदेश के अलावा राजस्थान के 5, हरियाणा के 3, महाराष्ट्र-पंजाब के 2-2 और उत्तर प्रदेश का एक शहर इस लिस्ट में शामिल है।

देश में औसतन एक हजार लोगों पर 1.7 नर्स कर रहीं काम

 

 

नई दिल्ली/त्रिवेंद्रम/इंदौर/जयपुर.देश में नर्सों की स्थिति बेहद खराब है। इन्हें न्यूनतम 20 हजार रुपए प्रतिमाह भी नहीं दिया जा रहा है। जबकि, ये करीब 10 से ज्यादा तरह की गंभीर संक्रामक बीमारियों के बीच घिरकर मरीजों की सेवा कर रही हैं। बीते सप्ताह केरल में निपाह वायरस के मरीजों का इलाज करते समय नर्स लिनी पुतुसेरी की मौत इसका उदाहरण है। यूनाइटेड नर्सेज एसोसिएशन के केरल के स्टेट जनरल सेक्रेटरी सुजानापाल बताते हैं कि प्राइवेट अस्पतालों में नर्सों की सैलरी 8 हजार रुपए तक है। ये इन्हें इंसान नहीं मानते हैं। नर्सों से दबाव देकर 12-15 घंटे नौकरी करवाई जाती है। हालात इतने खराब हैं कि कुछ लोगों ने अब अपना करिअर तक छोड़ दिया है।

A nurse tends to a woman, who underwent a sterilization surgery at a government mass sterilisation “camp”, at Chhattisgarh Institute of Medical Sciences (CIMS) hospital in Bilaspur, in the eastern Indian state of Chhattisgarh, November 13, 2014. REUTERS/Anindito Mukherjee

  • दिल्ली नर्सेज फेडरेशन के महासचिव एलडी रामचंदानी का कहना है कि देश में एक हजार की आबादी पर 1.7 नर्स काम कर रही हैं। जबकि, वैश्विक औसत प्रति हजार 2.5 नर्स का है। अपनी मांगों के लिए देशभर में नर्सेज आंदोलन कर रही हैं, लेकिन न तो कोई राज्य सरकार और न ही केन्द्र सरकार इस ओर ध्यान दे रही है।

निजी अस्पताल से सरकारी या बड़े कॉर्पोरेट अस्पताल जाना मजबूरी

  • ऑल इंडिया गवर्नमेंट नर्सेज फेडरेशन की महासचिव जीके खुराना का कहना है कि निजी अस्पताल में नर्सों का बुरा हाल है। यहां महीने में 10 से 15 हजार रुपए नर्सेज को दिया जाता है।
  • खुराना का कहना है कि छोटे शहरों में तो हालात इससे भी बदतर हैं। यही कारण है कि नर्सें निजी अस्पतालों में दो से तीन साल का अनुभव लेकर सरकारी या बड़े कॉर्पोरेट अस्पताल में चली जाती हैं। सरकारी अस्पतालों में शुरुआती दौर में नर्स को करीब 45 हजार और रिटायरमेंट के समय नर्स की सैलरी करीब 90 हजार होती है।

सरकारी नर्सें भी 15 साल से रिस्क अलाउंस की कर रही हैं मांग

  • वहीं दूसरी तरफ नर्सिंग फेडरेशन करीब 15 साल से सरकारी अस्पताल में तैनात नर्सों के लिए रिस्क अलाउंस की मांग कर रहा है, लेकिन इस पर भी अब तक सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं मिल पाया है। एक ओर देश में नर्सेज को बीएससी नर्सिंग के बाद स्पेशल कोर्स कराके कुछ दवाइयां लिखने का उन्हें अधिकार देने पर काम चल रहा है।
  • वहीं दूसरी ओर वर्तमान में कार्यरत नर्सों द्वारा किए जा रहे काम को नाकाफी बताया जा रहा है। यही वजह है कि नर्सेज को अभी तक न तो सातवें वेतनमान का फायदा मिला है और न ही रिस्क अलाउंस।