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माँ ने अदालत में लगाई अपने घर में रहने देने की गुहार

 

कांग्रेस के दिवंगत दिग्गज नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की पत्नी सरोज कुमारी (83) ने अपने दो बेटों अजय सिंह एवं अभिमन्यु सिंह के साथ-साथ बहू सुनीति सिंह के खिलाफ यहां अदालत में घरेलू हिंसा और संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा कर उन्हें बेदखल करने का मामला दर्ज कराया है. सरोज ने भोपाल के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी गौरव प्रज्ञान की अदालत में घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 12 एवं सहपठित धारा 18, 19, 20 एवं 22 के अंतर्गत आवेदन दिया है और अपने बेटों अजय और अभिमन्यु पर घरेलू हिंसा करने, घर से बेदखल करने और भरण-पोषण नहीं करने का आरोप लगाया है. अजय सिंह (64) सरोज के कनिष्क पुत्र हैं. वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और वर्तमान में मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं, जबकि सुनीति (60) अजय की पत्नी है. अभिमन्यु (68) ज्येष्ठ पुत्र हैं और वर्तमान में बेंगलुरू में रहते हैं. सरोज ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘मैं आज दोपहर एनआरआई उद्योगपति सैम वर्मा और बेटी वीणा सिंह के साथ अदालत पहुंचीं और अपने वकील दीपेश जोशी के माध्यम से यह आवेदन अदालत में पेश किया.’’

वर्तमान में अपने दोनों बेटे से अलग नोएडा में रह रही सरोज ने अपनी अर्जी में कहा, ‘‘मेरे बेटों अजय सिंह (राहुल भैया) और अभिमन्यु सिंह ने घरेलू हिंसा कर मुझे मेरे ही घर से बेदखल कर दिया है. उन्होंने मेरा भरण-पोषण करने से इनकार कर दिया है. इस वजह से मुझे मजबूरी में अदालत की शरण लेनी पड़ी है.’’ उन्होंने आवेदन में लिखा, ‘‘मेरे पति स्वर्गीय अर्जुन सिंह ने जीवनभर कांग्रेस पार्टी में रहकर उसके उन उसूलों पर काम किया जिनसे महिला संरक्षण हो और असहाय व्यक्तियों को सहयोग मिले. लेकिन मेरे बेटे अजय सिंह ने कांग्रेस पार्टी के उन्हीं उसूलों को ताक में रखकर मुझे मेरे घर से बेदखल कर दिया. मुझे इस अवस्था और इस उम्र में अपना घर छोड़कर अलग-अलग जगहों पर रहना पड़ रहा है. यह कृत्य कांग्रेस पार्टी के उसूलों के खिलाफ है. यह प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी का नेता और सर्वसंपन्न होने के बावजूद मेरे बेटे के चरित्र को परिभाषित करता है.’’

सरोज ने अर्जी में आगे कहा, ‘‘मैं चाहती हूं कि अदालत मुझे मेरे निवास में रहने देने में मदद करे और अजय सिंह को वहां से अलग करने का आदेश दे. मुझे न्याय मिलने का भरोसा है.”जिस घर के लिए मां-बेटों में यह विवाद चल रहा है, वह बाहरी भोपाल के रातीबड़ पुलिस थाना इलाके स्थित ‘केरवा महल’ है, जिसे अर्जुन सिंह की कोठी के नाम से भी जाना जाता है. इस बेशकीमती कोठी की वर्तमान में कीमत करोड़ों रूपये है. सरोज के वकील जोशी ने कहा कि मेरे मुवक्किल ने अदालत से यह भी निवेदन किया है कि अदालत इस मामले में बिना दूसरे पक्षकार को सुने निर्णय दें, ताकि वह जल्द से जल्द अपने ‘केरवा महल’ वाले निवास में जाकर रह सके.

जब अजय सिंह से इस मामले में उनकी प्रतिक्रिया जानने के लिए फोन पर संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा, ‘‘जब अदालत से मुझे नोटिस मिलेगा, तब उसका जवाब दूंगा.’’

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी खली करने होंगे बंगले

 

मध्य प्रदेश के जबलपुर हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को निर्देश दिए हैं कि पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी बंगले एक महीने में खाली कराए जाएं. कोर्ट ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, उमा भारती, बाबूलाल गौर और दिग्विजय सिंह से सरकारी बंगले एक महीने के भीतर खाली कराए जाएं. मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय शुक्ला की बेंच ने उस नियम को असंवैधानिक बताया, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी आजीवन सरकारी आवास और सुविधाएं देने का प्रावधान था.

दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, उमा भारती,कैलाश जोशीऔर बाबूलाल गौर पूर्व मुख्यमंत्री के नाते आज भी सरकारी बंगलों में रह रहे हैं. कुछ दिनों पहले शिवराज सरकार ने कैबिनेट में एक प्रस्ताव लाकर पूर्व मुख्यमंत्रियों को कैबिनेट मंत्री के बराबर सुविधाएं दिए जाने का प्रस्ताव भी पास किया था. हालांकि बाद में इसे कोर्ट में चुनौती दे दी गई.

हाईकोर्ट ने पिछले साल दायर एक याचिका पर ये फैसला सुनाया. याचिका में कहा गया था कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नियम के विरुद्ध सरकारी आवासों में रहते हैं. प्रदेश सरकार ने इस मामले की सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश वेतन भत्ता अधिनियम में 2017 में संशोधन किया था और पूर्व मुख्यमंत्रियों को वर्तमान मंत्रियों के समान वेतन-भत्ते और आवास की सुविधा देने का प्रावधान जोड़ दिया था.