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हाँ मैंने 2 बच्चे बेचे, मुझे नहीं मालूम वोह कहाँ हैं: नन, अणिमा


राज्य की राजधानी रांची स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी की नन ने स्वीकार किया है कि मैंने दो अन्य शिशुओं को भी बेचा है, नन ने कहा है कि मुझे नहीं पता कि अब वे कहा हैं


झारखंड में नवजात शिशुओं के बेचे जाने के मामले में एक नन के कबूलनामे का एक वीडियो सामने आया है. राज्य की राजधानी रांची स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी की नन ने स्वीकार किया है कि मैंने दो अन्य शिशुओं को भी बेचा है. नन ने अपने कबूलनामे में कहा है कि मुझे नहीं पता कि अब वे कहा हैं.

रांची पुलिस ने चाइंलड ट्रैफिकिंग के आरोप में 9 जुलाई को दो नन को गिरफ्तार किया था. यह नन भी उसी में शामिल है. पुलिस ने बताया कि बेचे गए 4 शिशुओं में से 3 को बरामद कर लिया गया है.

रांची पुलिस के सामने गुनाह कबूल करते हुए नन ने कहा है कि उसने 50-50 हजार रुपए में दो बच्चों को बेचा है जबकि एक बच्चे को एक लाख बीस हजार रुपए में बेचा था. बेचे गए अन्य बच्चे के बारे में नन को पूरी जानकारी नहीं है.

कैसे हुआ मामले का खुलासा

यह मामला तब खुला जब यूपी के सोनभद्र जिले के ओबरा निवासी सौरभ अग्रवाल और प्रीति अग्रवाल ने चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडबल्यूसी) के पास शिकायत लेकर पहुंचे कि उन्हें उनका बच्चा वापस नहीं दिया जा रहा है. इस बच्चे को उन्होंने पांच मई को 1.20 लाख में खरीदा था.

एफआईआर में दर्ज जानकारी के मुताबिक गुमला की रहनेवाली एक रेप पीड़िता अविवाहित गर्भवती लड़की यहां रह रही थी. उसने बीते एक मई को रांची सदर अस्पताल में बच्चा को जन्म दिया. इस नवजात को कर्मचारी अनिमा इंदवार ने सिस्टर कोंसिलिया के मिलीभगत से अग्रवाल दंपती को बेच दिया. उस वक्त नवजात चार दिन का ही था. इधर 30 जून को सीडबल्यूसी के सदस्यों ने संस्था का दौरा किया था. इससे डरकर अनिमा ने उसी दिन अग्रवाल दंपति को फोन कर कहा कि बच्चे को अदालत में पेश करना है, उसे लेकर रांची आ जाइए.

इसके बाद बच्चे को दो जुलाई अनिमा को दे दिया. तीन जुलाई को बच्चे की जानकारी लेने वह संस्था पहुंचे, जहां उन्हें बच्चे से नहीं मिलने दिया गया. इसके बाद उसी दिन उन्होंने इसकी शिकायत सीडबल्यूसी से की. सूचना मिलते ही चेयरमैन रूपा कुमारी निर्मल हृदय पहुंची. पूरी छानबीन के बाद जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो अनिमा ने स्वीकारा कि उन तीनों ने मिलकर बच्चे को बेच दिया है.

4 से 5 साल की 59 बच्चियों को तहखाने में भूखे प्यासे रखा कैद


दिल्ली के एक स्कूल में चार से पांच साल की बच्चियों को तहखाने में बंद करने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि बच्चों को पांच घंटे से भी ज्यादा समय के लिए भूखे प्यासे तहकाने में बंद रखा गया


दिल्ली के राबिया पब्लिक स्कूल में चार से पांच साल की बच्चियों को तहखाने में बंद करने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि बच्चों को पांच घंटे से भी ज्यादा समय के लिए भूखे प्यासे तहखाने में बंद रखा गया. मिली जानकारी के अनुसार, तहखाने में पंखा तक नहीं था और भीषण गर्मी से बच्चियों की हालत खराब हो गई थी.

दिल्ली पुलिस ने सेंट्रल दिल्ली के हौज काजी में एक प्राइवेट स्कूल के खिलाफ मामला दर्ज किया है. चांदनी चौक के राबिया पब्लिक स्कूल के खिलाफ बच्चियों को घंटों तक तहखाने में बंद रखने को लेकर मामला दर्ज किया गया है. स्कूल ने चार से पांच साल की 20 से ज्यादा बच्चियों को बंधक बना कर रखा. बच्चों के माता-पिताओं ने आरोप लगाया है कि सोमवार को मंथली फीस जमा न होने पर स्कूल ने बच्चियों को पांच घंटे तक तहखाने में बंद रखा. स्कूल की छुट्टी के बाद जब अभिभावक अपने बच्चों को लेने स्कूल गए, तब उन्हें इस घटना के बारे में जानकारी मिली. जिसके बाद अभिभावकों ने स्कूल में जमकर हंगामा किया.

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने जांच के आदेश दे दिए हैं. साथ ही स्कूल के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर ली गई है. साथ ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में रिपोर्ट तलब की है.

अभिभावकों का आरोप है कि बच्चों को बिना भूखे-प्यासे पांच घंटों तक बेसमेंट में बंद रखा गया. जब वो अपने बच्चों को स्कूल लेने पहुंचे तब जाकर उनके बच्चियों को बाहर निकाला जा सका. इस मामले को लेकर स्कूल के प्रिंसिपल ने एक न्यूज चैनल के साथ बातचीच में कहा है सभी आरोप झूठे हैं. उन्होंने इस तरह के सभी आरोपों को खारिज कर दिया है.

प्रिंसिपल ने कहा है कि बेसमेंट कोई सजा देने की जगह नहीं है. दरअसल ये एक एक्टिविटी रूम है, जहां बच्चे खेलते और म्यूजिक सीखते हैं. ये एक तरह का क्लासरूम है. हालांकि पुलिस ने स्कूल के खिलाफ आईपीसी की धारा 342 और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 75 के तहत हौज काजी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस का कहना है कि हमने स्कूल के प्रिंसिपल को नोटिस भेजा है. साथ ही हम पीड़ित बच्चों के माता-पिता के बयान भी दर्ज करेंगे.