राहुल माया राजस्थान, मध्य प्रदेश ओर हहत्तीस गढ़ मे साथ होंगे


सूत्रों के मुताबिक मध्य प्रदेश में बीएसपी के साथ बातचीत पिछले कुछ महीने से चल रही है, लेकिन सीटों के तालमेल को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है


कांग्रेस मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में दलित मतदाताओं को साथ लेने के मकसद से बीएसपी के साथ गठबंधन की तैयारी में है, हालांकि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने इन तीन राज्यों के नेताओं से कहा है कि वे इस संदर्भ में अगले कुछ दिनों के भीतर ‘जमीनी ब्योरा’ सौंपें. इन तीनों राज्यों में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं.

गांधी ने इन तीनों राज्यों के पार्टी प्रभारियों और प्रदेश अध्यक्षों के साथ बैठक की जिसमें बीएसपी के साथ गठबंधन के अलावा संगठन, चुनाव प्रचार की तैयारियों और टिकटों के आवंटन को लेकर चर्चा हुई.

बैठक में मौजूद पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘तीनों राज्यों में बीएसपी के साथ गठबंधन को लेकर पार्टी में सहमति है. इस मुद्दे पर राहुल गांधी के साथ चर्चा हुई. उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा है कि जमीनी ब्योरा हासिल करें, बीएसपी की क्या स्थिति है और सीटों के तालमेल में सही सूरत क्या होगी.’ उन्होंने कहा, ‘तीनों राज्यों में संगठन की स्थिति, टिकटों के आवंटन और चुनाव प्रचार की तैयारियों को लेकर भी चर्चा हुई.’

सूत्रों के मुताबिक मध्य प्रदेश में बीएसपी के साथ बातचीत पिछले कुछ महीने से चल रही है, लेकिन सीटों के तालमेल को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है. चर्चा के दौरान मौजूद रहे एक अन्य नेता ने बताया, ‘संसद सत्र के बाद राहुल गांधी के चुनावी कार्यक्रम इन तीनों राज्यों में जोरशोर से शुरू हो जाएंगे.’

गांधी के साथ बैठक में मध्य प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, पार्टी के राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे और प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट तथा छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रभारी पीएल पूनिया और प्रदेश अध्यक्ष भूपेश पटेल मौजूद थे.

कांग्रेस केवल मुस्लिम पुरुषों की पार्टी है क्या: मोदी


उन्होंने कहा, ‘जब बीजेपी सरकार ने संसद में कानून लाकर मुस्लिम बहन बेटियों को अधिकार देने की कोशिश की तो उस पर भी यह दल रोडे अटका रहे हैं’


 

संसद का मानसून सत्र शुरू होने से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘तीन तलाक’ से संबंधित विधेयक के लंबित होने को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कांग्रेस से सवाल करते हुए कहा कि क्या यह पार्टी सिर्फ मुस्लिम पुरूषों की पार्टी है, महिलाओं की नहीं.

एक्सप्रेसवे के उद्धघाटन पर तीन तलाक का जिक्र

मोदी ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे परियोजना का शिलान्यास करने के बाद एक जनसभा में कहा, ‘मैंने अखबार में पढा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि कांग्रेस मुस्लिमों की पार्टी है. पिछले दो दिन से चर्चा चल रही है. मुझे आश्चर्य नहीं हो रहा है क्योंकि जब मनमोहन सिंह की सरकार थी तो स्वयं उन्होंने कह दिया था कि देश के प्राकृतिक संसाधनों पर सबसे पहला अधिकार मुसलमानों का है.’

उन्होंने कहा, ‘लेकिन मैं कांग्रेस अध्यक्ष से यह पूछना चाहता हूं कि कांग्रेस मुस्लिमों की पार्टी है. ये तो बताइए मुसलमानों की पार्टी भी क्या पुरूषों की है या महिलाओं की भी है. क्या मुस्लिम महिलाओं के गौरव के लिए जगह है.’

तीन तलाक मामले पर विपक्षियों पर जम कर बरसे मोदी

विपक्षी दलों पर हमला करते हुए मोदी ने कहा, ‘इन सारे दलों की पोल तो तीन तलाक पर इनके रवैए ने भी खोल दी है. एक तरफ केन्द्र सरकार महिलाओं के जीवन को आसान बनाने के लिए प्रयास कर रही है, वहीं ये सारे दल मिलकर महिलाओं और विशेषकर मुस्लिम बहन बेटियों के जीवन को और संकट में डालने का काम कर रहे हैं.’

मोदी ने कहा कि वह इन परिवारवादी पार्टियों और मोदी को हटाने के लिए दिन रात एक करने वाली पार्टियों को कहना चाहते हैं कि संसद का सत्र शुरू होने में चार पांच दिन बाकी हैं. आप पीडित मुस्लिम महिलाओं से मिलकर आइए और फिर संसद में अपनी बात रखिए.

उन्होंने कहा, ‘जब बीजेपी सरकार ने संसद में कानून लाकर मुस्लिम बहन बेटियों को अधिकार देने की कोशिश की तो उस पर भी यह दल रोडे अटका रहे हैं. ये चाहते हैं कि तीन तलाक होता रहे और मुस्लिम बहन बेटियों का जीवन भी तबाह होता रहे.’

राज्य सभा को मिले 4 मनोनीत सदस्य, बढ़ा भाजपा का आधार


राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोनल मान सिंह, राकेश सिन्हा, राम सकल और रघुनाथ महापात्रा का नाम राज्यसभा के नए सांसद के तौर पर मनोनीत किया है


 

राज्यसभा के लिए राष्ट्रपति ने चार लोगों के नाम को मनोनित किया है. ये चारों लोग अलग-अलग क्षेत्र के हुनरमंद हैं. इनमें राकेश सिन्हा, राम सकल, रघुनाथ महापात्रा और सोनल मान सिंह का नाम शामिल है. संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए और प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति ने इन 4 नामों को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है.

आइए जानते हैं इन चारों के बारे में…

राकेश सिन्हा

राकेश सिन्हा दिल्ली यूनिवर्सिटी के मोतीलाल नेहरू कॉलेज में प्रोफेसर हैं और आरएसएस के विचारक हैं. लेकिन राकेश सिन्हा के राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1980 में हुई थी. दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ते हुए उन्होंने तय किया कि वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के उम्मीदवार के तौर पर छात्र संघ का चुनाव लड़ेंगे. सिन्हा ने एक अच्छा कैंपेन चलाया लेकिन वो जीत नहीं सके.

हिंदू कॉलेज में पढ़ने वाले कम ही छात्र इस प्रकार की महत्वकांक्षा रखते हैं. सिन्हा जब मैदान में थे बिहारी बनाम लोकल का मुद्दा अपने चरम था. ऐसे में उनका चुनाव लड़ने का निर्णय लेना एक महत्वपूर्ण कदम था.

एक छात्र और राजनीतिक की तरफ झुकाव रखने वाले एक छात्र कार्यकर्ता के रूप में की गई उनकी कड़ी मेहनत का फल आने वाले सालों में उन्हें मिलने लगा. वो राइट विंग बुद्धिजीवियों के सबसे प्रसिद्ध चेहरों में से एक बन गए. ऐसा इसलिए नहीं था कि वे आरएसएस और उनके सहयोगियों को अच्छी तरह से जानते थे और उन्होंने आरएसएस संस्थापक केबी हेडगेवार पर अपना पोस्ट ग्रेजुएशन डिजर्टेशन लिखा था. बल्कि उन्होंने वामपंथी विचारधारा और राजनीतिक को समझने के लिए काफी समय और ऊर्जा खर्च की थी.

वाम दलों पर काफी रिसर्च किया है राकेश सिन्हा ने

राकेश सिन्हा ने हार्डकोर राइट विंगर होते हुए भी अपना एमफिल, नागरिक स्वतंत्रता आंदोलन पर करने को चुना. इसके बाद उन्होंने अपने पीएचडी रिसर्च के लिए सीपीआई (एम) के संगठनात्मक और विचाराधारात्मक परिवर्तन को चुना.

उनको पहली बार तब प्रसिद्धि हासिल हुई जब उन्होंने आरएसएस संस्थापक हेडगेवार पर किताब लिखी. इसे उस समय का हेडगेवार पर पहला प्रमाणिक जीवनी कहा गया. सिन्हा ने एक राइट विंग थिंक टैंक, इंडिया पॉलिसी फाउंडेशन की भी स्थापना की.

एक समय जब आरएसएस अपने काम और दर्शन के बारे में बहुत चुनिंदा या लगभग गुप्त रहता था. यहां तक कि सार्वजनिक मंच पर खुद को बचाने में भी, खासकर समाचार चैनलों पर, तब सिन्हा ने संघ परिवार का अघोषित प्रवक्ता बनने की पहल की.

सिन्हा ने अपने दोस्तों के बीच कभी भी अपनी आकांक्षाओं को गुप्त नहीं रखा. वह खुले तौर पर संसद के ऊपरी सदन में एक सांसद के तौर पर जाने की अपनी बात को कहते थे और इस मंच से बहस करने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते थे.

सिन्हा को कई संस्थानों का नेतृत्व करने का प्रस्ताव मिला लेकिन उन्होंने इसे सवीकार नहीं किया. आज सिन्हा यह कह सकते हैं उन्हें जो चाहिए था, वह मिल गया है. इसके लिए वे अपने विचारधारात्मक परिवार का धन्यवाद भी कह सकते हैं.

राम सकल

इनके अलावा, उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले राम सकल किसान नेता हैं. दलित समुदाय के कल्याण और बेहतरी के लिए उन्होंने कई काम किए हैं. वो पूर्व में लगातार 3 बार रॉबर्टसगंज से बीजपी के सांसद भी रह चुके हैं. लेकिन 2004 में उन्हें टिकट नहीं मिला. आरएसएस से मजबूत संबंध रखने वाले राम सकल संघ के जिला प्रचारक थे. टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया. अब जब उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनित किया गया है, तो एक बार फिर भारतीय संसद में जाने के लिए तैयार हैं.

रघुनाथ महापात्रा

रघुनाथ महापात्रा अद्भुत प्रतिभा के धनी हैं. उनकी शिल्पकला का जादू देश में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी माना जाता है. साल 2013 में उन्हें पद्म विभूषण से नवाज़ा गया था. इससे पहले उन्हें पद्म भूषण, शिल्प गुरु अवार्ड जैसे कई समान मिल चुके हैं.

अब तक उन्होंने लगभग 2000 छात्रों को ट्रेनिंग दी है. देश की पारंपरिक शिल्प कला को सहेजने में उनका बहुत बड़ा योगदान है. उनकी कला की खूबसूरती पुरी के जगन्नाथ मंदिर में देखने को मिलती है. उनके कई कामों को देश और विदेश में खूब ख्याति मिली. इसमें से एक संसद के सेंट्रल हॉल में लगी भगवान सूर्य की 6 फीट लंबी प्रतिमा है. उनके द्वारा बनाए गए लकड़ी के बुद्धा को पेरिस के बुद्धा मंदिर में रखा गया है.

सोनल मानसिंह

ओडिसी डांस के प्रमुख प्रदर्शकों में से एक सोनल मानसिंह प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता, विचारक, शोधकर्ता, वक्ता, कोरियोग्राफर और शिक्षिका हैं. सोनल मानसिंह ओडिसी के अलावा, भरतनाट्यम में भी माहिर हैं. उन्होंने कई भारतीय पौराणिक कथाओं के माध्यम से कई नृत्य कलाएं बनाई हैं. सोनल मानसिंह को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. इनको 1992 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया और वह सबसे कम उम्र में पद्म भूषण पाने वाली महिला हैं.

हिट ऐंड रन न करें राहुल, सामने आ कर बहस करें जयंत सिन्हा

 


सिन्हा ने राहुल गांधी को चुनौती देते हुए कहा कि वह हिंदी या अंग्रेजी किसी भी माध्यम में झारखंड लिंचिंग मुद्दे पर बहस के लिए तैयार हैं.


केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा है. सिन्हा ने कहा कि राहुल ने व्यक्तिगत स्तर पर हमला बोला है और मेरी शिक्षा और मूल्यों पर सवाल खड़े किए हैं. इसलिए वह चुनौती देते हैं कि राहुल उनसे हिंदी या अंग्रेजी किसी भी माध्यम में झारखंड लिंचिंग मुद्दे पर बहस करें. लेकिन यह बहस सभ्यतापूर्वक होनी चाहिए.

सिन्हा ने यह भी कहा कि राहुल अपने सोशल मीडिया हैंडल के पीछे छिपकर शूट एंड स्कूट की राजनीति ना करें. लिंचिंग मामले पर सफाई देते हुए सिन्हा ने कहा, ’29 जून 2017 को हुई घटना बहुत भयानक और दर्दनाक थी और ऐसी घटनाओं की वह निंदा करते हैं. अपराध करने वालों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.’

सिन्हा ने कहा, ‘लोगों को लगता है कि अलीमुद्दीन हत्याकांड के दोषियों के लिए मेरे मन में सहानुभूति है और मैंने अपने घर में दोषियों का स्वागत किया लेकिन किसी भी तरह के अपराध को बढ़ावा देना मेरा मकसद नहीं है. लोगों को अगर ऐसा लग रहा है तो यह बहुत खेद का विषय है.’

लिंचिंग मामले के कोर्ट में होने का हवाला देते हुए सिन्हा ने कहा कि इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी करना सही नहीं है. जिन लोगों को इस मामले में दिलचस्पी है, वह पहले कागजों और तथ्यों को पढ़ ले फिर अपनी राय बनाएं.

सरयू किनारे आरएसएस करेगी कौमी एकता का आयोजन पढ़ी जाएगी कुरान


आरएसएस की इकाई राष्ट्रीय मुस्लिम मंच की ओर से कराए जाने वाले इस कार्यक्रम में आम मुसलमान और मौलवी ‘भाईचारे’ का संदेश देते हुए कुरान की आयतें पढ़ेंगे


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की मुस्लिम इकाई राष्ट्रीय मुस्लिम मंच की ओर से 12 जुलाई को अयोध्या में सरयू नदी के किनारे मुस्लिमों के लिए खास आयोजन किया जाएगा. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आम मुसलमान और मौलवी ‘भाईचारे’ का संदेश देते हुए कुरान की आयतें पढ़ेंगे.

मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार ने इस कार्यक्रम के आयोजन की पुष्टि की. राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के सह-संयोजक मुरारी दास ने बताया कि गुरुवार 12 जुलाई को सरयू नदी के किनारे करीब ‘1500 मुस्लिम भाई’ जुटेंगे. वो सरयू नदी के जल से वजू (मुस्लिम रीति-रिवाज) करेंगे और कुरान की आयतें पढ़ेंगे.

स्क्रोल की खबर के अनुसार कुरान की आयतें नूह अली सलाम दरगाह पर पढ़ी जाएंगी. राष्ट्रीय मुस्लिम मंच का कहना है कि यह अपने आप में अनोखा आयोजन होगा जब बड़ी संख्या में मुस्लिम सरयू पर तिलावत-ए-कुरान (कुरान की आयतें पढ़ना) करेंगे. वहीं दूसरी तरफ वैदिक मंत्र उच्चारण और सरयू आरती भी होगी.

अयोध्या में सूफी संतों के काफी संख्या में मकबरे हैं, मौलाना यहां भी जाएंगे. मुरारी दास ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य दुनिया को यह संदेश देना है कि अयोध्या हिंदू और मुसलमान भाईचारे का प्रतीक स्थल है. साथ ही यह दोनों मिलकर भारत को एक तरक्की पसंद, तालीम पसंद और कौमी एकता कायम रखने वाला राष्ट्र बनाने में योगदान करेंगे.

राष्ट्रीय मुस्लिम मंच की इस कवायद को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के पक्ष में माहौल बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.

Sri Ramayna to be Expressed on Children’s Day


The tour package will cover destinations like Kandy, Nuwara Eliya, Colombo and Negombo in Sri Lanka.


The Railways will run a unique pilgrim train, Shri Ramayana Express, from November 14 on the Ramayana circuit to cover the major destinations related to the Hindu epic, the Railway Ministry announced on Tuesday.

According to the Ministry, the Indian Rail Tourism and Catering Corp (IRCTC) will run the 800-seater train from Delhi Safdarjung railway station. The train will complete its journey till Rameswaram, Tamil Nadu, in 16 days.

“The train will cover all important destinations associated with the life of Lord Shri Ram in a 16-day all inclusive tour package,” it said. This will be spread both in India as well as Sri Lanka.

The tour package will cover all meals, accommodation and wash and change facilities in dharmashalas, all transfers, sight-seeing arrangements and dedicated tour manager of IRCTC who will be travelling with the tourists during the entire tour.

The Ministry said the “Shri Ramayana Yatra-Sri Lanka” pilgrimage will have two components – one each in India and Sri Lanka.

“After leaving Delhi, the train will make its first stop in Ayodhya followed by Hanuman Garhi Ramkot and Kanak Bhawan temple. The train will then cover the important destinations of Ramayana circuit such as Nandigram, Sitamarhi, Janakpur, Varanasi, Prayag, Shringverpur, Chitrakoot, Nasik, Hampi and Rameshwaram,” it said.

The Sri Lanka leg of the tour will be charged separately. The passengers opting for the Sri Lanka leg can take a flight to Colombo from Chennai.

IRCTC presently offers five-night/six-day Sri Lanka tour package at a cost starting from Rs 47,600 per person.

The tour package will cover destinations like Kandy, Nuwara Eliya, Colombo and Negombo in Sri Lanka.

Meanwhile, IRCTC is also operating an AC Tourist Train from August 28 to September 9 on the Ramayana Circuit from Trivandrum offering an all inclusive tour package starting from Rs 39,800 covering Panchavati, Chitrakoot, Shringverpur, Tulsi Manas Mandir, Darbhanga, Sita Marhi, Ayodhya and Rameshwaram.

मेक इन इंडिया के तहत सैमसंग भारत में लाये दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फ़ैक्टरि


पढ़िए दुनिया की सबसे बड़ी फैक्ट्री का उद्धघाटन करते वक्त प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा


सोमवार को दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से सटे नोएडा पहुंंचे. नोएडा में दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फैक्ट्री का उद्धघाटन करने पहुंचे मोदी ने लोगों को संबोधित भी किया. पढ़िए उनके भाषण की पांच मुख्य बातें.

–  पांच हज़ार करोड़ रुपए का ये निवेश ना सिर्फ सैमसंग के भारत में व्यापारिक रिश्तों को मजबूत बनाएगा, बल्कि भारत और कोरिया के संबंधों के लिए भी अहम सिद्ध होगा.

–  पीएम मोदी ने कहा, पिछले चार वर्षों में फैक्ट्रियों की संख्या 2 से बढ़कर 120 हो गई हैं, जिसमें 50 से ज्यादा तो यहां नोएडा में ही हैं. इससे 4 लाख से अधिक नौजवानों को सीधा रोजगार मिला है.

–  आज भारत में लगभग 40 करोड़ स्मार्टफोन उपयोग में है, 32 करोड़ लोग ब्रॉडबैंड इस्तेमाल कर रहे हैं. बहुत कम दर पर इंटरनेट डेटा उपलब्ध है, देश की एक लाख से अधिक ग्राम पंचायतों तक फाइबर नेटवर्क पहुंच चुका है. ये सारी बातें, देश में हो रही डिजिटल क्रांति का संकेत हैं.

–  पीएम मोदी ने कहा, सस्ते डेटा और सस्ते स्मार्टफोन से बिजली-पानी का बिल भरना, स्कूल-कॉलेज में एडमिशन, PF हो या पेंशन, लगभग हर सुविधा ऑनलाइन मिल रही है.

–  नरेंद्र मोदी ने कहा, मुझे प्रसन्नता है कि इस पहल को आज दुनियाभर से सहयोग मिल रहा है. मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग की बात करें तो आज भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है.

इलाहाबाद = प्रयाग = प्रयागराज??????


2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह और राज्यपाल विष्णुकांत शास्त्री ने भी इलाहाबाद का नाम बदलने की वकालत की थी.


लखनऊ जुलाई 9, 2018 :

नाम बदलने की परंपरा में अब इलाहाबाद का नाम बदलने की मांग उठने लगी है. अगर सब कुछ सही रहा तो संगम नगरी इलाहाबाद का नाम ‘प्रयाग’ हो जाएगा. इसकी कवायद के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री व सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने राज्यपाल राम नाईक को पत्र लिखा है और उनसे इलाहाबाद का नाम प्रयाग करने में मदद का अनुरोध किया है.

योगी सरकार काफी पहले से ही इलाहाबाद का नाम प्रयाग करने की कोशिश में है. इससे पहले उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य इलाहाबाद का नाम प्रयाग करने की बात रख चुके हैं. इस सम्बन्ध में सिद्धार्थनाथ ने कहा कि राज्यपाल राम नाईक जब महाराष्ट्र के सांसद थे तब उन्होंने ‘बॉम्बे’ को ‘मुंबई’ के नाम से बदलने में मदद की थी. उन्होंने कहा कि इसी को ध्यान में रखते हुए मैंने इलाहाबाद का नाम ‘प्रयाग’ करने पर विचार करने के लिए राज्यपाल को पत्र लिखा है. उम्मीद है वह इस पत्र को गंभीरता से लेकर मेरे अनुरोध पर विचार करेंगे.

गौरतलब है कि इससे पहले उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य ने भी इलाहाबाद का नाम बदलकर ‘प्रयाग’ करने के सम्बन्ध में बयान दिया था. केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि इलाहाबाद की पहचान यहां तीन नदियों के संगम की वजह से है, इसलिए इसका नाम ‘प्रयागराज’ होना चाहिए.

उन्होंने कुंभ आयोजन से पहले इस काम को पूरा करने का आश्वासन भी दिया था. अब स्वास्थ्य मंत्री का राज्यपाल को लिखा पत्र भी इसी कड़ी से जोड़ कर देखा जा रहा है. साथ ही उम्मीद जताई जा रही है कि 2019 में होने वाले कुंभ से पहले योगी सरकार इलाहाबाद का नाम बदलकर ‘प्रयाग’ कर देगी.

स्वास्थ्य मंत्री के अलावा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इलाहाबाद का नाम बदलने की मांग की है. अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरी ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर कहा कि कुंभ मेला से पहले इलाहाबाद का नाम प्रयाग कर देना चाहिए. बता दें कि 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह और राज्यपाल विष्णुकांत शास्त्री ने भी इलाहाबाद का नाम बदलने की वकालत की थी.

जो मुस्लिम दाढ़ी रखते हैं लेकिन मूंछ नहीं रखते, वह चरमपंथी और डरावने हैं : रिजवी


सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक वीडियो में रिजवी ने कहा कि बिना मूंछ के मुस्लिम डरावने लगते हैं


मुस्लिमों द्वारा दाढ़ी के साथ मूंछ न रखने को लेकर यूपी शिया बोर्ड चीफ वसीम रिजवी ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जो मुस्लिम दाढ़ी रखते हैं लेकिन मूंछ नहीं रखते, वह चरमपंथी और डरावने हैं.

उन्होंने कहा कि इस्लाम में दाढ़ी रखना एक रिवाज है लेकिन जो लोग दाढ़ी के साथ मूंछ नहीं रखते वह चरमपंथी हैं और देश-विदेश में आतंक का चेहरा हैं. सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक वीडियो में रिजवी ने कहा कि बिना मूंछ के मुस्लिम डरावने लगते हैं. ऐसे मुसलमान चरमपंथी और इस्लामी कट्टरपंथी हैं और दुनिया भर में आतंक फैलाने के लिए जाने जाते हैं, दाढ़ी के साथ मूंछ न रखना लोगों के बीच भय की भावना को जगाना है.

रिजवी ने कहा कि शरियत के नाम पर ऐसे मुस्लिम लोगों की निजी जिंदगी में फतवा जारी कर दखल देते हैं. जबकि इस्लाम में ऐसा कुछ नहीं है. केरल में एक लड़की के बिंदी लगाने पर मदरसे से निकाले जाने के मुद्दे पर रिजवी ने कहा कि शादी के बाद बिंदी लगाना इस देश का रिवाज है और ऐसे रिवाजों को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए.

रिजवी ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि फतवा जारी करने वालों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए. संविधान के अलावा आम आदमी के लिए अलग से नियम-कानून की कोई जरूरत नहीं है. बता दें कि जान से मारने की धमकी मिलने के बाद रिजवी को यूपी सरकार ने वाई श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध करवाई थी.

अप्रैल में रिजवी ने पीएम मोदी से मांग की थी कि उनकी सुरक्षा को बढ़ा दिया जाए. अंडरवर्ल्ड से जुड़े एक शख्स की गिरफ्तारी के बाद रिजवी ने यह मांग की थी. उन्होंने कहा था कि राम मंदिर के मुद्दे पर अपनी राय की वजह से वह चरमपंथियों के निशाने पर हैं.

ट्रिपल तलाक की याचिकाकर्ता शायरा बानो ने संकेत दिया कि वह बीजेपी जॉइन कर सकती हैं


घरेलू हिंसा और ट्रिपल तलाक की पीड़िता बानो तलाक-ए-बिद्दत और निकाह हलाला के खिलाफ 2016 में सुप्रीम कोर्ट गई थीं. उन्होंने अपनी याचिक 5 अन्य लोगों के साथ दायर की थी


ट्रिपल तलाक की याचिकाकर्ता शायरा बानो ने संकेत दिया कि वह बीजेपी जॉइन कर सकती हैं. शायरा बानो ने ट्रिपल तलाक और यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के लिए केंद्र सरकार की सराहना की है. शायरा बानो ने सबसे पहले ट्रिपल तलाक के खिलाफ पहली याचिका दायर की थी.

बानो ने कहा ‘हमारी सरकार एक समान नागरिक संहिता और बहुविवाह के प्रभावों के बारे में सोचने के बारे में चिंतित है. मुसलमानों के प्रति बीजेपी सरकार की चिंता को देखते हुए मैंने फैसला किया है कि अगर मुझे बीजेपी में शामिल होने का मौका मिलता है तो मैं निश्चित रूप से इसमें शामिल हो जाऊंगा,’

घरेलू हिंसा और ट्रिपल तलाक की पीड़िता बानो तलाक-ए-बिद्दत और निकाह हलाला के खिलाफ 2016 में सुप्रीम कोर्ट गई थीं. उन्होंने अपनी याचिक 5 अन्य लोगों के साथ दायर की थी. इसमें इशरत जहां, भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन, गुलशन परवीन, आफरीन रहमान और अतिया साबरी का नाम शामिल है.

क्या है निकाह हलाला ?

निकाह हलाला को समझना जरूरी है. अगर कोई पुरुष तीन सिटिंग में पत्नी को तलाक देता है तो तलाक मान लिया जाता है. लेकिन फिर पूर्व पत्नी से दोबारा शादी करना चाहता है तो निकाह हलाला की प्रकिया से गुजरना होगा. ये मुसलमानों के सभी मसलकों में माना जाता है, इस्लामिक कानून के जानकारों की राय है कि ये इसलिए है कि समाज में तलाक जैसी बीमारी ना फैलने पाए. पुरुष महिला को तलाक देने से पहले सोचे समझे. निकाह हलाला एक सबक के तौर पर देखा जाना चाहिए. हालांकि सवाल ये उठता है कि सिर्फ महिला को ही इस तरह के कष्ट से क्यों गुजरना पड़ता है? पुरूष को सजा के तौर पर क्या मिल रहा है?