ताइवान ने चीन के लड़ाकू विमानों को दौड़ाया

चीन की उकसावे की हरकतें बढ़ती ही जा रही हैं। वह पाकिस्तान से मित्रता निभाते हुए भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त है साथ ही साथ वह विश्व में खास कर एशिया में अपनी सीमा से सटे छोटे राष्ट्रों को भी यदा कडा सामरिक छेड़छाड़ से धमकाता रहता है। सभी राष्ट्र वह चाहे भारत हो या ताइवान कोई भी अपनी संप्रभुता के आड़े किसी को भी नहीं आने देना चाहता और फिर यह तो ताइवान है। सलाह तो यही है की चीन दु:साहस न दिखाये।

ताइपे: ताइवान ने सोमवार को कहा कि उसके विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य में मध्य रेखा को पार करने वाले चीनी सेना के विमानों को चेतावनी दी है साथ ही उसने चीन के इस कदम को उकसावे वाला करार दिया. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि चीन के दो जे-11 लडाकू विमानों ने रविवार सुबह करीब 11 बजे रेखा को पार किया और द्वीप के दक्षिणपश्चिमी हवाई क्षेत्र में घुस गए. मंत्रालय ने बताया कि ताइवान ने चीन के विमानों को चेतावनी देने के लिए अपने विमान भेजे. चीन के दोनों विमान ताइवान में 185 किलोमीटर तक घुस आए थे.

ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने सैन्य पुरस्कार समारोह में अपने बयान में कहा, ‘‘चीनी सेना के विमानों ने ताइवान जलडमरूम की मध्य रेखा को कल पार करके अलिखित समझौते का उल्लंघन करके हमें उकसाया.  हमारी वायु सेना की चेतावनी के बाद वे मध्य रेखा के पश्चिम की ओर चले गए.

विदेश मंत्री जोसेफ वू ने संवाददाताओं से कहा कि रेखा को पार करना अंतरराष्ट्रीय कार्य है. उन्होंने उसे उकसावे वाला और खतरनाक कदम बताया. उन्होंने बताया कि ताइवान ने घटना की जानकारी ‘‘क्षेत्रीय सहयोगियों’’ को दे दी है. 

पूर्वोत्तर में भाजपा ने मनाए सभी रूठे और नए साथियों को भी लिया साथ

बीजेपी ने पूर्वोत्तर (नॉर्थ ईस्ट) में गठबंधन की प्रक्रिया पूरी कर ली है. पार्टी ने यहां के आठ राज्यों की 25 लोकसभा सीटों में से कम से कम 22 पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखा है.

बीजेपी महासचिव राम माधव ने बुधवार को यह जानकारी दी.

बीजेपी के पूर्वोत्तर प्रभारी माधव ने मंगलवार को आधी रात तक कई दौर की चर्चा की और असम गण परिषद (AGP), बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF), इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (IPFT), नेशनल पीपुल्स पार्टी, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी और सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के साथ गठबंधन होने की घोषणा की. 

बीजेपी नेता त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब और IPFT के नेताओं के साथ बुधवार को अगरतला में बैठक करेंगे.

इस गठबंधन को पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (NEDA) के तहत अंतिम रूप दिया गया है. NEDA भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का क्षेत्र की क्षेत्रीय पार्टियों के साथ राजनीतिक गठबंधन है.

राम माधव ने फेसबुक पर पोस्ट किया, ‘इस गठबंधन में क्षेत्र की 25 में से कम से कम 22 सीटें जीतने की क्षमता है और मोदी जी को एक बार फिर प्रधानमंत्री बनते देखने में इसकी भूमिका महत्त्वपूर्ण है.’

इससे पहले मंगलवार को माधव ने नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा, मणिपुर के मुख्यमंत्री बिरेन सिंह, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और एनईडीए के संयोजक हेमंत विश्व शर्मा से मुलाकात की.

5 साल बाद 5 रोहङियाओं को वापिस भेजा

इन रोहिंग्याओं को बिना यात्रा दस्तावेज के पांच साल पहले पकड़ा गया था. इन पर विदेशी कानून का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया गया था.

गुवाहाटी: असम के तेज़पुर जेल में बंद एक रोहिंग्या परिवार के पांच सदस्यों को गुरुवार को म्यांमार वापस भेज दिया गया. अधिकारियों ने तीन महीने पहले भी सात अन्य लोगों को पड़ोसी देश वापस भेजा था. पुलिस ने यहां यह जानकारी दी.

असम के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीमा) भास्कर ज्योति महंत ने बताया कि इन लोगों को मणिपुर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर म्यांमार अधिकारियों को सौंप दिया गया. इन रोहिंग्याओं को  बिना यात्रा दस्तावेज के पांच साल पहले पकड़ा गया था और इन पर विदेशी कानून का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया गया था. यह जेल की सजा पूरी करने के बाद तेजपुर हिरासत केंद्र में बंद थे.

बता दें कि फिलहाल असम के अलग -अलग जिला के डिटेंशन कैंपों में कुल 20 रोहिंग्या हैं, जिनके प्रत्यार्पण की प्रस्तुति भी सजा पूरी करने के बाद कर दी जाएगी. बिना दस्तावेज के मणिपुर के मोरे से यह रोहिंग्या असम में प्रवेश करते हैं. चूंकि पहले से ही संदिग्ध बांग्लादेशियों के रहने के मामले आलोक में हैं इसलिए रोहिंग्याओं को केवल उनके बोली से ही पहचाना जाता है.

फिलहाल असम बॉर्डर पुलिस के पास अवैध रूप से असम में घुसे और रोहिंग्याओं के कोई तथ्य नहीं हैं कारण ये असम को केवल भारत के अन्य हिस्सों में जाने का मार्ग के तौर पर इस्तेमाल करते हैं. भारत सरकार के तथ्य अनुसार फिलहाल भारत में 40 हज़ार रोहिंग्या अवैध रूप से रह रहे हैं. असम बॉर्डर पुलिस बिना कोताही बरते संदिग्ध रोहिंग्याओं की खोजबीन जगह-जगह पर कर रही है.

म्यांमार देश में बर्मी लोगों के बोलचाल और संस्कृति से बिल्कुल भिन्न रोहिंग्या मुसलमान होते हैं. ये बांग्लादेश से म्यांमार के रखाइन प्रान्त में बहुतायत में बताये जाते हैं. रख़ाइन में कई लोगों का मानना है कि बढ़ती आबादी की वजह से एक दिन वो उनके ज़मीन को हथिया लेंगे.  म्यांमार के समाज और सेना को रोहिंग्याओं से अपनी संस्कृति और राजनैतिक क्षमता के जाने की चिंता सताती हैं. इसलिए इन्हें देश की सीमा से बहार खदेड़ देने की कोशिश की जाती है. इस लिए इन पर अमानवीय जुल्मो सितम भी ढहाये जाते हैं.

म्यांमार में बोली जाने वाली 135 आधिकारिक जातीय समूहों में रोहिंग्या मुसलमानों को गिना नहीं जाता है. म्यांमार के राष्ट्रवादी समूहों ने इस अवधारणा को प्रोत्साहित किया कि रोहिंग्या मुसलमान एक ख़तरा हैं, क्योंकि मुस्लिम पुरुषों की चार पत्नियां और कई बच्चे हो सकते हैं.

बता दें कि असम पहले से ही अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के संकट से जूझ रहा है. ऐसे में रोहिंग्या संकट चाहे शरणार्थी के तौर पर ही हो, असम के लोग इन्हें शरण देने के पक्ष में नहीं हैं. 

भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए था: मेघालय हाईकोर्ट


मेघालय हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी, ईसाई, खासी, जयंतिया और गारो लोगों को बिना किसी सवाल या दस्तावेजों के नागरिकता दिया जाए.


12-12-2018

शिलॉन्ग: मेघालय हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री, विधि मंत्री, गृह मंत्री और संसद से एक कानून लाने का अनुरोध किया है ताकि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी, ईसाई, खासी, जयंतिया और गारो लोगों को बिना किसी सवाल या दस्तावेजों के नागरिकता मिले.
बार एंड बेंच की खबर के मुताबिक कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी लिखा है कि विभाजन के समय भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए था लेकिन ये धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बना रहा.
जस्टिस एसआर सेन ने डोमिसाइल सर्टिफिकेट से मना किये जाने पर अमन राणा नाम के एक शख्स द्वारा दायर एक याचिका का निपटारा करते हुए 37 पृष्ठ का फैसला दिया. आदेश की प्रति मंगलवार को उपलब्ध हुई.
आदेश में कहा गया है कि तीनों पड़ोसी देशों में आज भी हिंदू, जैन, बौद्ध, ईसाई, पारसी, खासी, जयंतिया और गारो लोग प्रताड़ित होते हैं और उनके लिए कोई स्थान नहीं है. इन लोगों को किसी भी समय देश में आने दिया जाए और सरकार इनका पुनर्वास कर सकती है और नागरिक घोषित कर सकती है.
केंद्र के नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 में अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई लोग छह साल रहने के बाद भारतीय नागरिकता के हकदार हैं, लेकिन अदालती आदेश में इस विधेयक का जिक्र नहीं किया गया है.
इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने भारत के इतिहास को तीन पैराग्राफ में समेटा है. जस्टिस एसआर सेन ने लिखा, ‘जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश था और पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा अफगानिस्तान का अस्तित्व नहीं था. ये सभी एक देश में थे और हिंदू सम्राज्य द्वारा शासित थे.’
कोर्ट ने आगे कहा, ‘इसके बाद मुगल भारत आए और भारत के कई हिस्सों पर कब्जा किया और देश में शासन करना शुरु किया. इस दौरान भारी संख्या में धर्म परिवर्तन कराए गए. इसके बाद अंग्रेज ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम पर आए और देश में शासन करने लगे.’
न्यायालय ने आगे लिखा, ‘यह एक अविवादित तथ्य है कि विभाजन के समय लाखों की संख्या में हिंदू और सिख मारे गए, प्रताणित किए गए, रेप किया गया और उन्हें अपने पूर्वजों की संपत्ति छोड़ कर आना पड़ा.’
मेघालय हाईकोर्ट के जज एसआर सेन ने लिखा, ‘पाकिस्तान ने खुद को इस्लामिक देश घोषित किया था. चूंकि भारत का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था इसलिए भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए था लेकिन इसने धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाए रखा.’
एसआर सेन ने मोदी सरकार में विश्वास जताते हुए कहा कि वे भारत को इस्लामिक राष्ट्र नहीं बनने देंगे. उन्होंने लिखा, ‘मैं ये स्पष्ट्र करता हूं कि किसी भी शख्स को भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की कोशिश नहीं करना चाहिए. मेरा विश्वास है कि केवल नरेंद्र मोदीजी की अगुवाई में यह सरकार इसकी गहराई को समझेगी और हमरी मुख्यमंत्री ममताजी राष्टहित में सहयोग करेंगी.’
जज ने मेघालय उच्च न्यायालय में केंद्र की सहायक सॉलिसीटर जनरल ए. पॉल को मंगलवार तक फैसले की प्रति प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह और विधि मंत्री को अवलोकन के लिए सौंपने और समुदायों के हितों की रक्षा के लिए कानून लाने को लेकर आवश्यक कदम उठाने को कहा है.

कलाग्राम में बिखरते भारत के सांस्कृतिक रंग

आर्ट एंड क्राफ्ट मेला., फोटो फीचर : पुरनूर, चंडीगढ़

 

 

कलाग्राम में 18 नवम्बर तक चलने वाले आर्ट एंड क्राफ्ट मेले में खूब रौनक है. और इसकी वजह है भारत के भिन्न भिन्न क्षेत्र से आये कलाकार, कारीगर, व्यापारी व् खिलाड़ी. यहाँ पर आये सभी कलाकारों ने अपने नृत्य,अपने संगीत व् अपने आत्मविश्वास के साथ मेले का आकर्षण बने हुए हैं.

 

भारत के भिन्न भिन्न क्षेत्रों से आये कलाकारों में शामिल हैं राजस्थान के ‘ब्न्वालाल जाट’ का कच्ची घोड़ी डांस ग्रुप जिसमें ब्न्वालाल जी के साथ साथ 7 और लोग भी हैं . कच्ची घोड़ी ग्रुप में संगीत के   लिए ढोलकी, करताल व् अल्गोज़ा जैसे संगीत वादयन्त्रों का इस्तेमाल किया जाता है. ब्न्वालाल कहतें हैं कि ग्रुप उनके लिए उनका परिवार है. इस ग्रुप में हर एक सदस्य के पास अपना एक हुनर है जैसे ढोलक वादक विनोद, अल्होजा वादक शिवजी राव व् झांज पर इनका साथ देते हुए शिवजी राव, राम दयाल जाट और जगदीश जाट यहाँ पर इनके साथ गंगाधरी जो कि इस ग्रुप के नृतक हैं व् साथ ही कच्ची घोड़ी नृतक सीता राम भी हैं.

कच्ची घोड़ी डांस ग्रुप के अलावा यहाँ मध्य परदेश से रामसहाय पांडे अपने बधाई डांस ग्रुप के साथ आये हुए हैं. उनके ग्रुप ने यहाँ पुरे उत्साह के साथ बधाई नृत्य पेश किया.

सिक्किम से घातु डांस ग्रुप व् बठिंडा से आये वकील सिंह की नटों कि टोली जो कि हवा में ऊँची छलांग लगाने के साथ साथ अपने गले से दम लगाकर लोहे का सख्त से सख्त सरिया भी मोड़ देती है, वकील सिंह का कहना है कि वह यह काम पीढ़ियों से करते आ रहे हैं व यह उनकी बरसों कि मेहनत है जो कि आज उन्हें और उनके पूरे ग्रुप को बिना किसी डर के यह खतरनाक करतब करने में मदद करती है.

 

 

 

The 4th edition of North East Youth Fest concludes

Chandigarh 10 Nov
The 4th edition of North East Youth Fest at Chandigarh was inaugurated yesterday amid a gathering of over 1200 youth from the eight North-eastern states with the theme ‘North East Youth towards Nation Building’.
The two-day socio-cultural and educational extravaganza  witnessed young talents from all the eight NE States actively participating and enriching themselves from listening and interacting with a dozen motivational speakers.
 
Speaking as the Chief Guest at the occasion, DIG, Chandigarh Om Prakash called upon the young people present to have respect for others, mutual tolerance and to keep away from all sorts of crimes.
 
Sub-divisional Magistrate, Chandigarh Arjun Sharma spoke about the initiative that the administration has made in creating a Special Cell for the North East with a Help Line functioning round the clock.
Don Bosco Navjeevan, Chandigarh, Director, Fr Reji Tom, in his exhortation expressed the desire to collaborate fully with the Special Cell for North East at Chandigarh and to do all possible deed to make the facility functional for the benefit of North Easterners.
 
Earlier, Fr Cyriac, Director, Don Bosco Youth Centre, Itanagar congratulated the youth leaders from the eight NE States who under the leadership of Director, Don Bosco Navjeevan worked hard to make the event possible.
He also read a message of Pema Khandu, Chief Minister of Arunachal Pradesh which exhorted young people of the North-east to adjust well to the environment of the cities they live.

 

पेट्रोल 55 और डीजल 50 रुपए लीटर मिलेगा: गडकरी


केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘हमारा पेट्रोलियम मंत्रालय एथेनॉल बनाने के लिए पांच प्लांट लगा रहा है, एथेनॉल लकड़ी और नगर निगम के कचरे से बनाया जाएगा’


पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बायोफ्यूल के उपयोग का तरीका सुझाया है. गडकरी ने कहा, मैं 15 वर्षों से कह रहा हूं कि किसान और आदिवासी बायोफ्यूल बना सकते हैं. जिससे हवाई जहाज तक उड़ सकता है. हमारी नई तकनीक से बनी गाड़ियां किसानों और आदिवासियों द्वारा बनाए गए एथेनॉल से चल सकती हैं.

इसी के साथ उन्होंने पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों का भी जिक्र किया. सोमवार को एक सभा को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने कहा, हम पेट्रोल और डीजल के आयात पर 8 लाख करोड़ रुपए खर्च करते हैं. पेट्रोल की कीमत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. डॉलर की तुलना में रुपए की कीमत घट रही है.’

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ANI

एथेनॉल है पेट्रोल-डीजल का विकल्प

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘हमारा पेट्रोलियम मंत्रालय एथेनॉल बनाने के लिए पांच प्लांट लगा रहा है. एथेनॉल लकड़ी और नगर निगम के कचरे से बनाया जाएगा. इसके बाद डीजल की कीमत 50 रुपए प्रति लीटर और पेट्रोल का विकल्प 55 रुपए प्रति लीटर पर उपलब्ध होगा.’

दरअसल पिछले कुछ दिनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि हुई है. और फिलहाल पेट्रोल और डीजल के दाम अब तक के सबसे उच्चतम कीमत पर पहुंच गए हैं. इसके चलते सोमवार को कांग्रेस ने बंद का आयोजन भी किया था.

तरुण सागर जी के ब्रह्मलीन होने की खबर सुनकर आहत हूं: अनिल विज

 

 

अम्बाला- जैन मुनि तरुण सागर जी के निधन पर हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने व्यक्त किया शोक।

अम्बाला- विज ने कहा समाज को सही दिशा दिखाने में हमेशा याद किया जायेगा तरुण सागर जी का योगदान।

अम्बाला- विज ने कहा- तरुण सागर जी के ब्रह्मलीन होने की खबर सुनकर आहत हूं।

पीवी सिंधू ने 18वें एशियाई खेलों में रचा इतिहास


रियो ओलंपिक खेलों की रजत विजेता भारत की पीवी सिंधू ने सोमवार को 18वें एशियाई खेलों की बैडमिंटन स्पर्धा के महिला एकल स्वर्ण पदक मुकाबले में पहुंचकर इतिहास रच दिया।


सिंधू भारत की पहली बैडमिंटन खिलाड़ी बन गयी हैं जिन्होंने एशियन खेलों के फाइनल में प्रवेश पाया है। उन्होंने महिला एकल सेमीफाइनल मुकाबले में भारी उत्साह और भारतीय समर्थकों के सामने दूसरी सीड जापान की अकाने यामागुची के खिलाफ 66 मिनट तक चले रोमांचक मुकाबले को 21-17, 15-21, 21-10 से जीता।

विश्व की तीसरे नंबर की खिलाड़ी सिंधू ने यामागुची की चुनौती को स्वीकारते हुये बराबरी की टक्कर दिखाई। पहला गेम जीतने के बाद दूसरे गेम में हालांकि जापानी खिलाड़ी ने कहीं बेहतर खेल दिखाया और 8-10 से सिंधू से पिछड़ने के बाद लगातार भारतीय खिलाड़ी को गलती करने के लिये मजबूर किया और 11-10 तथा 16-12 से बढ़त बना ली।

सिंधू पर दबाव बढ़ता गया और एक समय यामागुची ने स्कोर 17-14 पहुंचा दिया और फिर 20-15 पर गेम प्वांइट जीतकर 21-15 से गेम जीता और मुकाबला 1-1 से बराबर पहुंचा दिया। निर्णायक गेम और भी रोमांचक रहा जिसमें यामागुची ने आत्मविश्वास के साथ शुरूआत करते हुये 7-3 की बढ़त बनाई।  लेकिन सिंधू लगातार अंक लेती रहीं और 5-10 से पिछड़ने के बाद लंबी रैली जीतकर बढ़त बनाई।

उन्होंने 11 अंकों की सबसे बढ़ी बढ़त ली और 16-10 से यामागुची को पीछे छोड़ा और 20-10 पर मैच प्वाइंट जीतकर निर्णायक गेम और मैच अपने नाम कर लिया। तीसरी वरीय खिलाड़ी के सेमीफाइनल मुकाबला जीतने के साथ ही स्टेडियम में बैठे लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनकी जीत का स्वागत किया।

सिंधू अब फाइनल में भारत को पहला एशियाड स्वर्ण दिलाने के लिये चीनी ताइपे की ताई जू यिंग के खिलाफ उतरेंगी जिन्होंने दिन के एक अन्य सेमीफाइनल में भारत की सायना नेहवाल को 21-17, 21-14 से पराजित किया।
सायना एशियाई खेलों में महिला एकल का पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी हैं।

‘मन की बात’ का 47वां संस्करण

 

मोदी ने रविवार को आकाशवाणी अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 47वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि सुशासन को मुख्य धारा में लाने के लिए देश सदा वाजपेयी का आभारी रहेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वाजपेयी ने भारत को नई राजनीतिक संस्कृति दी और बदलाव लाने का प्रयास किया। इस बदलाव को उन्होंने व्यवस्था के ढांचे में ढालने की कोशिश की जिसके कारण भारत को बहुत लाभ हुआ हैं और आगे आने वाले दिनों में बहुत लाभ होने वाला सुनिश्चित है।

उन्होेंने कहा कि भारत हमेशा 91वें संशोधन अधिनियम 2003 के लिए अटल जी का कृतज्ञ रहेगा। इस बदलाव ने भारत की राजनीति में दो महत्वपूर्ण परिवर्तन किए। पहला यह कि राज्यों में मंत्रिमंडल का आकार कुल विधानसभा सीटों के 15 प्रतिशत तक सीमित किया गया। दूसरा यह कि दल-बदल विरोधी कानून के तहत तय सीमा एक-तिहाई से बढ़ाकर दो-तिहाई कर दी गयी। इसके साथ ही दल-बदल करने वालों को अयोग्य ठहराने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश भी निर्धारित किए गए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कई वर्षों तक भारी भरकम मंत्रिमंडल गठित करने की राजनीतिक संस्कृति ने ही बड़े-बड़े “जम्बो” मंत्रिमंडल कार्य के बंटवारे के लिए नहीं बल्कि राजनेताओं को खुश करने के लिए बनाए जाते थे। वाजपेयी ने इसे बदल दिया। इससे पैसों और संसाधनों की बचत हुई। इसके साथ ही कार्यक्षमता में भी बढ़ोतरी हुई।

मोदी ने कहा कि यह अटल जी दीर्घदृष्टा ही थे, जिन्होंने स्थिति को बदला और हमारी राजनीतिक संस्कृति में स्वस्थ परम्पराएं पनपी। अटल जी एक सच्चे देशभक्त थे। उनके कार्यकाल में ही बजट पेश करने के समय में परिवर्तन हुआ। पहले अंग्रेजों की परम्परा के अनुसार शाम को पांच बजे बजट प्रस्तुत किया जाता था क्योंकि उस समय लन्दन में संसद शुरू होने का समय होता था। वर्ष 2001 में अटल जी ने बजट पेश करने का समय शाम पांच बजे से बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया।

मोदी ने कहा कि वाजपेयी के कारण ही देशवासियों को ‘एक और आज़ादी’ मिली। उनके कार्यकाल में राष्ट्रीय ध्वज संहिता बनाई गई और 2002 में इसे अधिसूचित कर दिया गया। इस संहिता में कई ऐसे नियम बनाए गए जिससे सार्वजनिक स्थलों पर तिरंगा फहराना संभव हुआ। इसी के कारण अधिक से अधिक भारतीयों को अपना राष्ट्रध्वज फहराने का अवसर मिल पाया। इस तरह से उन्होंने प्राण प्रिय तिरंगे को जनसामान्य के क़रीब कर दिया। उन्होेंने कहा कि वाजपेयी ने चुनाव प्रक्रिया और जनप्रतिनिधियों से संबंधित प्रावधानों में साहसिक कदम उठाकर बुनियादी सुधार किए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी तरह आजकल आप देख रहे हैं कि देश में एक साथ केंद्र और राज्यों के चुनाव कराने के विषय में चर्चा आगे बढ़ रही है। इस विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में लोग अपनी-अपनी बात रख रहे हैं। ये अच्छी बात है और लोकतंत्र के लिए एक शुभ संकेत भी। मैं जरुर कहूंगा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए, उत्तम लोकतंत्र के लिए अच्छी परम्पराएं विकसित करना, लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए लगातार प्रयास करना, चर्चाओं को खुले मन से आगे बढ़ाना, यह भी अटल जी को एक उत्तम श्रद्धांजलि होगी।

वाजपेयी के योगदान का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने गाज़ियाबाद से कीर्ति, सोनीपत से स्वाति वत्स, केरल से भाई प्रवीण, पश्चिम बंगाल से डॉक्टर स्वप्न बनर्जी और बिहार के कटिहार से अखिलेश पाण्डे के सुझावाें का जिक्र किया।