Punjab Vidhan Sabha: Speaker sets up House Committee under Sukhjinder Randhawa to probe Sukhbir’s charges on Daduwal

Photo by Rakesh Shah

Chandigarh, August 28, 2018:

Acceding to the Chief Minister’s request, Punjab Vidhan Speaker on Tuesday constituted a House Committee under the Chairmanship of Cabinet Minister Sukhjinder Singh Randhawa to probe SAD president Sukhbir Singh Badal’s allegations of a meeting between Captain Amarinder Singh and Sikh preacher Baljit Singh Daduwal at the former’s residence.

Intervening on the issue raised by SAD MLA, Captain Amarinder Singh described Sukhbir as a “master of disinformation” as he had misled the House by furnishing wrong information. The tower locations released by Sukhbir did not even exist, he said, adding that the Akali leader was clearly aimed at spreading misinformation.

On the photograph showing him with Daduwal, which Sukhbir had flaunted, the Chief Minister said it was clicked during a meeting with a delegation that came to meet him at Punjab Bhavan. It was not a secret meeting and was widely covered by the media, he said. The delegation had consisted of political leaders from different political parties, such as UAD, SAD (Mann), SAD (1920), who had come with a charter of demands, including detection of sacrilege cases & arrest of those involved in sacrilege/desecration,) release & transfer of TADA detenus who continue to be in Jails both in Punjab Jails and outside despite having served their sentences, among other things. Daduwal came along with the delegation of these leaders, he added.

The fact was that if five persons of similar build and physique were made to stand with Daduwal, he would not be able to identify him, said the Chief Minister, adding that the inquiry by the House Committee would nail Sukhbir’s lies and ascertain the truth of the matter.

Pointing out that his official residence was under strict CCTV surveillance, the Chief Minister dared Sukhbir to get the footage checked.

Meanwhile, AAP MLA Harwinder Singh Phoolka lashed out at Sukhbir, saying there was nothing wrong in the Chief Minister meeting Daduwal in case such a meeting had taken place, since Daduwal was facing threats and had every right to approach Captain Amarinder Singh on the issue.

Earlier, Captain Amarinder Singh proposed the constitution of a House Committee to investigate Sukhbir’s charges, which was allowed by the Speaker Rana Kanwarpal Singh and endorsed by members of Aam Aadmi Party.

On Monday, the Chief Minister had lashed out at the Shiromani Akali Dal (SAD) president for attempting to mislead the House with his unfounded charges.

The allegations were made by Sukhbir soon after the government tabled in the House the Justice (retd) Ranjit Singh Commission report into the sacrilege cases. The report was earlier accepted, along with Action Taken Report (ATR), by the state cabinet at a meeting chaired by the Chief Minister. The Cabinet gave its formal nod to the tabling of the report in the House.

Asserting that he had never met Daduwal and does not even recognize him, Captain Amarinder Singh said in response to Sikhbir’s allegations that when he had gone to Bargari after the police firing, he was told that the Sikh preacher was also sitting there. But he had neither seen nor ever met him personally, said the Chief Minister.

Captain Amarinder Singh said the Akalis were merely indulging in cheap gimmicks now to divert public attention from their misdeeds of 10 years, particularly the incidents of sacrilege which they had failed to check during their rule.

He challenged the Akali leaders to join the debate on the report and not run away from it, as they had been doing on key issues in the past.

राम रहीम के पास पहुंची डेरा की चेयरपर्सन शोभा गोरा, पैरोल की संभावना


 

रविवार को रक्षा बंधन के पर्व पर जेल में दो दुष्कर्मों की सजा काट रहे राम रहीम के परिजन उनसे मिलने के लिए सुनारिया जेल पहुंचे। शाम करीब चार बजकर दस मिनट पर परिजन जेल पहुंचे। परिवार के सदस्यों में पुत्रवधु व दोनों बेटियां के अलावा पोती व पोता शामिल थे।

साथ ही डेरा साचा सौदा की चेयरपर्सन शोभा गोरा भी सुनारिया जेल पहुंची। जहां करीब आधे घंटे तक राम रहीम से मुलाकात की। जिसके चलते राम रहीम भावुक भी हो गए। सभी चार बजकर 40 मिनट तक जेल परिसर में रहे।

वहीं डेरा सच्चा सौदा की चेयरपर्सन शोभा गोरा के साथ राम रहीम की विशेष मुलाकात रही। जिसके बाद चेयरपर्सन ने बताया कि यह सामान्य दौरा था। किसी प्रकार कि कोई परेशानी नहीं है। डेरा संचालक का स्वास्थ्य ठीक है। वहीं बताया कि 28 अगस्त के बाद जेल से पेरौल मिलने की सम्भावना है।

साधुओं को नपुंसक बनाने का मामला अड़चन बन सकता है। जमानत न होने तक पेरौल में भी क़ानूनी अड़चन रहेगी। जमानत मिलने के बाद पेरौल के लिए अर्जी देने का रास्ता खुलेगा। सीबीआई कोर्ट इस मामले में तीन दिन पहले उसकी जमानत याचिका ख़ारिज कर चुकी है।

अमरिंदर 1984 दंगों के चश्मदीद गवाह हैं: सुखबीर बादल

 

1984 सिख दंगों के मामले में अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ‘अमरिंदर सिंह को सुप्रीम कोर्ट को लिखकर बताना चाहिए कि वह इस केस के मुख्य गवाह हैं.’

सुखबीर ने कहा, ‘कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस मामले में 5 नाम लिए लेकिन उनके मन में जगदीश टाइटलर के लिए मुलायम कोना है.’ बता दें कि पंजाब के सीएम ने दंगे मामले में पांच लोगों का नाम लिया था. जिसमें सज्जन कुमार, धर्मदास शास्त्री, अर्जुन दास का नाम शामिल है.

बता दें कि रविवार को अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पर भड़कते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा था, ‘1984 के दंगों को लेकर राहुल गांधी पर हमला करना अनुचित है, क्योंकि राहुल उस समय बच्चे थे और स्कूल में पढ़ते थे’ दरअसल कुछ समय पहले राहुल ने कहा था, ‘1984 के दंगों में कांग्रेस संलिप्त नहीं थी.’

वहीं सुखबीर सिंह बादल ने कहा था कि 1984 के दंगों में राहुल गांधी भी भागीदार थे. अमरिंदर ने सुखबीर के इस बयान को मूर्खतापूर्ण बताया था और कहा था कि राहुल पर इस मामले में आरोप लगाना सुखबीर की राजनीतिक अपरिपक्वता को दर्शाता है.

एचएस फूलका की राहुल को खुली बहस की चुनौती


बीजेपी ने सिख दंगों को लेकर एक वीडियो ट्वीट जारी किया है जिसमें राहुल गांधी 4 साल पहले मान रहे हैं कि कांग्रेस के नेता इसमें शामिल थे जबकि अब उन्होंने इसमें पार्टी की संलिप्तता से साफ इनकार किया है


विदेश दौरे पर गए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सार्वजनिक मंच से कह रहे हैं कि 1984 में हुए सिख दंगों में पार्टी की कोई भूमिका नहीं है. लेकिन उनके इस बयान से देश में सिख दंगों को लेकर नए सिरे से बहस छिड़ हो गई है.

आम आदमी पार्टी (आप) से लेकर बीजेपी की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने इसे लेकर उनपर तीखा हमला बोला है. केंद्रीय मंत्री और अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने कहा, ‘राहुल गांधी ने लंदन में कहा कि 1984 के सिख दंगों में कांग्रेस का कोई हाथ नहीं था. इसी तरह अगर मैं भी उनके (राहुल गांधी) दिमाग की तरह बोलूं तो उनके पिता (राजीव गांधी) और दादी (इंदिरा गांधी) की हत्या नहीं हुई बल्कि उन दोनों की मौत दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई है.’

 

वहीं आप नेता एचएस फुल्का ने राहुल के बयान को गलत करार देते हुए इस पर खुली बहस की चुनौती दी है. फुल्का ने कहा, ‘राहुल गांधी का वो बयान जिसमें उन्होंने सिख विरोधी दंगे के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार नहीं माना है पूरी तरह गलत है. इसलिए मैंने उन्हें खुली चुनौती की बहस दी है जिसमें मैं कांग्रेस और उनके पिता की भूमिका साबित करूंगा. यह पूरा नरसंहार ही राजीव गांधी के निर्देश पर कांग्रेस द्वारा रचा गया था.’

बीजेपी ने सिख दंगों पर राहुल गांधी के बयान का एक वीडियो जारी किया है. इसमें जनवरी 2014 में वो टीवी पत्रकार अर्नब गोस्वामी को दिए एक इंटव्यू में स्पष्ट तौर पर मान रहे हैं कि इन दंगों में कांग्रेस के कुछ लोग शामिल थे. मगर दो दिन पहले लंदन में एक कार्यक्रम में जब उनसे सवाल पूछा गया कि, क्या कांग्रेस ने इन दंगों को करवाया तो राहुल गांधी ने इसपर जवाब देते हुए कहा कि- कांग्रेस की इसमें कोई भूमिका नहीं है.

‘अमरिंदर सिंह को शर्म आनी चाहिए, एक सिख होने के नाते उनको चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए.’ हरसिमरत कौर

 

1984 के सिख दंगों पर पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह के बयान पर अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल आगबबूला हो गई हैं. उन्होंने कहा, ‘अमरिंदर सिंह को शर्म आनी चाहिए, एक सिख होने के नाते उनको चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए.’

बता दें कि रविवार को अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पर भड़कते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा था, ‘1984 के दंगों को लेकर राहुल गांधी पर हमला करना अनुचित है, क्योंकि राहुल उस समय बच्चे थे और स्कूल में पढ़ते थे’ दरअसल कुछ समय पहले राहुल ने कहा था, ‘1984 के दंगों में कांग्रेस संलिप्त नहीं थी.’

वहीं सुखबीर सिंह बादल ने कहा था कि 1984 के दंगों में राहुल गांधी भी भागीदार थे. अमरिंदर ने सुखबीर के इस बयान को मूर्खतापूर्ण बताया था और कहा था कि राहुल पर इस मामले में आरोप लगाना सुखबीर की राजनीतिक अपरिपक्वता को दर्शाता है.

इसके अलावा हरसिमरत कौर ने कैलीफोर्निया में दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह पर हुए हमले का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘हमने सोमवार को यूएस राजदूत से मुलाकात की है, उन्होंने आश्वासन दिया है कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई होगी और पीड़ित को पूरी मदद की जाएगी.’

‘मन की बात’ का 47वां संस्करण

 

मोदी ने रविवार को आकाशवाणी अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 47वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि सुशासन को मुख्य धारा में लाने के लिए देश सदा वाजपेयी का आभारी रहेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वाजपेयी ने भारत को नई राजनीतिक संस्कृति दी और बदलाव लाने का प्रयास किया। इस बदलाव को उन्होंने व्यवस्था के ढांचे में ढालने की कोशिश की जिसके कारण भारत को बहुत लाभ हुआ हैं और आगे आने वाले दिनों में बहुत लाभ होने वाला सुनिश्चित है।

उन्होेंने कहा कि भारत हमेशा 91वें संशोधन अधिनियम 2003 के लिए अटल जी का कृतज्ञ रहेगा। इस बदलाव ने भारत की राजनीति में दो महत्वपूर्ण परिवर्तन किए। पहला यह कि राज्यों में मंत्रिमंडल का आकार कुल विधानसभा सीटों के 15 प्रतिशत तक सीमित किया गया। दूसरा यह कि दल-बदल विरोधी कानून के तहत तय सीमा एक-तिहाई से बढ़ाकर दो-तिहाई कर दी गयी। इसके साथ ही दल-बदल करने वालों को अयोग्य ठहराने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश भी निर्धारित किए गए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कई वर्षों तक भारी भरकम मंत्रिमंडल गठित करने की राजनीतिक संस्कृति ने ही बड़े-बड़े “जम्बो” मंत्रिमंडल कार्य के बंटवारे के लिए नहीं बल्कि राजनेताओं को खुश करने के लिए बनाए जाते थे। वाजपेयी ने इसे बदल दिया। इससे पैसों और संसाधनों की बचत हुई। इसके साथ ही कार्यक्षमता में भी बढ़ोतरी हुई।

मोदी ने कहा कि यह अटल जी दीर्घदृष्टा ही थे, जिन्होंने स्थिति को बदला और हमारी राजनीतिक संस्कृति में स्वस्थ परम्पराएं पनपी। अटल जी एक सच्चे देशभक्त थे। उनके कार्यकाल में ही बजट पेश करने के समय में परिवर्तन हुआ। पहले अंग्रेजों की परम्परा के अनुसार शाम को पांच बजे बजट प्रस्तुत किया जाता था क्योंकि उस समय लन्दन में संसद शुरू होने का समय होता था। वर्ष 2001 में अटल जी ने बजट पेश करने का समय शाम पांच बजे से बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया।

मोदी ने कहा कि वाजपेयी के कारण ही देशवासियों को ‘एक और आज़ादी’ मिली। उनके कार्यकाल में राष्ट्रीय ध्वज संहिता बनाई गई और 2002 में इसे अधिसूचित कर दिया गया। इस संहिता में कई ऐसे नियम बनाए गए जिससे सार्वजनिक स्थलों पर तिरंगा फहराना संभव हुआ। इसी के कारण अधिक से अधिक भारतीयों को अपना राष्ट्रध्वज फहराने का अवसर मिल पाया। इस तरह से उन्होंने प्राण प्रिय तिरंगे को जनसामान्य के क़रीब कर दिया। उन्होेंने कहा कि वाजपेयी ने चुनाव प्रक्रिया और जनप्रतिनिधियों से संबंधित प्रावधानों में साहसिक कदम उठाकर बुनियादी सुधार किए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी तरह आजकल आप देख रहे हैं कि देश में एक साथ केंद्र और राज्यों के चुनाव कराने के विषय में चर्चा आगे बढ़ रही है। इस विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में लोग अपनी-अपनी बात रख रहे हैं। ये अच्छी बात है और लोकतंत्र के लिए एक शुभ संकेत भी। मैं जरुर कहूंगा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए, उत्तम लोकतंत्र के लिए अच्छी परम्पराएं विकसित करना, लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए लगातार प्रयास करना, चर्चाओं को खुले मन से आगे बढ़ाना, यह भी अटल जी को एक उत्तम श्रद्धांजलि होगी।

वाजपेयी के योगदान का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने गाज़ियाबाद से कीर्ति, सोनीपत से स्वाति वत्स, केरल से भाई प्रवीण, पश्चिम बंगाल से डॉक्टर स्वप्न बनर्जी और बिहार के कटिहार से अखिलेश पाण्डे के सुझावाें का जिक्र किया।

श्रावण पूर्णिमा एवं रक्षाबंधन की कोटी कोटी बधाई

Rs 30 lac cash seized during surprise checking by Patiala Police

 

Patiala, august 25, 2018 : Patiala Police, on Saturday, hit a Jackpot and recovered Rs 30 lac as unaccounted cash money during surprise checking for drugs in the buses coming from Ambala (Haryana) to Rajpura city area .

A senior official of Patiala Police told newsmen that during the checking in one of the buses ,it was noticed that a man started behaving suspiciously.

The police team searched his belongings . A bag full of cash was found from his possession . The amount was found to be Rs 30 lac.

The man carrying bag failed to failed to disclose the source of this cash. Suspecting the money as  Hawala transaction ,the police informed the Income tax authorities for taking further action.

नॉर्थ जोन फिल्म एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन का पुनर्गठन

चंडीगढ़,25 अगस्त,2018:

शुक्रवार को पंजाब आर्ट कॉउंसिल में नॉर्थ जोन फिल्म एंड टीवी आरटिस्ट एसोसिएशन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। 2 कमेटियों का गठन किया गया जिसके तहत प्रेसिडेंट गुरप्रीत गुग्घी, सीनियर वाईस प्रेसिडेंट बी.बी. वर्मा, शिवेंद्र महल वाईस प्रेसिडेंट, जेनरल सेक्रेट्री मलकियत रौनी, ज्वाइंट सेक्रेट्री सतवंत कौर, फाईनेंस सेक्रेट्री रंजीत, ज्वाइंट फाइनेंस सेक्रेट्री परमजीत भंगू, एगजिक्यूटिव सदस्य बॉबी घई, हरदीप गिल,जसवंत दमन, रूपिंद्र रूपी व गुरप्रीत भंगू। इसके आलावा मेनंजमेंट कमेटी में चेयरमैन गुग्गु गिल, पेटरोनस विजय टंडन, निरमल, बी. एन शर्मा, सरदार सोही व जसविंद्र भल्ला। साथ ही एडवाइजरी बोर्ड में दलजीत दोसांज, गिप्पी ग्रेवाल, रोशन प्रिंस, रंजीत बावा, जस्सी गिल, एमी विर्क, पम्मी बाई, अमरित मान, शैरी मान, तरसेम जस्सड़ व निंजा को चुना गया।

चंडीगढ़ व पंजाब से तकरीबन 150 कलाकारों ने ने भी इस बैठक मे शिरकत की। 2013 मे  बनी इस एसेसिएशन ने कालाकारो के हित बहुत से काम किए गए, यह बैठक एगजिक्यूटिव बॉडी को बढाने के मकसद से की गई। इस मौके पर प्रेसिडेंट जी.एस. चीमा ने कहा कि वह सारी जिंदगी से इस सपने को संजोए बैठे थे कि पंजाब में एक सि प्रकार की एसोसिएशन होनी चाहिए उनका सपना आज साकार हो गया।

Rahul Gandhi has constituted 3 Committies for the Lok Sabha Election 2019.

 

New Delhi, August 25, 2018 :

Ahead of Lok Sabha elections, Congress President Rahul Gandhi on Saturday constituted a core group committee comprising leaders like A.K. Antony, Ghulam Nabi Azad and P. Chidambaram, a manifesto committee and a publicity committee.

Besides Antony, Azad and Chidambaram, the core group committee also includes Ashok Gehlot, Mallikarjun Kharge, Ahmed Patel, Jairam Ramesh, Randeep Singh Surjewala and K.C. Venugopal.

The manifesto committee has Chidambaram, Ramesh, Bhupinder Singh Hooda, Salman Khurshid, Shashi Tharoor, Kumari Selja, Sushmita Dev, Rajeev Gowda, Mukul Sangma, Manpreet Singh Badal, Sam Pitroda, Sachin Rao, Bindu Krishnan, Raghuveer Meena, Balchnadra Mungekar, Meenakshi Natrajan, Rajni Patil, Tamradhwaj Sahu and Lalitesh Tripathii as its members.

The publicity committee includes Anand Sharma, Randeep Surjewala, Manish Tiwari, Pramod Tiwari, Rajeev Shukla, Bhakta Charan Das, Praveen Chakravarty, Milind Deora, Ketkar Kumar, Pawan Khera, V.D. Satheesan, Jaiveer Shergill and Divya Spandana.

Only Punjab FM Manpreet Badal has been nominated to Manifesto Committee of AICC. No other Punjab leader has been included in these committees.

The lists of the members of these committees have been released by Ashok Gehlot, General Secretary of AICC :