क्या भाजपा द्वारा चंडीगढ़ को मिलेगा एक और पैराशूट उम्मीदवार?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री के लिए गीत लिखने व गाने वाले हरियाणा सरकार में एक ओर सुधार कार्यक्रम के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रॉकी मित्तल ने कूरुक्षेत्र या चंडीगढ़ में से किसी एक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का दवा ठोका है। साथ ही उन्होंने अपने इस दावे को हकीकत में बदलने के लिए जल्दी ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने की बात कही है। कूरुक्षेत्र को वह जन्मभूमि और चंडीगढ़ को कर्मभूमि बतातें हैं। उनका कहना है कि मोदी व अमित शाह युवा वर्ग को आगे लाने की सोच रखतें हैं।

रॉकी मित्तल कैथल के रहने वाले हैं, बिना मंत्री होते हुए हरियाणा सचिवालय की आठवीं मंजिल पर हरियाणा सरकार ने इन्हें ऑफिस व स्टाफ दे रखा है। रॉकी मित्तल का असली नाम जय भगवान मित्तल है। उन्होंने बताया कि सुधार कार्यक्रम का लक्ष्य है कि जनता की परेशानियों को केसै दूर किया जाए। उन्होंने जनवरी में पानी पर काम किया, फिर हमने किसानों के लिए काम किया और फिर किसान विकास प्राधिकरण बना। हमने गरीबों के लिए काम किया, जिससे अंत्योदय सरल केंद्र बने। महिलाओं के सशक्तिकरण पर अब काम कर रहें हैं, कई हजार महिलायों की सरकार से मीटिंग होने जा रही है, सी एम साहिब से उन्हें रूबरू करवाया जाएगा। इसके लिए 4000 महिलाओं की बातें उनके पास हैं, जिसपर सी एम साहिब कई चीजों पर फैंसला ले उनको प्रेक्टिकल शेप देंगें।

रॉकी मित्तल के अनुसार एक ओर सुधार कार्यक्रम के परिणामों पर मुख्यमंत्री भी पूर्णतया संतुष्ट हैं क्योंकि कई ऐसी चीजें हैं जो मुख्यमंत्री, मंत्री व बड़े अधिकारी भी नही जानते, लेकिन आम जनता जानती है। मुख्यमंत्री जनता से ऐसे रूबरू होतें हैं जैसे केबिनेट में मन्त्रियों से होते हैं। खुली चर्चा करतें हैं कि क्या वह चाहतें हैं और क्या हो सकता है। पीछे एक महिला ने कहा कि सरस मेले पूरे हरियाणा में लगने चाहिए मुख्यमंत्री ने इसे माना और अब जल्दी सरस मेले पूरे हरियाणा में लगेंगे भी।रॉकी मित्तल ने 2012 में मोदी का एक गाना बनाया “पी एम बनेगा, नरेंद्र मोदी” तब सुर्खियों में आए।

अधिकारियों की संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने बारे 9 वर्ष पुराने केस की महत्वपूर्ण सुनवाई 26 जून को

 

चंडीगढ़ (धरणी): 

हरियाणा के सभी आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने बारे 9 वर्ष पुराने केस की महत्वपूर्ण सुनवाई 26 जून को राज्य सूचना आयुक्त योगेंद्र पाल गुप्ता व हेमंत अत्री की दो सदस्यीय डिवीजन बेंच करेगी। आयोग ने इसके लिए कार्मिक विभाग के अवर सचिव, डीजीपी कार्यालय के अधीक्षक, पुलिस मुख्यालय के एसपी (कानून व्यवस्था) व अपीलकर्ता पीपी कपूर को 26 जून को चंडीगढ़ तलब किया है। इस केस में कुल 69 में से 36 आईएएस ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने की सहमति वर्ष 2010 में सरकार को दे दी थी। जबकि 33 आईएएस ने इसे सार्वजनिक करने से मना कर दिया था। तभी से केस सूचना आयोग में लम्बित पड़ा है।

आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने बताया कि 9 वर्ष पूर्व 16 दिसंबर 2009 को उन्होंने मुख्य सचिव को आरटीआई आवेदन भेजकर प्रदेश के सभी आईएएस, आईपीएस, एचपीएस, एचसीएस अफसरों की संपत्ति का ब्यौरा मांगा था। पुलिस मुख्यालय ने तो इस सूचना को देने से स्पष्ट मना कर दिया था। जबकि हरियाणा सरकार ने सभी आईएएस अधिकारियों से इस बारे में उनकी राय मांगी थी। इस पर आईएएस अशोक खेमका, समीर माथुर, उमाशंकर, पीके दास, टी.के. शर्मा, बलबीर मलिक, डा0 जे गणेशन, डॉ अमित अग्रवाल, सहित कुल 36 आईएएस ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने के लिए सहमति सरकार को दे दी थी।

आईएएस अशोक खेमका ने तो कैबिनेट सचिव व केंद्रीय सतर्कता आयुक्त को भेजे पत्र में कहा कि ईमानदार लोक सेवकों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने में कोई भय नहीं होता। ऐसे कदमों से सार्वजनिक संस्थानों  में पारदर्शिता व विश्वास को बढ़ावा मिलता है। आरटीआई एक्ट के सेक्शन 4 के तहत संपत्ति का विवरण ऑफिशियल वेबसाइट पर सार्वजनिक कर देना चाहिए। सरकार को लोक सेवकों द्वारा सार्वजनिक ना की गई संपत्ति को ज़ब्त करने का कानून बना देना चाहिए। कानून में इस छोटे से संशोधन से ही भ्रष्टाचार के कैंसर का काफी हद तक इलाज हो जाएगा। जबकि दूसरी ओर तत्कालाीन सरकार को भेजे अपने जवाब में आईएएस आरके खुल्लर, सुप्रभा दहिया, विजय दहिया, अशोक लवासा, डॉक्टर चंद्रशेखर, सुनील गुलाटी, वीएस कुंडू सहित कुल 33 आईएएस ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने से स्पष्ट इंकार कर दिया।

आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने बताया कि फरवरी 2012 में राज्य सूचना आयोग की फुल बेंच ने इस केस की सुनवाई की थी। लेकिन राज्य सूचना आयोग ने जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक डी.पी. जांगड़ा की संपत्ति के ब्यौरे संबंधी याचिका हाईकोर्ट में लंबित होने का हवाला देकर सुनवाई अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी। जबकि इसी बीच हाईकोर्ट ने राज्य सूचना आयोग के डीपी जांगड़ा वाले केस में निर्णय को सही बताते हुए संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने के आदेश कर दिए थे। कपूर ने सभी आईएएस, आईपीएस, एचसीएस, एचपीएस अधिकारियों की संपत्ति का ब्यौरा तत्काल सार्वजनिक करने व इसे विभागों की वेबसाइट अपलोड करने की मांग की है।

” महिलाकर्मी से छेडछाड के आरोपी अधिकारी का तबादला कर सरकार ने किया बेटियों का अपमान” तरुण भंडारी

चण्डीगढ़ हरियाणा सरकार ने आज तुरंत प्रभाव से एक आईएएस और चार एचसीएस अधिकारियों के स्थानान्तरण एवं नियुक्ति आदेश जारी किए हैं। जिसमें उत्कर्ष सोसाइटी के प्रशासनिक अधिकारी रीगन कुमार को नूंह और तावडू का उपमण्डल अधिकारी (नागरिक) लगाया गया है। जिस पर प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष तरूण भंडारी ने सरकार को घेरा है।

उनका कहना है कि एक सरकारी अधिकारी जिसपर साथ काम करने वाली महिला कर्मचारी से छेड़छाड़ का आरोप लगा है, और बकायदा उसके खिलाफ मामला भी दर्ज है, और वह आरोपी अधिकारी जमानत पर चल रहा है, ऐसे में सरकार द्वारा उसका तबादला और नियुक्ति करना बेटियों का अपमान करना है।

उन्होंने कहा कि सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना केवल कागजों में ही है, पंचकूला के अंदर एक बेटी से सरकारी दफ्तर में छेड़छाड़ के आरोपों में के मुकदमे में नामजद व जमानत पर छूटे व्यक्ति को नूंह और तावडू का उपमण्डल अधिकारी (नागरिक) लगा सरकार ने यह साबित कर दिया है।

महिला कर्मचारी के आरोपों के बाद रीगन के खिलाफ दर्ज हुआ मामला
गौरतलब है कि बीते माह की 29 तारीख को एक घटना सामने आई थी, जिसमें पंचकूला सेक्टर दो स्थित उत्कर्ष सोसायटी के कार्यालय में डीईओ के रूप में कार्यरत एक युवती ने एचसीएस अधिकारी पर छेड़छाड़ का पीछा करने का आरोप लगाया था। घटना के दूसरे दिन एसीपी के द्वारा प्राथिमिक जांच के बाद आईपीसी की धाराएं 354ए और 354 डी के तहत एडीओ के रूप में कार्यरत आरोपी एचसीएस अधिकारी रीगन कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

उत्कर्ष सोसायटी ने रीगन कुमार से कार्यभार लिया वापिस
वहीं उत्कर्ष सोसायटी ने उक्त मामले के कारण माहौल में गर्मी देखते हुए अधिकारी रीगन कुमार ने उनका कार्यभार भी वापिस ले लिया। वहीं अधिकारी रीगन को जैसे ही पुलिस द्वारा उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने की भनक लगी तो वह बुधवार को पंचकूला के सरकारी अस्पताल पहुंच कर खुद पर हुए हमले व चोट ग्रस्त की बात कह तीन दिन की मेडिकल रेस्ट पर चले गए। बता दें कि पीड़िता के परिजनों ने अधिकारी से मारपीट भी की थी।

तीन मुचलकों पर मिली जमानत
इस मामले में हुई कार्रवाई को बाद अधिकारी रीगन कुमार को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया। जहां कोर्ट ने रीगन कुमार को तीन मुचलकों पर जमानत दे दी है। अब मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी। पंचकूला पुलिस ने रीगन को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था।

अभी रीगन कुमार अभी जमानत पर चल रहे थे, तभी हरियाणा सरकार द्वारा उन्हें नूंह और तावडू का उपमण्डल अधिकारी नियुक्त किया गया, जिसके बाद से माहौल में फिर से गर्मी दिखाई देने लगी है।

हस्पताल के लेबर रूम में सांप मिलने पर पैदा हुई अफरा तफरी

 

हरियाणा के टोहाना में सुबह सिविल हॉस्पिटल के लेबर रूम में लगभग 7 फुट का एक जहरीला सांप घुसने से वहां अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। सांप पर एक महिला की नजर पड़ी तो वह घबराकर चिल्लाने लगी जिससे आसपास के मरीजों के परिजन वहां पहुंचे। वार्ड में उस वक्त कोई भी नवजात शिशु नहीं था।

इस दौरान हॉस्पिटल के सीनीनियर मेडिकल सुप्रिटेंडेंट ने वन विभाग की टीम को भी सूचित किया लेकिन इससे पहले कि वन विभाग की टीम वहां आती, लोगों ने सांप को मार डाला। वन्यजीव रक्षा विभाग के कर्मचारी डा. गोपी राम ने बताया कि उन्हे अस्पताल के एसएमओ ने फोन पर सुचना दी थी कि नागरिक अस्पताल के लेबर रूम में एक जहरीला सांप घुस आया है वह तुरंत अस्पताल में पहुंचे तो उससे पहले किसी ने सांप को मार दिया।

गवर्नर रुल के दो दिन बाद ही सर्च आपरेशन को आये सुरक्षा बलों का स्वागत चाय नाश्ते से करवाते कश्मीरी लोग

सर्च आपरेशन को आये सुरक्षा बलों का स्वागत चाय नाश्ते से करवाते कश्मीरी लोग

 

नई दिल्‍ली:

जम्मू-कश्मीर में राज्‍यपाल शासन लागू होते ही घाटी की हवाओं ने अपना रुख बदल लिया है. घटी की इस बदली हुई हवा की बानगी J&K में राष्‍ट्रपति शासन लागू होने के बाद सुरक्षाबलों द्वारा चलाए गए सर्च ऑपरेशन के दौरान देखने को मिली. दरसअल, बुधवार सुबह आतंकियों की तलाश में सुरक्षाबलों ने घाटी के कुछ गांवों में सर्च आप्रेशन चलाया था. सर्च ऑपरेशन के दौरान पहली बार सुरक्षाबलों के जवानों को न ही किसी तरह के विरोध का सामाना करना पड़ा और न ही किसी तरह की पत्‍थरबाजी झेलनी पड़ी. जवानों के अचंभे का उस वक्‍त कोई ठिकाना नहीं रहा, जब गांव वालों ने जवानों को सामने चाय और नाश्‍ते की पेशकश रख दी. जम्‍मू-कश्‍मीर में सालों से तैनात सुरक्षाबलों के सामने पहली बार ऐसा मौका आया था, जब‍ घाटी के गांव वाले बिना किसी डर के इतनी सहृदयता से उनके साथ पेश आए हों.

सुरक्षबलों से जुड़े वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार बुधवार सुबह सूचना मिली थी कि कुछ आतंकी दक्षिण और उत्‍तरी कश्‍मीर के दो गांवों में छिपे हुए हैं. इंटेलीजेंस इनपुट में जिन दो गांवों के नाम का उल्‍लेख किया गया था, वे दोनों गांव दशकों से हिंसा के लिए बदनाम रहे हैं. सुरक्षाबलों का अनुभव भी इन गांवों को लेकर अच्‍छा नहीं था. अपने पुराने अनुभवों को ध्‍यान में रखते हुए सुरक्षाबलों ने इन गांवों की तरफ रवानगी से पहले सभी एहतियाती बंदोबस्‍त पूरे किए. सुरक्षाबलों को आशंका थी कि सर्च ऑपरेशन के दौरान उन्‍हें भारी पत्‍थरबाजी का समाना करना पड़ सकता है. लिहाजा, जवानों को कई टीमों में बांट दिया गया. कमांडो और स्‍नाइपर्स का चुनाव ऑपरेशन टीम के लिए किया गया. इसके अलावा, दूसरी टीम को इलाके के घेरेबंदी की जिम्‍मेदारी दी गई. वहीं तीसरी टीम की जिम्‍मेदारी थी कि वे किसी भी सूरत में पत्‍थरबाजों को ऑपरेशन एरिया में दाखिल नहीं होने देंगे.

इतना ही नहीं, सैकड़ों जवानों को रि-इर्फोसमेंट के लिए दोनों गांवों से कुछ दूरी पर रिजर्व कर दिया गया. जिससे पत्‍थरबाजी होने पर पत्थरबाजों की घेरेबंदी कर अपने जवानों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके. गांव में दाखिल होने से पहले जवानों ने आखिरी बार अपनी तैयारियों का जायजा लिया और एक-एक करके सुरक्षाबलों के काफिले की बख्‍तरबंद गाड़ियां गांव में दाखिल होने लगी. बख्‍तरबंद गाड़ियों में मौजूद जवान सड़क के दोनों तरफ मौजूद लोगों के हवाभाव पड़ने की कोशिश में लग गए. इस दौरान, गांव वालों के चेहरे पढ़कर उन्‍हें आभास हुआ कि गांव वालों की निगाहों में सुरक्षाबलों के आगमन को लेकर एक प्रश्‍नचिन्‍ह जरूर था, लेकिन किसी के चेहरे पर आक्रोश नजर नहीं आ रहा था.

खूंटी गैंगरेप: एक आरोपी का फोटो जारी, 4 पादरी- 2 नन से पूछताछ, 5 पर केस दर्ज

 

खूंटी:

झारखण्ड के खूंटी जिला के अड़की प्रखंड के कोचांग में एक एनजीओ से जुड़ी पांच लड़कियों के साथ हुए गैंग रेप के मामले में 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चार पादरी और दो शिक्षक को भी हिरासत में लिया है. पादरियों पर गैंगरेप मामले को दबाने का आरोप है. पादरी को फिलहाल पीआर बॉन्ड पर छोड़ दिया गया है.

इस मामले में  चर्च की सिस्टर ने भी चौंकाने वाला बयान दिया है और कहा है कि लौटने के बाद सभी सामान्य दिख रही थी और साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सभी लड़कियां नहीं बल्कि औरतें थीं. मिली जानकारी के अनुसार लड़कियों के साथ गैंगरेप किया गया और वीडियो भी बनाया गया, इसी दौरान एक पीड़िता के मोबाइल में एक वीडियो रह गया और इसी के मदद से  पुलिस ने आरोपी की तस्वीर जारी की है और इसके बारे में सूचना देने वालों को 50 हज़ार रुपये इनाम के रूप में देने की घोषणा की है. पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए तीन टीम बनाई है जो इस मामले की पूरी जांच करेंगे.

22 जून को सभी पांच लड़कियों का मेडिकल करवाया गया है और धारा 164 के तहत बयान भी दर्ज कराया गया है. इस मामले में अड़की और महिला थाना में अलग-अलग 2 एफआईआर दर्ज किए गए हैं. महिला थाना में 323, 341, 342, 376 D, 354 B, 363, 365, 120 B, IPC 67,  67 A (IT act) धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है. वहीं अड़की थाने में 341, 342, 323, 363, 365, 328, 506, 201 और 120 B के तहत मामला दर्ज किया गया है.

खूंटी दुष्कर्म मामले में विपक्ष ने रघुवर सरकार पर जोरदार हमला बोला है. विपक्ष का कहना है कि गैंगरेप की घटना के बाद रघुवर दास की सरकार को बने रहने का कोई हक नहीं है. नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में अब ऐसी घटनाओं से उन्हें आश्चर्य नहीं होता. हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड अब बलात्कार और भूख से मरने वालों की घटनाओं के लिए ही जाना जाता है.

इस्लामिक स्टेट जम्मू एंड कश्मीर के 4 आतंकी ढेर

 

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में सुरक्षाबलों ने चार आतंकियों को मार गिराया है. ये आतंकी ‘इस्लामिक स्टेट जम्मू एंड कश्मीर’ नामक आतंकी संगठन से जुड़े हुए थे. इस मुठभेड़ के दौरान जम्मू कश्मीर स्टेट का एक पुलिस शहीद हो गया और साथ ही कुछ आम नागरिक भी घायल हो गएं. घायल हुए सिविलियन में से एक की पहचान मुहम्मद युसूफ बताई जा रही है. असल में आतंकी युसूफ के घर में छुपे थे. जिसके कारण मुठभेड़ में उसकी जान चली गई. साथ ही उसकी पत्नी हफिज़ा भी घायल हो गई. उन्हें अभी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

सुरक्षाबलों को एक दिन पूर्व ही वहां आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद उन्होंने पूरे इलाके को घेर लिया. इस दौरान आतंकियों ने खुद को घिरा देख फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए चार आतंकियों को मार गिराया.फिलहाल इन इलाकों (अनंतनाग और पुलवामा ) में सुरक्षा मामलों को देखते हुए मोबाइल और इंटरनेट सेवा बंद कर दिया गया है.

मारे गए आतंकवादियों को इस्लामिक स्टेट जम्मू कश्मीर (ISJ&K) से संबंधित बताया जा रहा है.

रमजान के दौरान सीजफायर पर लगे प्रतिबंध के हट जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में भारतीय जवान आतंकियों पर लगातार कार्रवाई कर रहे हैं. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आंतकवादियों के मौजूद होने की विशेष खुफिया सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने दक्षिणी कश्मीर के इस जिले में श्रीगुफवारा क्षेत्र की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया था. सुरक्षाबलों को इलाके में तीन आतंकियों के छुपे होने की सूचना मिली थी.

उन्होंने पूरे इलाके को घेर लिया. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि तलाशी अभियान के दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों के ऊपर गोलियां चलानी शुरू कर दीं. जवाब में जवानों ने भी कार्रवाई की.वहीं स्‍थानीय लोगों को घरों के अंदर रहने की हिदायत दे दी गई है.

बता दें कि बीते कुछ दिनों से घाटी की स्थिती तनावपूर्ण रही है. चाहे वो वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या हो या शहीद औरंगजेब की. घाटी अशांती और आतंकवाद से जूझ रही है. ऐसे में इसे अचानक जम्मू-कश्मीर सरकार के निरस्त हो जाने के आफ्टइफेक्ट्स की तरह भी देखा जा रहा है. तभी तो आज राज्यपाल एन.एन.वोहरा ने आज घाटी की मौजूदा हालात पर चर्चा करने के लिए सभी राज्य और राष्ट्रीय स्तर की सभी पार्टीयों की सर्वदलीय बैठक बुलाई है.

Without street lights, it is scary and dangerous to walk at night in Dhkoli

Without street lights, it is scary and dangerous to walk at night

Dark streets and hide and seek of power supply have been plaguing the residents of Guru Nanak Nagar in Dhakoli of Zirakpur for past five summers. Complaints to the electricity department also could not bring any relief to the residents till date.

With the announcement of 66 KV project at Baltana, residents had hoped to finally ward off their long-pending problem this season. However, there hopes were dashed as the situation worsened after the work of the new infrastructure started in the area.

The residents said a fire broke out in a transformer three days ago. It was installed just last year. Tthe authorities acted upon it and got it repaired, only after a complaint was placed.

Residents complained the streets of the area generally remains dark due to the defunct streetlights. The commuters do not feel safe going out for a walk after sundown. The unscheduled power cuts also irk the residents making them spend almost four to five hours without electricity daily during the sultry summer season.

When enquired, power department staffers seem clueless about when and how the power supply would be restored.

From past one year the residents of the area are struggling to get the streetlights repaired. They keep on posting complaints but all in vain. Residents alleged that a bunch of wires is spread all over the area which is not only posing threat to their lives, but is also affecting the power supply in the area.

In fact, the poles installed in the area are tilted. A transformer here is also in bad shape. It has not been repaired by the department even after a number of reminders.

N S Rangi, executive engineer, Punjab State Power Corporation Limited (PSPCL) said the department resolved the problem of fluctuation immediately after a complaint was received. The maintenance of the transformers is also on our priority.

NSG seek permission to support forces to counter terrorism in J&K

Some of the NSG units to be deployed in J&K would be placed at a BSF facility in Srinagar while more locations are being scouted, said Jammu and Kashmir police sources.

“As is the case when a force is brought into a new theatre, modalities will be discussed with the J&K administration, police and other security agencies,” a senior NSG officer told TOI.

A proper infrastructure is being put in place for NSG ahead of its teams moving in. The force will train CRPF and J&K police in entering and storming buildings and other anti-terror skills. “As and when terror situations demanding their special skills crop up, NSG commandos will be also be deployed for operations. The call will be taken by J&K police at whose disposal the force will be,” said an officer.

NSG commandos use sophisticated Heckler and Koch MP5 submachine guns, sniper rifles, through-the-wall radar and C-4 explosives to eliminate holed-up terrorists.

The “Ramzan ceasefire”, while providing relief to ordinary people, put counter-terror forces at a disadvantage by easing pressure that intensified operations in preceding months had built on terrorists. According to a senior J&K police officer, had the unilateral ceasefire not been in place and cordon-and-search operations continued in the normal course, around 15-20 terrorists could have been neutralised based on intelligence flow on their movements in built-up areas.

Ramzan Ceasefire

“The truce allowed terrorists freedom of movement in residential areas, let them renew supplies, recruit locals, mobilise overground workers and scout for new hideouts and bases,” said an officer. There is concern that terror groups may now strike with renewed vigour, particularly targeting the Amarnath Yatra, and hence the strategy will be focused on neutralising terrorists active in the south Kashmir areas of Shopian, Pulwama, Anantnag and Kulgam.
Intelligence inputs warn of multiple threats to the yatra, particularly from the Jaish-e-Mohammed, which was most active during the truce, Lashkar-e-Taiba and Hizbul Mujahideen. Terror modules comprising Pakistani nationals are expectedly planning to infiltrate from across the border and LoC to stage attacks.

Terror funding mastermind arrested

 

Anti-terrorism squads of Uttar Pradesh and Maharashtra police on Thursday arrested a man from Pune for running a terror funding network. Identified as Ramesh Shah, the accused directly interacted with Pakistan based Lashkar-e-Taiba(LeT) handlers and arranged money for operatives spread across the country to run terror network in the country.
UP ATS officials said Shah, a resident of GorakhPur, had gone to Pune on a fake identity allegedly to hire men for his funding network. WhatsApp chats recovered from his mobile phone provided clinching evidences of his regular interactions with LeT, ATS sleuths claim. According to ATS officials, the 30-year-old Shah used to get money from Pakistan based handlers and from the middle-east. He would initially transfer that money to the accounts of some individuals, who would withdraw money and send it to his operatives, the UP ATS officials. The individuals were paid commission for using their accounts. Police said several crore of rupees were transferred by Shah to various bank accounts being operated in Jammu & Kashmir, Kerala, and several other states. The probe agency came to know about Shah during interrogation of 10 people who were arrested for links with terror funding on March 24.

Among those arrested in March, Mukesh Prasad of Bihar and Musharraf Ansari of Kushinagar used to interact with Shah regularly. Some audio tapes and a diary were recovered from their possession which gave clues about Shah, the ATS sleuths said

After getting money from his handlers, Shah would transfer the money to the accounts of the innocent individuals and send a message to them through Prasad and Ansari to withdraw it deliver to the operatives at a pre-designated place,” a senior ATS official said, adding that Shah used to keep in touch with Pakistan based handlers via WhatsApp and internet calls.

UP ATS IG Asim Arun said Shah was running a racket to trap innocents for the past two years and used them for providing financial support to terror activities. He said Shah would be put through sustained interrogation to get specific information about his LeT handlers in Pakistan, the funding trail and for what purpose the money was finally being used.

According to the ATS sleuths, Shah was an expert in computer programming and hardware. He came to settle from Gopalganj in Bihar to Gorakhpur in early 2000 with his father Harishankar.