राजस्थान समेत कई राज्यों में मौसम विभाग कि चेतावनी

नई दिल्ली। ने उत्तर पूर्वी राज्यों और महाराष्ट्र में रविवार को भारी और में धूल भरी आंधी चलने की आशंका जताई है।

मौसम विभाग ने कहा है कि उत्तर और मध्य भारत में आज मौसम के गर्म रहने और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में शुष्क रहने के आसार हैं।
भारतीय मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल, सिक्किम, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और महाराष्ट्र में छिटपुट स्थानों पर भारी बारिश की आशंका जताई है। राजस्थान में कुछ स्थानों पर धूल भरी आंधी चलने की संभावना है।
विभाग की ओर से जारी परामर्श में कहा गया है, ‘उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल और सिक्किम, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और ओडिशा में गरज के साथ छींटे पड़ने और धूल भरी हवा चलने एवं बिजली चमकने के आसार हैं।’

पेट्रोल कि कीमतों में भारी गिरावट दाम 10 पैसे गिरे

पेट्रोलियम कंपनियों ने रविवार को के दाम 10 पैसे तक घटा दिए लेकिन की कीमतों में कोई कमी नहीं की गई है।

उल्लेखनीय है कि पिछले पांच दिनों में पेट्रोल कंपनियों ने पेट्रोल के दाम 34 पैसे प्रति लीटर कम कर आम आदमी को आंशिक राहत दी है। डीजल के दाम भी 21 पैसे कम हुए हैं।

“Need to organise kisan huts in villages” Balbir Singh Rajewal, President BKU (Rajewal)

 

There was a confrontation in Jodhpur Romana village of Bathinda district between farmers of Bhartiya Kisan Union (Ekta) and milk vendors. Baldev Singh, president of BKU(Ekta) in Bathinda, was rounded up by the police after he he allegedly snatched milk container from a vendor and threw it on the road. Baldev Singh was released later.

A similar incident took place in Kotkapura when protesters descended on a vegetable marker and asked commission agents not to sell their vegetables. Heated arguments ensued between them before the protesters left.

In Kotkapura town of Faridkot district, Harpreet Singh Khalsa, a milk vendor, complained to police that the protesters had snatched keys of his motorcycle. Three farmers were rounded up by police on this complaint, but were released later.

Balbir Singh Rajewal, president of Bhartiya Kisan Union (Rajewal), said, “We have asked farmers and union leaders not to throw any foor product on roads. Farmers have been advised to organise kisan huts in villages and sell their produce. It was done in Karkhana village near Samarala and the response was overwhelming. Tomorrow, more kisan huts will be organised across the state. Farmers will be selling their produce cheaper than the market rate, but higher than what they are getting from wholesellers. This way, both consumer and farmer will benefit.”

 

“Protest is just adding to losses of farmers.” Balraj Singh

The protests blocked supply of vegetables, milk and other essentials by vandalising vegetable trucks and milk tankers

 

Three days of ‘Gaon Bandh protest’ backed by some farmer unions in the country has left commercial dairy farmers in Punjab furious due to mounting losses. Many have been struggling to manage milk produced in bulk, and have said that they are against spilling it on roads.

As part of the protest, dairy farm owners are not allowed to sell their produce to government-run milk plants and other dairies for supply in cities. Some commercial dairy farmers Sunday also said that with mounting losses, they will have no other option but to withdraw from the protest and sell milk to plants. Others said they were considering of setting up chabeels (giving milk out for free) on roads or donating it to orphanages and old age homes.

Speaking to The Indian Express, Daljit Singh, president Punjab Dairy Farmers Association (PDFA), Punjab’s largest association for dairy farmers with 27,000 members, said, “Just in three days, we have incurred losses in crores. There are 6,500 big dairy farmers who are producing 200 to 5,000 litres of milk daily. It costs Rs 5,000 to Rs 1.50 lakh. It is easy for farmers who have less milk produce. They can consume at home or distribute among poor. But how do you manage as much as 50 quintals of milk daily? We are not in favour of spilling it on roads. It is not the right way to protest. Roughly, dairy farmers are already under loss of 2 to 2.5 crore in three days.”

He added that they were trying to approach farmer union leaders and activists to find a solution. “We held a meeting today at Bajakhana in Faridkot with activists from Bhartiya Kisan Union (Sidhupura), but it was futile. Another meeting will be held tomorrow.”

Kulbeer Singh, a dairy farmer from Kapurthala, said that his farm produces 800 litres of milk daily and his chillers are already filled to capacity. “It is worth Rs 30,000 daily. In three days, I am already under loss of 90,000. Is this a way to protest? Is this causing any loss to the government? I have 3,000 litres capacity of chillers and they are almost full. I am planning to put a chabeel on road in coming days. But we will never spill it on roads. Earlier, I was selling milk to Verka.”

Balraj Singh Khaira, a dairy farmer from Jalandhar, said that he has been distributing his around six quintal milk produce among labourers and poor families since three days. “It is for around Rs 15,000-20,000, but there is no way I will spill it on roads. This way to protest is just adding to losses of farmers.”

Milkmen union also held a protest outside Rampura Phull police station in Bathinda. They alleged that they are being stopped from selling milk even when they wanted to.

In another incident at Lehra Mohabbat in Bathinda, a dairy owner Manpreet Singh alleged that he was manhandled and his vehicle was also damaged by some protesting farmers when he was loading milk and cheese in his vehicle. “My 2.7 quintals of milk and 12 kg of cheese was destroyed by the protesters. Are they going to pay for loss? They also damaged by vehicle,” he said.

Dairy owners also protested against farmers’ unions and spilled huge quantity of milk on roads in Bhawanigarh town of district Sangrur. They said that since farmers are not allowing them to sell milk in cities, they do not have space or any arrangement to store it. So, they should be allowed to sell milk or spill it on roads.

HS Sandhu, general manager Verka Milk Plant, Ludhiana, said that milk supply to consumers in cities hasn’t been affected yet. “We are managing somehow. Yes, the milk collection has been hit, but we have stopped drying 3 lakh litres of milk which we were doing on daily basis. We can’t say how coming seven days would be but milk supply to consumers has not been hit yet.”

हैमलटा द्वारा अपनी मांगों को लेकर 5 जून से हड़ताल

चंडीगढ 3 जून 2018 :

हरियाणा मैडीकल लैबोरेट्री टैक्निशयन वैलफेयर एसोसिएशन (हैमलटा)द्वारा अपनी मांगों को लेकर व लैब रिपोर्ट पर एम.बी.बी.एस.डाक्टर के काऊंटर साइन करवाने की थोपी गई शर्त को लेकर प्रदेश केे सभी लैब संचालक 5 जून से हड़ताल पर जा रहे हैं। हैमलटा के प्रदेश अध्यक्ष रमेश अहलावत ने बताया कि इस दौरान प्रदेश में चल रही सभी लैब में कार्य बंद रखा जाऐगा। वहीं क्लीनीकल लैबोरेट्री एसोसिएशन आफ इंडीया के राष्टीय सचिव मनोज यादव ने कहा कि हरियाणा द्वारा की जा रही स्ट्राईक में राजस्थान, छतीसगड़, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश सहित पूरा भारत हैमलटा के समर्थन में अपने-अपने राज्यों में अपनी लैब बंद कर हरियाणा का समर्थन करेंगे। ऐसे हालत में जब किसानों के विरोध के कारण पहले से ही देश व प्रदेश के लोग परेशान हैं तो 5 जून के बाद उक्त हड़ताल के बाद जनता के सामने आने वाली परेशानियों में काफी इजाफा होगा।

हरियाणा मैडीकल लैबोरेट्री टैक्निशयन वैलफेयर एसोसिएशन (हैमलटा)के अध्यक्ष रमेश अहलावत ने  खास बातचीत में बताया कि लैब रिपोर्ट पर एम.बी.बी.एस.डाक्टर के काऊंटर साइन करवाने के तुगलकी फरमान से हम सभी परेशान हैं। सरकार को बार-बार फैसला वापिस लेने व लैबोरेट्री संचालन के लिए अलग से कौंसिल बनाने की मांग की गई लेकिन सरकार ने आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं दिया। इसी मुद्दे को लेकर हैमलटा की एक आपात बैठक 20 मई को सिरसा में हुई थी। जिसमें 5 जून के बाद हड़ताल पर जाने का फैसला लिया गया था। मीडिय़ा व ज्ञापन के माध्यम से सरकार को चेतावनी दी गई थी कि सरकार अपने फैसले को वापसि लेते हुए हमारे कारोबार को बचाने के लिए कुछ करे लेकिन सरकार ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। जिसके बाद कैथल में हड़ताल को लेकर रूपरेखा तैयार हुई व हिसार बैठक में संघर्ष को अंतिम रूप दिया गया। उन्होंने कहा कि 5 जून को सभी लैब संचालक जिला स्तर पर शातिंपूर्वक प्रदर्शन करेंगे, इस दौरान अगर सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी तो पूरे देश के लैब संचालक पंचकुला कूच करेंगे और जब तक उनकी बात नहीं सुनी जाती शातिंपूर्वक तरीके से उनका विरोध जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी लैब संचालक एसोसिएशन के बैनर तले एकजूट हैं। कोई भी लैब संचालक एम.बी.बी.एस.डाक्टर को हायर नहीं करेगा। वहीं क्लीनीकल लैबोरेट्री एसोसिएशन आफ इंडीया के राष्टीय सचिव मनोज यादव ने इस बारे में  बताया कि अकेला हरियाणा ही नहीं पूरा भारत इस संघर्ष में हरियाणा के साथ खड़ा है। 5 जून के बाद हरियाणा सहित पूरे भारत में अनिश्चतकालिन हड़ताल की जा रही है। यह हड़ताल तब तक समाप्त नहीं होगी जब तक डी.एम.ली.टी. को उनके अधिकार वापिस नहीं मिल जाते। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में सरकारी फरमान से लाखों लोग बेरोजगार होने के कगार पर पहुंच चुके हैं लेकिन सरकार कार्पोरेट घरानों के हाथों में खेल रही है।

अनिल विज ने किया 5.50 करोड़ की एम् आर आई मशीन का उद्घाटन किया

स्वास्थ्य, खेल एवं युवा कार्यक्रम मंत्री अनिल विज ने आज रोटरी कैंसर एवं जनरल अस्पताल अम्बाला छावनी में स्थापित की गई एमआरआई मशीन का उद्घाटन किया। समाज सेवियों के सहयोग से 5.50 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित यह मशीन जर्मनी की सीमंस कम्पनी द्वारा तैयार की गई है, जिसमें शरीर के अन्य अंगो की जांच के साथ-साथ ब्रैस्ट कैंसर की जांच की सुविधा भी उपलब्ध होगी। दिल्ली के एम्स अस्पताल के बाद यह दूसरी मशीन है, जो अम्बाला छावनी के इस अस्पताल में स्थापित की गई है।स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने भी अस्पताल में सुविधाओं के विस्तार के लिए अपने स्वेच्छिक कोष से 10 लाख रुपए की अनुदान राशि देने की घोषणा की। इससे पूर्व भी स्वास्थ्य मंत्री दो बार 10-10 लाख रुपए की अनुदान राशि इस अस्पताल की सुविधाओं के लिए उपलब्ध करवा चुके हैं। अनिल विज ने रोटरी क्लब द्वारा समाज सेवा के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इन प्रयासों में समर्पित समाज सेवक डा0 जयदेव की सोच भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है। उन्होंने डा0 जयदेव की समाज सेवा और त्याग भावना की सराहना करते हुए कहा कि समाज में बहुत कम व्यक्ति ऐसे हैं, जो घरेलू जिम्मेदारियों के साथ-साथ समाज की सेवा के लिए समर्पित रहते हैं। उन्होंने कहा कि अम्बाला छावनी की जनता को भी एक ऐसे श्रेष्ठ पुरूष की सेवाएं उपलब्ध हैँ, जो व्यक्तिगत सोच से उपर उठकर समाज सेवा को महत्व देते हैं। उन्होंने कहा कि अच्छे विचारों को पनपने के लिए उपजाऊ भूमि की आवश्यकता होती है और अम्बाला छावनी में यह भूमि डा0 जयदेव जैसे समाज सेवियों के रूप में ऐसे विचारों को विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चिकित्सा जगत नें वैद्य चिकित्सा पद्धति की उस तकनीक से, जिसमें नब्ज देखकर रोगों की पहचान की जाती थी, आधुनिक रोग जांच तकनीकों तक का लम्बा सफर तय किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हर प्रकार की बीमारियों की जांच के लिए तकनीक उपलब्ध है और यह सराहनीय प्रयास है कि रोटरी क्लब द्वारा कैंसर अस्पताल अम्बाला छावनी में सभी नवीनतम चिकित्सा तकनीको का प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने इस मशीन की स्थापना के लिए 3 करोड़ रुपए का दान देने वाले स्वर्गीय तारा चंद जगाधरी के परिजनों, लगभग 1.50 करोड़ रुपए का सहयोग देने वाले डा0 रवि बंसल और 30 लाख रुपए का योगदान देने वाली दिल्ली निवासी श्रीमती मधु अग्रवाल की त्याग और दान भावना को नमन करते हुए कहा कि ऐसे युग में जहां व्यक्तिगत सुखों के लिए जायज और नाजायज तरीकों से धन इक्ट्ठा करने की होड लगी है, इस तरह की दान भावना होना पूरे समाज के लिए अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि दान देने की भावना तो बहुत से लोगों में होती है लेकिन दान का सही प्रयोग होने का विश्वास न होने पर यह संभव नही हो पाता। उन्होंने कहा कि इस विश्वास को रोटरी क्लब अम्बाला छावनी की टीम विशेषकर डा0 जयदेव ने विकसित किया है। इस अवसर पर तहसीलदार राजेश पूनिया, रोटरी कैंसर एवं जनरल अस्पताल के चेयरमैन डा0 जयदेव गुप्ता, नवनियुक्त चेयरमैन नलिनी गुप्ता, शुभ आदेश मित्तल, रोटरी के अध्यक्ष आर.के. शर्मा, डा0 पुनीत गुप्ता, के.के. जैन, ए.डी. गांधी, योगेश चंद गुप्ता, दीप चंद गुप्ता, डा0 वाईपी दास, मीडिया सलाहकार डा0 अनिल दत्ता, अनुभव अग्रवाल, डा0 सुशील कुमार, अनूप चोपड़ा, सतपाल ढल्ल, डा0 कार्तिक मित्तल, डा0 देशबंधु, डा0 विनय मल्होत्रा, डा0 विवेकशील मल्होत्रा, पटना के पूर्व डिस्ट्रीक गवर्नर सी.खंडेलवाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

चंडीगढ़ नंबर की गाड़ी दुदू, राजस्थान के पास दुर्घटना ग्रस्त हुई

अभी हम लोग जयपुर से अजमेर जा रहे थे तो जैसे ही हमने देखा कि यहां पर एक्सीडेंट हुआ है “दूदू” में तो हम लोग एक बच्ची जिसे लोगों ने किनारे पर निकाला हुआ था उसे गाड़ी में से हम लोग उसे लेकर हॉस्पिटल में पहुंचे वहां का बेसिक ट्रीटमेंट कराया और इसे लेकर जयपुर SMS हॉस्पिटल जा रहे हैं इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिए यह गाड़ी चंडीगढ़ की है और हो सके तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिए!
Sandeep jindal 9319761037
Maneesh sharma 9760455554
Abhishek Sharma 9997971717

यह टोयोटा फर्चुनेर गाड़ी श्री नवीन कुमार के नाम से रजिस्टर है, गाडी का नंबर CH01BD 7976 है

 

 

                                                                             

 

 

 

ज़ोर पकड़ रहा किसान आन्दोलन

 

जालंधर 3 जून 2018:(नरेश श. भा.)

किसानों द्वारा किया जा रहा प्रदर्शन अब उग्र रूप धारण करता जा रहा है. अपनी मांगों को लेकर किसानों ने 10 दिन की हड़ताल की है, जिससे आम लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त होता दिखाई दे रहा है. लेकिन जिस तरह से किसान सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, उससे ये साह ज़ाहिर हो रहा है कि ये प्रदर्शन रुपी ये तूफ़ान जल्दी नहीं थमेगा. किसानों के इस प्रदर्शन में अपना सहयोग देने के लिए जालंधर के काला बकरा गाँव के नजदीक एक भुग्गा नामक एक छोटे से गाँव के किसान ने अपने खेत में पकी हुई फसल पर ही ट्रैक्टर चला दिया. किसान का कहना है कि ऐसा करके वह बाकी के किसानों के प्रदर्शन में अपना सहयोग दे रहा है.

किसानों के इस प्रदर्शन ने बार फिर से मंदसौर के किसान प्रदर्शन की यादों को ताज़ा कर दिया है. जिस तरह से अपनी मांगों को लेकर किसान सब्जियां, फल और दूध रास्ते में गिराकर सरकार के खिलाफ रोष ज़ाहिर कर रहे हैं, उससे ये साफ़ ज़ाहिर हो रहा है कि शायद सरकार ने किसानों का मंदसौर प्रदर्शन देखकर सार नहीं ली. किसान भी बड़े ही अनोखे ढंग से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. कुछ ऐसा ही मामला जालंधर के गाँव काला बकरा के नजदीकी गाँव भुग्गा का है. जहाँ एक किसान ने बाकी के किसानों का साथ देते हुए अपनी पकी हुई फसल पर ट्रैक्टर चला दिया. मनोहर सिंह नामक किसान इस किसान का कहना है कि वह बाकी के प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ है. हालाँकि ऐसा करने से उसे करीब 5 लाख रूपए का नुक्सान हुआ है।

किसानों का कहना है ऐसा करके उन्होंने सरकार को किसानों की समस्या के प्रति ज्गाने जगाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की फसल का उन्हें वाजिब मूल्य नहीं दे रही है, जिससे खफा हो उन्हें अपने खेतों में ट्रैक्टर चलाने पड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की फसलों का निर्धारित मूल्य तय करे. वहीँ, इस प्रदर्शन से लोगों को हो रहे नुक्सान के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को भी किसानों का साथ देना चाहिए, जिससे उन्हें मुश्किलों का सामना न करना पड़े.।

किसानों के इस उग्र हो रहे प्रदर्शन से जहाँ किसान तो भारी नुक्सान तो उठा ही रहे हैं लेकिन इसके आम लोगों को भी इसके नतीजे भुगतने पड़  रहे हैं. फिलहाल देखने वाली बात ये होगी कि सरकार किसानों की बात को कब मानती है और अगर मानती है तो उसके सामने क्या चुनौतियां होंगी.

वरिष्ठ नेताओं ने सुरजेवाला को जन्मदिन की बधाई दी

 

अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के संचार प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला को हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने जन्मदिन की बधाई दी. पंचकुला से वरिष्ठ कांग्रेस नेता रंधीर सिंह मालिक कालका पूर्व चेयरमैन हरियाणा सरकार शिवालिक विकास मंच के प्रदेशाध्यक्ष विजय बंसल और यूवा नेता दीपांशु बंसल ने भी सुरजेवाला को इस अवसर पर शुभकामनाएं दीं.

150 करोड़ के क़र्ज़ तले लक्ष्मी प्रिसिशन लिमिटेड पर तलाबंदी का डर

 

चंडीगढ, 2जून:

हरियाणा के रोहतक स्थित बडे उद्योग लक्ष्मी प्रिसीजन स्कू्र लि पर संकट के बादल मंडरा गए है। कम्पनी के कर्मचारियों और श्रमिकों को पांच माह से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। साथ ही कम्पनी के कर्जदाता केनरा बैंक ने डिफाल्टर घोषित कर 138 करोड रूपए के कर्ज को एनपीए में डाल दिया है। बैंक की ओर से उद्योग के गेट पर नोटिस भी चस्पा किया गया है। बैंक ने कर्ज की वसूली के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है।

1972 में स्थापित यह उद्योग अच्छे किस्म के नट-बोल्ट बनाने का काम करता है। ये नट-बोल्ट भारी उद्योगों व लक्जरी गाडियों में इस्तेमाल किए जाते है। इनका निर्यात किया जाता है और इस उद्योग पर कई स्थानीय उद्योग निर्भर है। ये छोटे उद्योग इसे जरूरी माल की आपूर्ति करते है। माल के निर्यात से विदेशी मुद्रा हासिल होती है। उद्योग पर करीब 150 करोड रूपए का कर्ज है जिसमें से करीब 130 करोड रूपए केनरा बैंक के है। अब तालाबंदी की आशंका से सभी परेशान है।

उधर श्रमिक व कर्मचारी संगठन का आरोप है कि कम्पनी को जानबूझकर घाटे में दिखाया जा रहा है ताकि करीब 200 करोड रूपए हडपे जा सकें। उनकी दलील है कि यदि घाटा है तो करीब 28 अन्य उद्योग कैसे खडे किए गए है। ये उद्योग भी इसके समान ही वस्तुओं का उत्पादन कर रहे है। इन अन्य कम्पनियों के डायरेक्टर भी एलपीएस के डायरेक्टर है। एलपीएस के श्रमिकों व सप्लायरों ने हरियाणा सरकार को पत्र भेजकर एलपीएस के डायरेक्टरों व खातों की सीबीआई जांच की मांग की है। साथ ही कम्पनी के वारों निदेशकों के पासपोर्ट जब्त करने की मांग की है। उन्होंने आशंका जताई है कि ये डायरेक्टर विजय माल्या और नीरव मोदी की तरह विदेश चले जायेंगे।