Pay non-oil taxes “honestly” to curb oil prices: Jaitley

 

Union minister Arun Jaitley on Monday urged citizens to pay their due share of taxes “honestly” to reduce dependence on oil as a revenue source, and virtually ruled out any cut in excise duty on petrol and diesel saying it could prove to be counter-productive.

While salaried class pay their due share of taxes, Jaitley said “most other sections” have to improve their tax payment record, which is keeping India “far from being a tax-compliant society”.

“My earnest appeal, therefore, to political leaders and opinion makers …would be that evasion in the non-oil tax category must be stopped and, if people pay their taxes honestly, the high dependence on oil products for taxation eventually comes down. In the medium and long run, upsetting the fiscal maths can prove counter-productive,” Jaitley said.

In a Facebook post titled ‘The Economy and the Markets Reward Structural Reforms and Fiscal Prudence’, Jaitley said in the last four years, central government’s tax-GDP ratio has improved from 10% to 11.5%. Almost half of this, 0.72% of GDP, accounts for an increase in non-oil tax-GDP ratio. The level of non-oil taxes to GDP at 9.8% in 2017-18 is the highest since 2007-08—a year in which our revenue position was boosted by buoyant international environment.

Jaitley wrote, “This government has established a very strong reputation for fiscal prudence and macro-economically responsible behaviour. We know what happened during the Taper Tantrum of 2013. Fiscal indiscipline can lead to borrowing more and obviously increase the cost of debt.

“Reliefs to consumers can only be given by a fiscally responsible and a financially sound central government, and the states which are earning extra due to abnormal increase in oil prices.”

In an apparent dig at senior Congress leader P. Chidambaram’s remark that tax on oil should be cut by Rs 25 per litre, Jaitley retorted “this is a ‘trap’ suggestion”. Without naming Chidambaram, Jaitley noted that the “distinguished predecessor” had “never endeavoured to do so himself”.

“It is intended to push India into an unmanageable debt—something which the UPA (United Progressive Alliance) government left as its legacy. We must remember that the economy and the markets reward structural reforms, fiscal prudence, and macro-economic stability.

“They punish fiscal indiscipline and irresponsibility. The transformation from UPA’s “policy paralysis” to the NDA’s (National Democratic Alliance) “fastest growing economy” conclusively demonstrates this. The government is aspiring to improve the tax-GDP ratio,” Jaitley said.

Chidambaram had last week claimed that it was possible for the centre to cut tax by up to Rs 25 per litre on petrol prices but the Modi-government will not do so. As per government estimates, every rupee cut in excise duty on petrol and diesel will result in a revenue loss of about Rs 13,000 crore.

The price of Indian basket of crude surged from $66 a barrel in April to around $74 currently. Jaitley said despite higher compliances in new system, as far as the non-oil taxes are concerned, India is still far from being a tax complaint society.

“Salaried employees is one category of tax compliant assessees. Most other sections still have to improve their track record. The effort for next few years has to be to replicate the last four years and improve India’s tax to GDP ratio by another 1.5%.

“The increase must come from the non-oil segment since there is scope for improvement,” he said.

These additions, Jaitley said, have to come by more and more people performing their patriotic duty of paying the non-oil taxes to the state.

“The tragedy of the honest tax payer is that he not only pays his own share of taxes but also has to compensate for the evader,” he said.

Jaitley said the while the central government collects taxes in the form of income tax, its own share of GST (goods and services tax) and the customs duty, 42% of the central government taxes are shared with the states.

State governments, Jaitley said, collect their 50% from GST besides their local taxes and these are independent of taxes on petroleum products. The states charge ad valorem taxes on oil and if oil prices go up, states earn more.

लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शार्प शूटर गैंगस्टर संपत नेहरा को जुडिशीयल कस्टडी में भेजा गया

हरियाणा पुलिस ने आज भारी पुलिस सिक्योरिटी के बीच लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शार्प शूटर गैंगस्टर संपत नेहरा को पंचकूला जिला अदालत में पेश किया, जहां से उसे जुडिशियल कस्टडी में भेज दिया है। आज संपत नेहरा की 7 दिन का पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद कोर्ट में पेश किया था। कल इस गैंगस्टर को प्रोडक्शन वारंट पर भिवानी कोर्ट में पेश किया जाएगा।

संपत नेहरा  ने 2017 में 16 जून को पंचकूला में दीपक नामक कैदी को पुलिस कस्टडी से भगा दिया था। इस बाबत उस पर पंचकूला में मामला दर्ज किया गया था। संपत नेहरा ने अपने तीन साथियों के साथ पंचकूला अस्पताल में दीपक को छुड़वाने के लिए पुलिस वालों की आंखों में मिर्च डालकर उनपर हमला कर दिया था। पुलिस को दीपक अस्पताल में एमआरआई करवाने के लिए लेकर आई थी। नेहरा दीपक को भगा ले जाने में कामयाब रहा था।

पूछताछ में में खुलासा हुआ कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के खास साथी संपत नेहरा ने अलग-अलग लोगों से हथियार खरीदे थे। नेहरा को विदेशी हथियार रखने का शौक है। इन्हीं हथियारों से वह अभिनेता सलमान खान की हत्या करना चाहता था। एसटीएफ ने उसकी साजिश नाकाम करते हुए हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया था। संपत को लंदन से फंडिंग होती थी। हवाला के जरिये गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई एंड कंपनी के पास लाखों रुपए आते थे। गैंगस्टर संपत नेहरा से बरामद 5 में से तीन हथियारों की कीमत करीब 15 लाख से अधिक है। 10 कारतूस और स्मिथ वेशन कंपनी के एक हथियार की कीमत ही 5 से 7 लाख रुपए है, जोकि उसे भारत में उपलब्ध हुए हैं। विदेशी पिस्टल, एक रिवॉल्वर, दो दोनाली और एक देसी कट्टा भी बरामद किया है।यह हथियार राजस्थान के राजगढ़ इलाकों से बरामद किए गए हैं।

6 जून को IG सौरभ सिंह व DIG सतीश बालन के नेतृत्व में लारेंस बिश्नोई गैंग के वांछित अपराधी सम्पत नेहरा को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था। यह अपराधी दर्जनों हत्याओं, लूट, फिरौती, सुपारी लेकर हत्या करना, हत्या का प्रयास जैसे संगीन अभियोगों में वांछित है तथा करोड़ो रुपए की सुपारी लेकर हत्या करना इसका मुख्य पेशा है। गैंगस्टर संपत द्वारा विभिन्न राज्यों में कई वारदातों को अन्जाम दिया गया है। संपत ने अपने साथियों के साथ मिलकर INLD के Ex. MLA के भाई को मारने का भी प्रयास किया था।

नीति आयोग की बैठक में राज्यों ने रखे अपने विचार

दरअसल, राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में गवर्निंग काउंसिल की चौथी बैठक आयोजित की गई। इस दौरान NITI आयोग की तरफ से ट्विटर के माध्यम से अद्यतन जानकारी साझा की जा रही थी। बैठक में करीब 25 प्रदेशों के प्रतिनिधियों (मुख्यमंत्री या राज्यपाल) ने शिरकत की। इस दौरान राज्यों को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग सबसे प्रमुख रही।
बैठक में सीएम चंद्रबाबू नायडू ने अपनी बात रखते हुए आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की। उन्होंने बैठक में आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने से केंद्र सरकार के इनकार का भी मामला उठाया। TDP प्रमुख की इस मांग का समर्थन करते हुए नीतीश कुमार ने बिहार के लिए भी विशेष राज्य के दर्जे की मांग की।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमें बिहार जैसे पिछड़े राज्यों को देश के अन्य राज्यों के स्तर पर लाने की जरूरत है। NITI आयोग को इस बात का आंकलन करना चाहिए कि विशिष्ट राज्यों की जरूरतों के हिसाब से कैसे योजनाओं को क्रियान्वित किया जा सकता है। अर्से से बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग का भी पुरजोर समर्थन किया।

बैठक में अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेमा खांडू ने स्मार्ट सिटी के लिये पूर्वोत्तर राज्यों के मामले में वित्त पोषण जरूरतों में छूट देने पर जोर दिया। खांडू ने इटानगर में हवाईअड्डे के साथ पूर्वोत्तर राज्यों के लिये स्मार्ट सिटी के लिये वित्त पोषण में 90:10 का अनुपात रखने की बात कही। साथ ही अरूणाचल प्रदेश के लिये आईएएस, आईपीएस, आईएफएस के लिये अलग कैडर की मांग की।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि देश को 8 प्रतिशत और आंध्र प्रदेश जैसे प्रमुख राज्यों को 10 से 12 प्रतिशत वृद्धि की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश पिछले चार साल से 10.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि कर रहा है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि हम तत्परता से केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाओं को लागू कर रहे हैं। बच्चों के पोषण अभियान के तहत हम ‘वजन त्यौहार’ जैसी योजनाएं चला रहे हैं। हमने आयुष्मान भारत के लिये नोडल एजेंसी मनोनीत किया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम मृदा स्वास्थ्य केंद्र, सिंचाई सुविधाओं तथा ई-नाम जैसी विभिन्न योजनाओं के जरिये राज्य में किसानों की आय दोगुनी करने के लिये कदम उठा रहे हैं। उन्होंने NITI आयोग की संचालन परिषद को संबोधित करते हुए कि वह कृष क्षेत्र में एमएसपी लागू करने, गन्ना कीमतों, अनाज की खरीद, सिंचाई पर जोर दे रहे हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य, पोषण शिक्षा पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है।

उत्तराखंड मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में ग्रीन बोनस की मांग रखी है, जिसका समर्थन मध्यप्रदेश CM शिवराज ने भी किया है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मसले पर तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को लेकर अगर कुछ मुख्यमंत्री राजनीति करना चाहते हैं तो NITI आयोग उनके लिए सही जगह नहीं है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बैठक में राज्य के 3500 ग्रामीण हाट के नवीनीकरण के लिए एग्री इन्फ्रा फंड में से निधि दिया जाये । इससे किसानों के माल की बिक्री बढ़ेगी। जीवनावश्यक वस्तु अधिनियम के तहत दूध की एमएसपी निश्चित की जाये। दूध पावडर पर 10% प्रोत्साहन सब्सिडी दी जाए। चीनी कारखानों को साफ्ट लोन की पुनर्रचना कर दिया जाए। साथ ही कर्ज चुकाने के समय मे 2 साल की बढ़ोतरी की बात कही।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने पर राज्य सरकार काम कर रही है। इसके लिए हरियाणा में किसान कल्याण प्राधिकरण का गठन किया गया गया है। गन्ने का भाव ₹330 प्रति क्विंटल जो देश में सर्वाधिक है।

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जल सूचकांक तैयार करने के लिये NITI आयोग की सराहना करते हुए कहा कि हमारा जोर कृषि विपणन, ई-नाम, सिंचाई, भामाशाह योजना, जल संरक्षण कार्यक्रम, स्वास्थ्य योजनाओं पर है।

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि हमने इस साल बजट इलेक्ट्रॉनिक रूप से पेश किया। हम आयुष्मान भारत, पोषण अभियान और ग्राम स्वराज अभियान जैसी प्रमुख योजनाओं को प्रमुखता से लागू कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप तीन और सात साल के लिये योजना भी तैयार की है।

दिल्ली के राजभवन में सात दिन से धरने पर बैठे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समर्थन में चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपना समर्थन जताने के बाद इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा कि मैंने आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल के माननीय मुख्यमंत्रियों के साथ आज माननीय प्रधानमंत्री से दिल्ली सरकार की समस्याओं का तत्काल समाधान करने का अनुरोध किया।

इससे पहले, अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के सामने अब चुनौती वृद्धि दर को दहाई अंक तक पहुंचाने की है। जिसके लिए कई और महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे।

Condolence meeting for “Shujat Bukhari”

The Chandigarh Press Club will convene a protest/condolence meeting on June 18 (Monday) at 12.30 pm in protest against the killing of the senior journalist and the Editor of ‘Rising Kashmir’ Shujaat Bukhari. This information was shared by Jaswant Singh Rana, Secretary General of Chandigarh Press Club

NSUI Haryana to Visit Governor

Media incharge of NSUI Haryana  Deepanshu Bansal will give a memorandum to Hon’ble Governor,Govt. of Haryana regarding discontinuation of 39 subjects in 59 govt. Colleges of Haryana 18th June, 2018 11:00 AM.
Members of Nsui delegation will give a memorandum to continue the subjects in colleges with an immediate effect

‘न्यू इंडिया 2022’ के लिए विकास एजेंडा 1 महीने में

नई दिल्ली: 

नीति आयोग ने कहा कि ‘न्यू इंडिया 2022’ के लिए विकास एजेंडा को राज्यों की टिप्पणियों के बाद एक महीने में अंतिम रूप दे दिया जाएगा. नीति आयोग इस दस्तावेज पर काफी समय से काम कर रहा है. नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने परिषद की हुई चौथी बैठक में इस मुद्दे को नहीं उठाये जाने के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘न्यू इंडिया 2022 के विकास एजेंडा को अभी भी सुधारा जा रहा है. इसे नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक में आज प्रस्तुत नहीं किया गया. हम चाहते हैं कि दस्तावेज में जमीनी हकीकतें दिखें.’’

आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने जोर दिये जाने पर कहा, ‘‘विकास योजना (दस्तावेज) लगभग तैयार है , इसे टिप्पणी के लिये जल्दी ही राज्यों के पास भेजा जाएगा. हमें अधिक परामर्श की जरूरत लगी. इसे एक-डेढ़ महीने में अंतिम रूप दे दिया जाएगा. ’’

हरियाणा आज अपराध, गैंग रेप और जान माल के नुकसान के मामले में देश में सबसे आगे: दीपेन्द्र

 

रोहतक 17 जून :

आज महम में आयोजित कार्यकर्त्ता सभा में मौजूद भारी संख्या में कार्यकरताओ से आर-पार की लड़ाई के लिये जुट जाने का आह्वान करते हुए कांग्रेस सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा जो प्रदेश विकास मे देश मे सबसे आगे था उसे तली पे ले के जाने का काम भाजपा सरकार ने किया है। दुर्भाग्य की बात है कि एक समय पर विकास की दौड़ में देश में कीर्तिमान स्थापित करने वाला हरियाणा आज अपराध, गैंग रेप और जान माल के नुकसान के मामले में देश में सबसे आगे हो गया है। हरियाणा में अमन चैन भाईचारे, विकास, और किसान-गरीब के लिए संघर्ष का समय आ गया है और इस जनविरोधी भाजपा सरकार को उखाड़ कर दोबारा प्रदेश को भाईचारे की नींव पर विकास की पटरी पर लाना हमारी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि आपने हमारे से पहले वाली इनेलो – भाजपा की सरकार भी देखी, कांग्रेस के दस वर्ष भी देखे और अब 4 साल से भाजपा सरकार का कार्यकाल भी देखा। तीनों सरकारों के काम-काज को तोलने का समय आ गया है। यदि आपको लगता है कि हमारी सरकार में किसान, मजदूर, व्यापारी, कर्मचारी, समाज का हर वर्ग खुशहाल और हरियाणा आगे बढ़ रहा था, तो आप सभी एक बार फिर चौ भूपेन्द्र सिंह हुड्डा जी के साथ खड़े हो जाओ वहीं पुराने दिन फिर आ जायेंगे।

सांसद ने भाजपा पर प्रदेश को विकास के मामले में पीछे ले जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा के लोगों ने भाजपा को हरियाणा को विकास के मामले में और आगे ले जाने की उम्मीद से सत्ता की चाभी दी थी मगर चार साल में उनको केवल निराशा ही हाथ लगी। जो प्रदेश प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, कृषि उत्पादकता, खेल और खिलाड़ियों में पूरे देश में नम्बर वन पर था उसको पीछे ले जाकर अपराध और अराजकता की आग में ढकेलने का काम किया है भाजपा सरकार ने। भ्रष्टाचार का आलम यह है कि नौकरियां परचून की दूकान की तरह रेट लिस्ट लगा कर नीलाम करी जा रही हैं। किसान को उसकी कड़ी मेहनत की फसल का उचित भाव नहीं मिल रहा है और मजदूर को मजदूरी के लिये तरसना पड़ रहा है, व्यापारियों का गल्ला खाली है, कर्मचारी और जनप्रतिनिधियों को आन्दोलन करना पड़ रहा है, चारों ओर निराशा ही निराशा है, इन हालातों में भीषण गर्मी के बावजूद चौ भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की जनक्रांति यात्रा में लाखों लोगों की शिरकत इस बात का सूचक है कि अब प्रदेश के लोग भाजपा सरकार से त्रस्त हो चुके हैं और उनको चौ भूपेन्द्र सिंह हुड्डा जी नेतृत्व में ही आस है। सांसद ने कहा कि जनक्रांति यात्रा का तीसरा चरण 30 जून को पुन्हाना (मेवात) में जनसभा के साथ शुरू होगा,जो 2 जुलाई तक चलेगा।

सांसद दीपेन्द्र ने कहा कि प्रदेश के हालात ऐसे हो गये हैं कि समाज का हर वर्ग परेशान है और सड़कों पर आन्दोलन करने को मजबूर हो गया है। इन परिस्तिथियों में अब समय आ गया है जब हमे प्रदेश को दोबारा भाईचारे और विकास के पथ पर लेकर आने का संकल्प लेना होगा और इस भ्रष्ट, जनविरोधी तथा संवेदनहीन सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकना होगा। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से जनक्रांति यात्रा में जुट जाने का आवाहन करते हुए कहा कि इसी सन्देश के साथ चौ भूपेन्द्र सिंह हुड्डा जी के नेतृत्व में प्रदेश के एक कोने से दूसरे कोने तक जनक्रांति यात्रा निकाली जार रही है। उन्होंने कहा कि जनक्रांति यात्रा के दौरान भाजपा सरकार से उसके चार साल में किये गए कामों का हिसाब भी माँगा जा रहा है।

सांसद ने कहा कि पिछले चार साल में जब जब किसान की फसल मण्डियों में आयी है किसान को मायूसी ही हाथ लगी है चाहे न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी कम दाम पर फसल खरीद की बात हो, बिजली न मिलने पर रिकॉर्ड महेंगे डीजल, खाद और कीटनाशक पर थोपा गया जीएसटी, कपास और गन्ने के भाव की बात हो। किसान को निराशा ही हाथ लगी है और कर्जे का बोझ बढ़ता जा रहा है। दीपेन्द्र ने कहा, भाजपा सरकार खोखले इवेंट मैनेजमेंट का ढोंग करना छोड़े और कर्ज से जूझ रहे किसानों का तुरंत कर्जा माफ करने का काम करे। अगर यह सरकार ऐसा नहीं करती है तो आने वाले समय में कांग्रेस की सरकार बनते ही पहली कलम से किसानों का कर्ज माफ़ किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पहले भी कांग्रेस सरकार के दौरान चौ भूपेंद्र सिंह हुड्डा जी ने किसानों के 1600 करोड़ रुपए के बकाया बिल माफ किए थे व केंद्र सरकार द्वारा 72,000 करोड़ के किसानों के कर्ज माफ किया गया था।

उन्होंने कहा कि यह सरकार लोगों का ध्यान भटकाने का काम कर रही है। पहली बार ऐसा हो रहा है कि मुख्य विपक्षी पाटी सरकार के खिलाफ न बोलकर सिर्फ चौ भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के खिलाफ बोलती है।

भाजपा सरकार पर प्रदेश भर में लाखों करोड़ रुपये लागत की मंजूरशुदा विकास परियोजनाओं को ठण्डे बस्ते में डालने का आरोप लगाते हुए दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि विकास के नाम पर पिछले साढ़े तीन साल में एक भी नयी परियोजना मंजूर नहीं हुई है और प्रदेश के विकास को तली पर ले जाने का काम भाजपा ने किया है।

यह सरकार पूरी तरह असंवेदनशील हो चुकी है और जब जनप्रतिनिधियों की समस्या सुनने कि बजाय उनको अपमानित कर भागने का काम कर सकती है तो एक साधारण नागरिक का क्या हाल होगा इस बात का अंदाजा हम लोग लगा सकते हैं। मगर अब इस सरकार के अहंकार का घड़ा भर चुका है और प्रदेश के लोग आने वाले चुनाव में वोट की चोट से भाजपा सरकार से पीछा छुड़ाने का काम करेंगे।

सिख रेफेरेंडुम 2020 पंजाब राजनीती का फीफा

 

अलग पंजाबी राष्ट्र बनाने के अलगाववादी रेफरेंडम-2020 का समर्थन करने पर आप विधायक सुखपाल सिंह खैरा चौतरफा हमलों में घिर गए हैं। शनिवार को सूबे के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के अलावा कई कांग्रेस विधायकों ने सुखपाल खैरा की कड़ी आलोचना करते हुए आप संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा और खैरा को पार्टी से बर्खास्त करने की मांग की।

उधर, सुखपाल खैरा ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा कि वे रेफरेंडम के हिमायती नहीं हैं लेकिन लगातार हो रहे भेदभाव के कारण सिख अलग राज्य की मांग कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी पंजाब ने रेफरेंडम-2020 पर खैरा के बयानों को उनकी निजी राय बताते हुए न सिर्फ पल्ला झाड़ लिया बल्कि यह भी संकेत दिए कि पार्टी इस मुद्दे पर सुखपाल खैरा से स्पष्टीकरण मांगेगी।

क्योंकि आप किसी भी अलगाववादी और देश विरोधी मुहिम का समर्थन नहीं करती। शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का समर्थन करने पर सुखपाल खैरा के खिलाफ तुरंत मामला दर्ज करने की मांग की है।

 

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गर्मख्यालियों द्वारा पेश की गई अलगाववादी सिख रेफरेंडम-2020 का समर्थन करने के लिए खैरा की कड़ी आलोचना की। शनिवार को जारी एक बयान में मुख्यमंत्री ने खैरा के इस बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि नेता विपक्ष पंजाब के इतिहास के बारे में समझ रखने के बिना इस तरह की विलक्षण और नाटकीय सियासत में लिप्त हो गए हैं।

उन्होंने कहा कि खैरा अपने इस बयान या कार्रवाई के संभावित नतीजों को महसूस नहीं कर रहे। कैप्टन ने कहा कि पंजाब और यहां के लोगों ने अलगाववादी लहर के कारण कई साल तक गहरा संताप झेला है और खैरा इससे पूरी तरह अनजान लगते हैं। उन्होंने कहा कि खैरा को यह अनुमान नहीं है कि उनका बयान सूबे के लिए क्या खतरा पैदा कर सकता है।

मुख्यमंत्री ने खैरा के उस दावे को कोरा पाखंड करार दिया जिसमें खैरा ने कहा था कि वे इस रेफरेंडम का समर्थन करते हुए भारत की अखंडता के हक में खड़े हैं। कैप्टन ने खैरा द्वारा दोनों दिशाओं में लगाई दौड़ को एक विलक्षण केस बताया। उन्होंने कहा कि विवादपूर्ण रेफरेंडम का समर्थन करने वाला प्रत्येक व्यक्ति स्पष्ट तौर पर भारत की सद्भावना को ठेस पहुंचा रहा है और वे किसी हालत में देश की एकता का समर्थक नहीं हो सकता।

 

 

सिखों के अलग राज्य की मांग संबंधी रेफरेंडम-2020 का समर्थन करने संबंधी खबरों का खंडन करते हुए नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैरा ने कहा है कि भले ही उन्होंने कभी इसका समर्थन नहीं किया लेकिन वे यह स्वीकार करने से नहीं झिझकते कि यह बंटवारे के बाद की केंद्र सरकारों के सिखों के प्रति पक्षपात और सौतेले व्यवहार का ही नतीजा है।

शनिवार को जारी एक बयान में खैरा ने कहा कि यह सिखों और पंजाबियों की महान कुर्बानियों का ही नतीजा है कि भारत ने आजादी हासिल की। भले ही ब्रिटिश सरकार ने सिखों को अलग पूर्ण राज्य की पेशकश की थी लेकिन सिखों ने भारत का हिस्सा बनने का फैसला किया।

उन्होंने कहा कि यह तथ्य है कि बंटवारे का सबसे ज्यादा संताप सिखों ने झेला जब उन्हें पूरी तरह उजड़कर भारत आना पड़ा। खैरा ने इसके साथ ही भाषाई आधार पर, पानी के बंटवारे, आपरेशन ब्लू स्टार और 1984 के सिख विरोधी दंगों का जिक्र करते हुए केंद्र की सरकारों द्वारा सिखों से भेदभाव किए जाने का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार को अपनी सिख विरोधी नीतियों पर दोबारा विचार करना चाहिए।

 

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने स्पष्ट किया है कि पार्टी रेफरेंडम-2020 मुहिम का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष, किसी रूप में समर्थन नहीं करती। आप द्वारा जारी संयुक्त बयान में पार्टी के सूबा सह-प्रधान डा. बलबीर सिंह, माझा जोन के प्रधान कुलदीप सिंह धालीवाल, मालवा जोन-1 के प्रधान नरिन्दर सिंह संधू, मालवा जोन-2 के प्रधान गुरदित्त सिंह सेखों और मालवा जोन-3 के प्रधान दलबीर सिंह ढिल्लों ने कहा कि आम आदमी पार्टी साफ शब्दों में स्पष्ट करती है कि पार्टी भारतीय संविधान, देश की प्रभुता व एकता-अखंडता में संपूर्ण विश्वास रखती है,

इसलिए पार्टी देश को बांटने या तोड़ने वाले किसी भी प्रकार के रेफरेंडम में न यकीन रखती है और न ही समर्थन करती है। पार्टी के सीनियर नेता और विधानसभा में विरोधी पक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैरा द्वारा रेफरेंडम-2020 का समर्थन किए जाने पर हैरानगी प्रकट करते हुए पार्टी नेताओं ने कहा कि रेफरेंडम-2020 की हिमायत सुखपाल खैरा की निजी राय हो सकती है, लेकिन इस तरह की राय के साथ आम आदमी पार्टी का कोई संबंध नहीं है।

 

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैरा द्वारा रेफरेंडम-2020 की हिमायत करके राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है। शनिवार को जारी एक प्रेस बयान में पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि खैरा केवल पंजाब को भारत से अलग किए जाने की ही वकालत नहीं कर रहे बल्कि अलगाववादी भावनाओं को भड़काकर मुश्किल से हासिल हुई शांति को लिए खतरा पैदा कर रहे हैं।

मजीठिया ने आप कन्वीनर और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सवाल किया कि वे इस मुद्दे पर खामोश क्यों हैं। मजीठिया ने कहा कि केजरीवाल को पंजाबियों को बताना चाहिए कि वे खैरा के स्टैंड का समर्थन करते हैं या नहीं? उन्होंने केजरीवाल को यह भी बताना चाहिए कि उन्होंने आज तक खैरा के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?

अकाली नेता ने आम आदमी पार्टी और इसके पंजाब के विधायकों से भी पूछा कि वे मशहूर पाकिस्तानी आईएसआई एजेंट गुरपतवंत पन्नू द्वारा तैयार किए गए रेफरेंडम- 2020 का समर्थन करते हैं? उन्होंने कहा कि इन विधायकों को बताना चाहिए कि वे सभी देश में प्रचलित चुनाव की लोकतांत्रिक प्रक्त्रिस्या में विश्वास रखते हैं या बाहरी ताकतों को इस देश की किस्मत का फैसला करने की इजाजत दी जानी चाहिए।

कांग्रेस के सीनियर नेताओं और विधायकों ने देश को धार्मिक आधार पर बांटने और पंजाब को भारत से अलग करने के उद्देश्य से तैयार रेफरेंडम-2020 की खुलेआम हिमायत करने के लिए नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैरा की कड़ी आलोचना की है।

कांग्रेस विधायकों ने आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल से भी स्पष्टीकरण मांगते हुए पूछा है कि क्या वे पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता के रुख से सहमत हैं? खैरा के विरुद्ध तुरत कार्रवाई की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि केजरीवाल को खैरा को पार्टी से बर्खास्त करना चाहिए और अगर वे ऐसा नहीं करते तो इसका मतलब होगा कि वे खैरा के राष्ट्र विरोधी मंसूबों से सहमत हैं।

कांग्रेस विधायक रमनजीत सिंह सिकी, हरमिंदर सिंह गिल और हरदेव सिंह लाडी ने साझा बयान में खैरा का मजाक उड़ाते हुए कहा कि एक तरफ तो वे रेफरेंडम-2020 की हिमायत कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर वे एकजुट भारत के पक्ष में भी खड़े हैं।

Two IAS transferred to Chandigarh

Two new IAS officers of the Arunachal Pradesh, Goa and Mizoram Union Territories (AGMUT) cadre will join the Chandigarh Administration.

The IAS officers are 2005-batch Ajay Kumar Singla and 2008-batch Sanjay Kumar Jha. While Singla was serving in Andaman and Nicobar, Jha was serving in Delhi. He has been divisional commissioner (revenue) at Delhi.

Earlier, last month, two officers, Kamal Yadav from Punjab and Arun Kumar Gupta from Haryana has joined the Chandigarh administration.

Happy Father’s Day

 

प्रस्तुत हैं पिता को समर्पित कुछ पंक्तियाँ जाने maआने लोगों की :-

 

निदा फाजली :-

 

तुम्हारी कब्र पर मैं, फ़ातेहा पढ़ने नही आया,
मुझे मालूम था, तुम मर नही सकते

तुम्हारी मौत की सच्ची खबर, जिसने उड़ाई थी, वो झूठा था,
वो तुम कब थे?, कोई सूखा हुआ पत्ता, हवा मे गिर के टूटा था ।

मेरी आँखे
तुम्हारी मंज़रो मे कैद है अब तक
मैं जो भी देखता हूँ, सोचता हूँ
वो, वही है
जो तुम्हारी नेक-नामी और बद-नामी की दुनिया थी ।

कहीं कुछ भी नहीं बदला,
तुम्हारे हाथ मेरी उंगलियों में सांस लेते हैं,
मैं लिखने के लिये जब भी कागज कलम उठाता हूं,
तुम्हे बैठा हुआ मैं अपनी कुर्सी में पाता हूं |

बदन में मेरे जितना भी लहू है,
वो तुम्हारी लगजिशों नाकामियों के साथ बहता है,
मेरी आवाज में छुपकर तुम्हारा जेहन रहता है,
मेरी बीमारियों में तुम मेरी लाचारियों में तुम |

तुम्हारी कब्र पर जिसने तुम्हारा नाम लिखा है,
वो झूठा है, वो झूठा है, वो झूठा है,
तुम्हारी कब्र में मैं दफन तुम मुझमें जिन्दा हो,
कभी फुरसत मिले तो फातहा पढनें चले आना |

 

एहसानमन्द हूँ पिता: सविता सिंह

एहसानमन्द हूँ पिता
कि पढ़ाया-लिखाया मुझे इतना
बना दिया किसी लायक कि जी सकूँ निर्भय इस संसार में
झोंका नहीं जीवन की आग में जबरन
बांधा नहीं किसी की रस्सी से कि उसके पास ताकत और पैसा था
लड़ने के लिए जाने दिया मुझको
घनघोर बारिश और तूफ़ान में

एहसानमन्द हूँ कि इन्तज़ार नहीं किया
मेरे जीतने और लौटने का
मसरूफ़ रहे अपने दूसरे कामों में

कुमार विश्वास

फिर पुराने नीम के नीचे खड़ा हूं
फिर पिता की याद आई है मुझे
नीम सी यादें ह्रदय में चुप समेटे
चारपाई डाल आंगन बीच लेटे

सोचते हैं हित सदा उनके घरों का
दूर है जो एक बेटी चार बेटे
फिर कोई रख हाथ कांधे पर

कहीं यह पूछता है-

“क्यूं अकेला हूं भरी इस भीड़ में”

मैं रो पड़ा हूं
फिर पिता की याद आई है मुझे
फिर पुराने नीम के नीचे खड़ा हूं

 

 

 

पं. ओम व्यास ‘ओम’

 

पिता, पिता जीवन है, सम्बल है, शक्ति है,

पिता, पिता सृष्टि में निर्माण की अभिव्यक्ति है,

 

पिता अँगुली पकडे बच्चे का सहारा है,

पिता कभी कुछ खट्टा कभी खारा है,

 

पिता, पिता पालन है, पोषण है, परिवार का अनुशासन है,

पिता, पिता धौंस से चलना वाला प्रेम का प्रशासन है,

 

पिता, पिता रोटी है, कपडा है, मकान है,

पिता, पिता छोटे से परिंदे का बडा आसमान है,

 

पिता, पिता अप्रदर्शित-अनंत प्यार है,

पिता है तो बच्चों को इंतज़ार है,

 

पिता से ही बच्चों के ढेर सारे सपने हैं,

पिता है तो बाज़ार के सब खिलौने अपने हैं,

 

पिता से परिवार में प्रतिपल राग है,

पिता से ही माँ की बिंदी और सुहाग है,

 

पिता परमात्मा की जगत के प्रति आसक्ति है,

पिता गृहस्थ आश्रम में उच्च स्थिति की भक्ति है,

 

पिता अपनी इच्छाओं का हनन और परिवार की पूर्ति है,

पिता, पिता रक्त निगले हुए संस्कारों की मूर्ति है,

 

पिता, पिता एक जीवन को जीवन का दान है,

पिता, पिता दुनिया दिखाने का अहसान है,

 

पिता, पिता सुरक्षा है, अगर सिर पर हाथ है,

पिता नहीं तो बचपन अनाथ है,

 

पिता नहीं तो बचपन अनाथ है,

तो पिता से बड़ा तुम अपना नाम करो,

पिता का अपमान नहीं उनपर अभिमान करो,

 

क्योंकि माँ-बाप की कमी को कोई बाँट नहीं सकता,

और ईश्वर भी इनके आशिषों को काट नहीं सकता,

 

विश्व में किसी भी देवता का स्थान दूजा है,

माँ-बाप की सेवा ही सबसे बडी पूजा है,

 

विश्व में किसी भी तीर्थ की यात्रा व्यर्थ हैं,

यदि बेटे के होते माँ-बाप असमर्थ हैं,

 

वो खुशनसीब हैं माँ-बाप जिनके साथ होते हैं,

क्योंकि माँ-बाप के आशिषों के हाथ हज़ारों हाथ होते हैं।