डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम पर डेरा प्रबंधक रंजीत हत्या मामले में आज हुई सुनवाई

डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम पर डेरा प्रबंधक रंजीत हत्या मामले में आज हुई सुनवाई।

पंचकूला स्थित हरियाणा की विशेष सीबीआई अदालत में हुई सुनवाई।

मुख्य आरोपी राम रहीम विडिओ कॉन्फ्रेंसिंग से हुआ सीबीआई कोर्ट में पेश।

वहीं मामले के अन्य आरोपी जसबीर,शब्दिल,इन्द्रसेन,अवतार और कृष्ण प्रत्यक्ष रूप से सीबीआई कोर्ट में हुए पेश।

आज मामले की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने 18 गवाहों की लिस्ट दाखिल की।

जिसे सीबीआई कोर्ट ने मंजूर कर दिया।

इस मामले की अगली सुनवाई अब
27 जुलाई को होगी।

वहीं 27 जुलाई को सीबीआई कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम पर डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या व पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या दोनो मामलों के गवाहों की होगी गवाही।

50 वर्षीय नूर मोहम्मद गायों को बचते हुए रेल गाड़ी की चपेट में आया

 

अंबाला कालका रेलमार्ग पर मंगलवार शाम डेराबस्सी के जनेतपुर के समीप ट्रैक पार कर रही गउयों को बचाने के प्रयास में उनका चरवाहा ट्रेन की चपेट में आ गया। चरवाहे के अलावा उसकी पांच गायें भी ट्रेन की चपेट में आकर मारी गईं। मृतक चारवाहे की पहचान 50 वर्षीय नूर मोहम्मद पुत्र बोहिया खान वासी गांव रेहणा, रायपुर रानी के तौर पर हुई है। रेलवे पुलिस ने कार्रवाई शुरु कर दी है।

जानकारी मुताबिक रेलवे पुलिस, लालडू को हादसे की जानकारी शाम छह बजे लगी। रेलवे पुलिस इंचार्ज रामपाल ने बताया कि नूर मोहम्मद अपनी करीब 50 गायों के झुंड के साथ जवारहपुर के नजदीक अस्थायी डेरा डाले हुए था। गायों के झुंड को ट्रैक पार कराते समय अचानक ट्रेन आ गई। चरवाहा उन्हें बचाने के प्रयास उनके पीछे दौड़ा परंतु इस बीच वह खुद भी ट्रेन की चपेट में आ गया। हादसे में ट्रैक पार कर रही पांच गायें भी ट्रेन की चपेट में आकर कट गईं। नूर मोहम्म्द उस समय अकेला ही था जबकि उसके साथी की सूचना पर रेहना गांव से आए लोगों ने बताया कि नूर मोहम्मद ऊंचा सुनता था। इसी वजह से शायद उसे ट्रेन के आने का समय रहते पता नहीं चल सका। बहरहाल, रेलवे पुलिस ने शव को डेराबस्सी सिविल अस्पताल में मॉर्चरी में रखवा दिया है जहां बुधवार को पोस्टमार्टम किया जाएगा जबकि मरी हुईं गायें हटाकर उन्हें दफनाने की तैयारी की जा रही है।

ऊर्जा संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान करने वालों को मिलेंगे लाखों के पुरस्कार-डॉ. यश गर्ग


विभिन्न श्रेणियों में तीन लाख रुपये तक के नकद पुरस्कार मिलेंगे


रोहतक, 25 जुलाई: ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट सहयोग व सराहनीय कार्य करने वाले बड़े एवं छोटे उद्योगों, सरकारी व अर्धसरकारी भवनों, नगरपालिका, नगर परिषदों, सरकारी अस्पतालों, शिक्षण संस्थानों, वाणिज्यिक भवनों, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के तहत स्टार रेटिंग भवनों तथा व्यक्तिगत श्रेणी में लाखों रुपये के पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। इसके लिए अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय में निर्धारित प्रफोर्मा में आवेदन किया जा सकता है।
उपायुक्त डॉ. यश गर्ग ने बताया कि नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के माध्यम से ऊर्जा का संरक्षण करने वालों, जिन्होंने नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा के संयंत्रों व उपकरणों को प्रोत्साहित करने के लिए तथा ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में नये-नये कार्य, खोज व तकनीक विकसित करने में सहयोग किया हो, को प्रतिवर्ष की भांति इस साल भी नकद पुरस्कार, प्रशंसा-पत्र व शील्ड देकर सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि योजना के तहत एक मैगावाट से अधिक लोड वाले बड़े उद्योगों को प्रथम पुरस्कार के रूप में 3 लाख रुपये व द्वितीय पुरस्कार के रूप में 2 लाख रुपये का पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इसी प्रकार एक मैगावाट से कम लोड वाले छोटे उद्योगों को प्रथम पुरस्कार 2 लाख रुपये तथा द्वितीय पुरस्कार एक लाख रुपये दिया जाएगा।
व्यावसायिक भवनों की श्रेणी में शॉपिंग माल, प्लाजा, होटल, अस्पताल, कॉरपोरेट, रिसॉर्ट आदि जिनमें एलईईडी, ग्रीन बिल्डिंग, गृृहा रेटिड या ईसीबीसी अनुसार भवन बना हो तथा जिनका कुल लोड एक मेगावाट या अधिक हो, ऐसे उर्जा के लिए प्रथम पुरस्कार 2 लाख रुपये तथा द्वितीय पुरस्कार एक लाख रुपये दिया जाएगा। इसी श्रेणी के भवनों, जिनका लोड एक मेगाावाट से कम हो, को प्रथम पुरस्कार एक लाख रुपये तथा द्वितीय पुरस्कार 50 हजार रुपये दिया जाएगा।
पांच हजार वर्गफुट क्षेत्र में बने तथा 500 किलोवाट से अधिक लोड वाले सरकारी भवनों की श्रेणी, जिनमें एलईईडी, ग्रीन बिल्डिंग, गृहा रेटिड या ईसीबीसी अनुसार हों, को उर्जा संरक्षण के लिए प्रथम पुरस्कार 2 लाख रुपये, तथा द्वितीय पुरस्कार एक लाख रुपये दिया जाएगा। इसी श्रेणी के 500 किलोवाट से कम के भवनों को प्रथम पुरस्कार एक लाख रुपये व द्वितीय पुरस्कार 50 हजार रुपये दिया जाएगा।
उपायुक्त ने बताया कि सस्ंथागत, सगंठन व रिहायशी भवनों की श्रेणी में, 30 किलोवाट से अधिक लोड वाले निजी स्कूल, महाविद्यालय, शिक्षण विश्वविद्यालय, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय एवं संगठन को प्रथम पुरस्कार 2 लाख रुपये व द्वितीय पुरस्कार एक लाख रुपये दिया जाएगा। इसी क्रम में 50 किलोवाट से अधिक लोडधारक आवासीय भवन या सोसायटी को 50 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। नवोत्थान, नई तकनीक, नवोत्थान प्रचार के साथ आरएंडडी परियोजनाएं, उर्जा संरक्षण में अनुसंधान एवं नवाचार, उर्जा दक्षता, उपशिष्ट उर्जा एवं उर्जा नवीकरणीय उर्जा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों, सस्थाओं को प्रथम पुरस्कार 2 लाख रुपये व द्वितीय पुरस्कार एक लाख रुपये दिया जाएगा।

ग्रामीण विकास के लिए सहायक तरूण योजना का प्रशिक्षण शिविर

फ़ाइल फोटो


रोहतक, 25 जुलाई:

ग्रामीण विकास के लिए सहायक तरूण योजना के प्रशिक्षण शिविर के तीसरे दिन हरियाणा नवयुवक कला संगम के डारेयक्टर जसफूल सिंह ने किया। स्थानीय खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी के कार्यालय में आयोजित इस प्रशिक्षण शिविर में सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए ग्रवित स्वयं सेवकों को तैयार किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षित ग्रवित महम के नागरिकों के साथ मिलकर 16 से 31 अगस्त तक आयोजित किये जाने वाले स्वच्छता पखवाड़े में भाग लेकर महम को स्वच्छ बनाने का कार्य करेंगे। इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी पूरी तन्मयता से कार्य करते हुए महम को हरा-भरा बनाने में बढ़ चढकऱ भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि जन शिक्षण संस्थाओं रोहतक एवं हरियाणा नवयुवक कला संगम तथा प्राइड ऑफ इंडिया सहित तीनों संस्थाएं महम उपमंडल के चहुमुखी विकास में भी अग्रणी भूमिका निभायेंगे।
स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक अशोक कुमार ने शिविर में स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ-साथ सामजिक स्वच्छता को भी अपनाना चाहिए। तभी हम पूर्ण रूप से स्वच्छ रहकर अनेक बीमारियों से निजात पा सकते है। महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाईजर प्रीति ने विभाग द्वारा क्रियान्वित योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आज समाज में बेटियां बोझ नहीं बल्कि हर क्षेत्र में आगे बढकर समाज का नेतृत्व कर रही है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा बेटियों के लिए अनेक योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है।
ग्रवित स्वयं सेवक इन योजनाओं का लाभ दिलाने में मद्दगार साबित होंगे। हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान नीलो खेड़ी से आरसी पुनिया ने चरित्र निर्माण पर मार्ग दर्शन करते हुए कहा कि हमें सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते हुए बेहतर चरित्र निर्माण बनाने पर बल देना चाहिए। ताकि समाज को सभ्य एवं संस्कारवान बनाकर राष्ट्र व देश के निर्माण में अहम भूमिका निभा सकें।
जिला कार्यक्रम अधिकारी विजय रोहिल्ला ने ग्रवित से जुडऩे का लाभ विस्तार से चर्चा की। मास्टर ट्रेनर सुनील तोमर ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्रियान्वित एवं राष्ट्रीय आजीविका मीशन के बारे में अवगत करवाया। इस अवसर पर सभी पदाधिकारियों ने पौधारोपण किया और सभी को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलवाई। ब्लॉक हेड वेदपाल भी मौजूद थे।

जवाहर नवोदय विद्यालय घुसकानी में कक्षा छह के प्रवेश परीक्षा परिणाम घोषित

रोहतक, 25 जुलाई:

जवाहर नवोदय विद्यालय घुसकानी में कक्षा छह में प्रवेश हेतु आयोजित परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया है। पास परीक्षार्थी अपने आवश्यक कागजात एवं प्रपत्रों की जांच करवाकर प्रवेश प्रक्रिया में शामिल हो सकते है।
जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि घुसकानी स्थित विद्यालय में कक्षा छह में 80 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जायेगा। इसके लिए पास विद्यार्थियों को फोन व डाक द्वारा सूचित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि पास विद्यार्थी जवाहर नवोदय विद्यालय घुसकानी की वेबसाईट पर अपने रोल न बर चैक कर सकते है।

सांस्कृतिक कार्यशाला का आयोजन


रोहतक, 25 जुलाई: खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग द्वारा दस दिवसीय सांस्कृतिक कार्यशाला का आयोजन किया गया। स्थाननीय सुनारियां कला स्थित मानव रचना ग्लोबल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित इस सांस्कृतिक कार्यशाला में 500 से अधिक स्कूली छात्र-छात्राओं ने बढ़ चढकऱ भाग लिया।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी सुखबीर सिंह ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं स्मृतिचिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेकर जीवन का सर्वांगीण विकास करना चाहिए और प्रत्येक क्षेत्र में निपुण होने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन के बाद किसी भी क्षेत्र में कार्य करने का मौका मिले तो सफलता अवश्य ही उनके कदम चुमेगी।
खेल अधिकारी ने कहा कि विभाग द्वारा इस तरह विद्यार्थियों के लिए सांस्कृतिक कार्यशालाओं का आयोजन करके उन्हें बहुप्रतिभा का धनी बनाने का कार्य किया जा रहा है। लगातार दस दिन तक चलने वाली इस कार्यशाला में विद्यार्थियों ने प्रतिदिन नृत्य व संगीत का अभ्यास करते हुए अपनी संस्कृति से रूबरू हुए। विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की कड़ी में भंगड़ा व गिद्दा प्रस्तुत कर सभी को भावविभोर कर दिया।
इस अवसर पर स्कूल के निदेशक सुधीर, प्राचार्य धर्मबीर, नृत्य विशेषज्ञ लीला सैनी, गुलाब सिंह, दलेल सिंह, सतीश कुमार सहित विद्यालय स्टाफ मौजूद रहा है।

उत्कृष्ट व सराहनीय सेवाओं के लिये हरियाणा पुलिस के 96 पुलिस अधिकारी व कर्मचारी होंगे सम्मानित

चंडीगढ, 25 जुलाई –

फ़ाइल फोटो

हरियाणा के राज्यपाल प्रो0 कप्तान सिंह सोलंकी 27 जुलाई को यहां राजभवन में आयोजित किए जाने वाले अलंकरण समारोह में हरियाणा पुलिस के 96 पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को उनकी उत्कृष्ट व सराहनीय सेवाओं के लिये सम्मानित करेंगे। इस समारोह में वर्ष 2014 से 2017 तक के पदक प्रदान किए जाएंगे। यह जानकारी आज यहां हरियाणा पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता ने दी।
प्रवक्ता ने आगे जानकारी देते हुये बताया कि पुलिस महानिरीक्षक गुप्तचर विभाग श्री अनिल कुमार राव तथा उप-पुलिस महानिरीक्षक श्री सतेन्द्र कुमार गुप्ता को पुलिस में बहादुरी सेवाओं के लिये सम्मानित किया जाएगा।
प्रवक्ता के अनुसार पुलिस महानिदेषक श्री शील मधुर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेषक श्री पी0 के अग्रवाल, सुधीर चैधरी, डा0 आर0 सी0 मिश्रा, शत्रुजीत सिंह कपूर, ओ0पी0 सिंह, अजय सिंघल तथा अतिरिक्त पुलिस महानिदेषक ; सेवानिवृत द्ध राजबीर सिंह देषवाल को उनकी विषिष्ट सेवाओं के लिये राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया जायेगा।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि इसी के साथ साथ पुलिस महानिदेषक श्री के0पी0 सिंह, बी0 के0 सिन्हा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेषक आलोक कुमार मितल, पुलिस महानिरीक्षक चारू बाली, सुभाष यादव, डा0 एम0 रवि किरण, संजय कुमार तथा राजिन्द्र कुमार, उप-पुलिस महानिरीक्षक षिबास कविराज, वाई0 पूरण कुमार, पुलिस अधीक्षक अषोक कुमार, ओम प्रकाष, कीर्तपाल सिंह, कुलदीप सिंह,राजेष कुमार दुग्गल, सुरेन्द्र पाल सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बलबीर सिंह ; सेवानिवृत द्ध, रमेष पाल ; सेवानिवृत द्ध ,उप- पुलिस अधीक्षक मोहिन्द्र पाल ; सेवानिवृत द्ध,अनूप सिंह ; सेवानिवृत द्ध, दलबीर सिंह; सेवानिवृत द्ध, विरेन्द्र सिंह, सुरेन्द्र सिंह; सेवानिवृत द्ध, दलीप कुमार; सेवानिवृत द्ध, उदय राज सिंह तनवर, धर्मवीर, सुरेष चन्द, शकुन्तला देवी, हिषम सिहं तथा अजय कुमार को उनकी सराहनीय सेवाओं के लिये पुलिस पदक सम्मानित किया जायेगा।
इसके अतिरिक्त निरीक्षक श्री रामबीर सिंह; सेवानिवृत द्ध,लाल सिंह; सेवानिवृत द्ध,कमल सिंह; सेवानिवृत द्ध,ज्योती शील ; सेवानिवृत द्ध,अनूप सिंह ;सेवानिवृतद्ध,राजरूप सिंह; सेवानिवृतद्ध,अमर सिंह; सेवानिवृत द्ध,वतन सिंह,राजपाल सिंह, विजयपाल, अजाद सिंह, अष्वनी कुमार, मलकीयत सिंह, सत्यबीर सिंह,सतपाल, उमेद सिंह, बलराज सिंह, सुरेन्द्र सिंह, ओ0 आर0 पी0 निरीक्षक विरेन्द्र सिंह तथा ओ0 आर0 पी0 निरीक्षक इद्रपाल सिंह को भी इनकी सराहनीय सेवाओं के लिये पुलिस पदक से सम्मानित किया जायेगा।
सराहनीय सेवाओं के लिए सम्मनित होने वालों में उप-निरीक्षक श्री देवेन्द्र सिंह, रामकरण, सुषील कुमार, राजीव मोहन, सुल्तान सिंह, हरबिलास सिंह,सिकन्द्र लाल, बलदेव कृष्ण, रमेष चन्द, विनोद कुमार, हरि राम, गुरविन्द्र सिंह,रणजीत सिंह, किरपाल सिंह ओ0 आर0 पी0 उप-निरीक्षक जगबीर सिंह, ओ0 आर0 पी0 उप-निरीक्षक जितेन्द्र सिंह तथा ओ0 आर0 पी0 उप-निरीक्षक सतपाल सिंह भी शामिल है।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि इस अवसर पर सहायक उप-निरीक्षक श्री मनोज कुमार, राम कुमार, देवी लाल, जसबीर सिंह, शमषेर सिंह, मोहन सिंह, इन्द्र दीप सिंह, महिला सहायक उप-निरीक्षक सीमा गुप्ता, जनक कुमारी, सुखजिन्द्र पाल कौर, ई0 ए0 एस0 आई0 सुरेष चन्द, गुरमीत सिंह, कुलबीर सिंह, प्रदीप कुमार, सुरेन्द्र सिंह, भगीरथ, रविन्द्र कुमार, भगवान दास, राजबीर सिंह तथा नरेष कुमार को भी उनकी सराहनीय सेवाओं के लिये पुलिस पदक से नवाजा जायेगा।

2019: कांग्रेस के पास 272 के ‘मैजिक फिगर’ के लिये कोई जादुई छड़ी नहीं है

क्या कांग्रेस 1977 के चुनावी फॉर्मूले को लेकर 2019 का चुनाव जीतने का ख्वाब संजो रही है? 1977 में जिस तरह से कांग्रेस के खिलाफ समूचा विपक्ष एकजुट हुआ था क्या वो ही तस्वीर 2019 में बीजेपी के खिलाफ दिखाई देगी?

दरअसल बीजेपी की इस वक्त मजबूत स्थिति 1960 और 1970 के दशक में कांग्रेस की स्थिति को दर्शा रही है. कांग्रेस की ही तरह बीजेपी आज देश की सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर राज्य दर राज्य अपनी विजय यात्रा जारी रखे हुए है. बीजेपी के विजयी रथ को रोकने के लिये कांग्रेस वर्किंग कमेटी में गहन मंथन हुआ. पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिये ‘मिशन 300’ का प्लान पेश किया है.

chidambaram

चिदंबरम का मानना है कि 12 राज्यों में कांग्रेस के मजबूत जनाधार को देखते हुए 150 सीटों का लक्ष्य रखा जाए. कांग्रेस अगर अपनी मौजूदा सीटों की संख्या को तीन गुना बढ़ा कर 150 तक पहुंचा ले तो बाकी 150 सीटों का बचा हुआ काम क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन पूरा कर सकते हैं. जिससे 272 के ‘मैजिक फिगर’ को यूपीए-3 पार कर सकती है.

चिदंबरम का मानना है कि तकरीबन 270 सीटें ऐसी हैं जहां क्षेत्रीय दलों के साथ रणनीतिक गठबंधन की मदद से 150 सीटें जीती जा सकती हैं. चिदंरबरम फॉर्मूले के तहत कांग्रेस 300 सीटों पर अकेले और 250 सीटों पर रणनीतिक गठबंधन के साथ चुनाव लड़े.

साल 2004 में भी कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में 145 सीटें मिली थीं जिसके बाद उसने केंद्र में यूपीए-1 की सरकार बनाई थी. लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस केवल 44 सीटें ही जीत सकी थी.

कांग्रेस की रणनीति ये हो सकती कि वो जिन राज्यों में मजबूत स्थिति या फिर नंबर दो पर हो वहां बीजेपी से सीधा मुकाबला करे. लेकिन जिन राज्यों में उसकी स्थिति नंबर 4 की हो तो वहां क्षेत्रीय दलों को बीजेपी से टक्कर के लिये आगे बढ़ाए और खुद पीछे रह कर समर्थन करे.

एनसीपी नेता शरद पवार ने भी ऐसा ही सुझाव कांग्रेस को सुझाया था. पवार ने चुनाव पूर्व महागठबंधन की कल्पना अव्यावाहरिक बताया था. उन्होंने महागठबंधन के आड़े आ रही क्षेत्रीय दलों की निजी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की मजबूरी को सामने रखा था. उनका कहना था कि चुनाव में क्षेत्रीय दल पहले अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करना चाहेंगे. भले ही बाद में बीजेपी विरोधी दल समान विचारधारा के नाम पर एक छाते के नीचे महागठबंधन बना लें.

लेकिन सवाल ये उठता है कि कांग्रेस के लिये आखिर 150 का आंकड़ा भी कैसे और किन राज्यों से आ सकेगा? इमरजेंसी के बाद कांग्रेस ने जिस तरह से सत्ता में धमाकेदार वापसी की थी, वैसा ही करिश्मा दिखाने के लिये कांग्रेस के पास आज न ज़मीन है और न ही चेहरा.

दरअसल इमरजेंसी के बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी की सबसे बड़ी वजह खुद जनता पार्टी भी थी. जनता पार्टी की सरकार अंदरूनी कलह की वजह से गिर गई थी. जिसका फायदा उठाते हुए कांग्रेस जनता को ये समझाने में कामयाब रही कि सिर्फ कांग्रेस ही देश में शासन चला सकती है. उस वक्त कांग्रेस के पास इंदिरा गांधी जैसा करिश्माई चेहरा भी था. पाकिस्तान से 1971 की जंग जीतने के सेहरा उनके राजनीतिक बायोडाटा में दर्ज था. ‘इंदिरा इज़ इंडिया’ जैसे नारों की गूंज थी. लेकिन आज कांग्रेस के पास बीजेपी के भीतर भूचाल लाने वाले चेहरे का शून्य साफ देखा जा सकता है.

जहां कांग्रेस के लिये यूपीए 3 को लेकर चुनाव पूर्व गठबंधन की राहें इतनी आसान नहीं है तो वहीं चुनाव बाद महागठबंधन को लेकर भी आशंकाएं दिनों-दिन गहराने का ही काम कर रही हैं. अविश्वास प्रस्ताव में बीजेडी और टीआरएस जैसी पार्टियों के रुख ने कांग्रेस को झटका देने का काम किया है. इन दोनों ही पार्टियों ने खुद को वोटिंग से अलग रख कर बीजेपी का ही एक तरह से साथ दिया है. जबकि महागठबंधन को लेकर एसपी,बीएसपी और टीएमसी जैसी पार्टियों ने अब तक अपना रुख साफ नहीं किया है. कांग्रेस के साथ गठबंधन करने में इन पार्टियों को अपने जनाधार खिसकने का भी डर है.

समान विचारधारा के नाम पर भी ये पार्टियां यूपीए3 का हिस्सा बनने से कतरा रही हैं क्योंकि कांग्रेस के ‘मुस्लिम पार्टी’ के ठप्पा का डर इन्हें भी लगने लगा है. यूपी विधानसभा चुनाव में एसपी का मुस्लिम-यादव समीकरण का सत्ता दिलाने का हिट फॉर्मूला फेल हो गया तो बीएसपी की सोशल इंजीनियरिंग का किला भी ध्वस्त हो गया था. साफ है कि अब एसपी-बीएसपी भी लोकसभा चुनाव में हर कदम फूंक-फूंक कर रखेंगीं. ऐसे में कमजोर कांग्रेस के साथ चुनावी तालमेल की संभावना सियासी सौदेबाजी के कई चरणों के बाद ही हो सकती है.

बिहार की राजनीति में कांग्रेस अपने ही वजूद के लिये संघर्ष कर रही है. ऐसे में यहां उसके पास यूपीए के सहयोगी आरजेडी के सामने सरेंडर करने के अलावा कोई चारा नहीं है. बिहार की राजनीति में मुख्य लड़ाई आरजेडी और बीजेपी-जेडीयू के बीच ही होगी.

जबकि पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी पार्टी टीएमसी की नेता ममता बनर्जी का ज्यादा जोर थर्ड फ्रंट बनाने पर दिखता रहा है. लेकिन टीआरएस के बदले-बदले से मिजाज को देखकर वो भी अब खुद की पार्टी को ही चुनाव में मजबूत करने का काम करना चाहेंगीं. इसी तरह तमिलनाडु और केरल जैसे दूसरे राज्यों में भी कांग्रेस की उम्मीदें डीएमके और सीपीएम जैसी पार्टियों पर है. इन राज्यों में कांग्रेस को अपने ही धैर्य का इम्तिहान लेना होगा. सीपीएम कभी हां-कभी ना के साथ कांग्रेस के साथ दिखाई देती है तो वहीं डीएमके भी बदलते राजनीतिक समीकरणों के चलते कोई नया दांव चल सकती है.

दरअसल सवाल सभी क्षेत्रीय दलों के अपने वजूद का भी है जो कि मोदी लहर की वजह से गड़बड़ाने के बाद अबतक सम्हल नहीं सका है.

ऐसे में कांग्रेस को मिशन 150 के लिये बीजेपी की मिशन 300+ की रणनीति से ही कुछ सीक्रेट फॉर्मूले निकालने होंगे. एक वक्त तक बीजेपी को सवर्णों की पार्टी कहा जाता था तो कांग्रेस को दलित-मुसलमानों के मसीहा के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाता था. लेकिन आज बीजेपी ने सवर्णों की पार्टी के टैग को हटा कर सोशल इंजीनियरिंग की जो मिसाल पेश की उसकी काट किसी के पास नहीं है. कांग्रेस को भी एक नए समीकरण की तलाश करनी होगी क्योंकि उसका वोट बैंक क्षेत्रीय दल लूट चुके हैं.

यूपी में कांग्रेस को फिलहाल मंथन करने की जरूरत नहीं है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को केवल 2 सीटें ही मिलीं. जबकि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में उसे सिर्फ 7 सीटें मिलीं. गोरखपुर और फूलपुर के उपचुनाव में उसकी जमानत भी जब्त हुई. ऐसे में यहां ज्यादा एक्सपेरीमेंटल होने की जरुरत नहीं है. यूपी की 80 लोकसभा सीटों को देखते हुए कांग्रेस को एसपी-बीएसपी गठबंधन पर ही भरोसा दिखाना होगा. कांग्रेस के पास यूपी में कोई करिश्माई चेहरा नहीं है. ऐसे में कांग्रेस सौदेबाजी की हालत में नहीं है. यहां वो दर्शन ठीक है कि जो मन का हो जाए तो ठीक है और न हो तो और भी ठीक है.

हालांकि साल 2009 की तर्ज पर कांग्रेस यहां सभी 80 सीटों पर दांव भी खेल सकती है क्योंकि उसके पास यहां खोने को कुछ नहीं है. अगर दांव चल गया तो कांग्रेस के लिये सबसे अप्रत्याशित एडवांटेज होगा.

गुजरात में लोकसभा की 26 सीटें हैं. साल 2014 में गुजरात में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई थी. लेकिन गुजरात विधानसभा चुनाव में ‘ट्रेलर’ दिखाने वाली कांग्रेस का दावा है कि वो लोकसभा चुनाव में पूरी ‘पिक्चर’ दिखाएगी. गुजरात कांग्रेस का दावा है कि वो लोकसभा चुनाव में सभी बीजेपी विरोधी ताकतों को साथ लाकर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेगी.

गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी जैसे नेताओं के साथ गठबंधन कर बीजेपी के ‘क्लीन-स्वीप’ के तिलिस्म को तोड़ दिया था. ऐसे में इस बार गुजरात में कांग्रेस को संभावना दिख रही हैं जो कि उसकी 150 सीटों के लक्ष्य को हासिल करने के लिये बूंद-बूंद से घड़ा भरने का काम कर सकती है.

इस बार पंजाब और राजस्थान को लेकर कांग्रेस आत्मविश्वास से लबरेज है. पंजाब में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में हारी कांग्रेस ने 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में जबरदस्त वापसी की. इस चुनाव से न सिर्फ उसकी सीटों में इजाफा हुआ बल्कि वोट प्रतिशत में भी बढ़ोतरी हुई. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 38.5 फीसदी मत मिले. वहीं गुरुदासपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में मिली जीत से कांग्रेस उत्साहित है. ऐसे भी संकेत मिल रही हैं कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल को कड़ी टक्कर देने के लिये कांग्रेस आम आदमी पार्टी से भी हाथ मिला सकती है. आम आदमी पार्टी ने पंजाब के विधानसभा चुनाव को त्रिकोणीय मुकाबले में बदल दिया था.

इसी साल मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव होने वाले हैं. मध्य प्रदेश में लोकसभा की 29 सीटों में कांग्रेस के पास केवल 2 ही सीटें हैं. ये सीटें ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुना और कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में जीती थीं. लेकिन इस बार कांग्रेस को एमपी में एंटीइंकंबेंसी से काफी उम्मीदें हैं. शिवराज के 15 साल के शासनकाल में उपजी सत्ताविरोधी लहर के भरोसे कांग्रेस न सिर्फ विधानसभा चुनाव जीतने का सपना देख रही है बल्कि उसे लोकसभा सीटें मिलने की भी उम्मीदें है.

इसी तरह छत्तीगढ़ में लोकसभा की 11 सीटें हैं. लेकिन कांग्रेस के पास यहां विद्याचण शुक्ल जैसा पुराना चेहरा नहीं है. नक्सली हमले में कांग्रेस ने अपने कई बड़े नेताओं को खो दिया था. बीजेपी के मुख्यमंत्री रमन सिंह का फिलहाल कांग्रेस के पास यहां कोई तोड़ नहीं दिखाई देता है.

राजस्थान में कांग्रेस को सत्ता में आने का पूरा भरोसा है. यहां हर पांच साल में सरकार बदलने की परंपरा है. विधानसभा चुनाव के साथ ही कांग्रेस को यहां लोकसभा सीटें भी जीतने की उम्मीद है. साल 2014 में राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से एक भी सीट कांग्रेस नहीं जीत सकी थी. लेकिन इस बार उपचुनावों में उसने लोकसभा की दो और विधानसभा की एक सीट जीती.

उत्तर-पूर्वी राज्यों में एक वक्त कांग्रेस का एकछत्र राज होता था. लेकिन बीजेपी ने अपनी रणनीति के तहत उत्तर-पूर्वी राज्यों में ताकत झोंक दी. बीजेपी ये जानती है कि यूपी में साल 2014 का करिश्मा दोहरा पाना आसान नहीं होगा. इसलिये उसने वैकल्पिक सीटों के लिये उत्तर-पूर्वी राज्यों को खासतौर से टारगेट किया. ये इलाके कांग्रेस और लेफ्ट का गढ़ होने के बावजूद अब भगवामय हो चुके हैं.

असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और त्रिपुरा में बीजेपी की सरकार है. वहीं नागालैंड में नागा पीपुल्स फ्रंट-लीड डेमोक्रेटिक गठबंधन को बीजेपी का समर्थन मिला हुआ. ऐसे में कांग्रेस को उत्तर-पूर्वी राज्यों में कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी क्योंकि बीजेपी ने पूर्वोत्तर की 25 लोकसभा सीटों के लिये साल 2014 से ही तमाम परियोजनाओं के जरिये साल 2019 की तैयारी शुरू कर दी थी.

सबसे ज्यादा असम के पास 14 लोकसभा सीटें हैं. असम में बीजेपी की सरकार है. बीजेपी ने पूर्वोत्तर को कांग्रेस मुक्त बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. कांग्रेस पांच राज्यों से सिमट कर मेघालय और मिजोरम तक ठहर गई है.

महाराष्ट्र को लेकर कांग्रेस थोड़ी सी आशान्वित हो सकती है. महाराष्ट्र के वोटरों में हर पांच साल में सरकार बदलने की मानसिकता रही है. यूपी के बाद महाराष्ट्र ही लोकसभा की सबसे ज्यादा 48 सीटें देता है. यहां असली मुकाबला कांग्रेस-एनसीपी और बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के बीच है. फिलहाल जो राजनीतिक हालात हैं उसे देखकर लग रहा है कि बीजेपी यहां पर अकेले दम पर चुनाव लड़ सकती है क्योंकि शिवसेना के साथ रिश्ते काफी बिगड़ चुके हैं. कांग्रेस और एनसीपी इसका फायदा उठा सकते हैं.

कर्नाटक में भले ही कांग्रेस दोबारा सरकार नहीं बना पाई लेकिन उसे जेडीएस के रूप में साल 2019 का लोकसभा पार्टनर मिल गया है. कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों में कांग्रेस को साल 2014 में केवल 9 सीटें ही मिली थीं. ऐसे में कांग्रेस और जेडीएस का गठबंधन इस बार चुनाव में बीजेपी का गेम-प्लान बिगाड़ने का काम कर सकता है.

चिदंबरम के गेम-प्लान के मुताबिक अगर कांग्रेस को 150 सीटें हासिल करनी है तो उसे मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर के राज्यों में जोरदार मेहनत करनी होगी तो वहीं क्षेत्रीय दलों के वर्चस्व वाले राज्यों में गठबंधन को ही रणनीति बनानी होगी.

चिदंबरम के फॉर्मूले में अंकगणित के हिसाब से कागजों पर कांग्रेस करिश्मा देख सकती है. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि मोदी-विरोधी मोर्चा केंद्र सरकार के खिलाफ किन मुद्दों पर मैदान में ताल ठोंक सकेगा? सिर्फ मोदी विरोध के नाम पर चुनाव जीतने की गलतफहमी कांग्रेस को साल 2014 की ही तरह दोबारा ‘हाराकीरी’ पर मजबूर ही करेगी.

कांग्रेस को अपनी रणनीति बदलनी होगी. पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक बयानों से बचना होगा. इसकी शुरुआत खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को ही करनी पड़ेगी तभी दूसरे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जबान पर लगाम रखेंगे. अब राहुल भी ये जान चुके हैं कि ‘आंखों में आंख न डाल पाने वाले’ मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर कैसे विरोधियों को धूल चटा गए हैं.

कांग्रेस में पीएम मोदी पर बोलने के नाम पर ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ का ‘भरपूर इस्तेमाल’ करने वाले नेता ही अपनी पार्टी का काम तमाम करते आए हैं. तभी राहुल को सीडब्लूसी की बैठक में बड़बोले नेताओं की बोलती बंद करने के लिये कड़ी कार्रवाई की धमकी देनी पड़ी है.

बहरहाल, कांग्रेस ये सोचकर खुद में आत्मविश्वास भर सकती है कि इस साल लोकसभा की दस सीटों पर हुए उपचुनावों में बीजेपी 8 सीटों पर हारी है. वहीं बीजेपी भी 8 सीटों की हार से 2019 के अपने मिशन 300+ की दोबारा समीक्षा कर सकती है. फिलहाल सौ साल पुरानी कांग्रेस को 150 सीटों की सख्त दरकार है. ये चुनौती इसलिये भी बड़ी है क्योंकि कांग्रेस के पास 272 के ‘मैजिक फिगर’ के लिये कोई जादुई छड़ी नहीं है.

पंचकुला में सेबों की आवक सुचारु ढंग से हो इसका ख्याल रखा जाएगा: मार्केट कमेटी

चंडीगढ़।

पंचकूला सेक्टर-20 स्थित सेब मंडी में हिमाचल के विभिन्न क्षेत्रों से सेब बिक्री के लिए आना शुरू हो गया है। हालांकि अभी सेब सीजन ने पूरी तरह र तार नहीं पकड़ी है और कम ही सेब मंडियों में पहुंच रहा है। बीते तीन-चार दिनों में करीब 7500 पेटी सेब मंडी में उतर चुका था और रोजाना करीब 2000 पेटी सेब आ रहा है। सेब सीजन के अगस्त के प्रथम सप्ताह तक पूरी तरह रफतार पकडऩे की उम्मीद है। उधर, मंडी में व्यापार करने वाले आढ़तियों, लोडर्स, सेब लेकर आने वाले सेब उत्पादकों व अन्य लोगों को किसी तरह की कोई समस्या न आए, इसके लिए पंचकूला मार्केट कमेटी ने पहले से ही सब तैयारियां कर ली हैं। मंडी में आने वालों के लिए कमेटी की ओर से शौचालय, नहाने के लिए अलग से बाथरूम, पीने के पानी के लिए वाटरकूलर व छोटी-बड़ी हर प्रकार की गाडिय़ों के लिए उचित पार्किंग व ड्राइवरों और सेब उत्पादकों के ठहरने के लिए कमरों आदि की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही चंडीगढ़ से पंचकूला मंडी गए आढ़तियों को वहां कोई समस्या न आए, इसके लिए भी कोई समस्या न आए इसके लिए पंचकूला मार्केट कमेटी अलग-अलग पॉलिसी बनाने की सोच रहा है। पंचकुला ग्रेन व एप्पल मार्के ट कमेटी के सचिव विशाल गर्ग ने बताया कि एप्पल सीजन शुरू होते ही भारी मात्रा में हिमाचल से सेब उत्पादक पंचकूला में सेब बेचने आते हैं जिनकी पेमेंट वैसे तो आढ़तियों द्वारा समय पर कर दी जाती है, लेकिन फिर भी अगर किसी की पेमेंट रुक जाती है या लेट हो जाती है तो हम ऐसी पॉलिसी बनाएंगे जिससे बागवानों को उनकी फसल की पेमेंट समय पर मिल जाए।

बता दें चंडीगढ़ से करीब 70-80 आढ़ती पंचकूला मंडी के लिए पलायन कर चुके हैं। इन आढ़तियों ने पंचकूला में 15 से 20 हजार रुपये प्रतिमाह किराये पर दुकानें ले रखी हैं।

सीजन शुरू होने से पहले की पूरी तैयारी

मार्केट के डायरेक्टर अश्विनी चौहान के अनुसार पिछले वर्ष पंचकूला में करीब 15 से 18 लाख पेटियां सेब आया था जिसके लिए हर रोज ४०० से ५०० छोटे-बड़े वाहन मंडी में आते थे। पिछली बार प्राकृतिक तौर पर कुछ दिक्कतें आने के चलते सेब सीजन के दौरान मंडी में 2 दिन पानी की समस्या हो गई थी, लेकिन इस बार कमेटी ने पहले ही तैयारियां कर ली हैं ताकि इस प्रकार की कोई समस्या न आए। उन्होंने बताया कि इस बार पीने के पानी के लिए 6-7 वॉटरकूलर, 9 शौचालय (नहाने के बाथरूम अलग से) बड़े पार्किंग एरिया की भी व्यवस्था की गई है ताकि वाहन पार्क करने में किसी को भी समस्या न आए।

कोट्स

पेमेंट की समस्या को लेकर हम लोडर्स का रेकॉर्ड व सिक्योरिटी रखने जैसी पॉलिसी बनाने की सोच रहे हैं जिस विषय में हम बहुत जल्द मीटिंग करेगें। मीटिंग में यदि सहमति बन पाई तो हम पॉलिसी बनाकर 1 अगस्त तक लागू भी कर सकते हैं। बाकि पॉलिसी बनने से पहले यदि सेब उत्पादक व आढ़तियों को कोई समस्या आती है तो वह हमारे पास आकर लिखित में शिकायत दे सकते हैं। हम एक सप्ताह की अवधि पूरी होने से पहले पेमेंट दिलवाएंगे ताकि हमारी मार्केट में आने वाले छोटे-बड़े किसी भी व्यापारी को कोई समस्या न आए।

विशाल गर्ग, सचिव, पंचकूला मार्केट कमेटी

सीजन के दौरान किसी उत्पादक या लोडर्स को दिक्कत न आए इसके लिए हरियाणा सरकार ने नियम बना रखा है कि कोई पुलिसवाला बिना कारण सेब लेकर आ रहे ट्रक को नहीं रोकेगा। बाकि हमारी तरफ से मंडी में 24 घंटे एक पीसीआर गाड़ी उपलब्ध करवाई गई है ताकि किसी भी व्यक्ति के साथ कोई आपराधिक घटना न घट सके।

अश्विनी चौहान, डायरेक्टर, मार्केट कमेटी

आढ़तियों के चंडीगढ़ से पंचकूला शि ट होने के बाद हरियाणा सरकार को बीते वर्ष 2 करोड़ रुपये के करीब लाभ हुआ है। सीजन 1 अगस्त से अक्तूबर अंत तक चलेगा। अब तो परमाणु और सोलन से भी आढ़ती पंचकूला में आने को तैयार हैं जिनमें से 44 ने अपनी रिजर्वेशन करवा रखी है। बाकि यों के लिए ओपन ऑक्शन करवाई जाएगी जिसमें ऑलओवर इंडिया के आढ़ती भाग लेंगे।

    हरियाणा में अगली सरकार कांग्रेस की, भाजपा की विदाई तय – हुड्डा

 


  •  पेंशन के तीन नोट खरे – एक गुलाबी दो हरे – हुड्डा 

  •  नशा रोकने में सरकार विफल, समाज निभाए दायित्व – हुड्डा


फतेहाबाद : 24 जुलाई

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में चल रही जनक्रांति रथ यात्रा के चौथे चरण में आज तीसरे दिन फतेहाबाद हलके के लोगों पर यात्रा का जादू सिर चढ़ कर बोला I कहीं कांग्रेस का झंडा उठाए मोटर साइकिल सवार युवाओं के जत्थों ने तो किसी गाँव में ट्रैक्टरों के काफिले ने पूर्व मुख्यमंत्री की अगुवाई की तथा यात्रा के रूट पर पड़ने वाले गाँव जहाँ पूर्व निर्धारित कार्यक्रम भी नहीं थे वहां भी उनको रोक कर उनका तगड़ा स्वागत किया गया I हुड्डा को देखने व सुनने के जुनून का आलम यह था कि काफी लेट होने के बावजूद भी भीषण गर्मीं में उनको देखने और सुनने के लिए लोग डटे रहे I बनगांव से पीलीमंदोरी, खाबड़ा कलां, किरढान, बड़ोपल, गोरखपुर, से हुते हुए नहला पहुंची जनक्रांति यात्रा ने फतेहाबाद हल्के में राजनैतिक माहौल को कांग्रेसमय बना दिया I

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी लोगों को जोड़ने और भाजपा तोड़ने में विश्वास रखती है I जबसे केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार बनी है, सत्ताधारी चुनाव पूर्व किए गए वायदों को भूलकर सामाजिक ताने बाने को छिन्नभिन्न करने में लग गए Iपरिणाम यह हुआ कि आज हरियाणा हर वर्ग भाजपा से दुखी और आक्रोशित होकर उससे निजात पाना चाहता है I प्रदेश में भाजपा का सहयोगी  दल इनेलो अपनी कमियों के कारण रसातल की ओर है I उन्होंने कहा कि जनक्रांति यात्रा के चौथे चरण तक लोगों से मिले फीडबैक के आधार पर मैं दावा कर सकता हूँ कि हरियाणा में अगली सरकार कांग्रेस की बनेगी I सरकार बनते ही बुजुर्गों की पेंशन 3000 रूपए मासिक कर दी जाएगी यानि “पेंशन के तीन नोट खरे – एक गुलाबी दो हरे” I

हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस की नई सरकार में आधे दाम में पूरी ब्जिली देगी I शहरों और गांवों का तेजी से विकास किया जाएगा ताकि हरियाणा देश में मोडल स्टेट की गिन्ती में अव्वल हो जैसा 2014 में था I प्रदेश को फिर से अपराध मुक्त किया जाएगा ताकि लोग खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें और कारोबारी अपना काम धंधा सुकून से कर सके I उन्होंने पूर्व सी.पी.एस. प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा की मांग पर कहा कि सत्ता में आने पर सेम व बिजली की समस्या का निदान किया जाएगा I उन्होंने जनसमूह को आह्वान किया कि वे नशे के दुष्परिणामों से सचेत रहे I पंजाब जो कभी हरियाणा से अग्रणी राज्य था, अब नशे के कारण हमसे पिछड़ गया है I यूवा अपने उज्जवल भविष्य की सोचें और नशे से दूर रहें तथा समाज भी अपनी जिम्मेवारी समझें क्यूंकि सरकार नशे और नशे के कारोबार को रोकने में पूर्ण रूप से विफल रही है I
वहीँ कल देर सांय फतेहाबाद के जवाहर चौक में उपस्थित शहरवासियों को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा कि इतिहास गवाह कि जवाहर चौक से जब भी बदलाव का बिगुल बजा है वह सफल हुआ है I मुझे ख़ुशी है कि आप भाजपा की वायदा खिलाफी को लेकर जो लड़ाई हमने शुरू की है, उसे सहयोग देने के लिए आप आगे आएं हैं I आपलोगों ने यह भी जांच परख लिया है कि भाजपा उनलोगों पर पहली चोट करती है जो उसपर विश्वास करते हैं I आप देख ही रहें हैं कि नोटबंदी और जी.एस.टी. के कारण काम धंधे चौपट हो गए और बाजार से रौनक गायब है और रही सही कसर इन्स्पेक्ट्री राज ने पूरी कर दी है I कांग्रेस की सरकार बनने पर इन्स्पेक्ट्री राज को पूर्ण रूप से ख़तम कर दिया जाएगा I

जनक्रांति यात्रा में मुख्य रूप से पूर्व विधान सभा स्पीकर व विधायक कुलदीप शर्मा, पूर्व सी.पी.एस. प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा, पूर्व मंत्री सरदार परमवीर सिंह, विधायक गीता भुक्कल, विधायक शकुंतला खटक, पूर्व मंत्री रामभज लोधर, प्रो. वीरेंद्र, पूर्व विधायक संत कुमार, पूर्व विधायक भरथ सिंह बेनीवाल, रणधीर सिंह,पूर्व विधायक धरम सिंह छोक्कर, पूर्व विधायक अर्जुन सिंह,एम् एस चोपड़ा, अरविंद शर्मा, गुलबहार एडवोकेट, उषा दहिया, गोपाल चौधरी, आनंत राम, वीरेंद्र नारंग, आनंद्वीर गिल्लाखेड़ा, पृथ्वी सिंह खाबड़ा, धर्मवीर गोयत,धर्मेन्द्र ढुल ,सचिन कुंडू ,सूर्यदेव दहिया,संदीप, अनिल,देवीलाल बनगाँव, कृपा शर्मा,वीर सिंह दलाल,शमशेर सिंह , सुरेंदर कादयान,सुरेश, सत्याबाला मलिक, प्रदीप पुण्डरी ,अमित चुघ, योगेन्द्र योगी,किरण, उनके साथ थेI